क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है

2. कुछ क्रिप्टो करेंसी high risk पर high return देती हैं जबकि कुछ low risk पर low return हो सकती है, आप कितना जोखिम उठा सकते हैं ये आप पर निर्भर करता है।
CBDC in Hindi – आरबीआई द्वारा जारी की गई डिजिटल करेंसी क्या है, RBI क्रिप्टो करेंसी
CBDC in Hindi – RBI preparing to introduce digital currency, see what will be the mode of transaction here. भारतीय रिजर्व बैंक देश में अपनी डिजिटल करेंसी (क्रिप्टो करेंसी) लाने पर विचार कर रहा है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो देश में डिजिटल करेंसी का आगाज हो सकता है। जल्द ही आरबीआई की एक अंतर-विभागीय समिति इस पर फैसला लेने जा रही है। आरबीआई का मानना है कि भुगतान उद्योग के तेजी से बदलते हालात, निजी Digital Token का चलन और कागज के नोट या सिक्कों को तैयार करने में बढ़ते खर्च की वजह से काफी समय से आभासी मुद्रा की जरूरत महसूस हो रही है।
आपको बता दें कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानि CBDC पर पूरा नियंत्रण RBI का होगा। आरबीआई के हाथों भारत की क्रिप्टोकरंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड होगी। जबकि अन्य क्रिप्टो करेंसी जैसे बिटकॉइन Decentralized होती है, यानि उसमें किसी एक व्यक्ति या इंस्टीटूशन का कंट्रोल नहीं होता।
सीबीडीसी (CBDC) क्या है?
CBDC का फुल फॉर्म सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी है – ऐसी करेंसी जो पूरी तरह से डिजिटल क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है होगी, न कि नोट या सिक्के की तरह उसका स्वरूप होगा। इसे वर्चुअल करंसी या वर्चुअल मनी कह सकते हैं क्योंकि यह आपके बटुए या हाथ में नहीं दिखेगा लेकिन काम वैसा ही होगा जैसा रुपये और सिक्के से होता है। रुपये-पैसे को जहां फिएट करंसी कहते हैं, लेकिन क्रिप्टोकरंसी डिजिटल होगी। आसान भाषा में कहें तो रुपये को डिजिटल फॉर्म में रखा जाएगा।
केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) एक लीगल करेंसी है और डिजिटल तरीके से सेंट्रल बैंक की लाइबिलिटी है जो सॉवरेन करेंसी के रूप में उपलब्ध है। CBDC बैंक की बैलेंसशीट में भी दर्ज है और यह करेंसी का इलेक्ट्रॉनिक रूप है जिसे कैश से तब्दील किया जा सकता है। अभी फिलहाल RBI cryptocurrency launch date का ज्ञात नहीं है। वैसे भारत में दिसंबर में सीबीडीसी को लाया जा सकता है। इसके संकेत रिजर्व बैंक ने पहले ही दे दिए हैं।
CBDC और क्रिप्टोकरंसी में क्या कोई फर्क होगा?
सीबीडीसी को भारत का केंद्रीय बैंक RBI से समर्थन प्राप्त होगा और आरबीआई ही इसे जारी भी करेगा। वहीं दूसरी ओर, क्रिप्टोकरंसी पूरी तरह से Decentralize होता है। यानी किसी बैंक की मनमानी उस पर नहीं चलती। वह बैंक से नियंत्रित नहीं होता और न ही किसी बैंक से क्रिप्टो का कोई लेना-देना नहीं होता। इस हिसाब से देखें तो सीबीडीसी और क्रिप्टोकरंसी में बड़ा फर्क होगा। Cryptocurrency अभी तक कुछ अपवाद को छोड़ दें तो यह अभी भी वैध नहीं है। यानि आप किसी भी क्रिप्टो करेंसी का उपयोग किसी वस्तु को खरीदने के लिए नहीं कर सकते। लेकिन भारत का सीबीडीसी पूरी तरह से वैध होगी।
आरबीआई के अनुसार अगर Digital Currency चलन में आती है तो मनी ट्रांजैक्शन और लेन-देन के तरीके बदल सकते हैं। इससे ब्लैक मनी पर अंकुश लगेगा। क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है समिति का कहना है कि डिजिटल करेंसी से मॉनिटरी पॉलिसी का पालन आसान होगा। इसमें डिजिटल लेजर टेक्नॉलजी (DLT) का इस्तेमाल होना चाहिए। डीएलटी से विदेश में लेन-देन का पता लगाना आसान होगा। वही अभी तक अन्य क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन व एथेरेयम के साथ ऐसा नहीं था।
भारत के लिए CBDC का मतलब
आपको यह जानकर बहुत खुशी होंगी कि भारत बहुत पहले से सीबीडीसी पर विचार कर रहा है। रिजर्व बैंक इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने के पक्ष में है। कोशिश यही है कि Central Bank Digital Currency (CBDC) को ऐसे लागू किया जाए ताकि कम से कम अवरोध में ज्यादा काम हो जाए। रुपये-पैसे के तौर पर यह डिजिटल फॉर्मेट में होगा। लोग इसे रुपये के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे और देश के होलसेल और रिटेल मार्केट में भी इसका चलन देखने को मिल सकता है।
साथ ही देश में अपनी खुद की डिजिटल करेंसी शुरू होने से नकदी पर दबाव कम होगा। भारत में बड़े पैमाने पर नकदी का इस्तेमाल होता है। इससे सरकार को नोटों की छपाई और सिक्कों की ढलाई पर लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करने होते हैं। परन्तु सीबीडीसी इसमें राहत दे सकता है। इसका बड़ा फायदा अंतरराष्ट्रीय ट्रांजेक्शन में देखा जा सकता है। भारत आने वाले दिनों में दुनिया का प्रबल आर्थिक महाशक्ति होगा। जिसे देखते हुए डिजिटल करंसी की दुनिया में भी पांव पसारने होंगे। इस लिहाज से सीबीडीसी बड़ा रोल निभा सकता है। इससे पहले अमेरिका और चीन ने भी अपनी-अपनी Digital Currency निकली है।
Digital Currency in India: डिजिटल मुद्रा जल्द होगी लॉन्च, बिटकॉइन से अलग कैसे?
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ( rbi ) ने चरणबद्ध तरीके से भारत में डिजिटल करेंसी जल्द लॉन्चिंग की तैयारी तेज कर दी है। आरबीआई की 2021 के अंत तक खुद की केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा ( Central Bank Digital Currency ) शुरू करने की योजना है। सीबीडीसी ( CBDC ) की शुरुआत भारत के लिए ऐतिहासिक साबित होने की संभावना है। इसे परंपरागत बैंकिंग सिस्टम से अलग आरबीआई की एक नई पहल के तौर पर लिया जा रहा है। खास बात यह है कि भारत में डिजिटल करेंसी शासकीय निकाय का हिस्सा होगा।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सीएनबीसी को एक साक्षात्कार के दौरान बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक दिसंबर तक अपना पहला डिजिटल मुद्रा ट्रेल कार्यक्रम ( trail programmes ) शुरू कर सकता है। डिजिटल करेंसी की लॉन्चिंग को लेकर हम अभी से बेहद सावधान हैं। यह न केवल हमारे लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक नया उत्पाद है।
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सीबीडीसी क्रिप्टोकरेंसी से अलग कैसे?
क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency ) को एक करेंसी की बजाय एक वस्तु के रूप में ज्यादा आंका जाता है। ऐसा इसलिए कि किसी को बिटकॉइन में निवेश करने के लिए पहले मुद्रा खरीदना होता है। क्रिप्टोकरेंसी बेहद अस्थायी करेंसी है। फिर क्रिप्टोकरेंसी का कोई कानूनी जारीकर्ता नहीं है। जबकि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा यानि सीबीडीसी ( CBDC ) को आरबीआई जारी करेगा। इसलिए केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा को रियल करेंसी के तौर पर देखा जाएगा।
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सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी क्या है?
केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा मूल रूप से एक डिजिटल या आभासी मुद्रा है जो आरबीआई द्वारा निविदा क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है के रूप में जारी की जाती है। यह मौजूदा डिजिटल या फिएट करेंसी के समान हैं। खास बात ह है कि यह एक कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त मुद्रा है जिसे वित्तीय निकायों का समर्थन हासिल है।
Crypto currency: भारत में आशंकाओं के डर से सहम गया डिजिटल करेंसी का भविष्य
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भारत में क्रिप्टो करेंसी (Crypto currency) पर शिकंजा कसने की खबरों के सामने आने के बाद से ही क्रिप्टो मार्केट में इसकी वैल्यू गोते खाने लगी है. क्रिप्टो करेंसी के दामों में गिरावट लगातार जारी है और इनमें 15 फीसदी से भी ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है. दरअसल, लोकसभा बुलेटिन में केंद्र सरकार की ओर से जानकारी दी गई थी कि संसद के शीतकालीन सत्र में द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 (The Crypto currency & Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) लाया जा सकता है. केंद्र सरकार के इस फैसले को कुछ लोग सही मान रहे हैं, तो कुछ लोग गलत बता रहे हैं. क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर चुके लोगों के बीच इसके बैन होने की आशंकाएं बढ़ गई हैं और लगातार टूटती कीमतों की वजह से भारी नुकसान होना भी तय माना जा रहा है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो डिजिटल करेंसी का भविष्य भारत में आशंकाओं के बीच झूल रहा है.
क्रिप्टो करेंसी है 'पंटर गेम'
एक अनुमान के अनुसार, भारत में 1.5 करोड़ से ज्यादा लोग क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं. दरअसल, क्रिप्टो करेंसी में पुराने निवेश के जरिये लोगों ने काफी पैसा बनाया है. लेकिन, यह लोगों को जितनी तेजी से मुनाफा देती है, उतनी ही तेजी से घाटा भी पहुंचाती है. दरअसल, क्रिप्टो करेंसी एक तरह का पंटर गेम है. आसान शब्दों में इसे कमोडिटी यानी वायदा बाजार की तरह माना जा सकता है. लेकिन, इस पर किसी तरह का कंट्रोल नहीं है तो इसमें जोखिम की संभावना बहुत ज्यादा होती है. कोरोना महामारी के बाद से ही क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव बना हुआ है. टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के एक बयान पर इसके भाव बढ़ने लगते हैं, तो चीन के प्रतिबंध लगाने पर क्रिप्टो करेंसी के दामों में गिरावट आने लगती है. भारतीय संसद में क्रिप्टो करेंसी से जुड़ा बिल आने की खबर के बाद से भी इसका भाव लगातार गिर रहा है.
क्या सारी क्रिप्टो करेंसी हो जाएंगी बैन?
केंद्र सरकार क्रिप्टो करेंसी को लेकर क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 लाने जा रही है. ये बिल अभी संसद में पेश होना बाकी है. इस स्थिति में अभी इसके बारे में केवल संभावनाएं जताई जा रही हैं. जिसने लोगों में आशंकाएं बढ़ा दी हैं कि अगर सरकार सारी क्रिप्टो करेंसी को प्रतिबंधित कर देगी, तो निवेशकों का नुकसान होना तय है. भारत में जिन लोगों ने इसमें निवेश किया है, वो फंसने की संभावना है. लेकिन, केंद्र सरकार के इस बिल को लेकर सामने आए संकेतों को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार की ओर से सभी क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगाने की संभावना कम नजर आ रही है. दरअसल, क्रिप्टो करेंसी दो तरह की होती है. पहली पब्लिक और दूसरी प्राइवेट. पब्लिक क्रिप्टो करेंसी को ट्रेसेबल करेंसी कहा जा सकता है. क्योंकि, पब्लिक क्रिप्टो करेंसी के ट्रांजैक्शन एक-दूसरे से लिंक होते हैं और उनके लेन-देन के बारे में जानकारी जुटाई जा सकती है. वहीं, प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी में इसके यूजर या लेनदेन की जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जाता है. प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी के यूजर की प्राइवेसी को बनाए रखा जाता है. जिसकी वजह से इसे ट्रेस करना मुश्किल है.
Digital Rupee: बजट 2022 में हुई डिजिटल करेंसी की घोषणा, किस तरह काम करेगी भारत की अपनी डिजिटल करेंसी
आज संसद में हमारी केंद्रीय वित्त मंत्री (फाइनेंस मिनिस्टर) निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 पेश किया है। इसी बजट में उन्होंने बताया कि रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) अब अगले फाइनैंशियल ईयर (2022-23) में भारत की अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगा। ये वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2022 को शुरू होने वाला है। इससे डिजिटल इकॉनमी और कोरोना से चरमराई भारतीय की वर्तमान स्थिति में मदद मिलेगी।
इससे पहले भी RBI की तरफ से डिजिटल करेन्सी को लेकर एक इशारा आया था, लेकिन सरकार की तरफ से इसकी पहली ऑफिशियल या आधिकारिक घोषणा अब हुई है। इसे CBDC (Central Bank Digital Currency) के नाम से आज के बजट सत्र में पेश किया है।
किस तरह काम करेगा ये डिजिटल रुपया या डिजिटल करेंसी ?
सबसे पहले तो ये एक सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कानूनी करेंसी या मुद्रा है। जिस तरह भारत में 100, 500, 2000 के नोट वैध या मान्य हैं, वैसे ही ये डिजिटल करेंसी भी एक लीगल (कानूनी) करेंसी है, जिसका उपयोग आप इन नोटों की जगह भी कर सकेंगे। यहां फर्क केवल इतना है कि ये 500, 2000 के नोट एक पेपर की रेगुलर करेंसी, जबकि CBDC डिजिटल करेंसी होगी। साधारण भाषा में कहें तो CBDC वैसी ही मुद्रा या रूपए हैं, जैसे हम अभी इस्तेमाल करते हैं, लेकिन ये डिजिटल रूप में उपलब्ध होंगे।
CBDC एक डिजिटल फॉर्म में उपलब्ध, भारत की अपनी करेंसी है, जो आगे लेन-देन को और आसान करेगी। RBI के अनुसार, ये अभी मौजूद रेगुलर करेंसी का एक सुरक्षित और आसान विकल्प होगा। हालांकि ये एक क्रिप्टो करेंसी नहीं है और भारत में क्रिप्टो करेंसी मान्य भी नहीं है। साथ ही RBI ने साफ़ किया है कि CBDC एक लीगल करेंसी है, लेकिन ये अन्य वर्चुअल करेंसियों से बिलकुल अलग है।
क्या आप क्रिप्टो ट्रेडिंग (Crypto Trading) में नए हैं? कहां से करें शुरुआत और क्या हर कोई कर सकता है ट्रेडिंग? आइए जान लेते हैं
Highlights क्रिप्टो करेंसी ने पिछले कुछ वर्षों में काफी तेजी से ग्रो की है। ऐसे में जिन लोगों ने धैर्य से काम लिया है आज वे करोड़पति बन गए है। आज की तारीख में क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करना बहुत ही आसान बन क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है गया है।
Crypto: वर्ष 2010 में 10000 रूपए की मूल्य के Crypto currency आज की तारीख में लगभग 66 करोड़ रूपए के हो गए हैं उस समय जिन्होंने धैर्य के साथ विश्वास करके invest बनाए रखा वो सभी आज करोड़पति बन गए।