फोरेक्स ट्रेडिंग की मूल बातें

क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है

क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है
SWING TRADING KYA HAI

स्विंग ट्रेडिंग कैसे होती है?

इसे सुनेंरोकेंतकनीकी रूप से स्विंग ट्रेडिंग(Swing Trading in Hindi) तब होती है जब स्टॉक ट्रेंड और सुधारों के बीच रुक जाता हैं और फिर नए ट्रेंड की दिशा में आगे बढ़ना शुरू कर देता हैं। यह सबसे सही समय होता है जिसे स्विंग ट्रेडर को उपयोग करना चाहिए, क्योंकि जोखिम का सबसे कम खतरा होता है और पूरी कैपिटल का उपयोग करना चाहिए।

मार्किट क्या है?

इसे सुनेंरोकेंबाजार का मतलब होता है एक ऐसी जगह जहां पर चीजों की खरीद और बिक्री की जाती है ठीक इसी प्रकार शेयर बाजार (Stock Market) एक ऐसी जगह है जहां पर बहुत सारी कंपनियां listed होती हैं और वो सभी कंपनीज अपने कुछ शेयर जारी करती हैं (बेचने के लिए) अलग-अलग प्राइस में.

लिक्विड स्टॉक की पहचान कैसे करें?

इसे सुनेंरोकेंलिक्विड शेयरों के चार्ट में आपको हर एक मिनट कि कैंडल में बॉडी मिल जाती है। इस तरह के स्टॉक में हर एक मिनट में अच्छा वॉल्यूम होता है। Liquidity होने के कारण हर एक मिनट में शेयरों के प्राइस में उतार चढ़ाव होता रहता है। ज्यादातर penny stocks और कम प्राइस वाले शेयरों में लिक्वडिटी नहीं होती है।

शेयर मार्केट कितने प्रकार के होते हैं?

शेयर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते है जिनमे Equity शेयर भी शामिल है .

  • Equity Share (इक्विटी शेयर)
  • Preference Share (परेफरेंस शेयर )
  • DVR Share (डी वी आर शेयर )

शेयर मार्केट की शुरुआत कैसे करें?

Share Market में शुरुआत करने के लिए आपको निम्न 3 चीजों पर कार्य करना होगा।…शेयर मार्केट की शुरुआत कैसे करें?

  1. Trading Account. आपको ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होगा।
  2. Market Analysis. Stock Market Analysis से स्टॉक का सही मूल्य और Equity Market का ज्ञान हो जाता है।
  3. Investment Capital.

सबसे बढ़िया शेयर कौन सा है?

क्या आपको 2022 में सबसे कम प्राइस वाले सस्ते शेयर में पैसा निवेश करना चाहिए और सबसे सस्ता शेयर किस कंपनी का है? ऐसे बहुत सारे सवाल नए निवेशकों के मन में होते हैं।…सबसे सस्ते शेयर प्राइस टुडे लिस्ट:

  • Trident.
  • Urja Global.
  • IRCON International.
  • IRFC.
  • RVNL.
  • IDFC First Bank.
  • Sawaca Business Machines Ltd.
  • Vodaphone Idea (But Risky)

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Swing Trading क्या है – शेयर मार्किट में स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है पूरी जानकारी हिंदी में

शेयर मार्केट में कई प्रकार की ट्रेडिंग होती है जिसमे Swing Trading निवेशकों को ज्यादा पसंद आती है. एक निवेशक हमेशा शेयर मार्केट में धैर्य के साथ ट्रेडिंग करता है.

शेयर मार्केट में लोग ज्यादा तर Intraday Trading और Scalping Trading करते है. लेकिन सही राणनीति और धैर्य के साथ लोग Swing Trading में इंट्राडे और सकैलपिंग ट्रेडिंग से ज्यादा पैसे कमा लेते है.

तो चलिए सबसे पहले Swing Trading शब्द के बारे में जानते है, ताकि स्विंग ट्रेडिंग को समझने में आसानी हो.

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Swing Trading Meaning In Hindi ?क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है

Swing Trading का मतलब = “झुलाना व्यापार” होता है. इसे आसान भाषा मे समझने तो ऐसा व्यापार करना जिसे झूले की तरह आगे पीछे झुलाते रहें.

Swing Trading Kya Hai ?

स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जिसमे शेयर को शेयर मार्केट के खुलने पर खरीद लिया जाता है और शेयर की कीमत टारगेट तक पहुँच जाने पर उसे बेच कर मुनाफा कमाया जाता है.

स्विंग ट्रेडिंग में दरअसल खरीदे गए शेयर की Delivery ले ली जाती है. इसी कारण इसे Delivery Trading भी कहते है.

चलिए अब स्विंग ट्रेडिंग को एक उदाहरण से समझते है.

Swing Trading In Hindi ?

स्विंग ट्रेडिंग करने से पहले हम एक Strategy बनाते है जिसके हिसाब से हम Share चुनते है और फिर उसपर ट्रेडिंग करते है.

सबसे पहले तो एक ऐसी कंपनी के शेयर को चुनेंगे जिसमे स्विंग होता हो. यानी कि उतार-चढाब ज्यादा होता हो.

अब उस शेयर का हम ग्राफ देखेगे की इसके शेयर की कीमत में 3 दिन , 7 दिन, 2 हफ्ते या 1 महीने के अंदर कितनी बढ़ी या घटी है .

मान लेते है कि एक कंपनी Reliance के शेयर में 7 दिन के अंदर 50 रुपये प्रति शेयर का उतार-चढाब होता है.

अब अपने देखा कि अभी शेयर की कीमत घाट रही है और अब यहां से बढ़ना शुरू होगी . तो अब आप उस कंपनी के शेयर मार्किट के खुलने से बंद होने के बीच खरीद लेंगे.

अब यहाँ एक बात ध्यान देने वाली है कि आपको स्विंग ट्रेडिंग में मार्जिन मनी का उपयोग नही करना है.

क्योंकि आप जो शेयर खरीद रहे है उनकी डिलेवरी लेंगे तो उसके लिए आपको शेयर के पूरे पैसे चुकाने होंगे.

मान लेते है अपने 123 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर 10,000 रुपये के शेयर खरीदे और 10,000 रुपये पूरे खर्च करके शेयर को रख लिया.

अब आपको अपने शेयर पर stop loss और target लगाना है. Stop loss अपने खरीदे हुए शेयर की कीमत से जितना ज्यादा कम हो सके उतना कम लगाए.

ताकि अगर शेयर की कीमत ज्यादा कम होकर बढ़े तो आपको नुकसान न हो.

Stop Loss क्या है और कैसे लगाए यह जानने के लिए नीचे दी गई पोस्ट पढ़े.

और अब आप अपने analysis के अनुसार sell का टारगेट लगाए. मान लेते है कि आपके शेयर की कीमत 7 दिन के अंदर 40 रुपये बढ़ेगी. तो आपका sell target होगा. 163 रुपये प्रति शेयर.

अब जैसे ही आपके शेयर की कीमत टारगेट तक पहुचेगी आपके शेयर अपने आप बिक जाएंगे क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है और मुनाफा आपके खाते में होगा.

Swing Trading से ज्यादा मुनाफा कमाने की Strategy और Swing Trading कैसे करे जानने के लिए नीचे दी गई पोस्ट पढ़े.

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अगर आपके मन मे Swing Trading Kya Hai से जुड़े सवाल है तो आप ” सवाल पूछे” बटन को दवा कर पूछ सकते है.

Swing Trading Kya Hai? Swing trading से पैसे कमाने की आसान स्ट्रैटेजी।

स्विंग ट्रेडिंग क्या है इस post कि सहायता से हम ऐसी Trading Strategy (Swing Trading Kya Hai) को जानने वाले हैं, जिससे एक आम आदमी ,एक Common man दिन के 15 क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है से 20 मिनट काम करके स्टॉक मार्केट से 5 से 10 दिनों में एक अच्छा खासा इनकम प्राप्त कर सकता है।

तो चलिए जानते हैं कि Swing Trading Kya Hai?

Table of Contents

स्विंग क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है ट्रेडिंग क्या है? Swing Trading Kya Hai? What Is Swing Trading?

स्टॉक मार्केट के खुलते ही जब किसी कंपनी के शेयर को खरीद कर कुछ हफ्तों या कुछ दिनों के लिए अपने डिमैट या ट्रेडिंग अकाउंट पर रखते हैं तथा प्रॉफिट प्राप्त होने पर उसे बेच देते हैं स्विंग ट्रेडिंग कहलाता है।

स्टॉक मार्केट में 5 से 10 दिन की ट्रेडिंग को स्विंग ट्रेडिंग कहते है।

SWING TRADING KYA HAI

स्विंग ट्रेडिंग कैसे करें ?

स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए आपको ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की आवश्यकता होती है।

ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के बाद आपको मार्केट को एनालाइज करना होगा तथा अच्छा स्टॉक चुनना होगा।

बाजार को अच्छी तरह समझने के बाद अपने कैपेसिटी के हिसाब से जोखिम लेना होता है क्योंकि कई बार स्टॉक मार्केट में सही रणनीति(Swing Trading Kya Hai) और सही स्ट्रैटेजी के बाद भी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

ट्रेडिंग करने के लिए आपका रिस्क मैनेजमेंट होना बहुत ही जरूरी है।

स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने?

बाजार की दिशा,

स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading Kya Hai) करने के लिए कुछ ट्रेलर मार्केट के Trend को फॉलो करते हैं ।

जो कि एक अच्छी बात है तथा ट्रेंड को फॉलो करने के साथ-साथ हमें कंपनी के परफॉर्मेंस उनकी खबरों को भी अपने नजर में रखना चाहिए ताकि कुछ गलत न्यूज़ आने से अपना प्रॉफिट बुक कर सकें और अपना पोजीशन काट सकें।

तरलता या Liquidity

liquidity एक ट्रेडर के लिए एक अच्छा पैमाना हो सकता है क्योंकि जिस शेयर में अधिक खरीदी बिक्री होती है वहां positions के फसने या नुकसान का chance बहुत ही कम होता है तथा हम अपने Share को आसानी से खरीद व बेच कर मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं ।

अन्य स्टॉक के साथ तुलना,

स्टॉक की तुलना हम जिस शेयर को खरीद रहे हैं उसके सेक्टर के अन्य स्टाक के साथ शेयर की तुलना करते हैं जिससे हमें सेक्टर के बेस्ट स्टॉक प्रात हो जाता है।

स्टॉक क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है का ट्रेडिंग पैटर्न

कोई भी ट्रेडर किसी कंपनी के शेयर को चुनने से पहले उसके प्रीवियस ट्रेडिंग पैटर्न को देखता है
वह उसके उतार चढ़ाव को देखता है कि वह भविष्य में यह stock कैसा position बना सकता है ताकि वह एक अच्छा स्टॉक का सिलेक्शन कर सके है।और अच्छा मुनाफा बना सके।

कम बदलाव वाले स्टॉक

, ज्यादातर ट्रेडर अधिक उतार-चढ़ाव वाले या जंपी स्टाक को पसंद नहीं करते है।

क्योंकि उसमें पोजीशन बनाना थोड़ा रिस्की हो जाता है इसीलिए हमें अपने स्विंग ट्रेडिंग के लिए कम जंपी स्टॉक का सलेक्सन करना चाहिए
ताकि हम उसके चार्ट पेटर्न को समझ सके और अच्छा प्रॉफिट बना सकें।

स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटजी

अगर आप एक अच्छा ट्रेडर (Swing trading kya hai)बनना चाहते हैं तो आप अपनी ट्रेडिंग जर्नी में एक स्ट्रैटेजी को अच्छी तरह से फॉलो करें ।

ताकि आप अपने निवेशित राशि पर अच्छा अच्छा खासा रिटर्न प्राप्त कर सकें ।
एक सही स्विंग ट्रेडिंग रणनीति से एक ट्रेडर 5 से 10 परसेंट रिटर्न एक स्टॉक से कुछ ही दिनों में प्राप्त कर सकता है।

देखने में यह बहुत छोटा मुनाफा हो सकता है लेकिन कुछ दिनों कुछ हफ्तों में इतना मुनाफा सही है।

इसी तरह बढ़ता हुआ लाभ लेने के लिये ट्रेडिंग के अन्य रूपों में 7-8 % की तुलना में स्टॉपलॉस 2-3% होना चाहिए इसका मतलब यह है कि risk riward resio 1:2 या 1:3 होना चाहिए।

स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटजी निम्नलिखित है:-

चार्ट पेटर्न स्ट्रैटेजी

सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस
हेड एंड सोल्डर पैटर्न
डबल टॉप व ट्रिपल टॉप पैटर्न
डबल बॉटम व ट्रिपल बॉटम पैटर्न
इनवर्टेड हेड एंड सोल्डर
कप एंड हैंडल
असेंडिंग ट्रेंगल व डिसेंडिंग ट्रेंगल

स्विंग ट्रेडिंग इंडिकेटर

RSI
MACD
MOVING AVERAGE
BOLINGER BAND
SUPER TRED

स्विंग ट्रेडिंग के फायदे व नुकसान

Swing Trading के फायदे

कम समय में प्रॉफिट मिल जाता है।

कम प्रॉफिट का टारगेट होने के कारण टारगेट हिट होने की संभावना बढ़ जाती है।

स्टॉक में एंट्री करने के लिए स्टॉक के गिरने का इंतजार करना नहीं पड़ता।

स्टॉक के फंडामेंटल स्ट्रांग होने के कारण नुकसान होने की संभावना कम रहती है

यह एक कम तनाव वाली strategy है।

अगर आप शेयर बाजार में नए हैं तो इसको आप ट्राई कर सकते हैं।

Swing Trading के नुकसान

छोटे अवधि में ही स्टॉक से प्रॉफिट प्राप्त कर बाहर निकल जाने के कारण बड़ा प्रॉफिट नहीं मिल पाता है।

स्टॉक से जुड़ी रोजाना अच्छी व पूरी खबर आने के कारण स्टॉक में उतार-चढ़ाव व, गैप अप और गेप डाउन का खतरा रहता है।

ट्रेडिंग करने वालों को धैर्य के साथ स्टॉक को पकड़ कर रखे रहने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।

आज हमने क्या सीखा ?
आज हमने सीखा कि Swing Trading Kya Hota Hai. और हम इसे कहां से और कैसे कर सकते हैं। स्विंग ट्रेडिंग करने के क्या फायदे और क्या नुकसान होते हैं।

मैं आशा करता हूं की आपको यह पोस्ट Swing Trading Kya Hota Hai पढ़कर Swing Trading से जुड़े सारे सवालों के जवाब मिल गए होंगे और मैंने पूरी कोशिश की है कि आपके मन में Swing trading से लेकर जो सवाल है वो सब इस पोस्ट के माध्यम से आप तक पहुँचा सकूँ।

यदि आपके मन में कुछ सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में अपने सवाल पूछ सकते है मैं आपके सवालों के जवाब देने की पूरी कोशिश करूंगा और इस पोस्ट को जितना हो सके उतना शेयर करें ताकि सभी लोगों को स्टॉक मार्केट,व ट्रेडिंग और उससे जुड़ी सभी जानकारियां सभी तक पहुंचते रहें और सभी आप अपना प्यार ऐसे ही बनाए रखें।

क्या आप शेयर ट्रेडिंग के बारे में ये बातें जानते हैं?

आम तौर पर जब शेयर का भाव कम होता है या बाजार में कमजोरी होती है, तब शेयर खरीदने का सबसे अच्छा समय माना जाता है.

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आपको यह ध्यान में रखना होगा कि शेयरों में निवेश से काफी जोखिम जुड़ा होता है. अगर आप खुद कंपनियों के नतीजे समझने, उसके शेयरों का मूल्यांकन करने और बाजार की चाल समझ सकते सकते हैं तभी आपको शेयरों में सीधे निवेश करना चाहिए.

किसी कंपनी के शेयर में निवेश करने से पहले उसके कारोबार, शेयरों की सही कीमत (मूल्यांकन) और उसके कारोबार की संभावनाओं को जानना जरूरी है. शेयर बाजार में शेयरों के भाव स्थिर नहीं रहते. आम तौर पर जब शेयर का भाव कम होता है या बाजार में कमजोरी पर शेयर खरीदने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है.

आपने जो शेयर खरीदा है, जब उसका दाम बढ़ जाए तो उसे आप बेच सकते हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की शुरुआत बहुत कम रकम से की जा सकती है.

शेयर ट्रेडिंग कितने तरह के होते हैं?

1. इंट्रा-डे ट्रेडिंग (Intra Day Trading)
इंट्रा-डे ट्रेडिंग में एक ही दिन में शेयर खरीद कर उसे बेच दिया जाता है. मार्केट खुलने के बाद आप शेयर खरीदते हैं और मार्केट बंद होने से पहले उसे बेच देते हैं.
इसे डे-ट्रेडिंग, MIS (Margin Intra day Square off) आदि भी कहते हैं.

Intra Day ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में मौजूद रकम का 20 गुना आप को मुहैया कराता है. इसका मतलब यह है कि आप उधार रकम लेकर शेयर खरीद सकते हैं और उसी दिन बेच कर उसे वापस कर सकते हैं. यह वास्तव में वैसे निवेशकों के लिए जिन्हें बाजार की बहुत ज्यादा समझ होती है.

2. स्कैल्पर ट्रेडिंग ( Scalper Trading)
यह शेयर ट्रेडिंग का ऐसा तरीका है, जिसमें शेयर को खरीदने के 5-10 मिनट के अंदर ही बेच दिया जाता है. स्कैल्पर ट्रेडिंग किसी कानून के आने या आर्थिक जगत की किसी बड़ी खबर आने पर की जाती है.

शेयर मार्केट के पुराने दिग्गज स्कैल्पर ट्रेडिंग करते हैं. इसमें जोखिम सबसे ज्यादा होता है. स्कैल्पर ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर कंपनियां मार्जिन मुहैया कराती हैं.

3. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) या शार्ट टर्म ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग थोड़े लंबे समय के लिए किया जाता है. इसमें आम तौर पर शेयर खरीदने के बाद उसकी डीमैट अकाउंट में डिलीवरी ले ली जाती है. स्विंग ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर कोई मार्जिन मुहैया नहीं कराता है.

अगर आप अपने निवेश के लक्ष्य के हिसाब से 5-10 % लाभ की उम्मीद पर शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर रहे है, तो स्विंग ट्रेडिंग से आप पैसे कमा सकते हैं.

4. LONG TERM ट्रेडिंग
जब आप किसी शेयर को खरीद कर लंबी अवधि के लिए रख लेते हैं तो उसे Long term ट्रेडिंग कहते हैं. स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने के बाद अगर आप एक निवेशक के रूप में किसी शेयर में 6 महीने से लेकर कुछ साल तक बने रहें तो यह लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग है.

अगर आप किसी कंपनी के शेयर को एक, तीन या पांच साल या इससे ज्यादा अवधि के लिए खरीदते सकते हैं. कंपनी के कारोबार में अगर तेजी से वृद्धि हो तो लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग में आप बहुत अच्छा लाभ कमा सकते हैं.

आप जिन बड़े निवेशकों के बारे में सुनते हैं वे सभी लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग से ही मुनाफा कमाते हैं. इनमें राकेश झुनझुनवाला, पोरिन्जू वेलियथ, डॉली खन्ना जैसे नाम शामिल हैं.

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