कैसे एक फ्लैट बाजार में व्यापार करने के लिए

मच्छी बाजार के बाधक मकान जल्द हटेंगे, रहवासी माने, 17 लोगों ने फ्लैट के लिए डाउन पेमेंट भरा
इन्दौर। मच्छी बाजार (fish market) में कान्ह नदी किनारे बने कई मकानों को शिफ्ट कराने का मामला गत एक वर्ष से उलझन में पड़ा हुआ था। रहवासी बुढ़ानिया की मल्टी में फ्लैट लेने को तैयार नहीं थे। कल निगम अफसरों (corporation officers) की समझाइश के बाद कई लोग तैयार हो गए और 17 लोगों ने फ्लैट के लिए डाउन पैमेंट जमा कर दिया और कुछ लोग आज डाउन पेमेंट (down payment) जमा करेंगे।
नगर निगम (municipal Corporation) द्वारा कान्ह नदी के कई हिस्सों को संवारने की कार्रवाई शुरू की गई थी, लेकिन मच्छी बाजार में यह मामला उलझन में पड़ा हुआ था, जबकि कृष्णपुरा, जयरामपुर (Jairampur), हरसिद्धि (Harsiddhi), गणगौर घाट (Gangaur Ghat), चंद्रभागा (Chandrabhaga) और कई अन्य क्षेत्रों में काम पूरा हो चुका है। नगर निगम अधिकारियों ने मच्छी बाजार में पिछले दिनों सरवटे टू गंगवाल सडक़ की बाधाएं हटाई थीं और साथ ही नदी के कुछ हिस्सों को संवराने का काम भी शुरू करा दिया था।
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नगर निगम अधिकारी महेश शर्मा के मुताबिक मच्छी बाजार के करीब सवा सौ से ज्यादा परिवारों के मकान नदी के समीप होने वाले सौंदर्यीकरण के कार्यों में बाधक है, जिन्हें नोटिस दिया गया था और उन्हें एक साल पहले ही निगम द्वारा बुढ़ानिया में बनाई जा रही मल्टी में फ्लैट आवंटन किये जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, लेकिन कई लोगों ने वहां फ्लैट में जाने से इनकार कर दिया था। दो बार निगम के अधिकारी क्षेत्र (Corporation’s jurisdiction) के रहवासियों को ले जाकर वहां फ्लैट बता आए थे। कल स्मार्ट सिटी और नगर निगम के अधिकारियों ने रहवासियों से एक बार फिर चर्चा की और उन्हें इस बात के लिए तैयार किया। अधिकांश रहवासी शिफ्ट होने को तैयार हो गए हैं और उनमें से 17 लोगों ने 20-20 हजार का डाउन पेमेंट निगम में जमा भी करा दिया। शेष 1 लाख 80 हजार की राशि बैंक लोन अथवा रहवासियों द्वारा अपने स्तर पर निगम को दी जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि कुछ शेष रह लोग एक, दो दिनों में राशि जमा करवाने वाले हैं।
शिफ्टिंग के लिए मदद करेगा रिमूवल अमला
नगर निगम अधिकारियों (municipal officers) के मुताबिक मच्छी बाजार में नदी के छोर पर बनाए गए मकानों में रहने वाले लोगों का सामान शिफ्ट कराने के लिए निगम का पूरा अमला तैनात रहेगा। जल्द ही राशि जमा कराने की प्रक्रिया के बाद उनकी शिफ्टिंग शुरू कराई जाएगी। इसके लिए निगम का रिमूवल अमला और कई डंपर वहां तैनात रहेंगे, ताकि लोगों का सामान बुढ़ानिया मल्टी में पहुंचाया जा सके।
हाउसिंग स्कीम द्वारा मिल रहे बेहद कम दामों पर फ्लैट ओर सरकारी प्लॉट जानिए कैसे
दिल्ली- NCR में अपने सपनों का आशियान बनाने का सपना देखनेेे वालों के लिए की बड़ी खुशखबरी है. अगर आप दिल्ली, नोएडा और जेवर एयरपोर्ट के पास अपना आशियाना बनाना चाहते हैं तो कैसे एक फ्लैट बाजार में व्यापार करने के लिए जान लेेे इन तीनों ही शहरों में आवासीय योजना Launch हुई है. जिसके तहत आपको दिल्ली- एनसीआर में 8 लाख रुपये में Flat और 11 लाख रुपये में Plot मिल सकता है.
8500 फ्लैतों की योजना हुई लॉन्च
जानकारी के मुताबिक दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा 8500 फ्लैटों की योजना को लॉन्च किया गया है, इनमें से सबसे सस्ते फ्लैट की कीमत 11 लाख रुपये है. ये फ्लैट आपको द्वारका और रोहिणी में दिए जा रहे हैं. जिनकी आयु कम है उन लोगों को फ्लैट की कीमत सिर्फ 11 लाख रुपये ही अदा करनी होगी. इस लिहाज से दिल्ली में फ्लैट खरीदने का आपके पास यह सुनहरा मौका है.
दिल्ली के नरेला इलाके में मिलेंगे फ्लैट
DDA अधिकारियों के मुताबिक, अगर बात करें तो आवासीय योजना में कुल 8500 फ्लैट हैं और ये सभी नरेला इलाके में स्थित हैं. डीडीए द्वारा बनाए गए ये सभी फ्लैट LIG और EWS श्रेणी में आते हैं. आपको बता दें कि इन फ्लैटों को 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर बेचा जा रहा है.
10 से 15 हजार रुपये में किया जा सकता है आवेदन
डीडीए अधिकारियों के मुताबिक अगर बात करें तो ईडब्ल्यूएस से फ्लैट बुक करवाने के लिए बुकिंग राशि 10 हजार रुपये है, जबकि एलआईजी के फ्लैट बुक कराने के लिए Booking राशि 15 हजार रुपये Fix की गई है.
8 लाख रुपये से शुरू होती है कीमत
आपको बता दें कि डीडीए द्वारा लॉन्च इन फ्लैटों की कीमत 7.90 से लेकर 12.42 के बीच रखी गई है. वहीं, नरेला में ईडब्ल्यूएस फ्लैटों की कीमत 7.91 लाख रुपये से 12.42 लाख रुपये के बीच है. इसके साथ ही एलआईजी फ्लैट की कीमत 18.10 लाख रुपये से 22.80 लाख रुपये निश्चित की गई है.
DDA फ्लैट्स की खूबियां
– डीडीए द्वारा इन फ्लैटों को 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर बेचा जा रहा है.
– इस स्कीम में क्रेडिट लिंक्ड योजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी लोगों को मिलेगा.
– आसपास चौड़ी सड़कें और पानी सप्लाई की लाइन डाली गई है.
– लोगों की आम जरूरतों के लिए यहां डेयिरयों कैसे एक फ्लैट बाजार में व्यापार करने के लिए और रिटेल स्टोर की दुकानें आवंटित की गई हैं.
ऐसे कर सकते हैं आवेदन
http://www.dda.gov.in या http://www.eservices.dda.org.in पर लॉग इन करना होगा।
'पहले आओ पहले पाओ' के आधार वाले लिंक पर Click करे.
फ्लैट चुनने, जैसे फ्लैट चुनेंगे, वह आधे घंटे के लिए Block हो जाएगा.
Booking Amount जमा करने के बाद, फ्लैट बुक कर दे.
यमुना क्षेत्र में लॉन्च हुई प्लॉटों की स्कीम
आपको बता दें कि यमुना Expressway औद्योगिक विकास प्राधिकरण गौतमबुद्ध नगर में बन रहे जेवर International Airport के पास आवासीय स्कीम 2022 लॉन्च की गई है. इसके लगभग 500 प्लॉटों के लिए तो आवदेन bi शुरू कर दिए गए हैं.
YEIDA में आवेदन की 7 अक्टूबर लास्ट डेट
YEIDA द्वारा लॉन्च की गई आवासीय योजना में सबसे कम साइट का प्लॉट 60 मीटर का है. इस प्लॉट की कीमत 10-11 लाख रुपये के बीच है. इस योजना के लिए आप 7 October तक आवेदन कर सकते हैं. बता दें कि 600 रुपये शुल्क के साथ प्लॉट की कीमत का 10 % आवेदन के साथ जमा करना होगा.
कैसे एक फ्लैट बाजार में व्यापार करने के लिए
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2016 में शेयर बाजार ने किया निवेशकों को बेहद निराश
साल 2016 शेयर बाजार निवेशकों के लिए कुछ खास नहीं रहा. वैश्विक घटनाक्रम और नोटबंदी की वजह से यह ऐसा साल रहा जिससे शेयर बाजार निवेशकों को कोई रिटर्न नहीं मिला. विश्लेषकों का मानना है कि कम से कम अगले छह महीने तक बाजार में सुधार की बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं दिखाई देती.
राहुल मिश्र
- मुंबई,
- 23 दिसंबर 2016,
- (अपडेटेड 23 दिसंबर 2016, 5:44 PM IST)
साल 2016 शेयर बाजार निवेशकों के लिए कुछ खास नहीं रहा. वैश्विक घटनाक्रम और नोटबंदी की वजह से यह ऐसा साल रहा जिससे शेयर बाजार निवेशकों को कोई रिटर्न नहीं मिला. विश्लेषकों का मानना है कि कम से कम अगले छह महीने तक बाजार में सुधार की बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं दिखाई देती.
पूरे साल के दौरान कभी उपर तो कभी नीचे होने के बाद शेयर बाजार अंतत: लगभग पिछले साल के स्तर पर ही पहुंच गया. यह लगातार दूसरा साल है जब शेयर बाजार निवेशकों की उम्मीद पर खरा नहीं उतर पाया. पिछले वर्ष 2015 में तो बंबई शेयर बाजार सेंसेक्स ने निवेशकों को पांच प्रतिशत नुकसान में रखा, इस लिहाज से इस साल को कुछ बेहतर माना जा सकता है.
सेंसेक्स का हाल
साल 2016 के पहले दिन यानी एक जनवरी को सेंसेक्स 26,307 अंक पर बंद हुआ था, वहीं 21 दिसंबर को सेंसेक्स 26,242 अंक पर बंद हुआ. इस लिहाज से देखा जाए, तो 2016 का साल ऐसा रहा जबकि सेंसेक्स लगभग फ्लैट रहा है.
ग्लोब कैपिटल मार्किट लि. के चेयरमैन अशोक अग्रवाल ने कहा कि इस साल वैसे तो बाजार पूरे साल उपर नीचे होता रहा, लेकिन सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद से यह लगातार नीचे आ रहा है. अभी कम से कम छह महीने तक सेंसेक्स में बहुत अधिक सुधार की उम्मीद नहीं दिखती. हालांकि, उम्मीद है कि सरकार बजट में करों के मोर्चे पर कुछ राहत दे सकती है, साथ ही ब्याज दरों में भी कमी आने की संभावना है. इसके बाद बाजार में कुछ तेजी आएगी.
हालांकि, यदि विदेशी संस्थागत निवेशक खरीदारी करते हैं, तो आने वाले दिनों में बाजार की स्थिति सुधर सकती है. ऐसा भी नहीं है कि बाजार में बहुत अधिक उतार-चढ़ाव आए, यह सीमित दायरे में ही रहेगा.
जानकारों की कैसे एक फ्लैट बाजार में व्यापार करने के लिए राय
आजाद फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लि. के निदेशक अमित आजाद ने कहा, इस साल शेयर बाजार फ्लैट रहा है. सरकार द्वारा नोटबंदी के कदम के बाद से बाजार कुछ नीचे आया है, हालांकि, बाजार की बेहतरी के लिए उम्मीद है कि सरकार नीतिगत मोर्चे पर कुछ ऐसे कदम उठाएगी, जिससे अगले साल बाजार की स्थिति सुधरेगी.
आजाद का मानना है कि अभी अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में सुस्ती का आलम है. उद्योग से लेकर छोटे बड़े व्यापार तक, यहां तक कि मुद्रास्फीति भी अभी नीचे है. ऐसे में बाजार से बहुत उम्मीद करना बेमानी होगा.
निफ्टी का हाल
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 2016 के पहले दिन 7,963 अंक पर बंद हुआ था, जबकि अभी यह 8,000 अंक के आसपास है. इस लिहाज से निफ्टी में भी निवेशकों को काफी सीमित रिटर्न ही मिला है. सीएनआई रिसर्च लि. के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक किशोर पी. ओस्तवाल ने कहा कि नोटबंदी का अभी प्रभाव है. इसके अलावा वैश्विक कारण भी हैं, जो बाजार को प्रभावित कर रहे हैं. यदि सरकार बजट और उसके बाद बाजार की उम्मीदों के अनुरूप कदम उठाती है, जैसे कि कर कम होते हैं, ब्याज दरें नीचे आती हैं, तो जून, 2017 में निफ्टी 9,000 अंक के स्तर पर पहुंच सकता है.
शेयर बाजार के लिए कैसा था पिछला 5 साल
पिछले कुछ साल की बात की जाए, तो 2015 में सेंसेक्स में निवेशकों को करीब पांच प्रतिशत का नुकसान हुआ था. पिछले कुछ वर्षों में निवेशकों को सबसे अधिक नुकसान 2008 की वैश्विक मंदी में हुआ था. 2008 में सेंसेक्स में भी निवेशकों को 100 प्रतिशत से अधिक का नुकसान हुआ था.
हालांकि, 2009 में कमजोर आधार प्रभाव की वजह से निवेशकों को 95 प्रतिशत का रिटर्न मिला था. 2010 में निवेशकों को जहां 15 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न मिला, वहीं 2011 में निवेशकों को 25 प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा. 2012, 2013 और 2014 के कैलेंडर वर्ष में भी शेयरों में निवेश करने वाले निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिला. साल 2014 में तो निवेशकों को करीब 30 प्रतिशत का रिटर्न मिला.
दिल्ली में फ्लैट या घर का सपना पूरा करना होगा महंगा, बढ़ सकते हैं सर्किल रेट
सर्किल रेट जिला प्रशासन की ओर से जमीन, घर या फ्लैट की खरीद के लिए एक तय मानक रेट होता है, जिससे कम पर संपत्ति की खरीद या बिक्री नहीं की जा सकती. इसी रेट पर रजिस्ट्री होती है और प्रॉपटी की कुल कीमत कैसे एक फ्लैट बाजार में व्यापार करने के लिए का 5 फीसदी स्टांप शुल्क चुकाना पड़ता है.
- News18Hindi
- Last Updated : March 02, 2022, 13:27 IST
नई दिल्ली. अगर आप भी दिल्ली में घर या फ्लैट लेने का सपना देख रहे हैं तो उसे पूरा करने में आपको ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ सकती है. दिल्ली में प्रॉपटी के मार्केट रेट और सर्किल रेट में अंतर को कम करने के लिए अब सर्किल रेट बढ़ाने का प्रस्ताव लाया गया है. सर्किट दरों में बदलाव के इस प्रस्ताव को दिल्ली सरकार के रेवन्यू मंत्री के पास भेजा गया है. संभावना है कि वहां से पास होने के बाद इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए रखा जाएगा. हालांकि सर्किल रेट में कितना बदलाव होगा कैसे एक फ्लैट बाजार में व्यापार करने के लिए यह अभी तय नहीं है लेकिन दरों में करीब 30 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी का अनुमान लगाया जा रहा है.
ऐसे में जैसे ही यह प्रस्ताव कैबिनेट से पास हो जाएगा, वैसे ही दिल्ली कि रिहायशी इलाकों में फ्लैट और मकानों की कीमत में इजाफा हो जाएगा. हालांकि दिल्ली सरकार के इस प्रस्ताव का व्यापारी सहित कई संगठन विरोध जता रहे हैं. उनका कहना है कि कोरोना के बाद पैदा हुए हालातों में पहले ही प्रॉपटी के खरीदार नहीं मिल रहे हैं, अगर सर्किल रेट कैसे एक फ्लैट बाजार में व्यापार करने के लिए में बढ़ोत्तरी होती है तो लोगों के सामने न केवल खरीदने की बल्कि बेचने की भी समस्या पैदा हो जाएगी. हालांकि अभी जून 2022 तक वर्तमान में चल रहे कैसे एक फ्लैट बाजार में व्यापार करने के लिए सर्किल रेटों में कोई बदलाव नहीं होगा. अगर प्रस्ताव पास होता है तो ये जून के बाद ही लागू हो पाएंगे.
गौरतलब है कि दिल्ली में पिछले कई कैसे एक फ्लैट बाजार में व्यापार करने के लिए सालों में जमीन की बाजार कीमत तो बढ़ी है लेकिन सर्किल रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इससे पहले दिल्ली में 2014 में सर्किल रेट में बदलाव किया गया था. हालांकि दिल्ली में इलाकों में मौजूद सुविधाओं के हिसाब से सर्किल रेट अलग-अगल हैं. कुछ जगहों पर यह बहुत ज्यादा है तो कहीं पर बहुत कम है. सर्किल रेट जिला प्रशासन की ओर से जमीन, घर या फ्लैट की खरीद के लिए एक तय मानक रेट होता है, जिससे कम पर संपत्ति की खरीद या बिक्री नहीं की जा सकती. इसी रेट पर रजिस्ट्री होती है और रेट का 5 फीसदी स्टांप शुल्क चुकाना पड़ता है.
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व्यापारी कर रहे प्रस्ताव को टालने की मांग
ऐसे समय में जब दिल्ली में व्यापार अब भी पिछले दो वर्षों में कोविड के तीन दौर के कारण हुए भारी नुकसान से उबरने के लिए प्रयास कर रहा है और रियल स्टेट में भी भारी गिरावट है, ऐसे में दिल्ली में संपत्तियों की सर्कल दर बढ़ाने का कोई भी प्रयास दिल्ली के विकास के विपरीत होगा. वर्तमान में, विभिन्न श्रेणियों पर लागू सर्कल दरों पर 20 फीसदी की छूट है. यह अभी स्पष्ट नहीं है कि प्रस्तावित वृद्धि रियायती दर पर होगी या मूल दर पर लेकिन अगर यह मूल दर पर है तो 30 फीसदी की वृद्धि रियायती दर पर 62.5 फीसदी होगी जो कि बहुत ज्यादा है.
कैट के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा ने कहा कि कोविड महामारी के चलते केवल व्यापारियों की कैसे एक फ्लैट बाजार में व्यापार करने के लिए नही बल्कि अन्य सभी वर्गों और दिल्ली के आम आदमी की सारी बचत खत्म हो चुकी है क्योंकि पिछले दो वर्षों में कमाई हुई नही और खर्चे दोगुने कैसे एक फ्लैट बाजार में व्यापार करने के लिए हो गए. पहले से ही, कुछ श्रेणियों में सर्किल दरें संपत्तियों की वास्तविक बाजार दर से ज्यादा हैं. बाजार की दरें काल्पनिक हैं क्योंकि लोगों के सभी वर्गों द्वारा वित्तीय संकट का सामना करने के कारण दिल्ली में अचल संपत्ति का कोई खरीदार नहीं है. रियल स्टेट के बाजार भाव में पिछले कई वर्षों में सुधार नहीं हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप निर्माण के चरण में या बनी बनाई सम्पत्ति में लोगों की पूंजी का बड़ा हिस्सा अटका पड़ा है और बड़ी संख्या में संपत्तियां, फ्लैट खरीदारों के इंतजार में खाली पड़े हैं.
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