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आगे का निवेश

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निवेश करते समय अफवाहों से आगे का निवेश कैसे निपटें?

आप कितनी बार ऐसे परिचित लोगों से मिलते हैं जिन्होंने शेयर बाजार में अपना पैसा गंवा दिया होता है क्योंकि उन्हें पता नहीं होता कि बाजार में अगले पल क्या होगा या फिर जिन्होंने पैसा कमाया क्योंकि उन्हें पता था कि बाजार कहाँ जा रहा था? यहाँ तक कि बेहतरीन मार्केट विश्लेषक भी सही भविष्यवाणी नहीं कर सकते हैं कि अगले पल बाजार कैसे आगे बढ़ेगा क्योंकि फ़ाइनेंशियल मार्केट मनोभाव से चलते हैं और बाजार के मनोभाव बाजार की खबरों पर निर्भर करते हैं।

एक निवेशक आजकल बाजार की खबरों को आसानी से जान सकता है जो असल में सही हो सकती हैं या अफवाह या महज अटकलें हो सकती हैं। जहाँ सही खबरों पर आधारित निवेश के फैसले अच्छे परिणाम दे सकते हैं, वहीं अफवाहों या अटकलों पर आधारित निवेश के फैसलों से निवेशकों को नुकसान हो सकता है।

बिहेवियरल फाइनेंस थ्योरी के अनुसार, निवेशक स्वभाव से तर्कहीन होते हैं यानी शोध और जांच करके निवेश नहीं करते हैं, बल्कि झुंड मानसिकता की मानसिकता के साथ अलग-अलग मानसिक और भावनात्मक पूर्वाग्रहों से प्रभावित होते हैं। इसलिए, बाजार की कोई भी गलत जानकारी निवेशकों में घबराहट पैदा कर सकती है जिससे निवेशकों की संपत्ति को भारी नुकसान हो सकता है।

राजस्थान में निवेश के लिये हर चीज मौजूद, आगे आएं कंपनियां: गहलोत

गहलोत ने यहां आयोजित 'निवेश राजस्थान' सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पिछले तीन साल में तीन लाख करोड़ रुपये बढ़कर 12 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। राज्य में खुशहाली को मापने वाला ‘हैप्पीनेस इंडेक्स’ भी बढ़ा है।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार की अनुकूल नीतियों, सड़क- बिजली जैसे बेहतर बुनियादी ढांचे, कुशल कामगार और बेहतर कानून व्यवस्था से राज्य निवेश के लिये अनुकूल गंतव्यों में से एक है।’’

गहलोत ने उद्योग जगत को अनुकूल नीतियों का भरोसा दिलाते आगे का निवेश आगे का निवेश हुए विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिये आमंत्रित किया। उन्होंने कहा, ‘‘चाहे कोई भी सरकार हो, उद्योग को भरासेमंद नीतियां मिलेंगी।’’

रिपोर्ट में दावा : म्यूचुअल फंड व क्रिप्टो में निवेश करने में महिलाएं आगे, बढ़ती महंगाई को लेकर ज्यादा गंभीर

प्रतीकात्मक तस्वीर।

भविष्य की जरूरतों को देखते हुए महिलाएं बचत के साधनों में निवेश करने में पुरुषों से आगे हैं। वे न सिर्फ निवेश के पारंपरिक साधन फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसा लगा रही हैं बल्कि म्यूचुअल फंड और क्रिप्टो में भी आगे का निवेश निवेश करने में पीछे नहीं हैं। बैंकबाजार की रिपोर्ट के मुताबिक, 59.92 फीसदी महिलाएं म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर रही हैं।

पुरुषों के मामले में यह आंकड़ा 55.57% है। 54.25% महिलाओं के पास एफडी है, जबकि 53.64% पुरुष ही एफडी में पैसा जमा कर रहे हैं। क्रिप्टो में 34.28% महिलाओं ने पैसा लगाया है, जबकि पुरुषों के मामले में आंकड़ा 30.19% है। सर्वे 1,675 लोगों से बातचीत पर आधारित है।

विस्तार

भविष्य की जरूरतों को देखते हुए महिलाएं बचत के साधनों में निवेश करने में पुरुषों से आगे हैं। वे न सिर्फ निवेश के पारंपरिक साधन फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसा लगा रही हैं बल्कि म्यूचुअल फंड और क्रिप्टो में भी निवेश करने में पीछे नहीं हैं। बैंकबाजार की रिपोर्ट के मुताबिक, 59.92 फीसदी महिलाएं म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर रही हैं।

पुरुषों के मामले में यह आंकड़ा 55.57% है। 54.25% महिलाओं के पास एफडी है, जबकि 53.64% पुरुष ही एफडी में पैसा जमा कर रहे हैं। क्रिप्टो में 34.28% महिलाओं ने पैसा लगाया है, जबकि पुरुषों के मामले में आंकड़ा 30.19% है। सर्वे 1,675 लोगों से बातचीत पर आधारित है।

  • 59.92% महिलाओं का म्यूचुअल फंड में निवेश
  • पुरुषों की संख्या 55.57 फीसदी
  • 54.25% आधी आबादी के पास एफडी पुरुषों में आंकड़ा 53.64%

रिटायरमेंट प्लानिंग में भी आगे आधी आबादी
रिटायरमेंट प्लानिंग में भी महिलाएं पुरुषों के मुकाबले कहीं आगे हैं। सर्वे में शामिल 60 फीसदी उत्तरदाता रिटायरमेंट फंड के लिए निवेश कर रहे हैं। इनमें महिलाओं की हिस्सेदारी 68 फीसदी है, जबकि पुरुषों की 54 फीसदी।

आगे का निवेश

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FDI पर भारी पड़े NRI. विदेशों से पैसे भेजने में भारतीय आगे, सबसे ज्यादा अमेरिका से आई रकम

NRI जमकर भेज रहे हैं पैसे (Photo: File)

  • नई दिल्ली,
  • 03 दिसंबर 2022,
  • (अपडेटेड 03 दिसंबर 2022, 7:21 AM IST)

विदेशों में कमाई कर रहे भारतीयों ने इस साल रुपये भेजने के मामले में नया रिकॉर्ड कायम किया है. वर्ल्ड बैंक (World Bank) की माइग्रेशन और डेवलपमेंट ब्रीफ के आंकड़ों के अनुसार इस साल देश में विदेशों से आने वाली रकम में 12 फीसदी तक का इजाफा हुआ है. इससे अनुमान है कि साल खत्म होने तक भारतीय अपने देश में करीब 100 अरब डॉलर यानी 8 लाख करोड़ रुपये भेजे चुके होंगे.

ये रकम कितनी बड़ी है इसको समझने के लिए शेयर बाजार में आने वाली एफडीआई से तुलना करने पर पता चलता है कि भारतीयों ने अपने देश में शेयर बाजार में आने वाली FDI के मुकाबले 25 फीसदी ज्यादा रकम भेज चुके होंगे. रुपये के मुकाबले डॉलर की कीमत बढ़ने से भी इस साल विदेशों से भेजी जाने वाली रकम में बढ़ोतरी हुई है. विदेशों में रहने वाले भारतीयों द्वारा वापस अपने देश को भेजे जाने वाली रकम में बीते कई साल से लगातार इजाफा हो रहा है. अनुमान है कि आने वाले बरसों में इसमें और बढ़ोतरी हो सकती है.

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