अगर खुद निवेश कर रहे हैं

अगर आपके पास इन सब के लिए समय नहीं है या समझ नहीं है तो ऐसी स्थिति में आप किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह लें, एक्सपर्ट को बताएं कि आप कितना खर्च करना चाहते हैं और कितने समय के लिए. आपका निवेश का उद्दश्य क्या है और आप निवेश से कितने रिटर्न की अपेक्षा रखते हैं.
निवेश का है प्लान? तो यहां कम से कम 100 रुपये लगाकर पाएं मोटा मुनाफा
अगर आप इक्विटी में नए हैं और सीधे शेयरों के साथ शुरुआत करना चाहते हैं, तो निवेश करने के लिए सही कंपनी पर निर्णय लेना आसान नहीं है और इससे पहले आपको कंपनी की वित्तीय स्थिति, उसकी व्यावसायिक संभावनाओं, वैल्यूएशन, उद्योग की गतिशीलता, बाजार की स्थितियों आदि को समझने की जरूरत है। यहां पर निफ्टी 50 ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) सामने आता है। ईटीएफ, जो एक खास इंडेक्स को ट्रैक करता है, इससे एक्सचेंजों पर स्टॉक की तरह कारोबार किया जाता है, लेकिन इसे एक म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा ऑफर किया जाता है।
क्या है शेयर और शेयर मार्केट?
किसी कंपनी को चलाने के लिए पूंजी (Capital) की जरूरत होती है. जब कंपनी अपनी कैपिटल को हिस्सों में बांट देती है तो वह बन जाता है शेयर. मान लीजिए किसी कंपनी की कैपिटल 100 रुपये है. अब कंपनी इसे 100 हिस्सों में बांट दें तो वे 100 हिस्से शेयर्स कहलाएंगे और एक शेयर एक रुपये का होगा. अगर इसी कैपिटल को दो हिस्सों में बाट दें तो दो शेयर्स होंगे और प्रति शेयर 50 रुपये का होगा. यानी कंपनी की एक यूनिट एक शेयर के बराबर होती है.
अब आप किसी कंपनी का हिस्सा बनना चाहते हैं तो उसके शेयर खरीद सकते हैं. इन्हीं शेयर्स की जब आप खरीदी बिक्री करने जाएंगे उस बाजार को कहते हैं शेयर बाजार.
आइए समझते है क्या होती है शेयर मार्केट ट्रेडिंग?
शेयर बाजार दो तरह का है. एक है प्राइमरी मार्केट (Primary Market). जब आप कोई शेयर सीधे कंपनी से खरीदते हैं जैसे की आईपीओ के जरिए वह बाजार अगर खुद निवेश कर रहे हैं प्राइमरी कहलाता है. यानी कंपनियां जो शेयर्स इश्यू करती है वह प्राइमरी मार्केट होता है.
शेयर बाजार में पहली बार निवेश करने वालों को किस प्रक्रिया से गुजरना होता है?
डिमैट अकाउंट: जैसे बैंक में बचत, एफडी में निवेश के लिए बैंक खाता खुलवाना होता है वैसे ही शेयर मार्केट में निवेश के लिए आपके पास डिमैट अकाउंट होना जरूरी है.
डीमैट वह खाता है जिसके जरिए शेयर बाजार में निवेश किया जाता है, इस खाते के जरिए शेयर्स को खरीदा-बेचा जाता है, शेयर्स को होल्ड किया जाता है. यह एक तरह से शेयर्स का डिजिटल अकाउंट है. डीमैट मतलब- डीमटेरियलाइज्ड यानी किसी भी फिजिकल चीज का डिजिटलाइज होना.
कैसे और कहां खुलवा सकते हैं डिमैट अकाउंट?
डिमैट अकाउंट चंद सैकेंड में खुल सकता है, इसके लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसी केवाईसी डॉक्यूमेंट देना होता है. शेयर मार्केट में निवेश के लिए ब्रोकर की जरूरत होती है. अब ब्रोकर कोई व्यक्ति भी हो सकता है और कंपनी भी. ब्रोकर की वेबसाइट या एप पर जाकर डिमैट अकाउंट आसानी से खोला जा सकता है. अगर आप नेटबैंकिंग करते हैं तो आपके बैंक की वेबसाइट या एप पर भी डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं. आमतौर पर इसकी अगर खुद निवेश कर रहे हैं लिए कोई फीस नहीं देनी होती लेकिन यह कंपनी पर निर्भर करता है कि वे डिमैट के लिए कितना वसूलना चाहते हैं. डिमैट अकाउंट खुलते ही आप शेयर बाजार में शेयर्स की खरीद फरोक्त कर सकते है.
शेयर बाजार में कंपनियों के शेयर्स की खरीद फरोख्त होती है. यानी अगर कंपनी अच्छी है तो उसके शेयर्स भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे. अच्छी कंपनी वो होती है जिसका प्रोफिट, प्रोडक्ट , भविष्य अच्छा हो. शेयर मार्केट की भाषा में इसे कंपनी के फंडामेंटल्स कहते हैं, कंपनी के फंडामेंटल्स अच्छे हैं तो कंपनी का भविष्य अच्छा माना जाता है. इसके लिए आपको कंपनी की सालाना बैलेंस शीट पर नजर रखनी होती है. कंपनी के शेयर्स ने पहले कैसा प्रदर्शन किया है.
Income Tax Rebate : अगर आप सरकार की इन स्कीम्स में करेंगे निवेश, तो आपको ब्याज के अलावा ये लाभ भी मिलेगा
Published: September 16, 2022 8:21 AM IST
Income Tax Rebate : वेतनभोगी या खुद का काम करके पैसे कमाने वाले लोग अगर इनकम टैक्स के दायरे में आ रहे हैं तो उन्हें अलग-अलग तरह की स्कीम्स में निवेश करके टैक्स बचाने का उपाय करते हैं. यहां पर हम कुछ ऐसी स्कीमों के बारे में जिक्र कर रहे हैं, जिन पर आपको इनकम टैक्स में रिबेट मिलेगा. आप ऐसी योजनाओं में निवेश करें, जिससे आपको बेहतर रिटर्न भी मिले. इसके अलावा आपको इनकम टैक्स जमा नहीं करना है या कम से कम टैक्स तो देना ही है. बता दें, आप अपने निवेश, कमाई और अन्य प्रकार के भुगतानों पर आयकर का दावा कर सकते हैं. इस साल आपने भले ही रिटर्न फाइल किया हो, लेकिन अगले साल आप अपना पैसा बचा सकते हैं.
सुकन्या समृद्धि योजना कर लाभ
इस योजना के तहत आप बालिका का खाता खोल सकते हैं, आपको बता दें कि यह खाता 10 साल की उम्र से पहले खोला जा सकता है. यह खाता आप 250 रुपये से भी खोल सकते हैं. इसमें अगर खुद निवेश कर रहे हैं 7.6% प्रतिवर्ष की दर से ब्याज दिया जा रहा है, जो कि सावधि जमा से अधिक है. सुकन्या समृद्धि योजना खाते में एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं. इस स्कीम में निवेश करने पर आपको 80सी के तहत टैक्स छूट भी मिलती है. यह खाता किसी भी डाकघर या बैंक में खोला जा सकता है.
ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद अब PPF पर 8 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है. यह पिछली तिमाही में मिले 7.1% से अधिक है. टैक्स के फायदों की बात करें तो इस पर EEE लागू होता है. यानी निवेश की गई राशि, अर्जित ब्याज और 15 साल बाद मैच्योरिटी पर मिलने वाला पैसा पूरी तरह से टैक्स फ्री है. इसमें निवेश करके आप 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर धारा 80सी के तहत कटौती का लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
डाकघर योजना (कर बचत डाकघर योजना)
5 साल की पोस्ट ऑफिस जमा योजना पर 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर आप आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कटौती का लाभ प्राप्त कर सकते हैं. यह बिल्कुल बैंकों की 5 साल की FD की तरह है. हालांकि, इस पर मिलने वाले ब्याज पर आपको टैक्स देना होगा. फिलहाल इस पर आपको 6.7 फीसदी तक का सालाना ब्याज मिल रहा है.
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आप अपने पोर्टफोलियो और निवेश में खर्च होने वाले पैसों से खुश नहीं हैं, तो इन तीन बातों का जरूर रखें ख्याल
Investment Tips : अगर आप अपने पोर्टफोलियो, बचत या जो पैसे खर्च हो रहे हैं, उसस खुश नहीं है तो इसका आपके तरीके से कोई ताल्लुक नहीं है. इसके पीछे कोई मनोवैज्ञानिक कारक भी हो सकता है, जो आपको सफलता की मंजिल तक पहुंचने में बाधा पैदा कर रहा हो. ऐसा भी हो सकता है कि कोई चीज स्पष्ट नहीं हो रही हो और आप उसके पीछे खर्च कर दे रहे हों, जिससे आपको सफलता नहीं मिल रही हो. इस विफलता के पीछे कई कारण हो सकते हैं. लेकिन सबसे अहम यह है कि जो पैसे खर्च हो रहे हैं, उसे महत्वपूर्ण चीजों के साथ जोड़कर प्रबंधन कैसे किया जाए.
खुद ही तय करना होगा अपना लक्ष्य
अगर आप लोगों से पूछेंगे कि वे किस तरह से निवेश करते हैं, तो वे आपको यह जवाब देकर भी टाल सकते हैं कि उन्हें सोशल मीडिया पर एक प्रभावशाली व्यक्ति या रिश्तेदार ने इसके लिए सुझाव दिया था. लेकिन, यह आपको तय करना है कि आपके पोर्टफोलियो के खांचे में कौन सी चीज फिट बैठती है, जिससे अपने लक्ष्य को हासिल करने की अपार संभावनाएं हैं. क्योंकि, निवेश की कोई सीमा नहीं होती. आप किसी फंड में असीमित निवेश कर सकते हैं. लेकिन, आखिर में यह आपको ही अगर खुद निवेश कर रहे हैं तय करना है कि आपको अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा कहां निवेश करना है. अगर आपको अपने लक्ष्य को लेकर समझ में नहीं आ रहा है तो आप उन सफल निवेशकों के बारे में जानकारी हासिल कर अपने प्रोफाइल और पोर्टफोलियो को मजबूत बना सकते हैं, जिन्होंने सफलता का परचम लहराया हुआ है. आपको खुद ही नेतृत्व करना होगा.
इसके साथ ही, आपको यह भी अगर खुद निवेश कर रहे हैं बता दें कि मानव इच्छा कोई जादुई प्रक्रिया नहीं है, जहां हमें वह सारी चीजें आसानी से मिल जाती हैं, जिसकी चाहत होती है. सही मायने में देखें, तो जब तक हम खुद जागरूक नहीं होते, तो दूसरे हमें प्रभावित करते हैं कि हमें क्या करना चाहिए. ऐसे में फिर फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की ओर कदम बढ़ा देते हैं, जो हमारी सामाजिक अगर खुद निवेश कर रहे हैं परिस्थितियों से परे हमारे वित्तीय फैसलों और भावनाओं को प्रभावित करते हैं.
शांत रहें और अगर खुद निवेश कर रहे हैं धन निवेश विकल्पों को जानें
एक बार निवेश करने के बाद, धैर्यपूर्वक अपने धन के बढ़ने की प्रतीक्षा करें। किसी भी निवेश के लिए, स्वस्थ उत्पादन करने में कुछ समय लगता है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि अधिकांश स्मार्ट निवेश वाहन लंबी अवधि के लिए निवेश करने पर पर्याप्त रिटर्न देते हैं। इसलिए, बाजारों के बढ़ने का इंतजार करें और देखें कि आपका पैसा कैसे बढ़ता है।
स्मार्ट निवेश करने से पहले एक और महत्वपूर्ण बात पर विचार करना शामिल हैटैक्स सेविंग निवेश आपके पोर्टफोलियो में विकल्प। आप टैक्स ब्रैकेट के अंतर्गत आते हैं या नहीं, इसे शामिल करने की सलाह दी जाती हैकर बचाने वाला आपकी शुरुआती कमाई के दिनों से। कुछ कर बचत निवेशों में शामिल हैं-
ए। राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस)
एनपीएस सभी के लिए खुला है, लेकिन सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है। एकइन्वेस्टर एनपीएस योजना में न्यूनतम INR 500 प्रति माह या INR 6000 वार्षिक जमा कर सकते हैं। के लिए यह एक अच्छी योजना हैसेवानिवृत्ति योजना साथ ही क्योंकि निकासी के समय कोई प्रत्यक्ष कर छूट नहीं है क्योंकि कर अधिनियम, 1961 के अनुसार राशि कर-मुक्त है।