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सेबी और म्युचुअल फंड

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Sebi Guidelines

म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए सेबी दिशानिर्देश

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड, जिसे आमतौर पर सेबी के नाम से जाना जाता है, प्रतिभूतियों का नियामक हैबाज़ार भारत में। सेबी की स्थापना वर्ष 1988 में हुई थी और 30 जनवरी 1992 को सेबी अधिनियम, 1992 के माध्यम से वैधानिक अधिकार दिए गए थे। सेबी प्रतिभूतियों के बाजार को विनियमित और सेबी और म्युचुअल फंड बढ़ावा देते हुए प्रतिभूतियों में निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए काम करता है।

सेबी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी:

नाम भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड
आरंभ 12 अप्रैल 1992
प्रकार नियामक संस्था
अध्यक्ष Madhabi Puri Buch (1 March 2022 to Present)
पूर्व अध्यक्ष अजय त्यागी (10 फरवरी 2017 से 28 फरवरी 2022)
मुख्यालय मुंबई
निवेशकों के लिए टोल-फ्री सेवा 1800 266 7575/1800 22 7575
प्रधान कार्यालय दूरभाष +91-22-26449000/40459000
प्रधान कार्यालय फैक्स +91-22-26449019-22/40459019-22
ईमेल सेबी [एटी] sebi.gov.in

म्युचुअल फंड के लिए सेबी दिशानिर्देश

सेबी ने यह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न तरीकों और उपायों के बारे में बताया हैनिवेशक संरक्षण समय - समय पर। यह संबंधित नीतियां बनाने के लिए जिम्मेदार हैम्यूचुअल फंड्स. यह सुनिश्चित करता है कि जो कोई भी म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश करता है, उसकी सुरक्षा उद्योग के नियमों और विनियमों द्वारा की जा रही है। सेबी सुनिश्चित करता है कि अलग-अलग द्वारा दी जाने वाली हर योजना में एकरूपता होम्यूचुअल फंड हाउस.

हर योजना में एक समान कुछ प्रमुख चीजें निवेश उद्देश्य हैं,परिसंपत्ति आवंटन, जोखिमकारक, शीर्ष जोत, आदि Anइन्वेस्टर कौन करने की योजना बना रहा हैम्यूचुअल फंड में निवेश करें पता होना चाहिए कि सेबी ने 6 अक्टूबर 2017 को म्यूचुअल फंड को फिर से वर्गीकृत किया है। यह म्यूचुअल फंड हाउस को उनकी सभी योजनाओं (मौजूदा और भविष्य की योजना) को 5 व्यापक श्रेणियों और 36 उप-श्रेणियों में वर्गीकृत करने के लिए अनिवार्य करता है।

सेबी ने म्यूचुअल फंड की खरीद-बिक्री को इनसाइडर ट्रेडिंग कारोबार नियम के दायरे में लाया

Updated: November 25, 2022 4:20 PM IST

SEBI Brings Rules for Mutual Funds Under Insider Trading

पूंजी बाजार नियामक सेबी (Sebi) ने म्यूचुअल फंड यूनिट (Mutual Fund Unit) की खरीद-बिक्री को भेदिया कारोबार (Insider Trading) संबंधी नियमों के दायरे में लाने के लिए नियमों में बदलाव किया है.

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इस समय भेदिया कारोबार (Insider Trading) संबंधी नियम सूचीबद्ध कंपनियों की प्रतिभूतियों के मामले में लागू होते हैं. इसके अलावा सूचीबद्ध होने के लिए प्रस्तावित कंपनियों पर भी ये नियम लागू होते हैं.

अभी तक म्युचुअल फंड इकाइयों (Mutual Fund Units) को प्रतिभूतियों की परिभाषा से बाहर रखा गया था.

सेबी का ताजा फैसला फ्रैंकलिन टेम्पलटन प्रकरण के बाद आया है, जिसमें फंड हाउस के कुछ अधिकारियों पर यह आरोप है कि उन्होंने छह ऋण योजनाओं पर रोक लगाए जाने से पहले उन योजनाओं में अपनी हिस्सेदारी को भुनाया था.

सेबी ने बृहस्पतिवार को सेबी और म्युचुअल फंड जारी एक अधिसूचना में कहा, ‘कोई भी अंदरूनी सूत्र किसी अप्रकाशित संवेदनशील जानकारी से परिचित होने की स्थिति में म्यूचुअल फंड की ऐसी किसी योजना की इकाइयों में लेनदेन नहीं करेगा, सेबी और म्युचुअल फंड जिसके शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य पर उस जानकारी के कारण प्रभाव पड़ सकता है.’

म्यूचुअल फंड के लिए सेबी ने तय की सेलिब्रिटी की परिभाषा, जानिए कौन कर सकता है प्रमोट

Mutual Fund AMFI News: सेबी ने म्यूचुअल फंड के प्रमोशन के लिए सेलिब्रिटीज की एक नई परिभाषा तय कर दी है. ये नई परिभाषा 1 जनवरी 2023 से लागू हो जाएगी.

Mutual Fund AMFI News: म्यूचुअल फंड सही है. ये तो आपने कई बार विज्ञापनों में सुना होगा. लेकिन म्यूचुअल फंड कितना सही है, ये तब पता चलेगा जब आप उसमें निवेश करेंगे. कोविड के बाद से शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड मार्केट के प्रति लोगों का रुझान काफी हद तक बढ़ा है. कोरोना काल के दौरान लोगों को ये समझ आया कि फाइनेंशियली स्ट्रॉन्ग होना कितना जरूरी है. ऐसे में म्यूचुअल फंड हो या शेयर बाजार, लोगों ने यहां निवेश करने की फ्रीक्वेंसी को बढ़ा दिया है. हाल ही के दिनों में टेलीविजन, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर म्यूचुअल फंड को लेकर काफी विज्ञापन देखने को मिले हैं, ये विज्ञापन अलग-अलग सेलिब्रिटीज की ओर से किए जा रहे हैं. लेकिन अब इस पर कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी ने नए नियम जारी किए हैं.

SEBI ने तय की सेबी और म्युचुअल फंड परिभाषा

सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने म्यूचुअल फंड को प्रमोट करने के लिए सेलिब्रिटी की परिभाषा तय कर दी है. सेबी के मुताबिक, जो सेलिब्रिटी नेशनल पब्लिकेशन के सेलिब्रिटी इंडेक्स के टॉप 50 में शामिल होंगे, सिर्फ वही म्यूचुअल फंड के लिए एड या प्रमोशन कर सकते हैं. बता दें कि म्यूचुअल फंड के संगठन AMFI ने सेबी को चिट्ठी लिखकर इस बात की जानकारी दी थी. ॉ

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ये लोग सेबी और म्युचुअल फंड ही कहलाएंगे सेलिब्रिटी

  • मेनस्ट्रीम/ फेमस/लोकप्रिय फिल्म/सीरियल/वेब सीरीज में लीड रोल हो
  • हर सोशल मीडिया के हिसाब से 10 लाख से ज्यादा फॉलोवर और सब्सक्राइबर
  • स्पोर्ट्स पर्सन हो तो देश के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेला हो
  • कॉमनवेल्थ, एशियन गेम्स, कबड्डी लीग, IPL जैसे इवेंट में खेला हो
  • क्विज, कुकिंग शो, न्यूज चैनल, कॉमेडी, डांस, सिंगिंग, अवार्ड शो का एंकर
  • कम से कम एक सीजन या 10 एपिसोड की एंकरिंग की हो
  • किसी टीवी शो, OTT प्लेटफॉर्म के किसी शो का विनर या रनर अप
  • क्वालिफाइंग राउंड से आगे बढ़ा हो जैसे कि क्वार्टर, सेमी फाइनल और फाइनल
  • वर्चुअल कैरेक्टर भी हो सकते हैं सेलिब्रिटी लेकिन इंसानों वाले फीचर हों
  • वर्चुअल होते हुए भी लोगों की सोच को प्रभावित करते हों

SEBI ने म्युचुअल फंड कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय शेयरों में निवेश की अनुमति दी, निवेशकों को मिलेगा बंपर रिटर्न

Edited by: Alok Kumar @alocksone
Published on: June 21, 2022 13:56 IST

SEBI- India TV Hindi

Photo:FILE

Highlights

  • सेबी के इस फैसले से म्यूचुअल फंड कंपनियों के लिए अवसर बढ़ेंगे
  • इस पहल से म्यूचुअल फंड निवेशकों को अधिक रिटर्न मिलने की उम्मीद
  • म्यूचुअल फंड फिर से विदेश बाजारों की सिक्योरिटीज या ईटीएफ में निवेश कर पाएंगे

SEBI ने म्यूचुअल फंडों को फिर से सेबी और म्युचुअल फंड विदेशी शेयरों में निवेश करने की अनुमति दी है। यह निवेश उद्योग के लिए सात अरब अमेरिकी डॉलर की कुल अनिवार्य सीमा के भीतर किया जा सकेगा। यह फैसला अंतरराष्ट्रीय शेयरों का मूल्यांकन नीचे आने के मद्देनजर किया गया। सेबी ने जनवरी में म्यूचुअल फंड घरानों से कहा था कि वे विदेशी शेयरों में निवेश करने वाली योजनाओं में नये ग्राहक सेबी और म्युचुअल फंड बनाना बंद कर दें। ग्राहक बनाने पर रोक का निर्देश मुख्य रूप से म्यूचुअल फंड उद्योग द्वारा विदेशी निवेश के लिए तय सात अरब अमेरिकी डॉलर की अनिवार्य सीमा को सेबी और म्युचुअल फंड पार करने के कारण जारी किया गया था। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि सेबी के इस फैसले से म्यूचुअल फंड कंपनियों के लिए अवसर बढ़ेंगे। वैश्विक बाजार में निवेश से पोर्टफोलियो को बेहतर बनाने में भी मदद मिलेगी। इससे वो निवेशकों को अधिक रिटर्न देने में सक्षम होंगे।

तय सीमा के अंदर भी निवेश करने की अनुमति

वैश्विक शेयरों में हालिया मंदी ने सभी म्यूचुअल फंड घरानों द्वारा एक साथ किए गए निवेश के संचयी मूल्य को कम कर दिया। सेबी ने शुक्रवार को एम्फी को भेजे एक सर्कुलर में कहा, म्यूचुअल फंड योजनाएं एक फरवरी 2022 को म्यूचुअल फंड स्तर पर विदेशी निवेश के लिए तय सीमा का उल्लंघन किए बिना सब्सक्रिप्शन फिर से शुरू कर सकती हैं और विदेशी फंड/प्रतिभूतियों में निवेश कर सकती हैं। नियामक ने साथ ही भारतीय म्यूचुअल फंड संघ (एम्फी) से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि प्रत्येक एएमसी या म्यूचुअल फंड द्वारा विदेशी निवेश फरवरी के स्तर तक सीमित रहे।

अगर किसी म्यूचुअल फंड हाउस का 1 फरवरी 2022 के बाद विदेशों शेयर बाजारों में आई गिरावट या फंड से पैसे निकाले जाने की वजह से जितनी पोर्टफोलियो में गिरावट आई है, उसका इस्तेमाल अब वह नए निवेश के लिए कर सकता है। उदाहरण के लिए अगर किसी म्यूचुअल फंड कंपनी ने 1 फरवरी 2022 तक विदेशों में 2000 रुपये निवेश कर रखा था और उसके बाद शेयर बाजार में आई गिरावट के चलते उसके निवेश की वैल्यू घटकर 1600 रुपये हो गई, तो अब वह विदेशों में 400 रुपये का नया निवेश कर सकता है।

Mutual Funds: डेट म्यूचुअल फंड में रिस्क कम करने के लिए सेबी का नया नियम, जानिए कैसे मिलेगा सेबी और म्युचुअल फंड फायदा

New SEBI rule to make debt mutual funds less risky, more diversified

Mutual Funds : सेबी का यह कदम सक्रिय रूप से प्रबंधित डेट म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो को कई मायनों में बेहतर बनाएगा.

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बेहतर रिटर्न के लालच कम हो सकेगा
म्यूचुअल फंड प्रबंधकों का मानना है कि यह कदम सक्रिय रूप से प्रबंधित डेट म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो को कई मायनों में बेहतर बनाएगा. यह कदम AAA रेटेड डेट इंस्ट्रूमेंट्स से नीचे के डेट फंड्स में निवेश करने के लिए अधिक विविधीकरण को मजबूर करेगा. फंड मैनेजरों का मानना है कि यह कदम 2018 के क्रेडिट संकट के बाद डेट फंडों को सुरक्षित बनाने के लिए सेबी के कई कदमों का एक हिस्सा है. इन प्रबंधकों का कहना है कि बाजार जोखिम और इनाम के चक्र से गुजरते हैं लेकिन नियमों से बेहतर रिटर्न के लालच को कम करने में मदद मिल सकती है.

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