करेंसी मार्किट

बाजार में निवेश के लिए शीर्ष ब्रोकर

बाजार में निवेश के लिए शीर्ष ब्रोकर
DMA has always been available for institutions, but through a broker. Can this be offered to retail without broker? Yeah, but retail investors use a broker for the platform (UI, UX, different order types, reporting, etc) on which they trade, DMA is not suitable. 1/3— Nithin Kamath (@Nithin0dha) July 27, 2020

फ़ोरेक्ष ब्रोकरेज व्यवसाय स्थापित करने के लिए शीर्ष 5 क्षेत्राधिकार

ब्रोकरेज व्यवसाय सभी बाजार सहभागियों के साथ संवाद करने और फ़ोरेक्ष बाजार में व्यापारियों के लिए एक बिचौलिए के रूप में कार्य करने के लिए जिम्मेदार हैं। व्यापार करने के लिए ब्रोकर को एक फ़ोरेक्ष लाइसेंस प्राप्त करना चाहिए, जो संगठन की अखंडता और वैधता का आश्वासन देता है। क्योंकि एक निजी व्यक्ति न तो एक वित्तीय संगठन है और न ही बाजार में निवेश के लिए शीर्ष ब्रोकर एक सरकारी निवेश कोष है, वह ब्रोकरेज कंपनी की सहायता के बिना फ़ोरेक्ष बाजार में व्यापार करने में असमर्थ है। व्यापारी एक मुफ्त डेमो खाते का उपयोग कर सकते हैं यदि उन्होंने एक मध्यस्थ के साथ एक प्रस्ताव व्यवस्था में प्रवेश नहीं किया है .

निम्नलिखित दायित्व हैं जो ब्रोकर से पूरी करने की उम्मीद है:

विभिन्न प्रकार के वित्तीय उत्पादों - इक्विटी, मुद्राओं, कच्ची वस्तुओं और वायदा के माध्यम से विश्वव्यापी फ़ोरेक्ष बाजार तक पहुंच प्रदान करना।

व्यापारियों के वित्तीय रिकॉर्ड को उनकी व्यापारिक गतिविधि से संबंधित रखने के साथ-साथ फ़ोरेक्ष बाजार की स्थिति के बारे में जानकारी देना।

वैध, विधायी स्तर पर लेनदेन के तथ्यों को प्रमाणित करते हुए गारंटी और ग्राहक के वकील के रूप में कार्य करना।

बड़ी मात्रा में संलग्न होने के लिए व्यापारियों को लीवरेज (वित्तीय लीवरेज) प्रदान करना। ब्रोकर लीवरेज निर्धारित करता है।

उचित कमीशन, उचित स्प्रेड और उच्च गुणवत्ता वाले ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के साथ सुविधाजनक व्यापारिक परिस्थितियों की स्थापना।

ब्रोकरेज लाइसेंसिंग का महत्व

लाइसेंस प्राप्त करना हमेशा आवश्यक नहीं होता है। विभिन्न अनधिकृत वेबसाइटों पर ट्रेडिंग सेवाएं मिल सकती हैं। हालांकि, कुछ प्रतिबंध हैं (वे कुछ देशों में काम नहीं कर सकते हैं, वे विश्वसनीय लिक्विडिटी प्रदाताओं के साथ सहयोग नहीं करते हैं, आदि)। इसके अलावा, गैर-लाइसेंस ब्रोकर के साथ व्यापार करने वाले व्यापारी कानूनी रूप से देनदारियों से सुरक्षित नहीं हैं। बिना किसी गारंटी के, उनका पैसा स्कैमर से जोखिम में है, और उनके पास उनके खिलाफ कोई सहारा नहीं है। इन संगठनों के साथ, व्यापारी अपने कार्यों की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं और नहीं कर सकते विवादों को निपटाने में सहायता के लिए अन्य पक्षों पर भरोसा करें। ब्रोकरेज फर्मों में जिनके पास उचित प्राधिकरण नहीं हैं, धोखाधड़ी की कई संभावनाएं हैं। फ़ोरेक्ष बाजार में व्यापार करने के लिए, एक कंपनी को लाइसेंस प्राप्त होना चाहिए।

परमिट प्राप्त करने के लिए, ब्रोकर के पास एक विशिष्ट मात्रा में नकद धनराशि होनी चाहिए।

वित्तीय बाजार नियामक ब्रोकर द्वारा प्रदान किए गए दस्तावेजों के पैकेज के आधार पर लाइसेंस जारी करता है।

लाइसेंस प्रदान करते समय, ब्रोकर की साख और श्रमिकों के वित्तीय और आर्थिक प्रशिक्षण को ध्यान में रखा जाता है।

फ़ोरेक्ष लाइसेंस की वैधता परमिट जारी करने वाले प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र पर निर्भर करती है।

नियामक निकाय नियामक लाइसेंस की वैधता समय और इसे प्राप्त करने की आवश्यकताओं को निर्धारित करता है।

ब्रोकर लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया

फ़ोरेक्ष लाइसेंस प्राप्त करने के कई कारण हैं। ऐसा मंच संभावित ग्राहकों के लिए अधिक आकर्षक लगता है। परिणामस्वरूप, अनुभवहीन ब्रोकर को क्रिप्टो एक्सचेंज बनाने से पहले आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करना चाहिए। यह प्रक्रिया कई चरणों में विभाजित है:

फ़ोरेक्ष लाइसेंस प्राप्त करने के कई कारण हैं। ऐसा मंच संभावित ग्राहकों के लिए अधिक आकर्षक लगता है। परिणामस्वरूप, अनुभवहीन ब्रोकर को क्रिप्टो एक्सचेंज बनाने से पहले आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करना चाहिए। यह प्रक्रिया कई चरणों में विभाजित है:

1. बाजार विश्लेषण का संचालन करें और संभावित ग्राहक का प्रोफाइल बनाएं। उदाहरण के लिए, यदि ब्रोकर यूरोपीय संघ में सेवाओं की पेशकश करना चाहता है, तो US लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है। प्रत्येक स्थान में फ़ोरेक्ष लाइसेंस आवश्यकताओं की जांच करें और सबसे अधिक लाभप्रद विकल्प चुनें।

2. एक निगम की स्थापना करें और नामित राष्ट्र में एक कार्यालय स्थापित करें। फ़ोरेक्ष कंपनी शुरू करने और लाइसेंस प्राप्त करने के लिए एक भौतिक कार्यालय की आवश्यकता होती है। कुछ सरकारें नागरिकों को निदेशक मंडल में सेवा करने के लिए मजबूर करती हैं।

3. एक प्रतिष्ठित संस्थान के साथ एक बैंकिंग संबंध स्थापित करें और एक खाता बनाएं। एक प्रतिष्ठित बैंक के खातों में फिएट मनी का अस्तित्व लेनदेन की सुरक्षा और ब्रोकर की वित्तीय व्यवहार्यता की गारंटी के रूप में कार्य करता है। गुणवत्ता वाले व्यवसाय प्रतिष्ठित वित्तीय संस्थान के साथ रणनीतिक गठबंधन बनाते हैं।

4. KYC/AML नीति का पालन। प्रत्येक ब्रोकर जो क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज खोलना चाहता है और लाइसेंस प्राप्त करना चाहता है, उसे AML नीति का पालन करना आवश्यक है। इस शर्त को पूरा करने में सहायता के लिए एक प्रशिक्षित पेशेवर की सेवाओं को बनाए रखना आवश्यक है।

5. दस्तावेज़ सत्यापन। इसके अतिरिक्त, लाइसेंस प्राप्त करने के लिए, एक ब्रोकर को वित्तीय प्राधिकरण को एक व्यावसायिक रणनीति प्रस्तुत करनी होगी। एक अच्छी तरह से परिभाषित रणनीतिक विकास बाजार में निवेश के लिए शीर्ष ब्रोकर योजना और वित्तीय खातों की उपलब्धता दर्शाती है कि व्यवसाय एक दिवसीय संचालन नहीं है लेकिन प्रभावी ढंग से संचालन और व्यापारियों को सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

6. कार्यान्वयन। फ़ोरेक्ष लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया में यह अंतिम चरण है। ध्यान रखें कि दस्तावेज़ीकरण का आयोजन किया जाना चाहिए, वकीलों द्वारा जांच की जानी चाहिए, और लागू स्थानीय कानूनों के अनुपालन में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। नियामक अब डेटा का मूल्यांकन करता है और निर्धारण बनाता है फ़ोरेक्ष ब्रोकर लाइसेंस प्राप्त करने में दो महीने और दो साल के बाजार में निवेश के लिए शीर्ष ब्रोकर बीच लग सकता है।

ब्रोकरेज और लाइसेंसिंग के लिए शीर्ष 5 फ़ोरेक्ष नियामक

प्रत्येक क्षेत्र की जरूरतों और बाधाओं का अपना अनूठा सेट होता है। ऐसे राष्ट्र हैं जिनके पास ढीले, मध्यम या सख्त नियम हैं। ब्रोकर को उपलब्ध नियमों और शर्तों का गहन विश्लेषण करना चाहिए और व्यवसाय के लिए सबसे अच्छा समाधान चुनना चाहिए। हम इस विश्लेषण में शीर्ष न्यायालयों और फ़ोरेक्ष ब्रोकर नियमों पर चर्चा करेंगे।

बेलारूस

अनुकूल कर उपचार के कारण, फ़ोरेक्ष ब्रोकर की बढ़ती संख्या ने बेलारूस लाइसेंस के लिए आवेदन किया है।

आपके ग्राहकों के व्यापारियों को उच्च-गुणवत्ता वाली सेवा देने बाजार में निवेश के लिए शीर्ष ब्रोकर के लिए आमतौर पर एक वित्तीय लाइसेंस की आवश्यकता होती है। एक लाइसेंस प्राप्त करना, जो मानक है, कई साल लगते हैं और $ 2 मिलियन से अधिक की लागत होती है। बेलारूस गणराज्य द्वारा प्रदान किया गया एक फ़ोरेक्ष लाइसेंस विनियमित क्षेत्राधिकारों के सभी लाभ प्रदान करता है, लेकिन काफी सस्ती कीमत पर और अन्य न्यायालयों की तुलना में काफी कम समय की प्रतिबद्धता के साथ।

Invest in US Stock Market: जानें घर बैठे कैसे करें Meta, Netfilx और Twitter के शेयरों में निवेश और क्‍या हैं इसके नफा-नुकसान

Investment in US Stocks: आप घर बैठे अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. इसके लिए आप म्‍युचुअल फंडों के एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंडों का सहारा भी ले सकते हैं.

By: ABP Live | Updated at : 06 Oct 2022 04:28 PM (IST)

अमेरिकी बाजार में कैसे करें निवेश

Investment in US Stock Market: भारत में निफ्टी 50 से इस बात का मोटा-मोटा अनुमान लग जाता है कि घरेलू शेयर बाजार की दिशा क्या है. निफ्टी 50 में फ्री फ्लोटिंग मार्केट कैप वाली 50 शीर्ष कंपनियों शामिल हैं. अमेरिका में मार्केट किस ओर जा रहा बाजार में निवेश के लिए शीर्ष ब्रोकर है, इसका अंदाजा ‘डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज’ या डाउ, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर सबसे ज्यादा ट्रेडेड 30 अमेरिकी शेयरों की सूची और NASDAQ से लगता है. अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी है और डाउ के साथ भी ऐसा ही है और इनका भारत के स्टॉक मार्केट पर बहुत अधिक असर देखने को मिलता है. ऐसे में पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन या भारतीय शेयर बाजारों को लेकर बेहतर अनुमान लगाने के लिए अमेरिकी शेयरों में कुछ निवेश करना अहम हो जाता है. आइए, हम इससे जुड़ी कुछ बुनियादी बातों के बारे में जानते हैं.

अमेरिकी में निवेश की ‘एबीसी’

आइए सबसे पहले ये जानते हैं कि अमेरिका में निवेश करने के अलग-अलग क्या रास्ते हैं जिससे जटिल लग रही प्रक्रिया आसानी से समझ में आ जाएगी. इसके बाद फायदों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे और उसके बाद अमेरिका में निवेश के लिए उन जरूरी सूचनाओं पर बात करेंगे जो आपके लिए जानना जरूरी है. यह कुछ इस प्रकार आगे बढ़ता है:

  • अप्रोच (तरीका)
  • बेनिफिट्स (फायदे)
  • कंडीशन्स (परिस्थितियां)

भारत से अमेरिका में निवेश के लिए आप अलग-अलग तरीके अपना सकते हैं. फिनोलॉजी वेंचर्स के सीईओ प्रांजल कामरा कहते हैं कि अमेरिकी शेयर बाजार में दो तरह से निवेश किया जा सकता है. प्रत्‍यक्ष निवेश और अप्रत्‍यक्ष निवेश.

प्रत्यक्ष निवेश (Direct Investment): कामरा कहते हैं कि आप सीधे अमेरिकी स्टॉक में निवेश कर सकते हैं और यूएस ब्रोकरेज अकाउंट में शेयर होल्ड कर सकते हैं. नए जमाने के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्‍स और स्टॉक ब्रोकर्स न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE), NASDAQ और AMEX (अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज) जैसे प्रमुख एक्सचेंज में रियल टाइम में ट्रेडिंग करने की सहूलियत देते हैं. आपको अपने इंवेस्टमेंट को ट्रैक करना चाहिए और स्टॉक की एनालिसिस करनी चाहिए.

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ETFs या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स: उन्‍होंने कहा कि आप निरंतर रिटर्न पाने के लिए यूएस ईटीएफ में इंवेस्ट कर सकते हैं. ये ईटीएफ इंडेक्स में शामिल पोर्टफोलियो को समान वेट के साथ रेप्लिकेट करते हैं.

म्यूचुअल फंड्स: कामरा कहते हैं कि अगर आप अपने शेयरों के परफॉर्मेंस और मार्केट में उतार-चढ़ाव को ट्रैक बाजार में निवेश के लिए शीर्ष ब्रोकर नहीं करना चाहते हैं तो आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं. ये फंड्स मार्केट के उतार-चढ़ाव के विश्लेषण और पोर्टफोलियो मैनेज करने के लिए फंड मैनेजर्स की नियुक्ति करते बाजार में निवेश के लिए शीर्ष ब्रोकर हैं. म्यूचुअल फंड्स स्टॉक, बॉऩ्ड और डेट में थोड़ा-थोड़ा निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड्स इस तरह की सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एक्सपेंस रेशियो या एक्जिट लोड के रूप में आम तौर पर एक फीस लेते हैं.

एक्सिस म्‍यूचुअल फंड ने लॉन्‍च किया एक्सिस NASDAQ 100 FoF

एक्सिस म्‍यूचुअल फंड ने एक्सिस NASDAQ 100 फंड ऑफ फंड (FoF) लॉन्‍च किया है. यह एक ओपन एंडेड फंड ऑफ फंड स्‍कीम है जो NASDAQ 100 TRI के प्रदर्शन को ईटीएफ में निवेश के जरिये ट्रैक करेगा. एक्सिस के इस फंड के नए फंड ऑफर के दौरान न्‍यूनतम 500 रुपये का निवेश कर सकते हैं. इस फंड के फंड मैनेजर हितेश दास हैं.

क्‍यों करें अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश?

  • मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, नेटफ्लिक्स जैसी दिग्गज टेक कंपनियों और कई अन्य ग्लोबल कंपनियों के लिस्ट होने की वजह से अमेरिकी स्टॉक मार्केट एक व्यवहार्य विकल्प बन जाता है और यहां निवेशकों को सबसे ज्यादा एक्सपोजर भी मिलता है.
  • रुपये के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से भी यूएस स्टॉक की वैल्यू बढ़ जाती है.
  • डाइफर्सिफिकेशन से जुड़ी संभावनाएं
  • पिछले 10 साल के दौरान डाउ ने सेंसेक्स के तीन साल, पांच साल और यहां तक कि 10 साल के मुकाबले ज्यादा रिटर्न दिया है.
  • संकट के समय अमेरिकी डॉलर को भारतीय रुपया से ज्यादा स्थिर और सेफ समझा जाता है.
  • ये यूएस स्टॉक्स में निवेश के फायदे हैं. एक निवेशक के तौर पर आपको अमेरिका में निवेश से पहले अपनी जरूरतों, टैक्स और स्कीम्स को समझना चाहिए.

प्रांजल कामरा कहते हैं कि नई पीढ़ी के ऐप्स ने अमेरिका में निवेश को काफी आसान बना दिया है. फॉरेक्स जैसे महंगे वायर ट्रांसफर एवं ट्रांसफर चार्जेज की जगह अब बहुत सस्ते ‘डायरेक्ट ट्रांसफर्स’ की सुविधा उपलब्ध है जो स्टेट बैंक ऑफ मॉरीशस जैसे बैंकों के जरिए होता है. आपके ब्रोकर इसमें मदद करते हैं और आपका यह काम बिना किसी दिक्कत, बिना किसी ट्रांसफर या फॉरेक्स चार्ज के भुगतान के हो जाता है.

इससे इतर कुछ ब्रोकर्स जीरो कमीशन और अनलिमिटेड इंवेस्टिंग पर काम कर रहे हैं. यूएस मार्केट में निवेश करना प्रायः बहुत जटिल मालूम पड़ता है. हालांकि, विश्वसनीय प्लेटफॉर्म के सपोर्ट और प्रैक्टिस से आप अमेरिका में निवेश के अपने स्किल को निश्चित रूप से मांज सकते हैं और भारत में कहीं भी बैठकर ऐसा कर सकते हैं. ग्लोबल इंवेस्टिंग पर एनालिस्ट्स की चर्चाओं को सुनकर, आर्टिकल्स और केस स्टडीज को पढ़कर आप अप-टु-डेट रह सकते हैं.

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Published at : 06 Oct 2022 04:06 PM (IST) Tags: Mutual Funds ETF Meta Investment in US Market Benefits of Investment in US Stocks Exchange Traded Funds हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

बड़ा बदलाव संभव, निवेशकों को सीधा स्टॉक एक्सचेंज से व्यापार करने की अनुमति दे सकता है SEBI

शेयर मार्केट

शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए ये खबर महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। निवेशक जल्द ही ब्रोकर्स की बजाय सीधे स्टॉक एक्सचेंज से शेयर की खरीद व बिक्री कर सकते हैं। बाजार नियामक सेबी कथित बाजार में निवेश के लिए शीर्ष ब्रोकर तौर पर खुदरा निवेशकों को डायरेक्ट मार्केट एक्सेस (डीएमए) की अनुमति देने पर विचार कर रहा है।

यदि नियामक निर्णय के साथ आगे बढ़ता है, तो भारत का ब्रोकिंग उद्योग एक बड़ा बदलाव देखेगा। यह उनके अस्तित्व को भी खतरे में डाल सकता है। मालूम हो कि मौजूदा समय में निवेशक शेयरों की खरीद-बिक्री सीधे एक्सचेंज से नहीं कर सकते हैं। निवेशक ब्रोकर्स के जरिए लेन-देन करते हैं।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शीर्ष 10 ब्रोकर अकेले उद्योग के आकार का 63 फीसदी से अधिक योगदान देते हैं। इस नई व्यवस्था का सबसे बड़ा लाभार्थी भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज बीएसई होगा। साथ ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), जो आने वाले समय में आईपीओ की तैयारी कर रहा है। इस रिपोर्ट के बाद कल बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का स्टॉक नौ फीसदी चढ़ा।

भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में से एक, Zerodha के सह-संस्थापक नितिन कामथ ने ने ट्विटर पर लिखा कि डीएमए उपलब्ध है, लेकिन ब्रोकर के माध्यम से। क्या बिना ब्रोकर के रिटेल की पेशकश की जा सकती है? एक ब्रोकर के लिए सबसे बड़ा काम ग्राहक के सवालों, शिकायतों आदि को संभालना है। उद्योग के पास इसके लिए हजारों कर्मचारी हैं। क्या एक्सचेंज इस पर नियंत्रण कर सकते हैं और ग्राहक की शिकायतों के बाद खुद को विनियमित करने के लिए एक नियामक के रूप में भी कार्य कर सकते हैं?

भारतीय ऑनलाइन ट्रेडिंग उद्योग पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। मार्च 2019 की एचडीएफसी सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंडस्ट्री इंटरनेट ट्रेडिंग का हिस्सा वित्त वर्ष 2013 में 22 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2018 में 29 फीसदी हो गया है। जैसे-जैसे वित्तीय जागरूकता बढ़ रही है, अधिक से अधिक मिलेनियल्स स्टॉक ट्रेडिंग की ओर बढ़ रहे हैं।

शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए ये खबर महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। निवेशक जल्द ही ब्रोकर्स की बजाय सीधे स्टॉक एक्सचेंज से शेयर की खरीद व बिक्री कर सकते हैं। बाजार नियामक सेबी कथित तौर पर खुदरा निवेशकों को डायरेक्ट मार्केट एक्सेस (डीएमए) की अनुमति देने पर विचार कर रहा है।

यदि नियामक निर्णय के साथ आगे बढ़ता है, तो भारत का ब्रोकिंग उद्योग एक बड़ा बदलाव देखेगा। यह उनके अस्तित्व को भी खतरे में डाल सकता है। मालूम हो कि मौजूदा समय में निवेशक शेयरों की खरीद-बिक्री सीधे एक्सचेंज से नहीं कर सकते हैं। निवेशक ब्रोकर्स के जरिए लेन-देन करते हैं।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शीर्ष 10 ब्रोकर अकेले उद्योग के आकार का 63 फीसदी से अधिक योगदान देते हैं। इस नई व्यवस्था का सबसे बड़ा लाभार्थी भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज बीएसई होगा। साथ ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), जो आने वाले समय में आईपीओ की तैयारी कर रहा है। इस रिपोर्ट के बाद कल बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का स्टॉक नौ फीसदी चढ़ा।

भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में से एक, Zerodha के सह-संस्थापक नितिन कामथ ने ने ट्विटर पर लिखा कि डीएमए उपलब्ध है, लेकिन ब्रोकर के माध्यम से। क्या बिना ब्रोकर के रिटेल की पेशकश की जा सकती है? एक ब्रोकर के लिए सबसे बड़ा काम ग्राहक के सवालों, शिकायतों आदि को संभालना है। उद्योग के पास इसके लिए हजारों कर्मचारी हैं। क्या एक्सचेंज इस पर नियंत्रण कर सकते हैं और ग्राहक की शिकायतों के बाद खुद को विनियमित करने के लिए एक नियामक के रूप में भी कार्य कर सकते हैं?

DMA has always been available for institutions, but through a broker. Can this be offered to retail without broker? Yeah, but retail investors use a broker for the platform (UI, UX, different order types, reporting, etc) on which they trade, DMA is not suitable. 1/3

— Nithin Kamath (@Nithin0dha) July 27, 2020

भारतीय ऑनलाइन ट्रेडिंग उद्योग पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। मार्च 2019 की एचडीएफसी सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंडस्ट्री इंटरनेट ट्रेडिंग का हिस्सा वित्त वर्ष 2013 में 22 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2018 में 29 फीसदी हो गया है। जैसे-जैसे वित्तीय जागरूकता बढ़ रही है, अधिक से अधिक मिलेनियल्स स्टॉक ट्रेडिंग की ओर बढ़ रहे हैं।

ब्रोकरों के अचानक मार्जिन फंडिंग बढ़ाने से कई शेयर ढेर

ब्रोकरों ने अपना जोखिम घटाने के लिए अमीर ग्राहकों से अतिरिक्त मार्जिन मनी जमा कराने या निवेश घटाने को कहा। मार्केट पार्टिसिपेंट्स ने बताया कि इस पर उनके कई अमीर ग्राहकों ने बाजार में निवेश के लिए शीर्ष ब्रोकर निवेश घटाने का रास्ता चुना। इससे खासतौर पर मिडकैप शेयरों में भारी गिरावट आई।

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इस बारे में मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशल सर्विसेज के एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट जयेश फारिया ने बताया, ‘हाल की घटनाओं को देखते हुए ब्रोकर अपना जोखिम घटाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने क्लाइंट्स से और कैश जमा कराने या एक्सपोजर घटाने को कहा।’ उन्होंने बताया, ‘कई अमीर निवेशकों ने इसमें एक्सपोजर घटाने का विकल्प चुना है। उनके साथ एफपीआई की बिकवाली से मार्केट में भारी गिरावट आई है।’

मार्जिन फंडिंग में ब्रोकर शेयर खरीदने के लिए अपने ग्राहकों को कर्ज देते हैं और वे उस पर उनसे ब्याज वसूलते हैं। मिसाल के लिए, इसमें कोई ग्राहक एक लाख रुपये जमा करके चार लाख के शेयर खरीद सकता है। मार्जिन फंडिंग क्लाइंट के पास पड़े मौजूदा शेयरों को गिरवी रखकर भी की जाती है।

यस बैंक, आरबीएल बैंक, डीएचएफएल, जेट एयरवेज, वोडाफोन, जी ग्रुप, केयर, बॉम्बे डाईंग, टाटा एलेक्सी, लक्ष्मी विलास बैंक और सद्भाव इंजिनियरिंग जैसे शेयरों की बड़े पैमाने पर मार्जिन फंडिंग के जरिये खरीदारी हुई थी। पिछले एक महीने में इनके दाम में गिरावट आने से ब्रोकरेज हाउस फिक्रमंद हो गए थे। इस बीच, बाजार में निवेश के लिए शीर्ष ब्रोकर पिछले कुछ दिनों में कॉफी डे एंटरप्राइजेज के शेयर प्राइस में 50 पर्सेंट की गिरावट आने से उनकी मुसीबत और बढ़ गई। इस मामले में इडलवाइज पर्सनल वेल्थ अडवाइजरी के हेड राहुल जैन ने बताया, ‘ब्रोकर अब बहुत सोच-समझकर चुनिंदा शेयर खरीदने के लिए कुछ ग्राहकों को ही कर्ज दे रहे हैं।’ उन्होंने बताया कि हमने पिछले कुछ हफ्तों में रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम को मजबूत बनाया है। पिछले एक महीने में सेंसेक्स में 7 पर्सेंट की गिरावट आई है, जबकि इस बीच बीएसई मिडकैप और स्मॉल कैप इंडेक्स में क्रमश: 9 पर्सेंट और 12 पर्सेंट की गिरावट आई है। बीएसई में शामिल 110 शेयर और बीएसई के ए ग्रुप में शामिल 14 शेयर गुरुवार को ऑल टाइम लो लेवल पर बंद हुए।

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