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आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है

आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है
जानें कैसे जनरेट करें आभा आईडी नंबर (फोटो-Digital India/Twitter)

अगर आपका COVID-19 का टैस्ट पोज़िटिव (सकारात्मक) आता है तो क्या होगा? / What happens if you test positive for COVID-19?

अगर आपका टैस्ट सकारात्मक आता है, तो आपको घर पर या वैकल्पिक आवास में आत्म-अलगाव करना चाहिए, जब तक कि कोई केयर कोओरडिनेटर (देखभाल समन्वयक) आपको अन्यथा न बताए। आप अपने पास अपना फोन अवश्य रखें और फोन कॉल का जरूर जवाब दें।

अगर आपका PCR (पीसीआर) टैस्ट सकारात्मक आता है

अगर आपका PCR टैस्ट सकारात्मक वापिस आता है तो आपको आधिकारिक नंबर 2328 से टैक्स्ट द्वारा आपके परिणाम के बारे में सूचित किया जाएगा। इसमें एक ऑनलाइन फॉर्म का लिंक शामिल होगा जिसे आपको भरना होगा। इस फॉर्म को पूरा करने में 10-20 मिनट लगते हैं और स्वास्थ्य जानकारी, आपके घरेलू संपर्कों और किसी भी उच्च जोखिम वाले स्थानों जहां हो सकता है आप होकर आए हों, के बारे में पूछा जाता है।

अगर आपका रैपिड एंटीजन टैस्ट (आरएटी) सकारात्मक आता है

अगर आपका रैपिड एंटीजन टेस्ट परिणाम सकारात्मक वापिस आता है, तो अपने परिणाम को My Covid Record (माई कोविड रिकॉर्ड) में दर्ज करें। अगर आपको मदद चाहिए तो 0800 222 478 नंबर पर फोन करें। यदि आप किसी सामुदायिक परीक्षण केंद्र या अन्य स्वास्थ्य प्रदाता के स्थान पर निगरानी में आरएटी करवा रहे हैं, तो कर्मचारी परिणाम को स्वास्थ्य मंत्रालय के गोपनीय डेटाबेस और आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है माई कोविड रिकॉर्ड में दर्ज करेंगे।

आपको आधिकारिक 2328 नंबर से एक टैक्स्ट भी भेजा जाएगा जिसमें स्वास्थ्य और संपर्क ट्रेसिंग जानकारी के लिए ऑनलाइन फॉर्म का लिंक शामिल होगा।

जब तक सलाह नहीं दी जाती, तब तक सकारात्मक RAT (आरएटी) परिणामों की पीसीआर टैस्ट से पुष्टि आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है करने की जरूरत नहीं है।

टैस्ट के लिए निर्देश ब्रांड के आधार पर भिन्न होते हैं और यह जरूरी है कि निर्माता के निर्देशों का पालन किया जाए।

RAT लेने के तरीके के बारे में अधिक जानकारी और मार्गदर्शन स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है

आत्म-अलगाव

COVID-19 के लिए सकारात्मक टैस्ट परिणाम आने वाले हर व्यक्ति को आत्म-अलगाव में जाने की जरूरत है। आपके आइसोलेशन (अलगाव) का समय उस दिन से शुरू होता है जिस दिन आपके लक्षण शुरू हुए थे, या जिस दिन आपको कोई लक्षण नहीं होने पर भी सकारात्मक टैस्ट परिणाम मिलता है।

यदि आप जहां हैं वहां सुरक्षित रूप से नहीं रह सकते हैं तो वैकल्पिक आवास उपलब्ध हो सकता है। आपके लिए एक ऑनलाइन फॉर्म भरना जरूरी होगा जिसके माध्यम से आप इस बारें ध्यान आकर्षित कर सकते हैं।

अलगाव अवधि के बाद, बशर्ते आप COVID-19 लक्षणों से मुक्त हों, आप अलगाव को छोड़ सकते हैं। आपको टैस्ट करवाने की जरूरत नहीं है।

आपके आत्म-अलगाव के दौरान देखभाल

अगर आपको स्वास्थ्य सलाह की आवश्यकता है तो पहले ऑनलाइन संसाधनों को देखें।

अगर आपके लक्षण बिगड़ जाते हैं या आपको तत्काल चिकित्सा देखभाल की जरूरत है, तो अपने स्थानीय स्वास्थ्य सेवा प्रदाता या हैल्थलाइन को 0800 358 5453 नंबर पर फोन करें।

अगर आपको या जिस व्यक्ति की आप देखभाल कर रहे हैं, उन्हें सांस लेने में कठिनाई, सीने में तेज दर्द, मूर्च्छा या बेहोशी आती है, तो तुरंत 111 नंबर पर फोन करें।

स्वास्थ्य सहायता के लिए संपर्क देश भर में अलग-अलग हो सकते हैं। आपके संपर्क का बिंदु कोई व्यक्ति या आपकी जनरल प्रैक्टिस (डॉक्टर), प्राथमिक देखभाल प्रदाता या स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य सेवा से एक टीम हो सकती है।

अगर आपको दवा की जरूरत है, तो अपने डॉक्टर या अपनी स्थानीय सामुदायिक फार्मेसी से संपर्क करें, जो इसे सुरक्षित रूप से आपके घर पहुंचा सकते हैं।

आपके घर-परिवार वालों को क्या करना होगा

आपके घरेलू संपर्कों को आत्म-अलगाव में जाने की जरूरत नहीं है। हम सलाह देते हैं कि वे प्रतिदिन 5 दिनों तक टैस्ट करें। यदि उनका टैस्ट सकारात्मक आता है, तो उन्हें आत्म-अलगाव के सभी नियमों का पालन करना पड़ेगा।

यदि उनका टैस्ट नकारात्मक आता है, तो वे अपना घर छोड़ सकते हैं। हमारी सलाह है कि वे घर से बाहर मास्क पहनें, खासकर अगर वे ज्यादा संवेदनशील लोगों से मिलने जा रहे हों (जैसे कि बुजुर्ग या इम्युनोकॉम्प्रोमाइज्ड), सार्वजनिक परिवहन का उपयोग कर रहे हों, या यदि वे भीड़-भाड़ वाली इनडोर (अंदरूनी) जगह में हों।

कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग (संपर्क अनुरेखण)

अगर आपका COVID-19 का टैस्ट सकारात्मक आता है, तो आपको कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और स्वास्थ्य जानकारी के लिए एक ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा।

अगर आपके पास एक वैध मोबाइल फोन नंबर है, तो आपको इस फॉर्म को पूरा करने के लिए एक लिंक और एक्सेस कोड के साथ एक टैक्स्ट संदेश मिलेगा।

अगर आपके पास मोबाइल फ़ोन नहीं है, या अगर आपको फ़ॉर्म भरने में सहायता की जरूरत है, तो आप 0800 555 728 नंबर पर फ़ोन कर सकते हैं।

COVID-19 कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग फॉर्म आपको सुरक्षित रूप से निम्न साझा करने देता है:

  • आपको होने वाले कोई भी लक्षण
  • आपके घरेलू संपर्कों का विवरण
  • किसी भी उच्च जोखिम वाले स्थानों का विवरण जहां हो सकता है आप गए हों
  • अन्य स्वास्थ्य जानकारी जो यह सुनिश्चित करने में मदद करेगी कि आपको ज़रूरत पड़ने पर अतिरिक्त स्वास्थ्य सहायता मिले।

यह सामाजिक विकास मंत्रालय के साथ कल्याण सहायता के अनुरोध और वैकल्पिक आवास के लिए अनुरोध से भी जुड़ा है यदि आप जहां हैं वहां रहना आपके लिए सुरक्षित नहीं है।

इस फॉर्म के माध्यम से आप अपनी NZ Covid Tracer (कोविड ट्रेसर) डायरी और ब्लूटूथ डेटा को साझा कर सकते हैं।

फ़ॉर्म को पूरा करना इसे फ़ोन पर पूरा करने की तुलना में जल्दी होता है - इसमें लगभग सिर्फ 20 मिनट लगते हैं। एक बार आपको टैक्स्ट संदेश मिल जाने के बाद, आप 72 घंटों के भीतर कभी भी शुरू कर सकते हैं। अगर आप 72 घंटे के अंदर फॉर्म जमा नहीं कराते हैं तो कोई फोन करके आपका केस इंटरव्यू फोन पर पूरा कर सकता है।

MRI Test : एमआरआई टेस्ट क्या है?

MRI Test : एमआरआई टेस्ट क्या है?

वहीं एक खास तरह की एमआरआई भी की जाती है, जिसे फंक्शनल एमआरआई (fMRI) कहते हैं। इस तरह की एमआरआई दिमागी गतिविधियों की निगरानी करती हैं। इस टेस्ट में खून के प्रवाह से देखा जाता है कि किसी खास काम को करने के दौरान आपके दिमाग का कौनसा हिस्सा काम करता है। इसकी मदद से कई दिमागी समस्याओं का उपचार किया जा सकता है।

सावधानियां और चेतावनी

एमआरआई टेस्ट कराने से पहले ये बातें भी जान लें

एमआरआई टेस्ट के पहले आपको कुछ सवालों के सही-सही जवाब देने होते हैं। इन प्रश्नों के जवाबों के माध्यम से डॉक्टर आपके बारे में सारी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं और आपकी सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाते हैं। इन सवालों के माध्यम से रेडियोलॉजिस्ट ये भी जान लेते हैं कि पहले आपकी किसी तरह की सर्जरी तो नहीं हुई या कोई डिवाइस आपके शरीर में लगाया तो नहीं गया। क्योंकि एमआरआई के दौरान ऐसी स्थिति में समस्या पैदा हो सकती है।

एमआरआई स्कैनर तस्वीरें लेते वक्त बहुत आवाज करता है और यह बेहद सामान्य है। हो सकता है डॉक्टर इस दौरान आपको किसी तरह के हैडफोन लगाने के लिए दे सकता है या आप गाने भी सुन सकते हैं।

अगर इस टेस्ट में डाई या कॉन्ट्रास्ट की मदद होती है तो इसे इंजेकशन के माध्यम से आपकी नसों में डाला जा सकता है। इससे ठंडक जैसा अहसास होता है। डाई के माध्यम से शरीर के कुछ अंग ठीक तरह से तस्वीर में नजर आते हैं।

याद रखें कि डॉक्टर ने आपको एमआरआई की सलाह इसलिए दी है, जिससे शरीर के बारे में कुछ जरूरी जानकारियां जुटाई जा सकें। अगर आपको इसकी प्रक्रिया को लेकर कोई और सवाल हैं, तो डॉक्टर से इस बारे में जरूर पूछें।

प्रक्रिया

कैसे होती है एमआरआई टेस्ट की तैयारी?

इस टेस्ट के लिए यूं तो किसी खास तैयारी की जरूरत नहीं पड़ती, पर टेस्ट के पहले आपको हॉस्पिटल गाउन पहनना होता है। इसके अलावा इस बात का ख्याल रखा जाता है कि आपके पास किसी तरह का धातु ना हो, क्योंकि इस तकनीक में बेहद शक्तिशाली चुंबक का प्रयोग किया जाता है। ऐसे में ज्वैलरी उतारने की भी सलाह दी जाती है।

इसके अलावा डॉक्टर जरूरत पड़ने पर आपके शरीर में डाई या कॉन्ट्रास्ट का इंजेक्शन लगाता है, जिससे कई बॉडी टिशू और अंग साफ नजर आएं। इसके बाद मरीज को एमआरआई स्कैनर में लेटने के लिए मदद की जाती है।

जानिए क्या होता है

क्या होता है एमआरआई टेस्ट के दौरान?

स्कैनर पर आपको लिटाए जाने के बाद बेल्ट से कसकर बांध दिया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे आप स्कैनिंग के दौरान हिलें नहीं। इस दौरान आपके शरीर को कोई खास हिस्सा या पूरा शरीर स्कैनर के अंदर किया जा सकता है।

इसके बाद एमआरआई मशीरन आपके शरीर के अंदर एक बेहद शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र बना देती है। इसके बाद इन तरंगों के माध्यम से कंप्यूटर शरीर के अंदर का नक्शा तैयार करता है।

आप इस दौरान मशीन की जोर से आवाज सुन सकते हैं। यह आवाज इसलिए आती है क्योंकि मशीन फोटो लेने के लिए अत्यधिक चुंबकीय उर्जा बनाती है। इसी वजह से ईयरफोन लगाए जा सकते हैं।

टेस्ट के दौरान आपको शरीर में खिंचाव जैसे महसूस हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि एमआरआई मशीन नसों को उत्तेजित करती है। यह सामान्य है और इसमें चिंता की कोई बात नहीं।

यह पूरी प्रक्रिया 20 मिनट से 90 मिनट के बीच पूरी हो जानी चाहिए।

क्या होता है एमआरआई के बाद?

एमआरआई के बाद रेडियोलॉजिस्ट प्राप्त तस्वीरों का परीक्षण करता है। इसमें यह तय किया जाता है कि कहीं और एमआरआई की आवश्यक्ता तो नहीं है। अगर रेडियोलॉजिस्ट तस्वीरों से संतुष्ट हो जाता है, तो पेशेंट घर जा सकता है। इसके बाद रेडियोलॉजिस्ट इसपर एक रिपोर्ट तैयार कर डॉक्टर को देता है। डॉक्टर रिपोर्ट के साथ दोबारा मरीज से मिलता है।

क्या कहते हैं एमआरआई टेस्ट के नतीजे?

रेडियोलॉजिस्ट की रिपोर्ट डॉक्टर तक पहुंचने के बाद डॉक्टर इसका बारीकी से अध्ययन करता है। इसके बाद वो आपको आपके एमआरआई परिणाामों के बारे में बताता है। इसमें शरीर में किसी भी विकार, समस्या या उपचार के बाद लक्षणों के बारे में जानकारी मिलती है।

अगर आपको अपनी समस्या को लेकर कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लेना ना भूलें। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की मेडिकल सलाह, निदान या सारवार नहीं देता है न ही इसके लिए जिम्मेदार है।

Amazon Ke Share Kaise Kharide हैं? कौन सा ट्रेडिंग अकाउंट चाहिए?

Amazon का शेयर कैसे खरीदते हैं

अगर आप भारत में अमेज़न खरीदना चाहते हैं, तो चिंता करने की कोई बात नहीं है। खरीदारी करने के लिए आपको आवश्यक सभी जानकारी मिल जाएगी। भारत में Amazon को खरीदने के कई तरीके हैं, और आप एक ऐसा तरीका ढूंढ पाएंगे जो आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप हो।

आप Amazon को ऑनलाइन रिटेलर के माध्यम से खरीद सकते हैं, या आप इसे सीधे कंपनी से खरीद सकते हैं। आप जो भी तरीका चुनें, आप भारत में अमेज़न पर अपना हाथ रख सकेंगे।

अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी Amazon दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेलर है। भारत में, अमेज़ॅन 2013 से चालू है और फ्लिपकार्ट के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है।

भारतीय ग्राहक Amazon से दो तरह से उत्पाद खरीद सकते हैं: वैश्विक Amazon वेबसाइट के माध्यम से या स्थानीय रूप से निर्मित और प्रबंधित Amazon India वेबसाइट के माध्यम से।

जबकि पूर्व उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है, बाद वाला स्थानीय ग्राहक सहायता और तेजी से वितरण समय प्रदान करता है।

अमेजॉन कंपनी का शेयर कितने रुपए का है?

जुलाई 2019 तक, अमेज़न का बाजार पूंजीकरण $873.6 बिलियन है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका में Apple के बाद Amazon को दूसरी सबसे मूल्यवान कंपनी बनाता है, और Apple, Google मूल वर्णमाला और Microsoft के बाद दुनिया की चौथी सबसे मूल्यवान कंपनी है।

अमेज़ॅन के आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है शेयर की कीमत हाल के वर्षों में आंसू पर रही है, 2015 के बाद से दोगुने से अधिक। स्टॉक 8 जुलाई 2018 में $186.57 प्रति शेयर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया और वर्तमान में प्रति शेयर लगभग 143 डॉलर का कारोबार कर रहा है।

    – $143.31

उस कीमत पर, अमेज़ॅन के प्रत्येक शेयर की कीमत लगभग 143.31 डॉलर है। इसलिए यदि आपने 10 साल पहले Amazon का सिर्फ एक शेयर खरीदा था, जब स्टॉक को पहली बार जनता को $18 प्रति शेयर पर पेश किया गया था, तो आपका निवेश अब आपके द्वारा भुगतान किए गए 8 गुना से अधिक होता।

अमेज़ॅन के शेयर में निवेश करना चाहिए या नहीं

जब टेक शेयरों की बात आती है, तो अमेज़ॅन दिग्गजों में से एक है। कंपनी का बाजार मूल्य $1 ट्रिलियन से अधिक है और यह प्रभावशाली दर से बढ़ रहा है। तो, क्या आपको अमेज़न स्टॉक में निवेश करना चाहिए?

कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले कुछ बातों पर विचार करना चाहिए। सबसे पहले, आपके निवेश लक्ष्य क्या हैं? क्या आप जल्दी लाभ कमाना चाहते हैं या आप लंबी अवधि के विकास में अधिक रुचि रखते हैं?

दूसरा, आप कितना जोखिम उठाने को तैयार हैं? किसी भी स्टॉक निवेश के साथ हमेशा कुछ जोखिम शामिल होता है। हालांकि, अमेज़ॅन पिछले कुछ वर्षों में अपेक्षाकृत स्थिर कंपनी रही है और इसने लगातार विकास दिखाया है।

यदि आप एक ठोस निवेश की तलाश में हैं जिसमें लंबी अवधि के विकास की संभावना है, तो अमेज़ॅन स्टॉक आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। बस अपना शोध करना सुनिश्चित करें और कोई भी अंतिम निर्णय लेने से पहले इसमें शामिल जोखिमों आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है को समझें।

अमेज़ॅन कंपनी का शेयर, किस शेयर मार्केट में मिलता है?

Amazon नैस्डैक स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकृत है। बहरहाल, ऐसा हमेशा नहीं होता। वास्तव में, अमेज़ॅन को पिछले कुछ वर्षों में तीन अलग-अलग स्टॉक एक्सचेंजों में पंजीकृत किया गया है।

अमेज़ॅन को पहली बार मई 1997 में नैस्डैक पर पंजीकृत किया गया था। हालांकि, अक्टूबर 1999 में, अमेज़ॅन ने न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (एनवाईएसई) में स्विच किया। फिर, सितंबर 2002 में, अमेज़न ने एक बार फिर नैस्डैक में वापसी की।

न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज 11 वॉल स्ट्रीट, लोअर मैनहट्टन, न्यूयॉर्क शहर, न्यूयॉर्क में स्थित एक अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज है। यह जून 2017 तक अपनी सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण के हिसाब से 21.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।

नैस्डैक, इंक. एक अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज है। यह केवल न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज के बाद बाजार पूंजीकरण के हिसाब से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।

क्या भारत के लोग न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज और नैस्डैक स्टॉक एक्सचेंज निवेश कर सकते हैं?

भारतीय रिजर्व बैंक की ‘उदारीकृत प्रेषण योजना’ (LRS) के दिशा-निर्देशों के अनुसार, भारत का एक निवासी हर साल विदेशी बाजारों में 2.50 लाख डॉलर यानी 1.82 करोड़ रुपये तक निवेश कर सकता है। यह आरबीआई से अनुमति प्राप्त किए बिना किया जा सकता है। एक निवेश सलाहकार खाते की मुफ्त सुविधा के साक्ष्य की सहायता करता है। प्रत्येक निवेशक को अपने ग्राहक को जानिए प्रक्रिया को पूरा करना आवश्यक है।

पहला विकल्प – अमेरिकी शेयरों में निवेश करने का इच्छुक कोई भी व्यक्ति विदेशी ब्रोकरेज फर्मों के साथ गठजोड़ करके भारतीय फर्मों में ट्रेडिंग खाता खोल सकता है। इस प्रकार के ट्रेडिंग अकाउंट को इंटरनेशनल अकाउंट कहा जाता है। कई भारतीय फर्में हैं जिनका विदेशी ब्रोकरेज के साथ गठजोड़ है, जैसे कि आईसीआईसीआई डायरेक्ट, एचडीएफसी सिक्योरिटीज, कोटक सिक्योरिटीज, रिलायंस मनी।

दूसरा विकल्प – प्रत्यक्ष विदेशी ब्रोकरेज फर्म के साथ ट्रेडिंग खाता खोलकर, आप निवेश कर सकते हैं। कई विदेशी मुद्रा दलाल भारतीय निवासियों के लिए व्यापारिक खाते खोलने की अनुमति देते हैं, जिनमें इंटरएक्टिव ब्रोकर्स, टीडी अमेरिट्रेड, चार्ल्स श्वाब इंटरनेशनल अकाउंट और बहुत कुछ शामिल हैं।

Conclusion Points

अब भारत के नागरिक भी अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं और वहां के बड़े कंपनी जैसे अमेजॉन, ऐप्पल, गूगल, फेसबुक और टेस्ला आदि जैसी कंपनी की शेयर को खरीद सकते हैं.

अप्रत्यक्ष विदेशी ब्रोकरेज फर्मों और प्रत्यक्ष विदेशी ब्रोकरेज फर्मों के साथ अपना डीमैट अकाउंट खुलवा करके ट्रेडिंग कर सकते हैं.

याद रखिएगा कि अमेरिकी बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए आपको सभी की डॉलर में देना होगा. इसलिए कहा जा सकता है कि अमेरिकी बाजार में ट्रेडिंग करना महंगा होता है.

My Opinion: अगर आप बड़े निवेश करना चाहते हैं, तभी आप ट्रेडिंग के लिए अमरीकी बाजार को चुनें. क्योंकि छोटे निवेश में जितना आपको फायदा होगा. उससे ज्यादा आपको ट्रेडिंग अकाउंट को मेंटेन करने एवं ट्रेडिंग फीस में आपका पैसा चला जाएगा.

नसों में खून जमने पर आजमाएं ये 4 उपाय — डीप वेन थ्रोम्बोसिस का लक्षण और बचाव

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नसें आपके शरीर की महत्वपूर्ण अंगों में शामिल हैं। इनका आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है काम खून को शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में ले जाना है। लेकिन कई कारणों से नसों में कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं। नसों में खून का जमना भी उन्हीं में से एक है। नसों में खून जमने की स्थिति को मेडिकल की भाषा में डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis In Hindi) कहा जाता है।

डीप वेन थ्रोम्बोसिस को आम बोलचाल की भाषा में डीवीटी (DVT) के नाम से भी जाना जाता है। यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। लेकिन अधिकतर मामलों में पैरों में देखने को मिलता है। क्योंकि पैरों पर शरीर का अधिकतर भार होता है। जीवनशैली में बदलाव लाकर इस बीमारी की संभावना को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

अगर आप खुद में डीप वेन थ्रोम्बोसिस के लक्षणों को अनुभव करते हैं या इस बीमारी से पीड़ित हैं तो जल्द से जल्द एक अनुभवी वैस्कलर डॉक्टर से मिलकर इसका उचित जांच और इलाज कराना चाहिए। आमतौर पर डॉक्टर डीवीटी का जांच इसके लक्षणों के आधार पर करते हैं। फिर स्थिति की गंभीरता के आधार पर इलाज के माध्यम का चुनाव करते हैं।

डीप वेन थ्रोम्बोसिस होने पर आप नीचे दिए हुए चार खास उपायों का इस्तेमाल करके इस बीमारी को दूर कर सकते हैं।

Table of Contents

01. लाइफस्टाइल

डीप वेन थ्रोम्बोसिस के मुख्य लक्षणों में इनेक्टिव जीवनशैली और एक जगह लंबे समय तक आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है बैठना शामली हैं। अगर डीवीटी अपनी शुरूआती स्टेज में हैं तो आप जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाकर अपनी समस्या को दूर कर सकते हैं। इसके लिए आपको रोजाना सुबह हल्का-फुल्का व्यायाम करना चाहिए।

साथ ही, अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियों और ताजे फलों को शामिल करना चाहिए। आपको उन सभी खान-पान की चीजों से दूर रहना चाहिए जिससे फैट बढ़ने का खतरा होता है। इसके अलावा, आपको फास्ट फूड्स, कॉल ड्रिंक्स और नशीली चीजें जैसे कि सिगरेट और शराब आदि के सेवन से भी परहेज करना चाहिए। ऐसा करने से आपके नसों में खून का प्रवाह बेहतर होता है जो डीप वेन थ्रोम्बोसिस में फायदेमंद साबित हो सकता है।

02. दवाएं

जीवनशैली में सुधार लाने के साथ-साथ आप एक अनुभवी वैस्कुलर डॉक्टर से परामर्श करने के बाद एन्टीकॉग्युलेंट्स या खून को पतला करने वाली दवाओं का सेवन कर सकते हैं। ये दोनों दवाएं नसों में खून के जमने की प्रक्रिया को कम कर देते हैं या रोक देते हैं जिसके बाद शरीर अपने सामान्य तंत्र से नसों में जमे हुए खून यानी खून के थक्कों को तोड़ देता है।

एन्टीकॉग्युलेंट्स को टैबलेट या इंजेक्शन के रूप में लिया जा सकता है। आमतौर पर एन्टीकॉग्युलेंट्स दवाओं का 6 महीने तक कोर्स चलाया जाता है। हालांकि, यह हर मरीज के लिए अलग-अलग हो सकता है। आप अपने डॉक्टर से परामर्श करने के बाद इन दवाओं का सेवन कर सकते हैं। इससे आपकी नसों में खून का थक्का जमना बंद हो सकता है।

03. कम्प्रेशन स्टॉकिंग

कम्प्रेशन स्टॉकिंग नसों में खून जमने से रोकने में मदद करता है। यह एक खास प्रकार का मोजा है जिसे पैरों में पहनना होता है। डीवीटी का इलाज करने के लिए आप अपने डॉक्टर से परामर्श करने के बाद कम्प्रेशन स्टॉकिंग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। कम्प्रेशन स्टॉकिंग को कैसे और दिन कितनी देर तक पहनना है आदि के बारे में डॉक्टर से बार कर सकते हैं।

04. सर्जरी

जब जीवनशैली में बदलाव लाने, दवाओं का सेवन करने और कम्प्रेशन स्टॉकिंग से कोई फायदा नहीं होता है तो डॉक्टर डीप वेन थ्रोम्बोसिस का इलाज करने के लिए सर्जरी का चयन करते हैं। डीवीटी की सर्जरी को कई तरह से किया जाता है, लेकिन लेजर सर्जरी को इसका सबसे प्रभावशाली इलाज माना जाता है। अगर आप लेजर सर्जरी से अपनी समस्या का इलाज कराना चाहते हैं तो एक अनुभवी वैस्कुलर सर्जन से इस बारे में परामर्श कर सकते हैं।

नसों में खून जमने का इलाज करने के लिए आप ऊपर दिए गए उपायों की मदद ले सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि आप किसी भी चीज का इस्तेमाल अपने मन मुताबिक न करें। ऐसा करना आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। डीप वेन थ्रोम्बोसिस का इलाज करने की नियत से अपनी डाइट में बदलाव लाने, एन्टीकॉग्युलेंट्स दवाओं का सेवन करने या सर्जरी का चयन करने से पहले एक बार डॉक्टर से अवश्य परामर्श करें।

डीप वेन थ्रोम्बोसिस के लक्षण

दूसरी बीमारियों की तरह डीप वेन थ्रोम्बोसिस के भी कुछ संभावित लक्षण होते हैं जिनकी मदद से आप या आपके डॉक्टर इस बात की पुष्टि करते हैं कि आपको डीवीटी है। डीवीटी के लक्षणों में नम्नलिखित शामिल हैं:-

  • चक्कर और पसीना आना
  • खांसी के साथ खून आना
  • घबराहट और बेचैनी होना
  • नींद सोने में तकलीफ होना
  • बांह से कलाई तक दर्द होना
  • दिल की धड़कन का तेज होना
  • सांस लेते समय सीने में दर्द होना
  • प्रभावित क्षेत्र की त्वचा का गर्म होना
  • प्रभावित क्षेत्र में सूजन, ऐंठन और दर्द होना
  • प्रभवित क्षेत्र की त्वचा का पीला, नीला या लाल होना

अगर आप खुद में ऊपर बताए गए लक्षणों को अनुभव करते हैं या डीप वेन थ्रोम्बोसिस से पीड़ित हैं तो जल्द से जल्द एक विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए ताकि भविष्य में होने वाले खतरों और जटिलताओं को रोका जा सके।

डीप वेन थ्रोम्बोसिस से बचाव

डीप वेन थ्रोम्बोसिस की रोकथाम करने के लिए आपको कुछ खास चीजों पर ध्यान देना होगा। अगर आप खुद को डीवीटी से बचाना चाहते हैं तो नीचे दिए हुए बिंदुओं पर अमल करें।

01. खान-पान पर खास ध्यान दें

खान-पान आपके ओवरऑल हेल्थ में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। बिलकुल सही कहा गया है कि “आप जैसा खाएंगे, बिलकुल वैसा ही बन जाएंगे”। अगर आप खुद को नसों में होने वाली बीमारियां जैसे कि डीप वेन थ्रोम्बोसिस या वैरिकोज वेन्स से बचाना चाहते हैं तो अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियों और ताजे फलों को शामिल करें। साथ ही, जंक फूड्स, कोल्ड ड्रिंक्स और तैलीय एवं मसालेदार चीजों से परहेज करें।

02. लंबे समय तक एक जगह बैठने से बचें

लंबे समय तक एक ही जगह बैठना डीप वेन थ्रोम्बोसिस के मुख्य कारणों में से एक है। इसलिए यह आवश्यक है आप एक जगह बैठने से बचें। क्योंकि इससे पैरों में खून के प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है। अगर आपके काम में लंबे समय तक एक ही बैठना शामिल है तो हर 1-2 घंटे के अंतराल पर कुछ मिनटों के लिए टहलने या चलने की कोशिश करें ताकि खून के प्रवाह में किसी तरह की कोई दिक्कत न आए।

03. एक्टिव जीवनशैली अपनाएं

अपने शरीर में खून के प्रवाह को बेहतर रखने का सबसे बेस्ट तरीका है नियमित रूप से रोजाना हल्का-फुल्का व्यायाम करना। इससे आपको बहुत फायदा होगा और नसों में खून जमने का खतरा खत्म हो जाएगा। एक एक्टिव जीवनशैली को अपनाने की कोशिश करें।

04. सिगरेट और शराब से दूर रहें

सिगरेट और शराब का सेवन करने से अनेकों बीमारियां होती है। डीप वेन थ्रोम्बोसिस भी उन्हीं में से एक हो सकता है। अगर आप खुद को इस बीमारी से बचाना चाहते हैं तो सबसे पहले सिगरेट और शराब का सेवन बंद या कम से कम कर दें। इन दोनों के अलावा, दूसरी भी नशीली चीजों से खुद को दूर रखें।

05. समय-समय पर ब्लड प्रेशर चेक कराएं

समय-समय पर अपना ब्लड प्रेशर चेक कराएं। वैसे साल में एक बार ब्लड प्रेशर चेक कराना आवश्यक है। इससे इस बात की पुष्टि होती है कि आपके शरीर में किसी तरह की कोई परेशानी है या नहीं। अगर आप किसी प्रकार की दवाओं का सेवन करते हैं तो डॉक्टर द्वारा बताए गए दिशा निर्देशों का अवश्य पालन करें।

नसों में खून जमने का कारण पता होने पर आप कुछ सावधानियां बरतकर खुद को इस बीमारी से सुरक्षित रख सकते हैं। अगर आपको डीप वेन थ्रोम्बोसिस है तो आपको बिना देरी किए एक अनुभवी और कुशल वैस्कुलर डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। डॉक्टर आपकी जांच आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है करने और स्थिति की गंभीरता को समझने के बाद ऊपर दिए गए इलाज के चार उपायों में से किसी भी का उपयोग कर सकते हैं।

अगर आप अपने शहर में या उसके आस-पास के टॉप रेटेड क्लिनिक में डीप वेन्स थ्रोम्बोसिस का इलाज लेजर सर्जरी से आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है कराना चाहते हैं तो प्रिस्टीन केयर से संपर्क कर सकते हैं। हमारे क्लिनिक में डीवीटी की लेजर सर्जरी को एक अनुभवी और विश्वसनीय वैस्कुलर सर्जन के द्वारा पूरा किया जाता है जिसकी सफलता दर 95-99 प्रतिशत है।

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|

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ABDM के तहत क्या होती है Abha ID और किसे-कैसे मिलता है इसका लाभ, जानिए?

जानें कैसे जनरेट करें आभा आईडी नंबर (फोटो-Digital India/Twitter)

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने शनिवार को एक बयान में स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों के सुदृढ़ीकरण तथा आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत आभा आईडी बनाए जाने पर जोर दिया। जयपुर में उच्‍च अधिकारियों के साथ एक बैठक में उन्‍होंने आयुष्मान भारत डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के तहत आभा आईडी बनाए जाने पर जोर दिया। अगर आप भी आयुष्‍मान भारत योजना के तहत आभा आईडी का लाभ पाना चाहते हैं तो यहां आपको पूरी जानकारी मिलेगी कि कैसे और किसे मिलेगा इसका लाभ?

क्‍या होती है आभा आईडी?
आयुष्‍मान भारत डिजिटल मिशन के तहत सरकार द्वारा आभा आईडी को पेश किया गया है। यह एक तरह का हेल्‍थ आईडी कार्ड है, जो आपके हेल्‍थ का पूरा डाटा रखता है। आभा हेल्‍थ कार्ड यूजर्स को अनुमति देता है कि वे अपने हेल्‍थ से जुड़ी जानकारी डिजिटली हॉस्पिटल, क्लिनिक और बीमा कंपनी के साथ शेयर कर सकता है, आभा हेल्‍थ कार्ड में 14 नंबर होते हैं।

ABHA कार्ड के फायदें
आभा हेल्‍थ कार्ड यूजर्स को डिजिटली फ्री एक्‍सेस देता है, इसके तहत कहीं भी इलाज कराने जाते हैं आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है तो आपको अपने इलाज के पुराने कागज और बीमारी के बारे में डॉक्‍टर से बताने की आवश्‍यकता नहीं होगी। वह आपका हेल्‍थ कार्ड देखकर ही जान सकेंगे कि आपने पहले किन चीजों का कहां-कहां इलाज कराया है और आपकी स्थिति कैसी है। आभा कार्ड आपको ऑप्‍ट इन ओर ऑप्‍ट आउट की सुविधा देता है। इसके तहत यूजर्स को स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी सभी योजनाओं का लाभ दिया जाता है। इसके तहत कोई भी व्‍यक्ति आभा कार्ड बनवा सकता है।

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ABHA नंबर कैसे बनाएं
आभा, स्वास्थ्य आईडी, आधार कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस का उपयोग करके 14 अंकों की संख्या जनरेट की जा सकती है। पंजीकरण करने के लिए, उपयोगकर्ताओं को healthid.ndhm.gov.in पर जाना होगा और ‘आभा नंबर बनाएं’ पर क्लिक करना होगा। इसके बाद आपको मौजूदा नंबर दर्ज करना होगा, इसके बाद ओटीपी सत्यापन होगा और उपयोगकर्ताओं को अपना नाम, लिंग, जन्म तिथि, मोबाइल नंबर और ईमेल पता सहित विवरण भरना होगा।

इसके अलावा यूजर्स को 14-अंकीय ABHA संख्या से लिंक करने के लिए एक PHR या ABHA पता बनाना होगा। यह उन्हें ABHA नंबर के तहत स्वास्थ्य रिकॉर्ड को साझा करने में सक्षम करेगा। प्रक्रिया के पूरा होने पर, उपयोगकर्ता अपने ABHA कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे। ABHA खाते को अब स्मार्टफोन के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है।

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