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क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है?

क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है?

क्रिप्टोकरेंसी - निवेशकों की सुरक्षा के लिए नए विज्ञापन दिशानिर्देश

भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) द्वारा एनएफटी और क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए दिशानिर्देशों का एक नया सेट जारी किया गया है। इसके अनुसार, सभी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) और सेवाओं को नई आवश्यकताओं के तहत प्रमुख अस्वीकरणों को शामिल करने की आवश्यकता होगी। यह वीडीए के भविष्य और संबंधित जोखिमों पर कई चर्चाओं के बाद आया है। निवेशकों को भ्रामक विज्ञापन अभियानों से प्रभावित होने से बचाने के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।

दिशा-निर्देशों के बारे में-

दिशानिर्देशों के अनुसार, डिजिटल संपत्ति के लिए किसी भी प्रिंट, टीवी, रेडियो या डिजिटल विज्ञापन में निम्नलिखित अस्वीकरण शामिल होना चाहिए: 'क्रिप्टो उत्पाद और एनएफटी अनियमित हैं और अत्यधिक जोखिम भरे हो सकते हैं। इस तरह के लेनदेन से किसी भी नुकसान के लिए कोई नियामक सहारा नहीं हो सकता है। यह अस्वीकरण प्रमुख और अस्वीकार्य होना चाहिए। उदाहरण के लिए, अस्वीकरण प्रिंट/स्थिर प्रारूप में विज्ञापन स्थान के कम से कम 1/5 भाग पर कब्जा करेगा। इसके साथ ही, दिशानिर्देशों ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि विज्ञापनों में कोई भी शब्द शामिल नहीं है जो वीडीए को विनियमित संपत्ति के रूप में चित्रित कर सकता है। यह "मुद्रा", "प्रतिभूतियों", "कस्टोडियन" और "डिपॉजिटरी" शब्दों के उपयोग को प्रतिबंधित करता है, क्योंकि उपभोक्ता इन्हें विनियमित उत्पादों के साथ जोड़ते हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी संभावित निवेशक को कुछ विशिष्ट क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक टैगलाइन मिलती है: 'प्रतिभूतियों की दुनिया का भविष्य'। यह अत्यधिक संभावना है कि निवेशक 'विनियमित प्रतिभूतियों' के शीर्षक के तहत इस पर विचार करेगा। ऑडियो और विजुअल दोनों रूपों में अस्वीकरण के लिए अवधि, आकार, फ़ॉन्ट, रंग, पृष्ठभूमि और वॉयस-ओवर से संबंधित अन्य बिंदु भी हैं।

कुछ मौजूदा समस्या के समाधान के रूप में उत्पादों को प्रदर्शित करना एक सामान्य विपणन रणनीति है। इसका ध्यान रखा जाता है, यह सुनिश्चित करके कि वीडीए या उनके व्यापार को पैसे की समस्याओं, "व्यक्तित्व समस्याओं" के समाधान के रूप में प्रदर्शित नहीं किया जाता है, या लाभ का वादा या गारंटी देने वाले बयान लेते हैं। यह कई टैगलाइन की पृष्ठभूमि पर किया गया है जो झूठे तरीके से बड़े रिटर्न का आश्वासन दे रहे थे, जैसे 'मूल्य बढ़ता रहता है' और 'बहुत पैसा, एक सीट ले लो'। सूची में अगला प्रभावशाली विपणन रणनीति आती है, जहां अभियानों में मशहूर हस्तियां शामिल होती हैं। एएससीआई ने सुझाव दिया है कि उचित परिश्रम होना चाहिए मशहूर हस्तियों द्वारा किया जाता है जो ऐसी संपत्ति या ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का समर्थन कर रहे हैं।

निवेश के क्षेत्र में उपभोक्ता संरक्षण -

दिशानिर्देशों को अच्छी तरह से समझने के लिए, एक निवेशक के लिए सबसे पहले 'भ्रामक विज्ञापन' का अर्थ समझना महत्वपूर्ण है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 इसे एक ऐसे विज्ञापन के रूप में परिभाषित करता है जो प्रकृति, पदार्थ, गुणवत्ता, मात्रा के संबंध में झूठी जानकारी या गारंटी देता है, या जानबूझकर महत्वपूर्ण जानकारी छुपाता है। यह वीडीए से संबंधित विज्ञापनों पर लागू किया गया है, यह देखते हुए कि एक्सचेंज संबद्ध जोखिमों का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे थे। जनता को पैसा निवेश करने के लिए आमंत्रित करने वाले भ्रामक विज्ञापनों को विनियमित करके ग्राहकों को वित्तीय जोखिम से बचाने के लिए एएससीआई एक कदम आगे बढ़ता है। इसके अलावा, सेबी वित्तीय सलाहकारों को डिजिटल गोल्ड पर कोई आधिकारिक सलाह देने से स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित करके निवेशकों की सुरक्षा की दिशा में काम कर रहा है। स्टॉक एक्सचेंज के सभी सदस्यों के लिए यह तब तक प्रतिबंधित रहेगा जब तक सेबी इसे 'सिक्योरिटी' (जिसमें शेयर, स्क्रिप, स्टॉक, बॉन्ड, डिबेंचर, डिबेंचर स्टॉक आदि शामिल हैं) के रूप में मान्यता क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है? नहीं देता।

दिशा-निर्देशों पर विचार करते हुए-

नियामक संस्थाएं हर पहलू में जांच बढ़ा कर निर्दोष निवेशकों की सुरक्षा पर ध्यान दे रही हैं। एएससीआई ने दिशानिर्देशों के इस सेट के माध्यम से, निवेशकों की सुरक्षा और एक्सचेंजों/प्लेटफॉर्मों को व्यवसाय चलाने की अनुमति देने के बीच एक अच्छा संतुलन बनाने की कोशिश की है। यह एक सकारात्मक कदम है जो इस स्थान को अधिक वैधता प्रदान करेगा और विपणक को अधिक जवाबदेह बना देगा। यह कदम निश्चित रूप से शिक्षा और उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता पैदा करने में मदद करेगा, लेकिन ब्रांडों पर प्रभाव पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।

सकारात्मक पक्षों पर चर्चा करने के बाद, हमारे लिए दिशानिर्देशों के खिलाफ आलोचना को भी ध्यान में रखना अनिवार्य हो जाता है। हालांकि आभासी डिजिटल संपत्ति का क्षेत्र विनियमित नहीं है, सरकार ने उनके कराधान के लिए विशेष प्रावधान पेश किए हैं। इसके अलावा, कॉर्पोरेट कानूनों में हाल के संशोधनों में भी आभासी संपत्तियों को शामिल किया गया है। इसलिए, अस्वीकरण इन परिसंपत्तियों की पहले से ही क्षतिग्रस्त प्रतिष्ठा को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा, जब उक्त तकनीकी प्रगति अब मुख्यधारा के बाजार में है।

निष्कर्ष -

यह कदम यूके और स्पेन जैसे अन्य देशों के अनुरूप है। दोनों देशों ने क्रिप्टोकरेंसी निवेश के बारे में झूठे विज्ञापनों का मुकाबला करने के लिए नियम/दिशानिर्देश बनाए हैं, जिसके परिणामस्वरूप क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों को पैसा खोना पड़ सकता है। वैश्विक स्तर पर इस दिशा में उठाए गए कदमों के साथ-साथ क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंजों द्वारा विपणन अभियानों में हालिया उछाल ने भारत को इसी तरह के दिशानिर्देश पेश करने के लिए मजबूर किया है। हाल ही में, क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज आकर्षक विज्ञापन बना रहे हैं, जो लोगों को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। क्रिप्टोकरेंसी को बड़े पैमाने पर एक सरल, सुरक्षित और विनियमित संपत्ति के रूप में चित्रित किया जा रहा है, जो इस तकनीक से जुड़े अस्थिरता और अन्य जोखिमों की अनदेखी करता है।

इसके अलावा, वीडीए में भी निवेशकों की सुरक्षा के लिए कोई व्यापक कानूनी ढांचा नहीं है। इस पर निर्माण करने के लिए, फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड की कुछ ऋण योजनाओं के मामले पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है। अपनी 6 ऋण योजनाओं में फ्रैंकलिन टेम्पलटन द्वारा आयोजित पोर्टफोलियो कंपनियों द्वारा खराब प्रदर्शन और तरलता की कमी (फंड प्रबंधकों द्वारा दिखाए गए अच्छे निर्णय के साथ) के कारण, टेम्पलटन को इन 6 योजनाओं को अस्थायी रूप से फ्रीज करना पड़ा। हालांकि, सेबी के समय पर हस्तक्षेप ने सुनिश्चित किया कि निवेशकों को उनका पैसा वापस मिल गया क्योंकि एसबीआई (NS: SBI ) म्यूचुअल फंड को किश्तों में आय (6 योजनाओं की पोर्टफोलियो कंपनियों से एकत्रित) को वापस देने और डालने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इस झंझट का अंत। हालांकि, इक्विटी, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड आदि जैसे विनियमित निवेश स्रोतों के विपरीत, वीडीए के लिए कोई उचित समाधान या निवारण तंत्र नहीं है। यह शायद, इन अपरंपरागत स्रोतों से निपटने वाले ग्राहकों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा की मांग करता है।

क्रिप्टोकरेंसी को क्या सरकार ने कानूनी करार दे दिया है, आसान भाषा में समझिए 30 फीसदी टैक्स के क्या हैं मायने

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सबसे पहली बात ये है कि निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में क्या कहा. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी लेकर आएगा. यानि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(RBI) ब्लॉकचेन पर आधारित डिजिटल करेंसी (Digital Currency) लेकर आएगा. साथ ही सरकार डिजिटल करेंसी के लेन-देन पर नजर रखेगी, उस पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा और लेनदेन पर एक प्रतिशत टीडीएस(TDS) भी लगेगा. हालांकि 30 फीसदी टैक्स वाली बात को भी आसान भाषा में समझने की जरूरत है.

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क्या है 30 फीसदी टैक्स का मतलब

दरअसल वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि डिजिटल करेंसी जो कमाई होगी उस पर टैक्स लिया जाएगा. मतलब ये है कि अगर आपने दस हजार रुपये क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया और उस पर कमाई पांच हजार रुपये हुई. मतलब 15 हजार रुपये आपका पूरा पैसा हुआ तो आपको जो पांच हजार फायदा हुआ है, उस पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा. इसके अलावा अगर आप डिजिटल करेंसी का लेनदेन करेंगे तो एक प्रतिशत टीडीएस भी देना होगा. सरकार ने ये भी साफ किया है फायदा हो नुकसान 30 फीसदी टैक्स देना ही पड़ेगा.

क्या सरकार ने इसे वैध करार दे दिया है

इसके अलावा 75 जिलों में 75 डिजिटिल बैंक(Digital Bank) स्थापित करने की योजना है. अब सवाल ये उठ रहा है कि आरबीआई जो डिजिटल करेंसी लेकर उसका नाम क्या होगा, फिलहाल के लिए उसे डिजिटल रुपया कहा जा रहा है लेकिन नाम अभी तय नहीं है. मतलब ये हुआ कि सरकार ने इसे पूरी तरह वैध नहीं किया है, बल्कि अभी सरकार इस पर नजर रखेगी. ऐसे में अगर आप भी ये सोच रहे हैं कि टैक्स देने का मतलब कानूनी रूप से वैध होना है तो आप गलत हैं, क्योंकि बेहिसाब संपत्ति पर जो सरकार टैक्स के रूप में पेनाल्टी लेती है उसका मतलब ये नहीं हो जाता कि वह संपत्ति वैध हो गई. पूरी तरह से सरकार जब तक इसका ऐलान न कर दे तब तक इसे सीधे शब्दों में लीगल नहीं कहा जा सकता. हालांकि इसे एक्सपर्ट बैक डोर एंट्री जरूर बता रहे हैं.

लोगों का कैसा है रिएक्शन

वित्त मंत्री के इस ऐलान के बाद से सोशल मीडिया पर लोगों के अलग-अलग रिएक्शन सामने आ रहे हैं. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले लोगों ने इसे लेकर हाय-तौबा मचाना शुरू कर दिया है. क्योंकि अब तक इससे होने वाली कमाई पर सरकार कोई टैक्स नहीं लेती थी. लोगों ने लूट गया, बर्बाद हो गया और सबमें हिस्सा चाहिए जैसे मीम्स शेयर कर रहे हैं.

जानकारी की बात ये है कि क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए सरकार बीते दिनों जो बिल लेकर आई थी वह अभी लंबित है. ऐसे में उस बिल के पास होने और कानून बनने के बाद ही डिजिटिल करेंसी के कानूनी होने या न होने और इसकी वैधता को लेकर रास्ता साफ हो पाएगा.

क्या है क्रिप्टोकरेंसी

क्रिप्टोकरेंसी(Cryptocurrency) को आसान भाषा में समझने के लिए आपको इसका मतलब जानना जरूरी है कि आखिर इस शब्द का मतलब क्या है. यह दो शब्दों से मिलकर बना है, क्रिप्टो और करेंसी. क्रिप्टो एक लैटिन शब्द है जिसका मतलब सीक्रेट यानि गुप्त और करेंसी का मतलब तो हम सब जानते ही हैं कि मुद्रा या रुपया. अब चूंकि ये करेंसी दिखाई नहीं देती, इसलिए इसे रेगुलेट करना इतना आसान नहीं है. एक बार को इसमें उछाल देखन को मिलता है तो निवेशकों की संख्या बढ़ जाती है लेकिन गिरावट होने पर निवेशकों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है.

भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन की तैयारी, जानिए अन्य देशों में इसको लेकर क्या है नियम

भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन की तैयारी, जानिए अन्य देशों में इसको लेकर क्या है नियम

भारत में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाए जाने की तैयारी हो रही है। इसके लिए केंद्र सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक लाने का निर्णय किया है। सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने वाले विधेयकों की मंगलवार को जारी की गई सूची में भी क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक शामिल था। हालांकि, भारत से पहले कई अन्य देश भी क्रिप्टोकरेंसी पर सख्ती बरत चुके हैं। यहां जानते हैं कि अन्य देशों में क्रिप्टोकरेंसी पर क्या नियम है।

क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह वर्चुअल या डिजिटल होती है। इसे देखा या छुआ नहीं जा सकता है, लेकिन डिजिटल कॉइन के रूप में ऑनलाइन वॉलेट में जमा किया जा सकता है। यह एक तरह की डिजिटल कैश प्रणाली है, जो पूरी तरह के कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर निर्भर है। इसी पर किसी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। साल 2009 में बिटकॉइन के साथ इसकी शुरुआत हुई और ढेरों नाम इस वर्चुअल करेंसी सिस्टम से जुड़ते चले गए।

एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 10 करोड़ से अधिक लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रखा है। यह देश की आबादी का आठ प्रतिशत हिस्सा है। सरकार के इस पर बैन लगाने से इन लोगों द्वारा निवेश किए गए 70,000 करोड़ फंस जाएंगे।

द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 की प्रस्तावना में लिखा है कि इसका मकसद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल करेंसी के निर्माण के लिए फ्रेमवर्क तैयार करना है। इसका मकसद भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करना भी है, हालांकि कुछ अपवादों को मंजूरी दी जाएगी ताकि क्रिप्टोकरेंसी की तकनीक और इसके उपयोगों को भविष्य में बढ़ावा दिया जा सके।

क्रिप्टोकरेंसी पर लगाम कसने के मामले में सबसे कड़ा रुख चीन का रहा है। चीन ने 2019 से क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाया था, लेकिन यह विदेशी एक्सचेंजों के माध्यम से ऑनलाइन जारी रहा। इस साल की शुरुआत में चीन ने क्रिप्टोकरेंसी में होने वाले लेनदेन को पूरी तरह से गैर-कानूनी बना दिया। सितंबर में सरकार ने स्पष्ट किया कि क्रिप्टोकरेंसी व्यवसाय में शामिल लोगों इससे होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार होंगे और उन पर मुकदमे भी दर्ज किए जाएंगे।

नेपाल के केंद्रीय बैंक 'नेपाल राष्ट्र बैंक' ने अगस्त 2017 में ही क्रिप्टोकरेंसी को अवैध घोषित कर दिया था। इसी तरह वियतनाम के स्टेट बैंक ऑफ वियतनाम ने बिटकॉइन और बाकी अन्य क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल, जारी करने और आपूर्ति को अवैध करार दिया है। भुगतान में इसके इस्तेमाल पर वहां 1.5 करोड़ वियतनामी डोंग (करीब 50,000 रुपये) से लेकर 2 करोड़ वियतनामी डोंग (करीब 65,668 रुपये) तक का जुर्माना लगाया जाता है।

रूस की व्लादिमिर पुतिन सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है? को एक एसेट के रूप में मान्यता दे रखी है। ऐसे में इसे रखने वालों को रूस के कानून के हिसाब से कर चुकाना पड़ता है। इसी तरह फ्रांस सरकार ने साल 2019 में क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करना शुरू कर दिया था। फ्रांस में क्रिप्टोकरेंसी पर चल संपत्ति की तरह ही नियमानुसार कर लगाया जाता है। इसके चलते वहां इसमें निवेश करने वालों की संख्या में गिरावट देखने को मिली है।

इंडोनेशिया सरकार ने भी क्रिप्टोकरेंसी पर लगाम कसने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। वहां की सरकार ने साल 2018 में ही क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी के लिए एक कानून बना दिया था। उसके बाद से यहां इस करेंसी का इस्तेमाल नहीं होता है।

तुर्की सरकार ने अप्रैल में वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया। देश के केंद्रीय बैंक के नियमानुसार वितरित लेजर तकनीक पर आधारित क्रिप्टोकरेंसी और ऐसी अन्य डिजिटल क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना कानूनी है? संपत्ति का उपयोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भुगतान के रूप में नहीं किया जा सकता है। अमेरिका में इसको लेकर सभी राज्यों में अलग-अलग नियम है। हालांकि, अमेरिका शुरू से ही इसे मंजूरी देने के पक्ष में रहा है।

यूरोपीय संघ में के देशों में क्रिप्टोकरेंसी पर अलग-अलग नियम है। अधिकतर देशों ने सॉफ्ट-टच नियामक ढांचे का विकल्प चुना है। यूरोपीय आयोग ने पिछले साल सितंबर में 'मार्केट्स इन क्रिप्टो-एसेट्स रेगुलेशन' शीर्षक से जारी किए मसौदे में कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित वित्तीय साधनों के रूप में माना जाएगा। इसके अनुसार, किसी भी फर्म की होल्डिंग, ट्रेडिंग, ब्रोकरेज सेवाओं की पेशकश या निवेश सलाह देने के लिए पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता होगी।

यूनाइटेड किंगडम (UK) में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार सीधे नहीं होता है। वहां क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग जैसी सेवाओं के लिए प्राधिकरण की आवश्यकता होती है। वित्तीय आचरण प्राधिकरण (FCA) ही अधिकृत क्रिप्टोकरेंसी-संबंधित व्यवसायों को लाइसेंस प्रदान करता है। हालांकि, वह लोगों को सावधानी से निवेश की सलाह भी देता है। कनाड़ा में क्रिप्टोकरेंसी कानूनी तो है, लेकिन इस पर कर नियम लागू होते हैं। इसके इस्तेमाल पर कर में छूट नहीं मिलती है।

एक ओर जहां अधिकतर देश क्रिप्टोकरेंसी पर फैसला नहीं ले पा रहे हैं, वहीं मध्य अमेरिकी देश अल सल्वाडोर ने सितंबर में क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी रूप से मान्यता दे दी है। ऐसे में अब यहां रोजमर्रा की चीजों की खरीददारी के लिए होने वाले वित्तीय लेनदेन में बिटकॉइन को भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका मतलब है कि बिटकॉइन वहां पूरी तरह को कानूनी है। अल सल्वाडोर ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश है।

कैसे काम करती है क्रिप्टोकरेंसी? क्या है सरकार व RBI का रुख? जानें हर सवाल का जवाब

अभय कुमार सिंह

Cryptocurrency News: क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है। इसे नोट या सिक्के की तरह हाथ में नहीं लिया जा सकता। ये डिजिटल एसेट्स होते हैं।

Cryptocurrency News

  • क्रिप्टोकरेंसी को कोई सेंट्रल अथॉरिटी रेगुलेट नहीं करती।
  • क्रिप्टोकरेंसी की संख्या हजारों में हैं, जिनकी अलग-अलग कीमत है जो बढ़ती-घटती रहती है।
  • भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कानून नहीं है, न ही रेगुलेशन का कोई सिस्टम है।

नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बारे में अबतक आपने बहुत पढ़ा-सुना देखा होगा। आज हम आपके सारे डाउट क्लियर कर देंगे।। जैसे- क्रिप्टोकरेंसी भारत में अवैध तो नहीं है, सरकार का इस मामले में स्टैंड क्या है, चिंताएं क्या-क्या हैं? क्या क्रिप्टोकरेंसी में इंवेस्टमेंट रिस्क वाला फैसला है? ऐसे ही 10 सवालों के जवाब यहां मिलेंगे।

सवाल 1: क्रिप्टोकरेंसी होती क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की वर्चुअल करेंसी है। मतलब ये कि नोट या सिक्के की तरह इसे हाथ में ले नहीं सकते, कोई फिजिकल एग्जीस्टेंस नहीं होता है, ये डिजिटल एसेट्स होते हैं। और क्रिप्टोग्राफी से इन्हें सेक्योर किया जाता है। हर एक क्रिप्टोकरेंसी, यूनिक प्रोग्राम कोड से बनाई जाती है जिससे कि एक ही क्रिप्टोकरेंसी की कॉपी बना लेना या धोखाधड़ी कर पाना तकरीबन नामुमकिन है।

सवाल 2: काम कैसे करती है क्रिप्टोकरेंसी?

  • क्रिप्टोकरेंसी को कोई भी सेंट्रल अथॉरिटी मतलब कि सरकार या समझ लीजिए रिजर्व बैंक रेगुलेट नहीं करता है। ये पूरी तरह से डिसेंट्रलाइज्ड है और इंटरनेट पर ही इसका क्रिएशन, इंवेस्टमेंट,ट्रांजेक्शन होता है।
  • भारत के लिहाज से बात करें तो सरकार या रिजर्व बैंक को नहीं पता कि ये कैसे बनाए जा रहे हैं, इसकी वैल्यू कैसे घट बढ़ रही है और इसका एक्सचेंज कैसे हो रहा है।
  • एक पूरा इंटरनेट नेटवर्क है, जहां पर हर एक ट्रांजेक्शन की जानकारी सेव होती रहती है औैर इसे कोई सिंगल पर्सन या कोई संस्था मॉनिटर नहीं कर रही होती। एक ही साथ इस पर कई जगह काम होता रहता है।

सवाल 3: कितने तरह की होती है क्रिप्टोकरेंसी?
अब आपने बिटक्वॉइन, डॉजक्वाइन, लाइटक्वाइन, पोलकाडॉट, चेनलिंक, मूनक्वाइन ये सब नाम भी आपने सुने होंगे, तो ये सब क्रिप्टोकरेंसी ही हैं, इनकी संख्या हजारों में हैं जिनकी अलग-अलग वैल्युज है जो बढ़ती घटती रहती है।जैसे 16 नवंबर को एक बिटक्वाइन की कीमत करीब 48 लाख रुपये है और ये महज कुछ ही घंटों में हजारों बढ़ घट सकती है। इसका तेजी से बढ़ना घटना भी एक वजह है जिसके बारे में एक्सपर्ट कहते हैं कि जमा पूंजी को इसमें निवेश कर देना कभी-कभार तगड़ा घाटे का सौदा हो सकता है।

सवाल 4: कैसे खरीद सकते हैं?
आपको जानकार हैरानी होगी कि देश में करीब 10 करोड़ क्रिप्टो करेंसी ओनर हैं, हालांकि, ये इंडिपेंडेंट प्लेटफॉर्म की तरफ से जारी आंकड़े हैं। लेकिन फिर भी इतनी संख्या में ये जो क्रिप्टो ऑनर हैं, वहां कहां खरीदते बेचते हैं क्रिप्टोकरेंसी?ठीक वैसे ही जैसा स्टॉक मार्केट होता है वैसे ही एक्सचेंज या ब्रोकर क्रिप्टोकरेंसी के लिए है । भारत में जो टॉप क्रिप्टो एक्सचेंज हैं वो हैं CoinDCX, Coinswitch, WazirX, Kuber- ये सब मोबाइ्ल एप की मदद से रजिस्ट्रेशन लेते हैं और अपने प्लेटफॉर्म से ट्रांजेक्शन करने देते हैं। शुरुआत में ये आपको क्रिप्टो मार्केट समझने में भी हेल्प करते हैं।

ये तो हो गई क्रिप्टोकरेंसी को समझने की बात अब भारत में क्या नियम-कानून हैं और सरकार-एजेंसियों की चिंता क्या है?

सवाल 5: भारत में वैध या अवैध है क्रिप्टोकरेंसी?
मौजूदा वक्त में भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कानून नहीं है, न ही रेगुलेशन का कोई सिस्टम है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि क्रिप्टोकरेंसी को रखना अवैध है।

सवाल 6: भारत सरकार का क्या रुख है?
ऐसा माना जा रहा है कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो करेंसी पर विधेयक ला सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 नवंबर को क्रिप्टो करेंसी पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इससे संकेत मिलता है कि सरकार इस मुद्दे से निपटने के लिए टफ रेगुलेटरी स्टेप ले सकती है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगस्त में कहा था कि उन्हें क्रिप्टो करेंसी विधेयक पर मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार है

सवाल 7: रिजर्व बैंक का क्या रुख है?
यहां एक बात और जान लीजिए कि साल 2018 में रिजर्व बैंक ने क्रिप्टो ट्रांजेक्शन पर पूरी तरह रोक लगाने वाला सर्कुलर जारी कर दिया था। मार्च 2020 में सुप्रम कोर्ट ने इस सर्कुलर को निरस्त कर दिया, और क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड की मंजूरी दे दी।हाल ही में एक कार्यक्रम में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास क्रिप्टोकरेंसी को लेकर फिर चेतावनी दी थी। उनका कहना था कि इससे रिजर्व बैंक के सामने एक चुनौती आई है। माइक्रोइकनॉमिक बैंलेस और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी दोनों के लिए क्रिप्टोकरेंसी ने चिंता पैदा की है।इस कार्यक्रम में दास ने ये भी कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों की संख्या को बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है।

सवाल 8: भारत में चिंताएं क्या-क्या हैं?
अभी तक मैंने जो जानकारी दी है उससे समझ गए होंगे कि देश में पिछले कुछ सालों से क्रिप्टोकरेंसी पर लगातार बहस चलती आई है। आशंका है कि इसका इस्तेमाल निवेशकों को भ्रामक दावों के साथ आकर्षित करने और आतंक के वित्तपोषण के लिए किए जाने की आशंका है।और जब से ये क्रिप्टोकरेंसी टीओआर, फ्ऱीनेट, जीरोनेट और परफेक्टडार्क जैसे डार्क नेट पर लेन-देन के लिए इस्तेमाल किए जाने लगी है तब से सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ गई है।

सवाल 9: साइबर क्राइम में क्यों इस्तेमाल होने लगी है क्रिप्टोकरेंसी?
मनी लॉन्ड्रिंग करने वाले, साइबर अपराधी और आतंकवादी क्रिप्टोकरेंसी को आसान मानते हैं क्योंकि इसका पता लगाना मुश्किल होता है, क्योंकि क्रेडिट-डेबिट कार्ड या बैंक जैसा कोई मध्यस्थ नहीं होता है ऐसा में पता लगाना नामुमकिन सा हो जाता है कि आखिर पैसा गया तो गया कहां।आपको एक उदाहरण देते हैं पिछले साल पीएम मोदी के पर्सनल वेबसाइट के टि्वटर अकाउंट को हैक कर लिया गया था। हैकर ने बदले में बिटक्वॉइन की ही मांग की थी, तो ये चिंताएं हैं सरकार और एजेंसियों के सामने जिसका सवाल ढूंढा जा रहा है।

सवाल 10: क्या किसी देश में क्रिप्टोकरेंसी लीगल करेंसी भी है?
जवाब है हां, जून 2021 में अल सल्वाडोर पहला ऐसा देश बन गया जहां बिटक्वॉइन को ऑफिशियली लीगल करेंसी बनाया गया है। इसके अलावा किसी दूसरे देश में बिटक्वॉइन या कोई दूसरी क्रिप्टोकरेंसी, लीगल करेंसी के तौर पर इस्तेमाल नहीं की जाती। हालांकि, अपने देश के अलावा यूएस, कनाडा में इसकी ट्रेडिंग हो रही है, रूस, चीन जैसे देश इसके खिलाफ हैं।

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Crypto Currency क्या है - इसके फायदे और नुकसान क्या है?

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आखिरकार Crypto Currency क्या है? क्यों आज के समय में क्रिप्टो करेंसी कि हर तरफ चर्चाएं हो रही है। आज लोग क्यों इस करेंसी में निवेश करना चाहते हैं। क्या सभी देश ने अपने यहां इसे कानूनी तौर पर वैध कर दिया है या अब भी कुछ देश ऐसे है जिसने cryptocurrency को कानूनी तौर पर illegal करार देते हुए अपने यहां बैन कर दिया। सबसे बड़ा सवाल यह है कि भारत में crypto currency में ट्रेड या निवेश करना legal है या illegal है। आज इस लेख में हम विस्तार से आपको crypto currency के बारे बताएगे।

Crypto Currency क्या है?

Crypto Currency कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी एक Digital या Virtual Currency है। यानी कि फिजिकली इसका कोई अस्तित्व नहीं है। यह एक ऐसी करेंसी है जिसे किसी भी संस्था या सरकार के द्वारा नहीं संचालित नहीं किया गया है। इस करेंसी का आज तक कोई मालिक नहीं पता चला है। इसलिए यह एक decentralised currency है। एक डिजिटल करेंसी होने के कारण इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। इस करेंसी का प्रयोग किसी भी वस्तु या सर्विस का आदान-प्रदान करने के लिए किया जाता है और वेरिफिकेशन के लिए डिजिटल सिग्नेचर लिए जाते हैं।

इस करेंसी का कोई मालिक ना होने के कारण पहले इसे अवैध करार दिया गया था। लेकिन बिटकॉइन के इतने पॉपुलर होने के बाद कुछ देशों ने इसे legal कर दिया है। लेकिन आज भी ज्यादातर देश की सरकारों ने क्रिप्टोकरंसी को अपने देश में illegal कहां है।

Crypto currency कि Value

क्रिप्टो करेंसी की कोई भी फिजिकल अपीयरेंस ना होने के बावजूद भी आज इसकी वैल्यू बहुत अधिक है। शुरुआत में तो क्रिप्टो करेंसी की वैल्यू बहुत कम थी। लेकिन धीरे धीरे इसकी वैल्यू बढ़ती गई और आज यह बहुत ही प्रचलित करेंसी बन गई है। आज इसकी वैल्यू रुपया, डॉलर, यूरो इत्यादि अलग-अलग देशों की करेंसी से भी कई गुना हो गई है। आप इस करेंसी की मदद से किसी सामान का लेन देन या इसमें ट्रेडिंग और निवेश भी कर सकते हैं। ट्रेड करने के लिए आपको technical analysis आना जरूरी है नहीं तो बिना ज्ञान के भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।

Crypto Currency कैसे काम करती है?

क्रिप्टोकरेंसी निम्लिखित रूप से कार्य करती हैं:-

Crypto Currency का मुख्य कार्य, ब्लॉकचैन के माध्यम से एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में पैसे ट्रांसफर करना होता है। ब्लॉकचैन का कार्य बैंक की तरह होता है। सभी लेनदेन का रिकॉर्ड ब्लॉक चैन में होने के कारण धोखाधड़ी की संभावना काफी कम होती है।

पावरफुल कंप्यूटर्स के माध्यम से कुछ लोग क्रिप्टो करेंसी मे धोखाधड़ी ना हो इसके लिए निगरानी और जांच करते हैं। इसी प्रोसेस को क्रिप्टोकरंसी की माइनिंग प्रोसेस कहा जाता है। जांच और निगरानी करने वाले लोगों को माइनर्स का जाता है। जांच और निगरानी करने के लिए एक कोड मिलता है। जिसे स्क्रीन पर आने वाले गणित के सवाल को सही हल करने के बाद प्राप्त किया जाता है। इस स्टेप के बाद Crypto Currency की माइनिंग प्रोसेस कंप्लीट मान लिया जाता है।

अब क्रिप्टो करेंसी में भी बैंक की तरह के एक्सचेंज की जरूरत पड़ती है जिसके माध्यम से transaction को एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर किया जा सके। क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से खरीदारी या बिक्री करने के लिए एक वॉलेट होता है जिसमें यह करेंसी स्टोर रहती है।

टॉप Crypto Currency कौन सी है?

1) Bitcoin (BTC) :-

Bitcoin दुनिया में सबसे पहले क्रीपटोकरंसी के रूप में आयी है। यह सबसे पॉपुलर और सफल Crypto Currency है। जिसे साल 2009 में सतोशी नाकामोटो के द्वारा निर्माण किया गया था। हालाकि इससे पहले भी वर्चुअल करेंसी को लॉन्च करने की कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली। बिटकॉइन को भी बनाने में काफी कढ़ी मेहनत करनी पड़ी थी लेकिन आज वही बिटकॉइन जिसको पहले कोई नहीं जानता था। शुरू में $5 में एक बिटकॉइन की कीमत थी। आज $64000 के पार चली गई है। यानी कि अगर रुपयों में बात करे तो 1 बिटकॉइन की कीमत आज ₹46 लाख के पार पहुंच गई है। इससे आप इसके इंपॉर्टेंस को समझ सकते है। लेकिन सबसे बढ़ी बात यह है कि cryptocurrency में निवेश बहुत सोच समझ के किया जाता है। हर दिन इसकी कीमत में भारी fluctuation होता रहता है।

2.Ethereum (ETH) :-

Bitcoin के जैसे ही Ethereum भी decentralized Crypto Currency है। Vitalik Buterin के द्वारा Ethereum Crypto Currency बनाई गई थी। इसके टोकन को Ether के नाम से भी कहा जाता है। इसका plateform यूजर्स को वर्चुअल टोकन बनाने में मददगार साबित होता है। जिसे blockchain-based computing platform कहा जाता है। इसकी मदद से बिटकॉइन के जैसे ही currency के तौर प्रयोग कर सकते हैं। Bitcoin के बाद Etheremum सबसे पॉपुलर Crypto Currency है। आज लगभग Ethereum $4200 कि उचाई तक पहुंच गया है। लेकिन शरुआत में इसकी क़ीमत सिर्फ $2 कि थी।

3. Litecoin (LTC) :-

Litecoin को एक गूगल के employee Charles Lee ने साल 2011 ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के तौर पर रिलीज़ किया है। हालांकि अब गूगल के employee नहीं है। यह भी Bitcoin और Ethereum कि तरह decentralised cryptocurrency हैं। Bitcoin के मुकाबले इसकी blockchain 4 गुना कम है। हालांकि Litecoin के जयदातार फंक्शन्स बिटक्वॉइन से मिलते जुलते है। माइनिंग कि प्रक्रिया करने के लिए Scrypt algorithm का प्रयोग किया जाता है। यह बिटक्वॉइन से जायदा प्रचलित करेंसी नहीं है। Litecoin कि शुरू में कीमत सिर्फ $28 के आस पास थी। लेकिन आज इसकी कीमत तकरीबन $409 तक पहुंच गई है। लेकिन बिटक्वॉइन के मुकाबले बहुत कम है।

इनके अलावा कुछ अन्य टॉप Crypto Currency
Dogecoin (Doge)
Dash (DASH)
Peercoin (PPC)
Monero (XMR)
Faircoin (FAIR)
Ripple (XRP)

क्रिप्टो करेंसी के क्या लाभ है? Benefits Of Cryptocurrency

4. Crypto Currency में लेने देन बहुत कड़ी निगरानी और सुरक्षा में होता है। यह सामान्य लेन देन से बिल्कुल भिन्न है।

क्रिप्टो करेंसी के क्या नुकसान है? Disadvantages of Crypto Currency

1. Cryptocurrency में रिवर्स का ऑप्शन नहीं होने के कारण किसी भी ट्रांजैक्शन को वापस नहीं किया जा सकता है। अगर गलत ट्रांजैक्शन हो जाता है तो आप को भारी नुकसान हो सकता है।

3. क्रिप्टो करेंसी किसी भी देश की सरकार या संस्था या किसी मालिक के द्वारा संचालित नहीं की जाती है। यह बहुत बड़ा disadvantage है।

6. क्रिप्टो करेंसी में मार्केट बहुत flexible होती है। इसलिए इसमें इन्वेस्ट करना बहुत ही रिस्की होता है।

7. Cryptocurrency का ड्रग्स सप्लाई, कालाबाजारी इत्यादि जैसे गलत काम के लिए ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।

देश जहां Crypto Currency कानूनन वैध या अवैध है

Crypto Currency को legal कहने वाले देश:-

  • संयुक्त राज्य अमेरिका
  • कनाडा
  • ऑस्ट्रेलिया
  • यूरोपीय संघ
  • यूनाइटेड किंगडम
  • फिनलैंड

Crypto Currency को illegal कहने वाले देश:-

  • रूस
  • चीन
  • बोलीविया, कोलंबिया और इक्वाडोर
  • वियतनाम

भारत में Crypto Currency Legal या Illegal ?

क्या बिटकॉइन इंडिया में बैन है?

दोस्तों इसका सवाल सभी के मन में घूम रहा होगा कि क्या भारत में क्रिप्टो करेंसी कानूनी रूप से legal है या illegal है। इसके लिए हम आपको साल 2018 की एक न्यूज़ बताता हूं जब बिटकॉइन बहुत ही चर्चा में आया था। ऐसे ही भारत में भी बिटकॉइन के बहुत ही चर्चाएं होने लगी थी। इसी को देखते हुए साल 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरंसी पर बैन लगा दिया था। प्रतिबंध और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2019 (Banning of Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2019) के ड्राफ्ट में क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड या निवेश करने वालों के लिए सजा का प्रस्ताव रखा गया था।

ड्राफ्ट में वर्चुअल करेंसी की खरीदारी या बिक्री करने वाले लोग, तैयार करने वाले लोग, वॉलेट में वर्चुअल करेंसी को रखने वाले लोग या क्रिप्टो करेंसी के द्वारा किसी भी तरह की डील करने वाले लोगों को दोषी पाए जाने पर 10 साल जेल की सजा का प्रस्ताव रखा गया था।

लेकिन सुप्रीम कोर्ट में जब इसकी सुनवाई चली तो सर्वोच्च अदालत ने मार्च 2020 में क्रिप्टो करेंसी के लिए एक आदेश जारी किया। अपने आदेश में कहा कि वर्चुअल करेंसी या क्रिप्टो करेंसी का कानूनी रूप से लेनदेन किया जा सकता है।

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