तकनीकी विश्लेषण

म्यूचुअल फंड को समझना

म्यूचुअल फंड को समझना
आप Mutual Fund ब्रोकर या फिर डिस्ट्रीब्यूटर के ऑफिस पहुंच कर ऑफ लाइन तरीके से निवेश कर सकते हैं। इसमें भी आपको फार्म भर कर केवाईसी की शर्तों को पूरा करना होगा। आप म्यूचुअल फंड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर घर बैठे स्कीम में निवेश कर सकते हैं. यहां आपको ई-केवाईसी के लिए डाक्यूमेंटस अपलोड करने होंगे. पैसों का भुगतान ऑनलाइन किया जा सकता है। आप इसी तरह ब्रोकर की वेबसाइट पर भी जाकर निवेश कर सकते हैं।

Stock Market Investment Capital Growth, know all details

म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट कैसे करे – आसान हिन्दी में बेहतरीन आर्टिकल्स की एक शुरुआती गाइड

म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट हर एक इन्वेस्टर के बीच काफ़ी लोकप्रिय हैं । जिसका कारण है इससे मिलने वाले फायदे। इसके कईं फायदों में से कुछ सबसे महत्वपूर्ण फ़ायदे नीचे दिए हैं, जो इन्वेस्टर्स को अपनी ओर खींचते है और जिसकी वजह से –

  • इन्वेस्टर्स कितनी भी राशि के साथ शुरुआत कर सकते हैं ( 500 जितना कम भी )
  • इन्वेस्टर्स, अलग-अलग स्टॉक्स और डेट,गोल्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं
  • हर महीने ऑटोमेटेड इन्वेस्मेंट्स शुरू कर सकते हैं (SIP)
  • डीमैट अकाउंट खोले बिना भी इन्वेस्ट कर सकते हैं

शुरुआती इन्वेस्टर्स के लिए म्यूचुअल फंड को समझना इस म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट गाइड में हमने कुछ आर्टिकल्स को आपके लिए चुना है। जो म्युचुअल फंड को समझने में और कैसे इन्वेस्ट करना शुरू करें, इसमें आपकी मदद करेंगे। हम सुझाव देंगे कि आप इस पेज को बुकमार्क कर लें ताकि आप इन आर्टिकल्स को अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी पढ़ सकें।

​डिविडेंड इनकम

तमाम लोग डिविडेंड इनकम के लिए डिविडेंड ऑप्शन में निवेश करते हैं. यह इनकम टैक्स-फ्री होती है. हालांकि, इसमें डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (डीडीटी) लगता है. डिविडेंड का एलान करते वक्त फंड हाउस इसका भुगतान करता है. इक्विटी फंडों के मामले में डीडीटी 10 फीसदी प्लस सरचार्ज म्यूचुअल फंड को समझना और सेस होता है. नॉन-इक्विटी स्कीमों के लिए लागू टैक्स करदाता पर निर्भर करता है.

​कैपिटल गेन- इक्विटी फंड

​कैपिटल गेन- इक्विटी फंड

म्यूचुअल फंड निवेश की बिक्री पर होने वाले मुनाफे को कैपिटल गेन कहा जाता है. इक्विटी स्कीमों के लिए अगर निवेश को 12 महीने या कम समय तक रखा जाता है तो उसे शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेंस कहते हैं. इस पर 15 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. अगर निवेश को 12 महीनों से ज्यादा समय के लिए रखा जाता है तो उससे होने वाले मुनाफे को लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेंस (एलटीसीजी) कहा जाता है. इस पर 20 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. यह टैक्स एक साल में एक लाख रुपये से ज्यादा के एलटीसीजी पर लगता है.

​कैपिटल गेन - नॉन-इक्विटी

​कैपिटल गेन - नॉन-इक्विटी

नॉन-इक्विटी स्कीमों के मामले में अगर निवेश को 36 महीने या इससे कम समय के लिए रखा जाता है तो उसे शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेंस कहते हैं. इस पर 20 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. अगर निवेश को 36 महीने से ज्यादा समय के लिए रखा जाता है तो उसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस कहा जाता है. इस पर उसी हिसाब से टैक्स लगता है कि जिस स्लैब में निवेशक आता है.

​इंडेक्सेशन बेनिफिट

आपका म्यूच्यूअल फण्ड गाइड

म्यूचुअल फंड ने पिछले कुछ वर्षों में काफी लोकप्रियता हासिल की है और विकास दर में भी काफी वृद्धि देखी गई है। जिस आसानी से एक छोटा निवेशक अपने पैसे को विविध सिक्योरिटीज के पूल में निवेश कर सकता है, यही कारण है कि म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए पसंदीदा गो-टू-इनवेस्टमेंट विकल्पों में से एक बन गया है।
विकसित म्यूचुअल फंड उद्योग के साथ, इन फंडों की विशेषताओं, संचालन और प्रकृति के बारे में कई प्रश्न भी विकसित हुए हैं। यह कोर्स छात्रों को म्यूचुअल फंड में निवेश की मूल कॉन्सेप्ट्स और नेचर को समझने में मदद करेगा |

Kredent Academy

Kredent Academy is a pioneer of financial market education in India and has been at the forefront of the spreading financial education in India since its inception in 2008. Starting from basic म्यूचुअल फंड को समझना finance to advanced concepts like stock market investing, fundamental and technical analysis, and options trading, we have courses that will teach you to save and invest money responsibly and grow your wealth steadily. These courses are taught by some of the best instructors and market experts and are highly practical focused to give the students a holistic understanding of the subjects.

Objective

इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को इंटरैक्टिवपारस्परिक तरीके से म्यूचुअल फंडों और इसके कार्यों की गहन जानकारी प्रदान करना है। यह कोर्स आपको म्यूचुअल फंड की मूल कॉन्सेप्ट्स और संचालन को समझने के लिए बनाया गया है ताकि आपको म्यूचुअल फंड में निवेश करने में आसानी हो।

इस कोर्स को पूरा करने के बाद, छात्रों को स्पष्ट रूप से समझ आ जाएगा कि म्यूचुअल फंड निवेश कैसे काम करता है और म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले किन बातों का ध्यान रखना अनिवार्य है । इस कोर्स में विभिन्न म्यूचुअल फंड को समझना म्यूचुअल फंड को समझना म्युचुअल फंड कॉन्सेप्ट्स को दिन-प्रतिदिन वास्तविक जीवन की तुलनाओं की मदद से समझाया म्यूचुअल फंड को समझना गया है जो छात्रों के लिए इस प्रकार के निवेश के बेसिक नेचर को समझना में सहायता करेगी |
इस कोर्स के साथ आपको एक म्यूचुअल फंड गाइडबुक भी मिलेगा जो आपको नोट्स बनाने और रेफेरेंस मटेरियल के लिए काम आएगा |

Topics Covered

इस पाठ्यक्रम में निम्नलिखित अवधारणाओं पर चर्चा की गई है:

  • म्यूच्यूअल फंड्स क्या होता है ?
  • म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश के क्या फायदे है ?
  • म्यूच्यूअल फंड्स के विभिन्न प्रकार
  • विभिन्न प्रकार की निवेश योजनाए
  • म्यूचुअल फंड में निवेश करने के तरीके
  • एसेट्स अंडर मैनेजमेंट
  • New Offer Fund (NFO)
  • बेंचमार्क
  • Exchange-traded fund (ETFs)
  • Exit load
  • Expense ratio
  • Offer document
  • Factsheet
  • Net Asset Value (NAV)
  • म्यूचुअल फंड स्कीम कैसे काम करती है?
  • म्यूच्यूअल फंड और टैक्सेज

जानिए क्यों है म्यूचुअल फंड्स आपके लिए फायदे का मौका, कैसे और कब लगाएं पैसा, पढ़ें सभी सवालों के जवाब

आप Mutual Fund ब्रोकर या फिर डिस्ट्रीब्यूटर के ऑफिस पहुंच कर ऑफ लाइन तरीके से निवेश कर सकते हैं। इसमें भी आपको फार्म भर कर केवाईसी की शर्तों को पूरा करना होगा। आप म्यूचुअल फंड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर घर बैठे स्कीम में निवेश कर सकते हैं.म्यूचुअल फंड को समझना

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। निवेश एक ऐसी प्रकिया है जिसकी योजना तो सभी बनाते हैं लेकिन इस पर समय से फैसला बेहद कम ही लोग ले पाते हैं. दरअसल निवेश को लेकर लोगों के मन में इतने सवाल होते हैं कि इनका जवाब तलाशते तलाशते वक्त हाथ से निकल जाता है. अगर आप भी Mutual Fund में निवेश करने की योजना बना रहे हैं लेकिन अपने ही सवालों से परेशान हैं तो आज हम आपके सामने ऐसे 4 सबसे ज्यादा उठने वाले सवालों के जवाब लेकर आएं हैं. इन्हें पढ़ें और इससे पहले कि निवेश का सही वक्त निकल जाए आप फैसला लें और अपनी मेहनत की कमाई से अपना भविष्य बना लें.

क्या आप म्यूचुअल फंड निवेशक हैं? हां तो Front-Running को समझना आपके लिए बहुत जरूरी है

फ्रंट-रनिंग से जुड़े मामलों में डीलर अक्सर अपनी जानकारी का फायदा उठाने के लिए अपने दोस्त या रिश्तेदार के अकाउंटस का इस्तेमाल करते हैं।

फ्रंट-रनिंग (Front-Running) के मामले सामने आने के बाद म्यूचुअल फंड्स के काम करने के तरीकों को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इससे म्यूचुअल फंड्स के करोड़ों ग्राहकों के भरोसे को ठेस लगने का डर है। ग्राहक इस उम्मीद में म्यूचुअल फंड्स की स्कीमों में इनवेस्ट करते हैं कि उनके पैसे का निवेश पारदर्शी तरीके से किया जाएगा। पिछले हफ्ते सेबी ने IIFL और Fidelity से जुड़े फ्रंट-रनिंग के मामलों में अपना अंतिम आदेश दिया था।

इन दोनों ही मामलों में डीलरों को फंड की तरफ से होने वाली खरीदारी की जानकारी थी। उन्होंने इस जानकारी का फायदा उठाने की कोशिश की। फंड की तरफ से खरीद का ऑर्डर प्लेस करने से पहले उन्होंने गुपचुप तरीके से कुछ संदिग्ध अकाउंट्स के जरिए अपने ऑर्डर प्लेस किए। ऐसा कर डीलरों ने 4 करोड़ रुपये से ज्यादा पैसा गलत तरीके से कमाए।

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