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मार्केटिंग की परिभाषा

मार्केटिंग की परिभाषा
इंटरएक्टिव मार्केटिंग का तात्पर्य मार्केटिंग में विकसित होने की प्रवृत्ति से होता है, जिसके तहत लेन-देन के प्रयास से मार्केटिंग बातचीत में बदल जाती है। इंटरएक्टिव मार्केटिंग की परिभाषा हार्वर्ड में जॉन डिएटन से आती है, जो कहते हैं कि इंटरएक्टिव मार्केटिंग ग्राहक को संबोधित करने की क्षमता है, याद रखें कि ग्राहक क्या कहता है और ग्राहक को फिर से इस तरह से संबोधित करता है जो दिखाता है कि हमें याद है कि ग्राहक ने हमें क्या कहा है 1996)।इंटरएक्टिव मार्केटिंग ऑनलाइन मार्केटिंग का पर्याय नहीं है, हालांकि इंटरेक्टिव मार्केटिंग प्रक्रियाओं को इंटरनेट तकनीक द्वारा सुविधाजनक बनाया जाता है। ग्राहक ने जो कुछ भी कहा है उसे याद रखने की क्षमता तब आसान हो जाती है जब हम ग्राहक की जानकारी ऑनलाइन एकत्र कर सकते हैं और हम इंटरनेट की गति का उपयोग करके अपने ग्राहक के साथ अधिक आसानी से संवाद कर सकते हैं। Amazon.com इंटरैक्टिव मार्केटिंग के उपयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, क्योंकि ग्राहक अपनी वरीयताओं को दर्ज करते हैं और उन्हें ऐसे पुस्तक चयन दिखाए जाते हैं जो न केवल उनकी प्राथमिकताओं बल्कि उनकी खरीदारी से मेल खाते हैं।

sales से जुड़ी पूरी जानकारी हिंदी में, Sales in hindi

दोस्तों आज का समय बदल रहा है व आज के समय मे दुनिया मे बहुत सारे चीजें बिकती है। आज हम इस पोस्ट के माध्यम से बताएंगे कि आखिर सेल्स होता क्या है, सेल्स की परिभाषा क्या है, सेल्स के फायदे क्या है, सेल्स व मार्केटिंग में क्या अंतर है, ऑफलाइन व ऑनलाइन सेल्स क्या है? आदि के बारे में हम इस पोस्ट के माध्यम से विस्तार से जानेंगे।

जब कभी भी हम सेल्स के बारे में हम बात करते है तब हमारे दिमाग में यह आता है की कुछ प्रोडक्ट या वस्तु बेचना है। यह बिलकुल सही है, किसी चीज को बेचना की प्रक्रिया ही सेल्स या बिक्री कहलाता है।

सेल्स के अलग अलग रूप होते है, व आज के समय मे सेल्स का व्यपाक रूप देखने को मिलता है, तो आइये हम सेल्स के बारे में जानते है।

सेल्स की परिभाषा क्या होती है

सेल्स का हिंदी अर्थ होता है बिक्री, लेकिन वास्तव में देखा जाए तो सेल्स वह होता है जिसमे हम किसी प्रोडक्ट को बेच रहे है, लेन देन की प्रकिया होती है जो कि विपणन (Marketing) कहलाता है।

प्राचीन काल मे लोग एक वस्तु के बदले कोई दूसरी वस्तु अदला बदली करके खरीद लेते थे लेकिन आज के समय मे यह बिलकुल अलग है कोई भी वस्तु खरीदना होता है तब उसके लिए कुछ पैसे चुकाने पड़ते है, यह सेल्स का मूल परिभाषा है। सेल्स का परिभाषा यह होता है कि आपको कोई भी वस्तु को सिर्फ और सिर्फ बेचना है प्रॉफिट व लॉस को ध्यान में रखते हुए।

सेल्स क्या होता है (what is sale in hindi)

दो लोगो के मध्य खरीदने व बेचने की प्रक्रिया सेल्स कहलाता है, जिसमें कस्टमर समान सेलर्स (Sellers) से खरीदता है, साथ ही कस्टमर वस्तु के बदले सेलर्स को कुछ मूल्य अदा करता है, यह प्रक्रिया सेल्स कहलाती है।

आपने कभी बाजार गया हो तब देखा होगा कि आप जब भी कोई वस्तु खरीदते है तब उसका एक MRP होता है। आप उस सामान की MRP देकर उस समान को सेलर्स से खरीद लेते है, यही प्रक्रिया सेल्स कहलाता है।

सेल्समैन किसे कहते है?

कोई भी इंसान जो किसी कस्टमर को कुछ भी समान, फल, या कोई वस्तु बेचता है, उनको सेल्समेन कहते है। किसी भी वस्तु की तभी बिक्री हो सकती है, जब सेल्समैन हो अन्यथा सेल्समैन के बिना कोई भी वस्तु नही बिकता है।

कोई कंपनी कितना भी प्रोडक्ट का उत्पादन कर ले, जब तक वह दुकान में सेल्समैन के पास नही आता है। तब तक उसका बिक्री नही होगा। किसी प्रोडक्ट को बेचने वाला सेल्समैन जितना कुशल होगा, उस प्रोडक्ट की ब्रांडिंग और मजबूत होता है।

सेल्स के क्या फायदे है

1.सेल्स के माध्यम से हम कम पैसे लगाकर अधिक पैसे कमा सकते है वह भी कम समय मे।

2. कोई भी सेल्स को कम पैसे इन्वेस्ट करके स्टार्ट कर सकते है।

3. सेल्स के लिए किसी तरह का पढ़ाई या डिग्री का होना जरूरी नही होता है बस आपको मार्केटिंग का ज्ञान होना चाहिए।

4.सेल्स में आप अपने तरफ से MRP के अनुरूप समान का बिक्री कर सकते है, तो आपको फायदा होगा।

5. सेल्स में नियमित वस्तु का बिक्री होता है तो आप आज के समय मे घाटे में जाने का सोच नही सकते है।

6. सेल्स में हमेशा आपके ग्राहक का फायदा होगा।

7.सेल्स में नए-नए लोगो से मिलने का मौका मिलता है।

ऑनलाइन सेल्स क्या होता है

आज के समय मे कोई भी सामान ऑनलाइन अधिक बिक्री हो रहा है क्योंकि लोग ऑनलाइन शॉपिंग पसन्द करते है। ऐसे में यदि आप भी अपना प्रोडक्ट ऑनलाइन बेचना चाहते है तब आप किसी भी e-commerce कंपनी में अपना sellers account बनाकर वस्तु बेच सकते है।

या फिर आप अपना खुद का वेबसाइट बनाकर सामान बेंच सकते है। किसी वस्तु की e-commerce या किसी website के माध्यम से बेचने की प्रक्रिया online sale कहलाता है, आज के समय मे इसका डिमांड बहुत अधिक है।

सेल्स के कितने प्रकार है

सेल्स दो तरह के होता है एक आंतरिक सेल्स (Internal sales) व दूसरा बाहरी सेल्स(External sales)। दोनों में थोड़ा ही अंतर लेकिन दोनों में सामान ही बेचना होता है।

आतंरिक सेल्स (Internal sales) में छोटे-बड़े दुकान, शॉपिंग मॉल व शो रूम होता है, जहाँ ग्राहक सामान खरीदने खुद से आता है। वही बाहरी सेल्स में ग्राहक के पास जाकर सामान बेचना होता है, आप इसे e-commerce selling, online selling कह सकते है।

सेल्स व मार्केटिंग में अंतर क्या है

वास्तव में यदि कोई छोटे इकाई (Unit) में अपना प्रोडक्ट बेचता है तो उसे सेल्स व मार्केटिंग दोनों अपने से करना होता है लेकिन बड़े कंपनी या शो रूम में दो पार्ट अलग अलग sales and marketing होता है, ये दोनों सिस्टमेटिक रूप से organized होते है।

Sales – सेल्स का काम होता है ग्राहक के लिए high quality का प्रोडक्ट उपलब्ध कराना होता है, साथ ही इनको अपने टारगेट पूरा करने में ध्यान देना होता है।

पूरी तरह से इनका अपना काम वस्तु को बेचना होता है। जब कोई भी ग्राहक आता है, उसे अपने वस्तु के फायदे बताकर ईमानदारी से बेचना होता है।

Marketing – इसका काम होता है, जो सेल्स कर रहे है उनके वस्तु का ब्रांडिंग करना साथ ही वस्तु का प्रचार-प्रसार करना।

वस्तु के बारे में ग्राहक को डिटेल्स में explain करना कि वस्तु कितना फायदेमंद है। marketing के लिए दो तरह का advertisement होता है एक घर घर मे जाकर दुसरा online marketing, मार्केटिंग डिपार्टमेंट वाले वस्तु का ads पूरे अच्छे तरह से करता है। तब जाकर कोई वस्तु बिकता है।

अंत में

आज हमने जाना कि सेल्स क्या होता है? हमने सेल्स और सेल्स से जुडी जानकारी को अच्छे से जानने की कोशिश किया। यह जानकारी हमें सेल्स में काफी मदद करेंगे। यह जानकारी आपको कैसी लगी आप हमें जरूर बताए।

विपणन का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, कार्य, महत्व

विपणन का अर्थ

पहले के समय में जब विपणन की अवधारणा नहीं थी, तब सिर्फ बाजार में होने वाले क्रय-विक्रय को ही विपणन माना जाता था। सबसे पहले वस्तु विनिमय ही किया जाता मार्केटिंग की परिभाषा था जब मुद्रा प्रचलित नहीं थी। जैसे:- अनाज के बदले वस्त्र खरीदना, लकडि़यों के बदले में सब्जियाँ खरीदना।

पहले के समय में उपभोक्ता अपनी आवश्यकताओं की वस्तुएँ स्वयं ही उत्पादित कर लेता था जितना उत्पादन हुआ उसका उपभोग कर लिया जाता था। जिस वस्तु का उत्पादन उपभोक्ता नहीं कर पा रहा था उसे उस व्यक्ति से लेने लगे, जो उसका उत्पादन स्वयं के लिए करता चला आ रहा था। इस तरह माँग बढ़ने से उत्पादन बढ़ा, सर्वप्रथम वस्तु विनिमय उसके बाद मुद्रा का प्रचलन बढ़ने पर मौद्रिक विनिमय प्रारंभ हुआ और विपणन प्रक्रिया प्रारंभ हुई।

विपणन का अर्थ

विपणन का अर्थ वस्तुओं के क्रय एवं विक्रय से लगाया जाता है लेकिन विपणन विशेषज्ञ इसका अर्थ वस्तुओं के क्रय एवं विक्रय तक सीमित नहीं करते बल्कि क्रय एवं विक्रय से पूर्व एवं पश्चात की क्रियाओं को भी इसका अंग मानते हैं। कुछ विद्वान तो क्रय एवं विक्रय के अतिरिक्त सामाजिक उत्तरदायित्व निभाने को भी विपणन का एक प्रमुख कार्य मानकर विपणन का अर्थ लगाते हैं।


विपणन एक सामाजिक प्रक्रिया है जहाँ लोग मुद्रा अथवा कोई वस्तु जो उसके लिए महत्वपूर्ण हो, के बदले वस्तुओं एवं सेवाओं का आदान प्रदान करते हैं। कोई भी वस्तु जो किसी दूसरे के लिए कीमती है, उसका विपणन किया जा सकता है।

  1. भौतिक उत्पाद - टी.वी., सेल फोन आदि।
  2. सेवाएं - विभिन्न पदों के लिए उम्मीदवारों का चुनाव
  3. व्यक्ति - विभिन्न पदों के लिए उम्मीदवारों का चुनाव
  4. स्थान - ‘आगरा’ ताजमहल आदि।

विपणन की परिभाषा

व्हीलर के अनुसार:-’’विपणन उन समस्त साधनों एवं क्रियाओं से सम्बन्धित है जिनसे वस्तुएँ एवं सेवाएँ उत्पादक से उपभोक्ता तक पहुंचती है’’

पायले के अनुसार:-’’विपणन में क्रय एवं विक्रय दोनों ही क्रियाएँ सम्मिलित होती है।’’

अमेरिकन मार्केटिग एसोसिएशन के अनुसार:-’’विपणन उन व्यावसायिक क्रियाओं का निष्पादन करना है जो उत्पादक से उपभोक्ता की बीच वस्तुओं तथा सेवाओं के प्रवाह का नियमन करती है।’’

फिलिप कोटलर के अनुसार-’’विपणन वह मावनीय क्रिया है जो विनिमय प्रकियाओं के द्वारा आवश्यकताओं एवं इच्छाओं की सन्तुष्टि के लिए की जाती है।

हैन्सन के शब्दों में-’’विपणन उपभोक्ता की आवश्यकताओं को खोजने एवं उनको वस्तुओं तथा सेवाओं में परिवर्तित करने की क्रिया है।

विलियम जे. स्टेन्टन के शब्दों में:-’’विपणन उन समस्त आपसी प्रभावकारी व्यावसायिक क्रियाओं की सम्पूर्ण प्रणाली है जो विद्यमान एवं भावी ग्राहकों की आवश्यकताओं को संतुष्ट करने वाले उत्पादों तथा सेवाओं का नियोजन करने, मूल्य निर्धारण करने, प्रचार-प्रसार करने तथा वितरण करने के लिए की जाती है।’’

कण्डिक स्टिल तथा गोवोनी के मतानुसार-’’विपणन वह प्रबन्धकीय प्रक्रिया है जिसके द्वारा उत्पादों का बाजारों से मिलान किया जाता है तथा उसी के अनुरूप स्वामित्व का हस्तान्तरण किया जाता है’’।

विपणन की विशेषताएं

  1. विपणन को एक मानवीय क्रिया इसलिए कहा गया है कि विपणन का कार्य मनुष्यों द्वारा मनुष्यों के लिए किया जाता है। आज विपणन कार्य में यंत्रो का उपयोग भी किया जाने लगा है लेकिन उनका संचालन मानव द्वारा ही किया जाता है अत: विपणन एक मानवीय क्रिया है।
  2. विपणन एक आर्थिक क्रिया इसलिए है कि यह लाभ के लिए की जाती है लेकिन इसके साथ यह एक सामाजिक क्रिया भी है क्योंकि यह कार्य समाज के भीतर रहकर एवं समाज के लिए ही किया जाता है। अत: विपणन एक सामाजिक-आर्थिक क्रिया है।
  3. विनिमय का अर्थ है लेन-देन। इसके लिए बिना विपणन क्रिया संभव नहीं है अत:विनिमय को ही विपणन का आधार माना गया है। विपणन उत्पादक एवं उपभोक्ता के मध्य मूल्य के बदले वस्तु या सेवा के आदान प्रदान की एक क्रिया है।
  4. विपणन एक सृजनात्मक क्रिया है। मार्केटिंग की परिभाषा विपणन उत्पादों में विभिन्न प्रकार की उपयोगिताओं का सृजन करता है जिससे उत्पाद मूल्यवान हो जाता है।
  5. उपभोक्ता विपणन का केन्द्र बिन्दु है, अत: विपणन की सारी क्रियाएँ उपभोक्ता की आवश्यकता, रूचि, फैशन आदि को ध्यान में रखकर ही की जाती है इसलिए विपणन को उपभोक्ताप्रधान प्रक्रिया कहा गया है। विपणन का प्रारंभ उपभोक्ता की इच्छा एवं आवश्यकता की जानकारी से होता है तथा उपभोक्ता की इच्छा एवं आवश्यकता की सन्तुष्टि के साथ विपणन क्रिया सम्पé हो जाती है।
  6. मार्केटिंग की परिभाषा मार्केटिंग की परिभाषा
  7. चाहे आप किसी भी धर्म या संस्कृति को मानने वाले हो, किसी भी देश या काल में निवास कर रहे हो बिना विपणन के आपका कार्य नहीं चलेगा क्योंकि विपणन कार्य सर्वत्र किया जाता है। यहॉ तक कि बिना विपणन के सम्पूर्ण समाज और सभ्यताओं के कार्य अधुरे रह जायेगें। अत: यह कहा जा सकता है कि विपणन एक सार्वभौमिक क्रिया है।
  8. विक्रय में विक्रेता उपभोक्ता को वस्तु बेचकर संतुष्ट हो जाता है तथा इस बात पर कोई ध्यान नही देता है कि उपभोक्ता को उस वस्तु से संतुष्टि प्राप्त होगी या नही जबकि विपणन में उत्पाद का निर्माण ही उपभोक्ता की आवश्यकता एवं इच्छा को ध्यान में रखकर किया जाता है। अत: यहॉ यह कहा जा सकता है कि विपणन विक्रय से बिल्कुल अलग है।
  9. विपणन कार्य कभी बन्द नही होता यह सैदेव चलता रहता है। विपणनकर्ता हमेशा बदलती हुई ग्राहक की रूचियों, फैशन, पसंद आदि पर ध्यान देता रहता है जिससे उत्पाद को ग्राहक के लिए ओर अधिक उपयोगी बनाया जा सके। अत: यह कहा जा सकता है कि विपणन एक गतिशील प्रकिया है।

विपणन के कार्य

विपणन कार्य उपभोक्ता से प्रारंभ होता है तथा उपभोक्ता की आवश्यकताओं को संतुष्ट करने के पश्चात समाप्त होता है। सूचनाओं को एकत्रित करना तथा विश्लेषण करना। ग्राहक क्या खरीदना चाहता है? कब खरीदना चाहता है। कितनी मात्रा में कहाँ खरीदना चाहता है। इस हेतु बाजार अनुसंधान एवं विपणन अनुसंधान के कार्य करके यह पता लगाने की कोशिश की जाती है कि ग्राहक किस प्रकार का उत्पाद पसंद करेंगे।

इस कार्य में उत्पाद के रंग, रूप, आकार, डिजायन, किस्म, पेकेजिंग, लेबलिंग आदि पर ध्यान दिया जाता है ताकि उत्पाद उपभोक्ता की आवश्यकता एवं पसंद पर खरा उतर सकें।


उत्पादको को उत्पादन कार्य हेतु कच्चामाल क्रय करना पड़ता है, मध्यस्थों को छोटे फुटकर व्यापारियोंकी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु निर्माताओं से माल क्रय करना होता है। संकलन के अन्तर्गत विपणनकर्ता अनेक स्त्रोतो से माल के हिस्से-पुर्जे एकत्र करता है तथा उन्हे आपस में जोड़कर किसी नये उत्पाद का निर्माण करता है। सामान्यत: मोटरसाइकिल निर्माता उसके कुछ आवश्यक हिस्से पुर्जे बाजार से एकत्रित कर मोटरसाइकिल तैयार करते है। इसका कारण यह है कि सभी आवश्यक हिस्सों-पुर्जो का निर्माण एक निर्माता के द्वारा न तो संभव है ओर न ही यह लाभप्रद होता है।

इस कार्य में विपणनकर्ता माल ग्राहकों को हस्तान्तरित करता है। इसके लिए मूल्य-सूचियाँ बनाना, विक्रय शर्तें निर्धारित करना, विक्रय-कर्ताओं की नियुक्ति तथा मध्यस्थों की नियुक्ति जैसे कार्य आवश्यक हो जाते है।

विपणनकर्ता को इसके लिए उपयुक्त परिवहन माध्यम का चयन, परिवहन मार्ग का निर्धारण, परिवहन बीमा, परिवहन सुरक्षा आदि कार्य करने पड़ते है। यह कार्य माल को समय उपयोगिता प्रदान करता है इसके अन्तर्गत विपणन कर्ता माल का उस समय संग्रह कर लेते है जब माल की पूर्ति मांग की तुलना में ज्यादा होती है ताकि बाद में मांग अधिक होने पर मांग को पूरा किया जा सके। बाजार में उत्पाद की पूर्ति बिना किसी बाधा के लगातार की जा सके इसके लिए स्टाक का एक निश्चित स्तर बनाया जाना आवश्यक है। उत्पाद की मांग की स्थिति को देखकर स्टाक स्तर में कमी-वृद्धि की जा सकती है।

विपणनकर्ता इसके लिए विज्ञापन, प्रचार एवं प्रसार, विक्रयकर्ता, विपणन अनुसंधान आदि साधनों का सहारा लेता है एवं अपने वर्तमान एवं भावी ग्राहकों के साथ सम्पर्क स्थापित करता है ताकि अपना संदेश ग्राहकों को पहुंचाने के साथ ही ग्राहकों की शिकायत एवं सुझावों की भी जानकारी ली जा सकें। धन व्यवसाय का जीवन रक्त है, धन की आवश्यकता कच्चा माल, यंत्र एवं उपकरण खरीदने एवं आवश्यक खर्चो की पूर्ति के लिए पड़ती है। वित्त की पूर्ति स्वयं के साधनों से, बैकों तथा वित्तीय संस्थानों से ऋण लेकर की जा सकती है।

विपणन कर्ता को माल के विपणन में अनेक जोखिमों का सामना करना पड़ता है जैसे माल के नष्ट होने, मांग के कम होने, माल के अप्रचलित होने जैसी अनेक जोखिम हो सकती है। इनमें से कुछ जोखिमों का बीमा कराकर उन्हे कम किया जा सकता है तथा जिनका बीमा संभव नहीं होता है, उन्हे विपणनकर्ता को वहन करना होता है।

मार्केटिंग की परिभाषा

प्रश्न 38. ब्राडिंग का अर्थ एवं परिभाषा दीजिए।

उत्तर- आज की इस प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति में प्रत्येक उत्पादक यह सोचता है कि उसके द्वारा उत्पादित वस्तु को किस प्रकार वह अन्य उत्पादकों की बनाई गई वस्तुओं से भिन्नता प्रदान करे ताकि ग्राहक उसके द्वारा बनाई वस्तु की ओर ही आकर्षित हो। इस समस्या के समाधान के लिये उत्पादक अपने उत्पाद को एक पहचान चिन्ह प्रदान करता है। इस पहचान चिन्ह को शब्दों, अक्षरों या शब्द समूहों से जोड़ना ही ब्राण्ड है। ब्रांडिंग से उपभोक्ता वस्तु को आसानी से पहचान कर क्रय कर लेते हैं।

1. अमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन के अनुसार- "ब्राण्ड एक नाम, शब्द, चिन्ह या डिजाइन या इनका एक सम्मिश्रण है जिसका उद्देश्य एक विक्रेता या एक समूह के विक्रेताओं के माल या सेवाओं का पहचानना है और प्रतियोगियों के माल या सेवाओं से भेद करना है।"

2. कपलैण्ड के अनुसार- "ब्राण्ड को किसी संकेत, चिन्ह, प्रतीक अक्षर या अक्षरों से परिभाषित किया जा सकता है जो किसी वस्तु के उद्गम या स्वामित्व को बतलाते हैं तथा वस्तु को उसकी किस्म से भिन्न करते हैं और समान उद्देश्य हेतु उनके प्रयोग का अन्य को समान अधिकार प्रदान नहीं करते हैं।"

बिक्री लीड परिभाषा

सेल्स लीड की परिभाषा के अनुसार, यह एक व्यवसाय या ग्राहक बनने की क्षमता रखने वाले व्यक्ति को संदर्भित करता है। सेल्स लीड को विशिष्ट डेटा को संदर्भित करने के लिए भी जाना जाता है जो इकाई को वस्तुओं या सेवाओं के संभावित खरीदार के रूप में पहचानने में मदद करता है। व्यवसायों को प्रत्यक्ष मेलिंग, व्यापार शो, तीसरे पक्ष, विज्ञापन और अन्य मार्केटिंग रणनीति की सहायता से बिक्री लीड तक पहुंच प्राप्त करने के लिए जाना जाता है।

sales lead

एक बिक्री लीड को आम तौर पर बिक्री की संभावना के रूप में संदर्भित नहीं किया जा सकता है क्योंकि व्यवसाय की जांच करने के साथ-साथ समग्र रुचि और इरादे को निर्धारित करने के लिए संभावित नए ग्राहक को अर्हता प्राप्त करने की उम्मीद है।

सेल्स लीड कैसे काम करता है?

बिक्री प्रक्रिया तब शुरू होती है जब सेल्स प्रोफेशनल कंपनी की सेल्स पाइपलाइन में सेल्स लीड के संबंध में डेटा जेनरेट, क्वालिफाई और प्लेस करेगा। सेल्समैन को बिक्री-उन्मुख मेल भेजने, आउटबाउंड बिक्री कॉल करने और प्रत्यक्ष विपणन सामग्री के लिए लीड की संपर्क जानकारी का उपयोग करने के लिए जाना जाता है।

ऐसे कई कारक हैं जो बिक्री लीड की समग्र गुणवत्ता निर्धारित मार्केटिंग की परिभाषा करने में मदद करते हैं। इनमें शामिल हो सकते हैं कि क्या व्यवसाय या व्यक्ति के पास उचित प्रोत्साहन थाप्रस्ताव संपर्क जानकारी। डेटा की समग्र सटीकता जैसे अतिरिक्त कारक हैं जो दिए गए बिक्री लीड की वैधता के साथ प्रदान किए जाते हैं। बिक्री लीड की वैधता इस बात पर निर्भर करने के लिए जानी जाती है कि लक्षित व्यक्ति को जवाब देने पर दिए गए बिक्री के अवसर के बारे में पता था या नहीं।

ऑनलाइन बिक्री की कुल आयु

अप्रैल 2019 के दौरान प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा जारी की गई एक हालिया शोध रिपोर्ट से पता चलता है कि अमेरिका में लगभग 90 प्रतिशत लोग नियमित रूप से इंटरनेट का उपयोग करते हैं।आधार. दी गई उच्च स्तर की पहुंच के कारण, ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म को बिक्री लीड प्राप्त करने के लिए प्रचुर अवसर प्रदान करने के लिए जाना जाता है। हालांकि, सेल्स लीड तक पहुंच प्राप्त करना एक रणनीतिक प्रक्रिया है जिसके लिए पर्याप्त कौशल और प्रयासों की आवश्यकता होती मार्केटिंग की परिभाषा है।

व्यवसायों को उपभोक्ताओं की असंतुष्ट समस्याओं या जरूरतों के बारे में खुद को सूचित करने और फिर क्रमशः समाधान पेश करने के लिए इंटरनेट का उपयोग करके गुणवत्तापूर्ण बिक्री लीड तक पहुंच प्राप्त करने के लिए जाना जाता है। मार्केटिंग की परिभाषा उदाहरण के लिए, प्रौद्योगिकी क्षेत्र में शामिल व्यवसाय वेबिनार आयोजित करने, ई-पुस्तकें देने और विशेष सॉफ़्टवेयर या उत्पाद का उपयोग करने के तरीके के बारे में उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए पॉडकास्ट प्रसारित करने पर विचार कर सकते हैं। बिक्री पेशेवरों को समान उद्देश्यों की विशेषता वाले प्रश्नोत्तर सामग्री प्रकाशित करते समय इंटरैक्टिव ऑनलाइन सत्र आयोजित करने के लिए भी जाना जाता है।

सामाजिक माध्यम बाजारीकरण

यह कंपनी से संदेश प्राप्त करते समय संभावित ग्राहकों तक पहुंचने के लिए प्रसिद्ध सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म-जैसे Pinterest, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और अन्य के डिजिटल या ऑनलाइन मार्केटिंग के प्रकार को संदर्भित करता है। सोशल मीडिया मार्केटिंग से जुड़े प्रभावी अभियान कंपनी के पोस्ट और संदेशों की टिप्पणियों, साझाकरण और पसंद को बढ़ावा देकर सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए तत्पर हैं।

इंटरएक्टिव मार्केटिंग क्या है?

संवादमूलक व्यापार

अच्छा दोस्त, पैट कॉयल पूछता है, इंटरएक्टिव मार्केटिंग क्या है?

विकिपीडिया की निम्न परिभाषा है:

इंटरएक्टिव मार्केटिंग का तात्पर्य मार्केटिंग में विकसित होने की प्रवृत्ति से होता है, जिसके तहत लेन-देन के प्रयास से मार्केटिंग बातचीत में बदल जाती है। इंटरएक्टिव मार्केटिंग की परिभाषा हार्वर्ड में जॉन डिएटन से आती है, जो कहते हैं कि इंटरएक्टिव मार्केटिंग ग्राहक को संबोधित करने की क्षमता है, याद रखें कि ग्राहक क्या कहता है और ग्राहक को फिर से इस तरह से संबोधित करता है जो दिखाता है कि हमें याद है कि ग्राहक ने हमें क्या कहा है 1996)।

इंटरएक्टिव मार्केटिंग ऑनलाइन मार्केटिंग का पर्याय नहीं है, हालांकि इंटरेक्टिव मार्केटिंग प्रक्रियाओं को इंटरनेट तकनीक द्वारा सुविधाजनक बनाया जाता है। ग्राहक ने जो कुछ भी कहा है उसे याद रखने की क्षमता तब आसान हो जाती है जब हम ग्राहक की जानकारी ऑनलाइन एकत्र कर सकते हैं और हम इंटरनेट की गति का उपयोग करके अपने ग्राहक के साथ अधिक आसानी से संवाद कर सकते हैं। Amazon.com इंटरैक्टिव मार्केटिंग के उपयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, क्योंकि ग्राहक अपनी वरीयताओं को दर्ज करते हैं और उन्हें ऐसे पुस्तक चयन दिखाए जाते हैं जो न केवल उनकी प्राथमिकताओं बल्कि उनकी खरीदारी से मेल खाते हैं।

कई चंद्रमा पहले, किसी ने मुझसे पूछा कि विज्ञापन और विपणन के बीच अंतर क्या है। मैंने मछली पकड़ने के रूपक के साथ उत्तर दिया, यह लागू करना कि विज्ञापन घटना या माध्यम है, लेकिन विपणन रणनीति थी। मछली पकड़ने के संबंध में, मैं एक पोल पकड़ सकता हूं और आज एक झील से टकरा सकता हूं और देख सकता हूं कि मैं क्या पकड़ता हूं। यह विज्ञापन है . एक कीड़ा लहराते हुए और देखते हैं कि कौन काटता है। दूसरी ओर, विपणन पेशेवर मछुआरा है जो मछली, चारा, तापमान, मौसम, मौसम, पानी, गहराई आदि पर शोध करता है। चार्टिंग और विश्लेषण करके, यह मछुआरा बड़ा और अधिक पकड़ने में सक्षम है। एक रणनीति बनाकर मछली।

विज्ञापन अभी भी उस रणनीति का हिस्सा है, यह सिर्फ एक विवेकपूर्ण घटना या माध्यम है।

वर्षों में, विज्ञापन और विपणन दोनों बड़े पैमाने पर अप्रत्यक्ष थे। विपणन या विज्ञापन विभाग ने हमें बताया कि हमें क्या सोचना है और उन्हें इस बात की परवाह नहीं थी कि हमारी प्रतिक्रिया क्या है। उन्होंने संदेश, माध्यम, उत्पाद और मूल्य को नियंत्रित किया। हमारी एकमात्र 'आवाज़' थी कि हमने उत्पाद या सेवा खरीदी या नहीं।

अब हमारे पास अपने संदेश या ब्रांड पर पूर्ण नियंत्रण नहीं है। हम उस नियंत्रण को उपभोक्ता के साथ साझा करते हैं। वह उपभोक्ता, एक खुश ग्राहक या नाराज होने के बावजूद, अपने उत्पाद या सेवा के साथ अपने अनुभव के बारे में अपने दोस्तों को बताने के लिए इंटरनेट जैसे उपकरणों का उपयोग करने जा रहा है। विपणक के रूप में, हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हम उस बातचीत का हिस्सा बन सकें और अपने दृष्टिकोण और विचारों को अपनी कंपनियों को वापस खिला सकें।

शायद एक नजदीकी सादृश्य कर्मचारी की समीक्षा की जाएगी 360 डिग्री समीक्षा आज की। हमारे करियर में एक बिंदु पर, हम चुपचाप हमारी समीक्षा प्राप्त करने के लिए प्रतीक्षा करेंगे। समीक्षा हमें रैंक करेगी और लक्ष्य, प्रशंसा और आलोचनाएं प्रदान करेगी जिन्हें हम अपनी अगली समीक्षा तक जवाबदेह ठहराया जाएगा। 360 समीक्षा बहुत अलग है . लक्ष्य, प्रशंसा और आलोचनाओं पर चर्चा की गई है और तालिका के दोनों किनारों से लिखा गया है। कर्मचारी की उन्नति और सफलता को प्रबंधक या पर्यवेक्षक के परामर्श और नेतृत्व के साथ परिभाषित किया जाता है - लेकिन उसे केवल उसके द्वारा परिभाषित नहीं किया जाता है।

कंपनियों ने 360 समीक्षाओं को अविश्वसनीय रूप से लाभप्रद पाया है क्योंकि यह मानता है कि प्रबंधक एक बेहतर नेता बनते हैं और साथ ही उन्हें उस कर्मचारी को व्यक्तिगत रूप से काम करने के लिए अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। (कोई दो कर्मचारी मार्केटिंग की परिभाषा एक जैसे नहीं हैं - जैसे कोई दो ग्राहक नहीं हैं!)। इंटरएक्टिव मार्केटिंग अलग नहीं है। ऐसी रणनीतियों का निर्माण करके जो हमारे ग्राहकों की आवाज़ को शामिल करती हैं और इसका लाभ उठाती हैं, हम अपनी मार्केटिंग पहुंच में काफी सुधार कर सकते हैं।

जहां मैं इंटरएक्टिव मार्केटिंग पर ठोकर खाता हूं, वह यह है कि किसी भी समय 'बिंदु' है कि यह व्यवहार्य हो गया है। मुझे विकिपीडिया की परिभाषा पसंद है क्योंकि यह बताता है कि इसकी आवश्यकता नहीं है ऑनलाइन रणनीति। मेरा मानना ​​है कि इंटरएक्टिव मार्केटिंग का उपयोग कई माध्यमों में काफी समय से किया जा रहा है। मैं व्यक्तिगत रूप से विश्वास नहीं करता कि यह एक इंटरनेट घटना थी। ईमेल सर्वेक्षण मार्केटिंग की परिभाषा की तुलना में कोई सीधा मेल सर्वेक्षण कैसे भिन्न होता है? अगर कंपनी ने उस डेटा का उपयोग किया जो अपने ग्राहकों को बेहतर सेवा देने या नए लोगों को आकर्षित करने के लिए प्राप्त किया गया था, तो मेरा मानना ​​है कि यह ऑनलाइन सोशल नेटवर्क के रूप में इंटरएक्टिव है।

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