शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है?

ओ हो… अब साहिल की समझ में पूरा मामला आता दिख रहा था.
सेंसेक्स क्या होता है और इसकी गणना कैसे की जाती है?
सेंसेक्स में 30 कम्पनियों के शेयर मूल्यों में उतार चढ़ाव का मूल्यांकन किया जाता है.यदि सेंसेक्स बढ़ रहा होता है, तो यह दर्शाता है कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) की ज्यादातर कंपनियों का स्टॉक मूल्य बढ़ गया है और यदि सेंसेक्स में कमी आई तो यह दर्शाता है कि BSE की ज्यादातर कंपनियों का शेयर मूल्य नीचे गिरा है. सेंसेक्स में उतार चढ़ाव का मुख्य कारण इन 30 कंपनियों के मूल्यों में उतार चढ़ाव होता है.
सेंसेक्स या संवेदी सूचकांक का शुभारंभ "बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज" (BSE) द्वारा 1 जनवरी 1986 को किया गया था.यह भारत के प्रमुख शेयर बाजार इंडेक्स में से एक है. इस सेंसेक्स की स्थापना बाजार में कम्पनियों के शेयर मूल्यों में उतार-चढ़ाव को जानने के लिए की गयी थी. इसमें 30 कम्पनियों के शेयर मूल्यों में उतार चढ़ाव का मूल्यांकन किया जाता है. ये 30 कम्पनियाँ मार्किट वैल्यू के हिसाब से बड़ी, नामी -गिरामी और आर्थिक रूप से मजबूत होती हैं. यदि सेंसेक्स बढ़ रहा होता है, तो यह दर्शाता है कि BSE की शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है? ज्यादातर कंपनियों का स्टॉक मूल्य बढ़ गया है और यदि सेंसेक्स में कमी आई तो यह दर्शाता है कि BSE की ज्यादातर कंपनियों का शेयर मूल्य नीचे गिरा है. सेंसेक्स का आधार वर्ष 1978-79 है और इस समय के लिए बेस इंडेक्स वैल्यू 100 पर सेट है.
सेंसेक्स में उतार चढ़ाव की गणना कैसे की जाती है ?
बीएसई में 30 सूचीबद्ध कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइज़ेशन के खाते में दैनिक आधार पर सेंसेक्स के मूल्य की गणना की गई है.
निफ्टी और सेंसेक्स क्या है ? – What is Nifty and Sensex in Hindi
दोस्तों अगर आप भी शेयर मार्केट के बारे में थोड़ा बहुत जानते हैं और अधिक जानना चाहते हैं , जैसे कि शेयर मार्केट क्या है ? शेयर मार्केट में कैसे शेयर खरीदते हैं और भी शेयर मार्केट से बहुत सारी जरूरत जररी जानकारी जैसे कि शेयर मार्केट में निफ्टी और सेंसेक्स क्या है ? निफ्टी और सेंसेक्स क्या है ? – What is Nifty and Sensex in Hindi इसके बारे में आप जानना चाहते हैंं , तो आज के इस ब्लॉग में मैं आपको निफ्टी और सेंसेक्स क्या है के बारे में पूरी जानकारी दिया है ।
अगर आप भी इस जानकारी को जानना चाहते हैं तो पूरी पोस्ट को ध्यानपूर्वक पढ़ें , ताकि आपको निफ्टी और सेंसेक्स क्या है के बारे में पूरी जानकारी मिल जाए और आप भी आराम से शेयर मार्केट को समझ सके तो चलिए जानते हैं विस्तार से :-
निफ्टी और सेंसेक्स क्या है ? – What is Nifty and Sensex in Hindi
जैसा कि आप अक्सर यह सुनते देखते हैं कि निफ़्टी , सेंसेक्स आज इतने पॉइंट नीचे चला गया कितने पॉइंट ऊपर चला गया , तो आपको यह समझ में नहीं आता होगा कि NIFTY और सेंसेक्स ( SENSEX ) क्या है ? और यह कैसे ऊपर नीचे होता है , तो आपको बता देगी निफ्टी और सेंसेक्स को समझने से पहले आपको स्टॉक एक्सचेंज को समझना पड़ेगा । स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसा जगह है जहां पर हम शेयर खरीद व भेज सकते हैं । आपको बता दें कि भारत में 2 सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज है। पहला BSE और दूसरा NSE , BSE एशिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है , जिसमें सबसे ज्यादा 550 कंपनियां रजिस्टर्ड है और NSE में 1600 से ज्यादा कंपनियां लिस्टेड है ।
अब बात करते हैं निफ्टी और सेंसेक्स क्या है , तो साधारण भाषा में बोले तो निफ्टी और सेंसेक्स एक इंडेक्स है । अगर हमें मार्केट के परफॉर्मेंस के बारे में जानना है , तो एक समय पर हर कंपनी के स्टाफ को ट्रैक करना काफी मुश्किल है। इसलिए एक सैंपल लिया जाता है , जिसके द्वारा कंपनी का जो पूरे मार्केट को Represent शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है? करता है, और इसी सैंपल को इंडेक्स कहते हैं ।
क्या एक कंपनी NSE और BSE में Listed हो सकते हैं ?
एक कंपनी NSE और BSE दोनों में लिस्टेड हो सकते हैं । अगर बात करें प्राइस की तो दोनों जगह प्राइस थोड़ा बहुत ऊपर नीचे हो सकता है । यह खरीद व बिक्री के ऊपर निर्भर करता है । हमारे देश की तरह ही जापान , चाइना , अमेरिका आदि देश में भी स्टॉक एक्सचेंज है। और सभी देश का अपना इंडेक्स ही होता है । इंडेक्स देश के इकोनामिक ग्रोथ को दर्शाता है ।
Conclusion
इस ब्लॉग में मैं आपको Nifty शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है? और सेंसेक्स के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से बताया आशा करते हैं, कि दी गई जानकारी के लिए लाभदायक साबित हो अगर दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी हो । तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, ताकि उन तक दिया जानकारी पहुंच सके और उन्हें भी इस जानकारी का लाभ मिल सके । अगर इससे संबंधित कोई भी प्रश्न आपके मन में आता है, तो आप हमें कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं । हम आपको हर संभव मदद करेंगे और और भी अधिक जानकारी पाने के लिए हमारे इस ब्लॉक के साथ जुड़े रहे ।। धन्यवाद
क्यों शेयर बाजार से डीलिस्ट होती है कंपनियां, क्या होता है निवेशकों पर इसका असर?
TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा
Updated on: Mar 31, 2022 | 6:41 AM
साल 2021 को शेयर बाजार (Stock Market) के इतिहास में आईपीओ (IPO) के साल के रूप में जाना जाता है. करीब 65 कंपनियों ने अपने शेयरों को बाजार में उतारकर कुल 1.29 लाख करोड़ रुपये जुटा लिए. आईपीओ के इस मेले ने शेयर बाजार में नए निवेशकों की कतार लगा दी. कई आईपीओ में जबरदस्त पैसा कूटने से नए निवेशक काफी उत्साहित हैं. साहिल भी ऐसे ही एक निवेशक हैं उन्होंने एक आईपीओ में पैसा लगाया था और उसमें उन्होंने खूब मुनाफा कमाया. लेकिन हाल में आई एक खबर से वे चकित रह गए. उन्होंने एक कंपनी में कई साल पहले पैसा लगाया था, जो अब शेयर बाजार से डीलिस्ट (delisting of share) हो रही है. यह क्या नई चीज आ गई यार… वे परेशान हो गए.
क्यों होती हैं कंपनियां डीलिस्ट
वैसे तो यह बहुत गंभीर और अनिष्टकारी जैसा लगता है, लेकिन सच तो यह है कि डीलिस्टिंग हमेशा बुरी चीज नहीं होती. असल में यह अक्सर कंपनी के अनुरोध पर स्वैच्छिक रूप से होता शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है? है. दूसरी तरफ, जब कोई कंपनी बाजार नियामक SEBI द्वारा जबरन डीलिस्ट की जाती है, तो इसे कम्पल्सरी या अनिवार्य डीलिस्टिंग कहते हैं.
यार पूरा शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है? मामला समझ में नहीं आ रहा…थोड़ा विस्तार से समझाओ… साहिल ने कहा… अतुल ने कहा… डोन्ट वरी… मैं बताता हूं. जब कोई कंपनी स्वैच्छिक रूप से डीलिस्टिंग का ऐलान करती है तो वह रिवर्स बुक बिल्डिंग प्रक्रिया के द्वारा आम निवेशकों के पास मौजूद शेयरों को बायबैक करती है. इस प्रक्रिया के द्वारा आम शेयरधारकों को यह आजादी दी जाती है कि वे बायबैक के लिए उचित कीमत तय करें. जिस कीमत पर ज्यादा संख्या में बिड हासिल होता है, उसे बायबैक के लिए कट ऑफ कीमत मान लिया जाता है.
उदाहरण से समझें
उदाहरण के लिए साल 2012 में निरमा लिमिटेड ने स्वैच्छिक रूप से डीलिस्टंग की थी. कंपनी ने माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स की 18 फीसदी हिस्सेदारी 260 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बायबैक कर लिया था. कंपनी ने नए वैल्युएशन हासिल करने और FMCG, फार्मा, केमिकल्स, सीमेंट, पोर्ट्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर और पावर जैसे अपने तमाम वर्टिकल की नए सिरे से लिस्टिंग के लिए यह डीलिस्टिंग की थी. बाद में कंपनी ने अपनी सीमेंट इकाई Nuvuco Vistas को एक्सचेंजों पर लिस्ट कराया.
अनिवार्य डीलिस्टिंग के मामले में भी कंपनी के प्रमोटर्स को पब्लिक के सभी शेयरों की बायबैक करनी होती है. हालांकि, इसमें किस कीमत पर शेयरों का बायबैक होगा, यह रिवर्स बुक बिल्डिंग प्रॉसेस से नहीं बल्कि किसी स्वतंत्र मूल्यांकन एजेंसी के द्वारा तय किया जाता है. Lanco Infratech और Moser Baer शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है? India ऐसे अनिवार्य डीलिस्टिंग के कुछ उदाहरण हैं.
तेजी और मंदी शेयर बाजार का चरित्र है, क्या ये फिर गिरेगा
बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज | फाइल फोटो
पिछले शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है? दिनों भारतीय शेयर बाजार ने चमक बिखेर दी और सेंसेक्स 60,000 के पार तो हो गया लेकिन उसने यह सवाल भी खड़ा किया कि क्या इन बुलंदियों पर जाने के बाद यह अब धराशायी हो जाएगा? उसके इस रिकॉर्ड ऊंचाई पर जाने के बाद तरह-तरह की आशंकाएं खड़ी हो गईं हैं. हालांकि पिछले हफ्ते इसमें पांच हफ्तों के बाद गिरावट आई और यह 1282 अंक गिरकर 58,766 पर चला गया. निफ्टी में शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है? भी 321 अंकों की गिरावट आई और 17,532 अंकों पर था.
इससे पहले कि यह बहस तेज हो कि क्या यह गिरावट स्थायी है, सोमवार को सेंसेक्स में 625 अंकों की बढ़ोत्तरी हो गई.
लेकिन विशेषज्ञ यहां मानते हैं कि शेयर बाज़ार के इन ऊंचाइयों पर जाने की कोई ठोस वजह नहीं है. यह या तो अति उत्साह में की गई खरीदारी है या सटोरियों का खेल. अगर हम ध्यान से देखें तो इस समय निवेश के सारे रास्ते बंद हो गये हैं. रियल एस्टेट मंदी के भीषण दौर से गुजर रहा है, सोना नई ऊंचाइयों पर जाने शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है? के बाद नीचे तो आया है लेकिन इतना भी नहीं कि खरीदारी हो सके, सरकारी बांडों और ऋण बाजारों में भी खास रिटर्न नहीं है. फिक्स्ड डिपॉजिट में ब्याज दरें इतनी कम हो गईं हैं कि यह निरर्थक हो गया है. सच तो है कि महंगाई की दर इतनी ज्यादा हो गई है कि उसके कारण डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज निगेटिव में चला गया है. इसका मतलब हुआ कि अब फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसे डालने का कोई फायदा नहीं है. तो फिर सेविंग के जरिये कमाने का क्या जरिया बचता है? शेयर बाजार और उस पर आधारित म्यूचुअल फंड. यही कारण है कि निवेशक इनमें बड़े पैमाने पर धन लगा रहे हैं. इन दोनों ने निवेशकों को निराश नहीं किया और अच्छा रिटर्न भी दिया है. सिर्फ इस साल ही सेंसेक्स 13,000 अंकों से भी ज्यादा बढ़ गया है. उधर म्यूचुअल फंडों में कई तो ऐसे हैं जिन्होंने 50 प्रतिशत से भी ज्यादा रिटर्न दे दिया है.
उभरती अर्थव्यवस्था, भारत और एफडीआई
लेकिन लाख टके का सवाल है कि क्या सिर्फ इस कारण से ही शेयर बाजार इतना ऊपर चला गया? इसके कई उत्तर हैं. सबसे बड़ा फैक्टर है, सारी दुनिया में ब्याज दरों का गिरना. इस समय अमेरिका और पश्चिमी देशों और जापान वगैरह में ब्याज दरें शून्य पर हैं. भारत में भी यह अपने न्यूनतम पर हैं. ऐसे में निवेशक बैंकों से पैसा लेकर या वहां जमा न कर भारतीय शेयर बाजारों में लगा रहे हैं. विदेशी वित्तीय संस्थान और एनआरआई ने भी निवेश किया. इस बात का अंदाजा इसी से मिलता है कि 2021-22 (जून) में यहां के वित्तीय बाजारों में उन्होंने 4433 करोड़ रुपए का निवेश किया है. यह राशि बाजार में आग लगाने का काम कर रही है.
दरअसल, इस समय उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में निवेश के लिए उपयुक्त स्थानों में भारत ऊंचे स्थान पर है. इस समय यहां निवेश करना विदेशी निवेशकों के लिए फायदे का सौदा है. यहां की तमाम परिस्थितियां उनके अनुकूल हैं. ऐसे में निवेशक आश्वस्त भाव से निवेश कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि लगातार तीसरे साल भी विदेशी निवेशकों ने भारत में कुल कुल 9 अरब डॉलर निवेश कर दिया है.
राजनीतिक अर्थव्यवस्था और अर्थव्यवस्था
मतलब साफ है कि तेजी से भागते बाजार को कभी भी ब्रेक लग सकता है और यह कभी भी औंधे मुंह गिर सकता है. कुछ एनालिस्ट मानते हैं कि अब बाजार के 10 से 25 प्रतिशत तक गिरने की संभावना बनती जा रही है क्योंकि यह ठोस जमीन पर खड़ा नहीं है.
एक बात और जो याद रखनी चाहिए कि शेयर बाजार अवधारणाओं या सेंटिमेंट पर चलते हैं. ये काफी आगे तक के फैक्टर को डिस्काउंट कर लेते हैं. इस बार भी ऐसा हो रहा है. देश में राजनीतिक स्थिरता है और अर्थव्यवस्था ‘वी’ शेप में ऊपर की ओर जा रही है. इसलिये भी निवेशक यहां पैसे लगा रहे हैं.
एक बात जो देखने की है और वह यह कि इस समय बीएसई या निफ्टी में बड़े पैमाने पर शेयर ऐसे हैं जो बढ़े ही नहीं, बढ़े तो नाम भर के ही जबकि उनकी कंपनियां काम अच्छा ही कर रही हैं. दूसरी ओर कुछ शेयर ऐसे हैं जो अपने अधिकतम पर हैं या फिर दोगुनी कीमत के हो गये हैं. यानी यह एक बड़ा विरोधाभास है.
Sensex Meaning in Hindi – कैसे गिनते हैं
जैसे कि Sensex in Hindi में मैनें बताया कि सेंसेक्स free-float market-weighted stock market index है. फ्री फ्लोट का आसान हिंदी में अर्थ होगा तैरने के लिए आजाद. किसी भी कंपनी के बाजार पूंजीकरण Market Capitalization का वह हिस्सा जो बिकने के लिए बाजार में उपलब्ध हो सकता है वह फ्री फ्लोट बाजार पूँजी होगी और उसी के आधार पर सेंसेक्स की गणना की जाती है. आम तौर पर प्रमोटरों का हिस्सा अथवा सरकार का हिस्सा पूँजी में से निकाल दें तो बाकी बची पूँजी बाजार में बिकने के लिए उपलब्ध हो सकती है.
इसे Market Cap या बाजार पूँजी भी कह सकते हैं. इसे कंपनी द्वारा कुल जारी शेयरों की संख्या को प्रति शेयर बाजार भाव से गुना करके प्राप्त किया जा सकता है. यदि एक कंपनी ने दस दस रुपये कीमत के एक लाख शेयर जारी किये हैं तो कंपनी की पूँजी हुई दस लाख रुपये. अब यदि इस कंपनी के एक शेयर की बाजार में कीमत साठ रु है तो कंपनी की Market Cap या बाजार पूँजी साठ लाख होगी.
दुनिया भर के निवेशकों की नज़र में Sensex
आज जबकि मुंबई स्टॉक एक्स्चेंज और नैशनल स्टॉक एक्स्चेंज की गिनती दुनिया के बड़े शेयर बाज़ारों में होती है तो इनके सूचकांक पर भी दुनिया भर के निवेशकों की नज़र रहती है। जबकि दुनिया भर की अर्थ व्यवस्थाएँ एक दूसरे पर व्यापक असर करतीं हैं इसीलिए दुनिया भर के निवेशक भी सभी बड़ी अर्थ व्यवस्थाओं पर निरंतर नज़र रखते हैं। हमारे देश में भी बड़ी मात्रा में विदेशी निवेश बाज़ारों में आता है।
अब यदि आप ने भी बाज़ार में निवेश किया है और आपके पास अपना एक पोर्टफोलियो है तो आप बाजार पर निरंतर नज़र तो रखते ही होंगे। अब यदि आपके शेयरों की क़ीमत इंडेक्स के अनुपात में अधिक बढ़ी है तो आप जान जाएँगे कि आपके निवेश का प्रदर्शन अच्छा है। इसी प्रकार यदि आपके शेयरों की क़ीमत बाजार के इंडेक्स के अनुपात में कम बढ़ी है तो इसका मतलब आपके निवेश का प्रदर्शन बाजार के अनुपात में कम है। यदि आपका निवेश आपको Sensex के अनुपात में कम रिटर्न दे रहा है तो बेहतर है आप निवेश के लिए स्वयं शेयरों का चुनाव ना करके इंडेक्स में शामिल शेयरों में उनके अनुभार के अनुसार निवेश कर दें।
अन्य इंडेक्स
बाज़ार में मुख्य इंडेक्स Sensex के अलावा स्मॉल कैप इंडेक्स और मिड कैप इंडेक्स भी होते हैं जो कि अपनी श्रेणी के शेयरों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके अलावा सेक्टर इंडेक्स जैसे फ़ार्मा इंडेक्स या बैंकिंग इंडेक्स भी होते हैं जो कि अपने उद्योग में काम करने वाली कम्पनियों के शेयरों की गति का प्रतिनिधित्व करते हैं।
यह मेरी कोशिश थी Sensex Meaning In Hindi समझाने की. उम्मीद है कि आपको समझ आ गया होगा कि सेंसेक्स क्या होता है और इसे कैसे गिनते हैं. यदि आपको Sensex के बारे में कुछ जानकारी होगी तो शेयर बाजार के काम को समझने में आसानी होगी.