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फॉरेक्स में बार क्या है?

फॉरेक्स में बार क्या है?

Forex Trading Kya होती Hai ? हिंदी में जाने

आइए दोस्तो! क्या आप फॉरेक्स मार्केट या Forex Trading के बारे में जानना चाहते तो आप सही पोस्ट पर आए है फॉरेक्स में बार क्या है? और मैं खुद एक ट्रेडर हूं इसके बारे में आप को बेहतर तरीके से बता सकता हु। आइए जानते इस दुनिया की सबसे बड़ी मार्केट बारे में।

फॉरेक्स मार्केट क्या होता है –

फॉरेक्स क्या अर्थ होता है = foreion+exchange इस मार्केट में एक करेंसी को दूसरी करेंसी में बदला जाता है। यह दुनिया को सबसे बड़ी मार्केट है इसका रोज का लेनदेन 5 या 6 ट्रिलियन का होता है। यह 24×5 खुली रहती है और Suterday,Sunday बंद रहती है।

Forex Trading क्या होती है – FOREX TRADING IN HINDI

जिस तरह से लोग शेयर मार्केट में Profit यानी पैसा कमाने के लिए शेयरों की खरीदी बेचा करते है। इसी तरह इस forex market में किसी करेंसी को कम दाम में फॉरेक्स में बार क्या है? खरीद कर ज्यादा दाम में बेचने को ही फॉरेक्स ट्रेडिंग या करेंसी ट्रेडिंग कहते है। जिस तरह शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने पर high या medium रिस्क होता है। फॉरेक्स में बार क्या है? इस मार्केट में ट्रेडिंग करने पर medium या low रिस्क होता है। इसमें ट्रेड करने पर मार्जिन काम देना पड़ता है। आगे हम मार्जिन और जो भी फॉरेक्स मार्केट में फॉरेक्स में बार क्या है? concept है उसको जानेंगे।

India में फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे होती है

भारत में यह दो तरीके से हो सकती है

  1. इंडियन ब्रोकर अकाउंट जैसे – Zerodha,Upstox Etc.
  2. International ब्रोकर अकाउंट जैसे – Octafx, Exness,Tickmill Etc.
    औरSEBI के गाईडलाइन के अनुसार NSE और BSE एक्सचेंज को दिए गये निर्देश के अनुसार सिर्फ पंजीकृत ब्रोकरों को ही यह ट्रेडिंग कराने की अनुमति है। यह ट्रेडिंग कानूनी रूप से लीगल है।
  • कुछ ही सालों में भारत में बाहरी फॉरेन एक्चेंज ने काफी दिलचस्पी दिखाई है और वह भारत में ट्रेडिंग कराने लगे है।

भारत में Forex Trading के कॉन्सेप्ट –

  • ट्रेडिंग करने के लिए सबसे जरूरी है Money Management, Risk Managment और Pyscology यही ट्रेडिंग का आधार है।
  • फॉरेक्स ट्रेडिंग हमेशा जोड़ो में होती है। जैसे – USD/INR ,GBP/INR, EUR/INR
  • भारत में करेंसी ट्रेडिंग दो तरह से होती है ऑप्शन ट्रेडिंग और फ्यूचर ट्रेडिंग

करेंसी हमेशा Pairs Me ट्रेड होती है।Pairs की कीमत हमेशा ऊपर नीचे होती रहती है।करेंसी Pairs के लिए फार्मूला होता है।

बेस करेंसी/कोटेशन करेंसी = Price (कीमत)

  • बेस करेंसी – बेस करेंसी हमेशा किसी देश करेंसी के एक बराबर माना जाता है। जैसे – 1 डॉलर 1 रुपया 1 जापानी येन
  • कोटेशन करेंसी – कोटेशन करेंसी वह करेंसी जो बेस करेंसी के मुकाबले बताया जाता है
  • Price – कीमत उसे कहते जो बेस करेंसी के मुकाबले कोटेशन की कीमत होती है

मान लीजिए की USD (अमेरिकी डॉलर)/INR (भारतीय रुपए) एक पेयर है जिसकी कीमत = 79 है।

यहां USD अमेरिकी डॉलर एक बेस करेंसी है और INR भारतीय रुपया एक कोटेशन करेंसी है। इसकी कीमत 79 है जिसका मतलब है 1 डॉलर लेने के लिए 79 रुपया देना होगा।

भारत में ट्रेडिंग करने के कुछ नियम –

Lot – फॉरेक्स ट्रेडिंग हमेशा Lot साइज में होती है।भारत में एक Lot 1000 करेंसी का होता है यानी 1000 बेस करेंसी का। JPY/INR में यह 10000 का होता है।

Pips या Tick– पेयर्स में प्राइस की सबसे छोटी movment को pip या tick कहते है। भारत में 1 Pip = 0.0025 होता है।

मार्जिन – मार्जिन शब्द हमेशा ट्रेडिंग में इस्तेमाल होता है।जैसे हम कोई ट्रेड में एंटर करते है तो हमे पूरा पैसा न देकर कुछ परसेंट पैसा देकर ट्रेड में एंटर कर सकते है जैसे USD/INR का एक lot buy करना है तो 79000 रुपए का होता है क्यों होता क्योंकि lot 1000 का फॉरेक्स में बार क्या है? था lot हमेशा बेस करेंसी के बराबर होता है लेकिन हमे लेवरेज मिलता जिसके कारण हमे सिर्फ 2000 ya 2200 में आप ट्रेड कर सकते है। इसी को मार्जिन कहते है।

Trading Hours – भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग का समय सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक ही होती है।

फॉरेक्स मार्केट को इफेक्ट करने वाले कारक

USD/INR का प्राइस कम को एप्रीसिएशन कहते है और प्राइस बढ़ने को डिप्रीशिएशन कहते है। प्राइस कम होने का मतलब है भारतीय रुपया मजबूत होता है।जब प्राइस बढ़ता है तो भारतीय रुपया कमजोर होता है।

  1. इनफ्लेशन (मुद्रास्फीति) – जब महगाई की दर यानी महंगाई कम होती है तब INR एप्रीसिएशन होता है
  2. इंटरेस्ट रेट्स (ब्याज दर) – जब rbi रेट्स बढ़ाता है फॉरेक्स में बार क्या है? तब भी INR एप्रीसिएशन होता है।
  3. RBI का USD/INR का बेचना – जब INR का प्राइस बढ़ने लगता है।इससे एक्सपोर्टइंपोर्ट करने में परेशानी होने लगती है तो RBI USD/INR बेचने लगता है इससे मार्केट स्थिर हो जाता है और एप्रेशियट होने लगता है।
  4. निर्यात – जब एक्सपोर्ट या निर्यात बढ़ने लगता है।तब INR एप्रीसिएशन होता है।
  5. राजनीतिक स्थिरता – भारत में जब सरकार बार – बार नही बदलती है और एक सरकार पूरे पांच साल तक रहती है तो भी INR एप्रीसिएशन होता है
  6. करेंट अकाउंट डेफिसिट – करेंट अकाउंट डेफिसिट होता है तो भी INR का प्राइस कम होने लगता है

Forex Trading में जरुरी टिप्स

  • ट्रेडिंग करने के लिए सबसे जरूरी है सही ब्रोकर को फॉरेक्स में बार क्या है? चुनना।कुछ ब्रोकर hidden चार्जेस लेने लगते है।
  • ट्रेडिंग करते समय जरूरी है आप इमोशन पर काबू करे नही तो ट्रेडिंग आपकी दुश्मन बन जायेगी। जिसने भी इमोशन को कंट्रोल कर लिया वह ट्रेडर बन गया। ट्रेडिंग में 90% साइकोलॉजी यानी इमोशन और 10% स्किल important है।
  • आप हमेशा सीखते रहे और प्रैक्टिस करते है इससे आपकी स्किल improve होगी आप और भी अच्छे ट्रेडर बन पायेंगे।
  • एक अच्छा ट्रेडर मार्केट की साइकोलॉजी को समझता है वह यह जानता है अब मार्केट ओवरबॉट या ओवरसेल हो चुका है
  • जो ट्रेडर रिस्क नहीं लेता वह ट्रेडर नही होता है ।बिना रिस्क लिए आप प्रॉफिट नहीं कमा सकते है।वो डायलॉग सुना है रिस्क है तो इश्क है।
  • टेक्निकल एनालिसिस करे! और फॉरेक्स में बार क्या है? उसे ज्यादा से ज्यादा सीखे और चार्ट पैटर्न को देख कर ट्रेड करने का निर्णय लीजिए ।
  • स्टॉप लॉस ट्रेडिंग सबसे जरूरी हिस्सा है ।जब भी आप ट्रेड में एंटर हो पहले आप अपना स्टॉप लॉस सेट करने के बाद ही किसी ट्रेड में एंटर करे।

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भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार तीसरे हफ्ते तेजी, 550 अरब डॉलर हुआ फॉरेक्स रिजर्व

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार तीसरे हफ्ते तेजी. (फोटो- न्यूज18)

वैश्विक घटनाक्रमों के कारण कच्चे तेल की बढ़ी हुई कीमतों, आयात महंगा होने व रुपये के मूल्य में कमजोरी से विदेशी मुद्रा भ . अधिक पढ़ें

  • News18 हिंदी
  • Last Updated : December 03, 2022, 08:24 IST

हाइलाइट्स

भारत का फॉरेक्स रिजर्व समीक्षाधीन सप्ताह में करीब 3 अरब डॉलर बढ़ा.
देश के गोल्ड रिजर्व में इस दौरान 7.3 करोड़ डॉलर की गिरावट आई.
शेयर बाजार में शुक्रवार को लंबे बुल रन के बाद गिरावट देखने को मिली.

नई दिल्ली. देश का विदेशी मुद्रा भंडार 25 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान लगातार तीसरे हफ्ते बढ़त में रहा. सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 2.9 अरब डॉलर बढ़कर 550.14 अरब डॉलर पर पहुंच गया. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 18 नवंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.54 अरब डॉलर बढ़कर 547.25 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. अगस्त, 2021 के बाद देश के विदेशी मुद्रा भंडार में इस सप्ताह सबसे तेज वृद्धि हुई है.

गौरतलब है कि अक्टूबर, 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर फॉरेक्स में बार क्या है? पहुंच गया था. हालांकि, इसके बाद वैश्विक घटनाक्रमों के कारण कच्चे तेल की बढ़ी हुई कीमतों, आयात महंगा होने व रुपये के मूल्य में कमजोरी से विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से नीचे की ओर लुढ़का था. आरबीआई ने इसके बाद रुपये में गिरावट को थामने के लिए हस्तक्षेप किया और साथ ही कच्चे तेल के दाम भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी नीचे आ गए. इससे फॉरेक्स रिजर्व को अब कुछ राहत मिलती दिख रही है.

मुद्रा भंडार से जुड़े अन्य आंकड़े
केंद्रीय बैंक ने कहा कि कुल मुद्रा फॉरेक्स में बार क्या है? भंडार का अहम हिस्सा माने जाने वाली फॉरन करेंसी एसेट (एफसीए) 25 नवंबर को समाप्त सप्ताह में तीन अरब डॉलर बढ़कर 484.28 अरब डॉलर हो गई. इसके अलावा गोल्ड रिजर्व का मूल्य समीक्षाधीन सप्ताह में 7.3 करोड़ डॉलर की गिरावट के साथ 39.938 अरब डॉलर रह गया. आंकड़ों के अनुसार, एसडीआर 2.5 करोड़ डॉलर घटकर 17.88 अरब डॉलर रह गया. समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में रखा देश का मुद्रा भंडार भी 1.4 करोड़ डॉलर घटकर 5.03 अरब डॉलर रह गया.

रुपया गिरकर हुआ बंद
डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 7 पैसे की गिरावट के साथ 81.33 के स्तर पर बंद हुआ. ऐसा तब हुआ है जब डॉलर कमजोर हुआ है. हालांकि, विदेशी निवेशकों द्वारा एक बार फिर निकासी किए जाने के कारण रुपये की वैल्यु को झटका लगा. गुरुवार को एफआईआई शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने 1565 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. शुक्रवार को सेंसेक्स भी करीब 416 अंक टूटकर 62868 के स्तर पर बंद हुआ. कच्चे तेल की कीमतों में आज कुछ गिरावट देखने को मिल रही है. ब्रेंट क्रूड 1.31 डॉलर गिरकर 85.57 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा है.

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Borderless Multi Currency Prepaid card

जब आपका काम एक देश से दूसरे देश में लगातार आने जाने का हो तब ऐसी स्थिति में आपके पास के ऐसा प्रीपेड कार्ड होना चाहिए जो एक से अधिक देशों की मुद्राओं के साथ हो। सीमाहीन प्रीपेड कार्ड ऐसा ही एक कार्ड है जो उन ग्राहकों को जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है जो लगातार विदेश यात्रा पर रहते हैं। इस कार्ड की मदद से आपकी विदेश यात्रा में होने वाली परेशानियों में कैश संबंधी किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी। बोर्डर्लेस प्रीपेड मल्टीकरेंसी कार्ड नकदी का सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है। इस एक कार्ड की मदद से आप सरलता और सुविधा से अलग-अलग विदेशी मुद्राएँ जैसे स्विस फ्रेंक, अमरीकी डॉलर, औस्ट्रेलियन डॉलर, यूरो, ब्रिटिश पाउंड, केनेडियन डॉलर, सिंगापूर डॉलर, जापनी येन और अरब इमिरत द्रीहाम आदि बिना किसी परेशानी के अपने साथ ले जा सकते हैं। इस प्रकार आप निश्चिंत होकर एक देश से दूसरे देश में अपने सच्चे साथी के रूप में इस कार्ड को ले जा सकते हैं

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RBI ने झोंक दिए डॉलर फिर भी नहीं संभल पाया रुपया, बना फिर ये नया रिकॉर्ड

इससे पहले पिछले सप्ताह रुपये ने 2 बार ऑल टाइम लो (Rupee All Time Low) का नया रिकॉर्ड बनाया था. इंटरबैंक फॉरेक्स एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, पिछले सप्ताह सोमवार को कारोबार समाप्त होने के बाद रुपया 56 पैसे गिरकर 77.46 प्रति डॉलर के लेवल पर बंद हुआ था.

लगातार कम हो रही है वैल्यू

सुभाष कुमार सुमन

  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2022,
  • (अपडेटेड 17 मई 2022, 8:52 PM IST)
  • रुपये को नहीं मिल रहा संभलने का मौका
  • 6 दिन में 3 बार नए लो लेवल पर गया रुपया

भारतीय मुद्रा 'रुपया (INR)' के लिए ये सबसे खराब दौर चल रहा है. रुपये की वैल्यू (Indian Rupee Value) पिछले कुछ दिनों में बड़ी तेजी से कम हुई है और ये एक के बाद एक नए निचले स्तर पर पहुंचता जा रहा है. मंगलवार को घरेलू शेयर बाजार में 2.50 फीसदी से ज्यादा की तेजी के बाद भी रुपये ने गिरने का नया रिकॉर्ड बना दिया. भारतीय करेंसी मंगलवार के कारोबार में डॉलर के मुकाबले अपने अब तक के सबसे निचले स्तर तक गिर गई. रुपये की हालत इन दिनों इस कदर खराब हो चुकी है कि रिजर्व बैंक (RBI) के प्रयास भी नाकाफी साबित हो रहे हैं. घरेलू करेंसी की वैल्यू बचाने के लिए रिजर्व बैंक अपने भंडार से डॉलर बाजार में झोंके जा रहा है, लेकिन इसके बाद भी वैल्यू गिर ही रही है.

रिजर्व बैंक के प्रयास से भी नहीं संभला रुपया

इंटरबैंक फॉरेक्स एक्सचेंज (Interbank Forex Exchange) के कारोबार में रुपया शुरुआत में ही गिरकर डॉलर (USD) के मुकाबले 77.67 पर खुला. दिन के कारोबार में यह एक समय गिरकर प्रति डॉलर 77.80 तक के स्तर तक आ गया. यह रुपये का अभी तक का सबसे कमजोर स्तर है. इसके बाद रिजर्व बैंक ने स्पॉट (Spot Market) और फ्यूचर (Future Market) दोनों मार्केट में दखल दी, तो रुपये को कुछ राहत मिल पाई. हालांकि इसके बाद भी मंगलवार के कारोबार में यह 25 पैसे गिरकर 77.56 पर बंद हुआ. सोमवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 77.31 पर रहा था.

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लगातार बन रहा गिरने का नया रिकॉर्ड

इससे पहले पिछले सप्ताह रुपये ने 2 बार ऑल टाइम लो (Rupee All Time Low) का नया रिकॉर्ड बनाया था. इंटरबैंक फॉरेक्स एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, पिछले सप्ताह सोमवार को कारोबार समाप्त होने के बाद रुपया 56 पैसे गिरकर 77.46 प्रति डॉलर के लेवल पर बंद हुआ था. यह भारतीय करेंसी का तब तक के इतिहास का सबसे निचला स्तर (INR All Time Low) था. उस दिन रुपये ने मार्च में 76.98 प्रति डॉलर तक आई गिरावट का रिकॉर्ड तोड़ा था. इसके बाद पिछले सप्ताह गुरुवार को रुपया 77.50 पर बंद हुआ था. अब भारतीय करेंसी फॉरेक्स में बार क्या है? नया लो लेवल छू चुकी है.

एफपीआई की बिकवाली कर रही कमजोर

विदेशी निवेशक (FPI) भारतीय बाजार से लगातार बिकवाली कर रहे हैं. रुपये की वैल्यू में गिरावट का मुख्य कारण यही है. एफपीआई लगातार इंडियन मार्केट में नेट सेलर बने हुए हैं. अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने के बाद इसकी रफ्तार और बढ़ गई है. शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स ने इंडियन इक्विटी मार्केट से 2,192 करोड़ रुपये निकाले. इस महीने एफपीआई लगभग हर सेशन में बिकवाल रहे हैं.

साल भर में इतना गिर चुका है रुपया

इन्वेस्टमेंट को लेकर सलाह देने वाली कंपनी Millwood Kane International के Founder & CEO Nish Bhatt ने इस बारे में बताया कि रुपया लगातार नए लो लेवल पर जा रहा है. इस प्रोसेस में पिछले 1 साल में रुपये की वैल्यू करीब 6 फीसदी गिर चुकी है. डॉलर इंडेक्स के मजबूत होने और ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ पर मंडरा रहे संकट के बादल रुपये की वैल्यू गिरा रहे हैं. दुनिया भर में खासकर चीन में कमजोर आर्थिक आंकड़े डॉलर इंडेक्स को मजबूत कर रहे हैं, जो अभी करीब 2 दशक के हाई लेवल पर पहुंच चुका है. घरेलू मोर्चे पर बाजार में हो रही बिकवाली रुपये की कीमत को प्रभावित कर रही है. अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने के बाद इसमें और तेजी आएगी. महंगाई भी बढ़ी हुई है. इन कारणों को देखकर हमें लगता है कि फिलहाल रुपये के ऊपर दबाव बना रहने वाला है.'

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