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शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करें

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5पैसा को "द ग्रेट इंडियन बीएफएसआई अवार्ड्स 2022", "रेडियो सिटी इंडिया 2022 द्वारा ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग की श्रेणी में उत्कृष्टता" जैसे पुरस्कार मिले हैं।

5 पैसा आपका पसंदीदा निवेश गंतव्य क्यों होना चाहिए?
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स्टॉक एसआईपी: अब आप अपने पसंदीदा शेयरों में व्यवस्थित रूप से निवेश कर सकते हैं। 5 पैसा यह अनूठा निवेश विकल्प प्रदान करने वाले कुछ दलालों में से एक है। 2 आसान चरणों में, अपना स्टॉक चुनकर अपना निवेश शुरू करें और नियमित करें और अपने निवेश को बढ़ता हुआ देखें।

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म्युचुअल फंड: कई म्यूचुअल फंड (एमएफ) जैसे वेल्थ बिल्डर, हाई ग्रोथ, स्टेबल ग्रोथ, टैक्स सेवर आदि विशेषज्ञों द्वारा आपकी निवेश आवश्यकताओं के अनुरूप चुने गए हैं।

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2022 में शेयर मार्केट में इन्वेस्ट कैसे करें | How to Invest In Share Market In Hindi

How to Invest In Share Market

वैसे आपको पता होगा आज के समय शेयर मार्केट में invest करने के लिए एक डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है ।
जिस तरह से Bank में सेविंग अकाउंट होता है, उसी तरह से शेयर खरीदने के लिए डीमेट अकाउंट की जरूरत होती है, और यह आज के समय आप अपने मोबाइल की सहायता से 10 से 15 मिनट में आसानी से ऑनलाइन खोल सकते हैं ।
Grow Currency पर आपको सभी बेस्ट डिमैट अकाउंट की सूची मिल जाएगी आप सभी Steps पढ़ने के बाद सही डिमैट अकाउंट को चुन लीजिए ।

सही शेयर पर रिसर्च करें

यह बहुत जरूरी है क्योंकि आने वाले समय में आपका रिटर्न कितना होगा पॉजिटिव हो या नेगेटिव होगा यह सब निर्भर करेगा कि आपने किस Share को किस समय किस Price पर खरीदा है ?
यह प्रोसेस काफी लंंबा है, इसके लिए आपको लगातार अपने ज्ञान को बढ़ाते जाना है ।
अगर आप ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते हैं, तो आप म्यूचुअल फंड में भी निवेश कर सकते हैं ।
एक सलाह यह है कि अगर आपको ज्यादा नॉलेज नहींं है, तो बड़ी कंपनियों मेंं invest करे, ताकि आपको Average सेे अच्छा return मिल जाएगा |

अपना पोर्टफोलियो तय करें

choose portfolio

शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले आपको अपना पोर्टफोलियो तय करना भी उतना ही जरूरी है क्योंकि यह आपको अपने अनुसार देखना है कि आप प्रत्येक महीने कितना रुपए बचा कर यहां पर Invest कर सकते हैं |
और अगर आप शुरुआती दौर में हैं आपको ज्यादा knowledge नहीं है तो मेरी सलाह रहेगी कि आप कम राशि से शुरू करें, ताकि आप Active रहे और आप लगातार सीखते जाए |
निवेश कम करें या ज्यादा यह आपके ऊपर हैं, लेकिन आपको शुरुआत जरूर कर लेनी चाहिए |

रेगुलर निवेश करते रहे

invest regularly

एक बार सुन लेने के बाद निवेश करने के बाद ऐसा नहीं है कि वह अचानक से बढ़ जाएगा और अब आपको कुछ करने की जरूरत नहीं है | अच्छे रिटर्न के लिए आपको regularly निवेश करते रहना चाहिए |
इसके लिए आप SIP (systematic investment plan) कर सकते हैं, जिसमें आप एक राशि निश्चित करेंगे और प्रत्येक महीने वह राशि अपने आप आपके तय किए हुए शेयर या म्यूचुअल फंड में निवेश हो जाएगी |
शेयर मार्केट कभी स्थिर नहीं रहता जैसे आपको पता होगा कि 2020 (Covid-19) में यह काफी नीचे चला गया था लेकिन उसके बाद उतनी ही तेजी से ऊपर भी बढ़ता रहा |
और अगर आप साल के अंत में एक Positive अच्छा रिटर्न पाना चाहते हैं, तो आपको regular investment करते रहना चाहिए |

गलत लोगों पर विश्वास ना करें

avoid things in share market

भारत में यह एक आम बात है, जहां पर लोग सोचते हैं कि शेयर मार्केट एक सट्टा बाजार हैं यहां पर आप रातों-रात अमीर बन सकते हैं या कई लोग इसके नाम से ही डर जाते हैं, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है |
किसी कंपनी के शेयर खरीदने का अर्थ यह है कि आपको उस कंपनी की उतनी हिस्सेदारी मिल रही है और जैसे वह बढ़ेगी आपके invest किए हुए पैसे भी बढ़ेंगे |
और अगर आपने सही रिसर्च से invest करें, तो आपको बैंक FD & Saving Accounts से ज्यादा अच्छा रिटर्न मिल सकता है |

अभी से शरुआत करें

start investing in share market

हम भारतीयों में एक बात Common है कि हम किसी अच्छी चीज को बहुत ही आसानी से टाल देते हैं कि हां कर लेंगे | आप भी सोच रहे होंगे कि जब मेरे पास अच्छे खासे पैसे होंगे, तब मैं कुछ हिस्सा यहां पर निवेश करूंगा तो मैं आपको बता दूं आप काफी late हो जाएंगे और यह समय कभी नहीं आएगा |
हम आज के युग में जी रहे हैं, जहां पर हर सुविधा हैं आप ₹100 से भी शुरुआत कर सकते हैं, इसलिए बहाने ना दीजिए और छोटी राशि से शुरू करके काफी सारी चीजें सीखने की कोशिश करें |

अगर आपने यहां तक पूरी जानकारी जानकारी पढ़ी हैं, तो मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि आप सच में interested हैं आप अच्छे लोगों को फॉलो कीजिए और अपने आप के ज्ञान (learn and increase knowledge) को बढ़ाइए |

Conclusion क्या सीखा ?

निवेश की शुरुआत आप अगले 10 मिनट के अंदर भी कर सकते हैं, इसके लिए आपको डिमैट अकाउंट खोलने की जरूरत होगी, निचे दिए गए बटन पर click करके India के बेस्ट डिमैट अकाउंट को चुन सकते हैं और उसके बाद कीजिए शुरुआत –

अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी है अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें | अपडेट प्राप्त करने के लिए हमारे Telegram Channel को Join कर लीजिए |

शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करें

गाइड, टिप्स और जानकारी शेयर मार्केट के बारे में बेसिक जानकारी हिंदी में। शेयर बाजार की आधारभूत जानकारियां, निवेश संबंधी टिप्स और लेख आसान भाषा में। यहां आप शेयर बाजार में प्रयोग होने वाले शब्दों और अन्य तकनीकी जानकारियों से भरपूर लेख पायेंगे आसान हिंदी में।
शेयर मार्केट के बारे में जानकारी हिंदी में। शेयर मार्किट क्या है और शेयरों में कैसे इन्वेस्ट करें. शेयर बाजार कैसे काम करता है और शेयर कैसे खरीदें. कौन से शेयर खरीदें और खरीदने के लिए शेयरों का चुनाव कैसे करें. सीखिए और समझिये शेयर बाजार से जुड़े तकनीकि शब्दों जैसे कि ईपीएस, आईपीओ, बुक वैल्यू, फेस वैल्यू, पैनी स्टॉक और मार्किट कैपिटलाइजेशन आदि के अर्थ। साथ ही पढ़ें निवेश के लिये शेयर कैसे चुनें।

Share Market

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निवेश कर अमीर बनने के ये हैं 10 बेहतरीन विकल्प

सचाई यह है कि कम जोखिम के साथ बेहतरीन रिटर्न नहीं कमाया जा सकता. वास्तव में जहां रिटर्न अधिक होगा, वहां जोखिम भी अधिक होगा.

निवेश कर अमीर बनने के ये हैं 10 बेहतरीन विकल्प

निवेश के किसी विकल्प को शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करें चुनते वक्त आपको जोखिम उठाने की अपनी क्षमता के बारे में जानना-समझना जरूरी है. कुछ निवेश ऐसे हैं जिनमें लंबी अवधि में अधिक जोखिम के साथ अधिक रिटर्न का मौका मिलता है.

निवेश के वास्तव में दो तरीके हैं-वित्तीय और गैर वित्तीय निवेश विकल्प.

इसे भी पढ़ें: कैसे ट्रांसफर करें PPF अकाउंट?

वित्तीय प्रोडक्ट में आप शेयर बाजार से संबद्ध विकल्प (शेयर, म्यूचुअल फंड) चुन सकते हैं या फिक्स्ड इनकम (PPF, बैंक FD आदि) के विकल्प चुन सकते हैं. गैर वित्तीय निवेश विकल्प में सोना, रियल एस्टेट आदि आते हैं. ज्यादातर भारतीय निवेश अब तक निवेश के इसी गैर वित्तीय निवेश विकल्प का प्रयोग करते रहे हैं.

हम आपको यहां बता रहे हैं निवेश के शीर्ष 10 विकल्प:

शेयरों में निवेश
हर किसी के लिए शेयरों में सीधे निवेश करना आसान नहीं है. इसमें रिटर्न की कोई गारंटी भी नहीं है. सही शेयरों का चुनाव मुश्किल काम है, इसके साथ ही शेयर की सही समय पर खरीदारी और सटीक वक्त पर निकलना महत्वपूर्ण है. निवेश के अन्य विकल्पों की तुलना में शेयर में लंबी अवधि में रिटर्न देने की क्षमता सबसे अधिक होती है.

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इक्विटी म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड की यह कैटेगरी शेयरों में निवेश से ही रिटर्न कमाती है. सेबी के निर्देश के मुताबिक जो म्यूचुअल फंड स्कीम अपने फंड का 65% शेयरों में निवेश करती है, वह इक्विटी म्यूचुअल फंड कहलाती है. इसमें एक फंड मैनेजर होता है जो पर्याप्त रिसर्च के बाद निवेश के लायक शेयर चुनता है और उसमें निवेश करता है.

इक्विटी स्कीम बाजार पूंजीकरण या सेक्टर के हिसाब से अलग हो सकती हैं. इस समय इक्विटी म्यूचुअल फंड का एक, तीन या पांच साल का रिटर्न 15फीसदी सालाना के हिसाब से रहा है.

डेट म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड की यह कैटेगरी उन निवेशकों के लिए सही है जो निवेश से गारंटीड रिटर्न कमाना चाहते हैं. ये म्यूचुअल फंड कॉरपोरेट बांड्स, सरकारी सिक्योरिटीज, ट्रेजरी बिल्स, कमर्शियल पेपर आदि में निवेश से रिटर्न कमाती है. इस समय डेट म्यूचुअल फंड का एक, तीन या पांच साल का रिटर्न 6.5, 8 और 7.5 फीसदी सालाना के हिसाब से रहा है.

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)
नेशनल पेंशन सिस्टम (nps) का प्रदर्शन पिछले कुछ सालों में अच्छा रहा है. बहुत कम फीस स्ट्रक्चर भी इसे निवेश का आकर्षक विकल्प बनाता है. बाजार से जुड़े उत्पादों में देश में यह सबसे कम खर्च वाला प्रोडक्ट है. निकासी संबंधी नियमों में बदलाव और अतिरिक्त टैक्स-छूट की वजह से भी यह निवेशक की पसंद में शामिल हो गया है.

एनपीएस बच्चों की शिक्षा, शादी, घर बनाने या किसी मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में आंशिक निकासी की सुविधा देता है. इसमें हालांकि रिटायरमेंट के बाद भी आपको निवेश में बने रहना जरूरी होता है. यह वास्तव में शेयर, FD, कॉरपोरेट बांड, लिक्विड फंड और सरकारी निवेश विकल्प का मिला जुला रूप है.

इस समय NPS का एक, तीन या पांच साल का रिटर्न 9.5, 8.5 और 11 फीसदी सालाना के हिसाब से रहा है.

पीपीएफ
देश में निवेशकों के बीच पीपीएफ सर्वाधिक लोकप्रिय बचत शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करें योजनाओं में से एक है. इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80C के तहत किसी एक वित्त वर्ष में आप पीपीएफ में 1.5 लाख रुपये के निवेश पर टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं.

निवेश के इस विकल्प की सबसे अच्छी बात यह है कि यह आपको EEE (निवेश के वक्त करमुक्त, ब्याज पर करमुक्त, निवेश भुनाने पर करमुक्त) का लाभ देता है.
निवेश के इस विकल्प में सरकारी गारंटी इसकी लोकप्रियता को और बढ़ा देती है.

बैंक FD
बैंक या पोस्ट ऑफिस में कराई जाने वाली टैक्स सेविंग FD से आप निवेश के वक्त सेक्शन 80C के तहत टैक्स बचा सकते हैं. यह निवेश का सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न वाला विकल्प है. इस पर मिलने वाले ब्याज पर आपको इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना पड़ता है.

डिपाजिट इंश्योरेंस एवं क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन के हिसाब से आपकी एक लाख रुपये तक की जमा रकम बीमित है.

सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS)
पोस्ट ऑफिस की तरफ से बेस्टसेलर के रूप में यह स्कीम रिटायर्ड लोगों के लिए निवेश का पसंदीदा स्रोत है. यह सेवानिवृत लोगों के लिए आय का नियमित स्रोत भी है. इस स्कीम की अवधि पांच साल है जिसे तीन साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है.

इसमें हालांकि प्रति व्यक्ति 15 लाख रुपये की अधिकतम निवेश सीमा है. यह 60 साल से अधिक उम्र के निवेशकों के लिए ही खुली है, हालांकि सेना से रिटायर मेंट लेने वाले लोगों के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है.

विशेषज्ञों का मानना है कि जीवन भर की बचत को पार्क करने और उस पर कमाई के हिसाब से यह स्कीम बेहतरीन है. यह सेवानिवृत लोगों की जरूरत के हिसाब से बनाया गया है.

रिजर्व बैंक के टैक्सेबल बांड्स
पहले इस स्कीम में आठ फीसदी सालाना का ब्याज मिलता था जिसे सरकार ने बदल कर अब 7.75 फीसदी ब्याज वाला विकल्प बना दिया है. इस बांड में पांच साल के लिए निवेश किया जा सकता है.

रियल एस्टेट
खुद के रहने के हिसाब से घर खरीदना अब निवेश के लिहाज से भी आकर्षक विकल्प बनकर उभरा है. अगर आपको रहने की जरूरत नहीं है तो आप निवेश के हिसाब से भी दूसरा घर खरीद सकते हैं. निवेश के इस विकल्प में आपको सिर्फ प्रॉपर्टी की लोकेशन और वहां मौजूद सुविधाओं का ध्यान रखने की जरूरत है.

इसमें निवेश से आप पूंजी में इजाफा और किराये से आमदनी, दो तरीके से रिटर्न कमा सकते हैं.

सोना
निवेश का यह विकल्प सदियों से भारतीयों की पसंद में शामिल है, पहनने के लिए खरीदी जाने वाली ज्वेलरी से लेकर निवेश के रूप में खरीदे गए सिक्के और बार तक, सोना बिना किसी संदेह के भारतीयों की पसंद में सबसे ऊपर है. अब आप पेपर गोल्ड के रूप में भी सोने में निवेश कर सकते हैं.

गोल्ड ETF में निवेश करना और भुनाना दोनों ही शेयर बाजार के जरिये होता है.

आप क्या करें
निवेश के कुछ विकल्प शेयर बाजार से संबद्ध हैं तो कुछ निश्चित ब्याज वाले हैं. आप जोखिम लेने की अपनी क्षमता के हिसाब से ही रिटर्न की उम्मीद रखें.

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जब शेयर मार्केट गिरता है तो कहां जाता है आपका पैसा? यहां समझिए इसका गणित

Share market: जब शेयर मार्केट डाउन होता है, तो निवेशकों का पैसा डूबकर किसके पास जाता है? क्या निवेशकों के नुकसान से किसी को मुनाफा होता है. आइए इसका जवाब बताते हैं.

  • शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है
  • अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो उसके शेयर के दाम बढ़ेंगे
  • राजनीतिक घटनाओं का भी शेयर मार्केट पर पड़ता है असर

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जब शेयर मार्केट गिरता है तो कहां जाता है आपका पैसा? यहां समझिए इसका गणित

नई दिल्ली: आपने शेयर मार्केट (Share Market) से जुड़ी तमाम खबरें सुनी होंगी. जिसमें शेयर मार्केट में गिरावट और बढ़त जैसी खबरें आम हैं. लेकिन कभी आपने सोचा है कि जब शेयर मार्केट डाउन होता है, तो निवेशकों का पैसा डूबकर किसके पास जाता है? क्या निवेशकों के नुकसान से किसी को मुनाफा होता है. इस सवाल का जवाब है नहीं. आपको बता दें कि शेयर मार्केट में डूबा हुआ पैसा गायब हो जाता है. आइए इसको समझाते हैं.

कंपनी के भविष्य को परख कर करते हैं निवेश

आपको पता होगा कि कंपनी शेयर मार्केट में उतरती हैं. इन कंपनियों के शेयरों पर निवेशक पैसा लगाते हैं. कंपनी के भविष्य को परख कर ही निवेशक और विश्लेषक शेयरों में निवेश करते हैं. जब कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो उसके शेयरों को लोग ज्यादा खरीदते हैं और उसकी डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे ही जब किसी कंपनी के बारे में ये अनुमान लगाया जाए कि भविष्य में उसका मुनाफा कम होगा, तो कंपनी के शेयर गिर जाते हैं.

डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है शेयर

शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है. लिहाजा दोनों ही परिस्‍थितियों में शेयरों का मूल्‍य घटता या बढ़ता जाता है. इस बात को ऐसे लसमझिए कि किसी कंपनी का शेयर आज 100 रुपये का है, लेकिन कल ये घट कर 80 रुपये का हो गया. ऐसे में निवेशक को सीधे तौर पर घाटा हुआ. वहीं जिसने 80 रुपये में शेयर खरीदा उसको भी कोई फायदा नहीं हुआ. लेकिन अगर फिर से ये शेयर 100 रुपये का हो जाता है, तब दूसरे निवेशक को फायदा होगा.

कैसे काम करता है शेयर बाजार

मान लीजिए किसी के पास एक अच्छा बिजनेस आइडिया है. लेकिन उसे जमीन पर उतारने के लिए पैसा नहीं है. वो किसी निवेशक के पास गया लेकिन बात नहीं बनी और ज्यादा पैसे की जरूरत है. ऐसे में एक कंपनी बनाई जाएगी. वो कंपनी सेबी से संपर्क कर शेयर बाजार में उतरने की बात करती है. कागजी कार्रवाई पूरा करती है और फिर शेयर बाजार का खेल शुरू होता है. शेयर बाजार में आने के लिए नई कंपनी होना जरूरी नहीं है. पुरानी कंपनियां भी शेयर बाजार में आ सकती हैं.

शेयर का मतलब हिस्सा है. इसका मतलब जो कंपनियां शेयर बाजार या स्टॉक मार्केट में लिस्टेड होती हैं उनकी हिस्सेदारी बंटी रहती है. स्टॉक मार्केट में आने के लिए सेबी, बीएसई और एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) में रजिस्टर करवाना होता है. जिस कंपनी में कोई भी निवेशक शेयर खरीदता है वो उस कंपनी में हिस्सेदार हो जाता है. ये हिस्सेदारी खरीदे गए शेयरों की संख्या पर निर्भर करती है. शेयर खरीदने और बेचने का काम ब्रोकर्स यानी दलाल करते हैं. कंपनी और शेयरधारकों के बीच सबसे जरूरी कड़ी का काम ब्रोकर्स ही करते हैं.

निफ्टी और सेंसेक्स कैसे तय होते हैं?

इन दोनों सूचकाकों को तय करने वाला सबसे बड़ा फैक्टर है कंपनी का प्रदर्शन. अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो लोग उसके शेयर खरीदना चाहेंगे और शेयर की मांग बढ़ने से उसके दाम बढ़ेंगे. अगर कंपनी का प्रदर्शन खराब रहेगा तो लोग शेयर बेचना शुरू कर देंगे और शेयर की कीमतें गिरने लगती हैं.

इसके अलावा कई दूसरी चीजें हैं जिनसे निफ्टी और सेंसेक्स पर असर पड़ता है. मसलन भारत जैसे कृषि प्रधान देश में बारिश अच्छी या खराब होने का असर भी शेयर मार्केट पर पड़ता है. खराब बारिश से बाजार में पैसा कम आएगा और मांग घटेगी. ऐसे में शेयर बाजार भी शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करें गिरता है. हर राजनीतिक घटना का असर भी शेयर बाजार पर पड़ता है. चीन और अमेरिका के कारोबारी युद्ध से लेकर ईरान-अमेरिका तनाव का असर भी शेयर बाजार पर पड़ता है. इन सब चीजों से व्यापार प्रभावित होते हैं.

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