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ब्रोकर क्या है

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क्या मैं स्टॉक ब्रोकर के बिना भारत के शेयर बाजार में निवेश कर सकता हूं? [2022] | Can I Invest Without Stock Broker in Hindi?

अगर आप भी शेयर मार्किट में निवेश करते हैं और यह जानना चाहते हैं की क्या हम बिना ब्रोकर के शेयर मार्केट में जुड़ सकते हैं? अगर हाँ तो कैसे? तो यह ब्लॉग पोस्ट सिर्फ आपके लिए है इसे पढ़ने के बाद आपके सभी सवालों का जवाब आपको आसानी से मिल जाएगा – Can I Invest Without Stock Broker in Hindi?

आप बिना ब्रोकर के भी शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं और आप यह कैसे कर सकते हैं कि हम आपको इस लेख द्वारा समझाएंगे “क्या मैं ब्रोकर के बिना शेयर बाजार में निवेश कर सकता हूं?”

अधिकतर, आपने दलालों के माध्यम से शेयर खरीदे थे, है ना? और क्या होगा अगर आपको पता चले कि आप ब्रोकर की भागीदारी से शेयरों में निवेश या खरीद भी कर सकते हैं।

चलिए विस्तार से जानते हैं कैसे?

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क्या मैं स्टॉक ब्रोकर के बिना भारत में शेयर बाजार में निवेश कर सकता हूं? – Can I Invest Without Stock Broker in Hindi?

कोई भी व्यक्ति जो भारतीय शेयरों में निवेश करना चाहता है, शेयर खरीदने या बेचने के लिए सीधे शेयर बाजारों में नहीं जा सकता है। स्टॉक की खरीद-बिक्री स्टॉक ब्रोकर्स के माध्यम से करनी होती है। यह ऑनलाइन (जैसे Groww) या ऑफलाइन हो सकता है।

स्टॉक ब्रोकर एक व्यक्ति या वित्तीय संस्थान होता है, जिसे सेबी द्वारा शेयर बाजारों में व्यापार करने के लिए लाइसेंस और अधिकृत किया जाता है। शेयर बाजार तक उनकी सीधी पहुंच भी है। वे कंपनियों के शेयर लेनदेन में आपके एजेंट के रूप में कार्य कर सकते हैं।

एक स्टॉकब्रोकर स्टॉक, डिबेंचर, सरकारी बॉन्ड और सूचीबद्ध संपत्ति ट्रस्ट और गैर-सूचीबद्ध निवेश विकल्पों पर सलाह जैसी अतिरिक्त सेवाएं भी दे सकता है। प्रदान की गई सेवाओं के लिए, स्टॉकब्रोकर ब्रोकरेज शुल्क लेते हैं।

साथ ही, एक स्टॉकब्रोकर आपके निवेश पोर्टफोलियो की योजना बना सकता है, उसे लागू कर सकता है और उसकी निगरानी कर सकता है, शोध कर सकता है और शेयर बाजारों में आपके रिटर्न को अनुकूलित करने में आपकी मदद कर सकता है।

अगर आप बिना स्टॉक ब्रोकर के शेयर मार्किट ब्रोकर क्या है में निवेश करना चाहते हैं तो आप ग्रो (Groww) जैसे ऑनलाइन इन्वेस्टिंग प्लेटफार्म का सहारा ले सकते हैं, जो की आपसे ना के बराबर शुल्क चार्ज करते हैं।

डीमैट खाते के साथ स्टॉक में निवेश कैसे करें?

भारतीय शेयर बाजारों में निवेश करने के लिए ट्रेडिंग और डीमैट खाता होना अनिवार्य है।

पहला कदम एक स्टॉकब्रोकर चुनना है।

इसके बाद, एक डीमैट और एक ट्रेडिंग खाता खोलें जिसमें स्टॉक इलेक्ट्रॉनिक रूप से आपके पोर्टफोलियो से जुड़े होंगे।

ट्रेडिंग खाता आपके बैंक खाते के समान है, जिसे स्टॉक ब्रोकर के साथ खोलने की आवश्यकता होती है। इस खाते का उपयोग शेयर बाजारों में ऑर्डर देने यानि स्टॉक खरीदने या बेचने के लिए किया जाता है।

एक डीमैट खाता वह होता है जहां स्टॉक को डीमैट रूप में रखा जाता है (यानी निवेशकों द्वारा प्रमाण पत्र के भौतिक कब्जे के बजाय इलेक्ट्रॉनिक रूप से)। जब आप अपने ट्रेडिंग खाते के माध्यम से स्टॉक खरीदते या बेचते हैं तो स्टॉक प्राप्त करना या स्थानांतरित करना आवश्यक होता है।

ट्रेडिंग/डीमैट खाता खोलने के लिए इन चरणों का पालन करें:

  • BSE और NSE के साथ पंजीकृत स्टॉक ब्रोकर से संपर्क करें
  • KYC फॉर्म भरें
  • आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें: पहचान प्रमाण और पते का प्रमाण
  • खाता खोलते समय पैन कार्ड प्रस्तुत करें
  • उस बैंक खाते का एक रद्द किया गया चेक जिसे आप अपने ट्रेडिंग खाते से लिंक करना चाहते हैं और आपकी हाल की पासपोर्ट आकार की तस्वीरें अपलोड करें

यदि आप उपरोक्त सभी मानदंडों को पूरा करते हैं, तो अपने आप को भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने से न रोकें।

हमेशा याद रखें कि निवेश का निर्णय बाजार के उतार-चढ़ाव या उसकी अटकलों पर आधारित नहीं होना चाहिए। इसलिए, किसी कंपनी में केवल इसलिए निवेश करने से बचें क्योंकि किसी विशेष कंपनी के शेयर की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं या कीमत बहुत कम है और आप इसके बढ़ने की उम्मीद करते हैं। डेटा-समर्थित निर्णय लें।

भारतीय शेयर बाजारों में निवेश करने की न्यूनतम आयु क्या है? – Minimum Age to Invest in Share Market in Hindi?

जैसे भारत के शेयर बाजारों में निवेश करने के लिए कोई आयु प्रतिबंध नहीं है।

डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट बनाने के लिए आपकी उम्र सिर्फ 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। अपना डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए पैन कार्ड होना जरूरी है और आप केवल तभी पैन कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं जब आपकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक हो।

नाबालिगों/18 साल से कम उम्र के लिए शेयर बाजार में निवेश

यदि आपकी आयु 18 वर्ष से कम है, तब भी डीमैट और ट्रेडिंग खाते खोलना संभव है। आप अपने अभिभावक के दस्तावेज जमा करके ऐसा कर सकते हैं।

आप नैसर्गिक अभिभावकों (जैसे माता-पिता) या अदालत द्वारा नियुक्त अभिभावक द्वारा नाबालिग के नाम पर ब्रोकरेज में डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोल सकते हैं।

सभी आवश्यक दस्तावेजों को सत्यापित करने के बाद, डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट आपको भारतीय शेयर बाजारों में व्यापार करने की अनुमति देगा।

क्या कोई छात्र भारत में शेयर बाजारों में निवेश कर सकता है?

हां। यदि छात्र की आयु 18 वर्ष से अधिक है, तो उसे नियमित निवेशक के रूप में माना जाएगा। अगर वह नाबालिग है तो नाबालिगों के लिए नियम लागू होंगे।

नोट: शेयर मार्किट जोखिमों के अधीन है इसमें इन्वेस्ट करने से पहले खुद की रिसर्च करें और किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

हमें आशा है की यह ब्लॉग पोस्ट पढ़ने के बाद आपके सवाल क्या हम बिना ब्रोकर के शेयर मार्केट में जुड़ सकते हैं? (Can I Invest Without Stock Broker in Hindi) अगर हाँ तो कैसे? इस सवाल का जवाब आपको आसानी से मिल गया होगा।

विकास तिवारी इस ब्लॉग के मुख्य लेखक हैं. इन्होनें कम्प्यूटर साइंस से Engineering किया है और इन्हें Technology, Computer और Mobile के बारे में Knowledge शेयर करना काफी अच्छा लगता है.

Stock Broker बनकर कमाएं पैसा, जानिए क्या है तरीका?

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Stock Broker Kya Hota Hai Kaise Bane अपने पैसे को कई गुना बढ़ाने के लिए लोग शेयर मार्केट में पैसा लगाते हैं. वहीं कई लोग शेयर मार्केट में स्टॉक ब्रोकर बनना चाहते हैं जो उम्मीद से भी ज्यादा कमाते हैं. आपने इनपर बनी कई सारी फिल्मे देखी होगी और उनमें इनकी कमाई भी देखी होगी. वैसे यदि आप शेयर मार्केट में काम करना चाहते हैं और एक बढ़िया स्टॉक ब्रोकर बनना चाहते हैं तो इस लेख में आपको स्टॉक ब्रोकर कैसे बने? (How to become stock broker?) इस सवाल का जवाब जरूर मिलेगा. इसके साथ ही इससे संबन्धित अन्य सवालों के जवाब भी मिलेंगे.

शेयर मार्केट क्या है? (What is the Share market?)

शेयर मार्केट में जाकर Stock Broker बनने से पहले एक सबसे बेसिक चीज जान लेते हैं कि Share Market Kya Hota Hai?

Share Market एक ऐसा ब्रोकर क्या है मार्केट है जहां पर कंपनियों के शेयर बेचे और खरीदे जाते हैं. कंपनियाँ अपने वैल्यूशन के हिसाब से अपने शेयर जारी करती है और कई निवेशक और आम जनता इन्हें खरीदती है. जिसके एवज में निवेशक पैसे देता है और कंपनी हिस्सेदारी देती है. ये सारा काम जिस मार्केट में हो रहा है उसे शेयर मार्केट कहा जाता है.

स्टॉक ब्रोकर क्या होता है? (Stock Broker Meaning and Definition in Hindi)

अब स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए पहले ये जानना जरूरी है कि Stock broker kya hota hai? तो इसे एक उदाहरण से समझते हैं.

सबसे पहले कोई कंपनी अपने शेयर को बेचना चाहती है. तो वो पहले उसे सभी जगह से रजिस्टर्ड करवाएगी, सेबी से परमिशन लेगी और फिर शेयर मार्केट में अपने शेयर देगी. ये शेयर वो शेयर मार्केट में मौजूद उन कंपनियों को देती है जो इन शेयर को बेचने और खरीदने का काम करते हैं.

अब इन्हीं कंपनियों में वो कर्मचारी होते हैं जो निवेशकों को ये बताते हैं कि ब्रोकर क्या है ‘सर एक बढ़िया शेयर आया है. आप इसे खरीद लीजिये. आगे चलकर इसका भाव आसमान को छूएगा.’ सामने वाला इनसे प्रभावित होकर या अपना निर्णय लेकर उन शेयर को खरीद लेता है.

तो ये जो निवेशक को प्रभावित करने वाला व्यक्ति है वही स्टॉक ब्रोकर कहलाता है. किसी शेयर को खरीदने और बेचने में इनका महत्वपूर्ण योगदान होता है. असल में देखा जाए तो किस कंपनी के शेयर बेचने है और किसके खरीदने हैं ये इन पर ही निर्भर रहता है. एक आम व्यक्ति शेयर मार्केट की इतनी ज्यादा समझ नहीं रखता इसलिए लोग स्टॉक ब्रोकर की बातों पर विश्वास करके अपना पैसा लगा देते हैं.

स्टॉक ब्रोकर का काम क्या होता है? (Stock broker job description)

  • एक स्टॉक ब्रोकर का काम होता है शेयर को खरीदना और बेचना.
  • जब भी कोई नई कंपनी अपने शेयर लेकर आती है तो स्टॉक ब्रोकर ही होते हैं जो कई बड़े निवेशकों को इनके शेयर में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. वहीं शेयर को खरीदने का कार्य भी इन्हीं का होता है.
  • यदि कोई निवेशक शेयर को बेच रहा है तो उसे खरीदने वाले भी स्टॉक ब्रोकर ही होते हैं. हालांकि ये सारा काम अपनी कंपनी या फर्म के लिए करते हैं जिनके संबंध सीधे उन कंपनियों से होते हैं जो अपने शेयर उतार रही है.
  • इसके अलावा नए निवेशक तलाशना और उन्हें निवेश के लिए प्रोत्साहित करना भी एक स्टॉक ब्रोकर का काम होता है.
  • एक स्टॉक ब्रोकर को निवेशक का Demat account open करना और जरूरी कागजी कार्यवाही करना पड़ती है.

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए जरूरी योग्यता (Stock Broker Qualifications)

स्टॉक ब्रोकर हर व्यक्ति नहीं बन सकता. इसके लिए आपके पास कुछ विशेष गुण होने चाहिए.

– स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए शेयर मार्केट का अच्छा ज्ञान और अनुभव होना चाहिए.
– किसी कंपनी का शेयर कब ज्यादा भाव में जाएगा और कब कम में जाएगा इसकी दूरदर्शिता होनी चाहिए.
– निवेशकों को कन्वेन्स करने की कला होनी चाहिए. इसके लिए आपको निवेशकों के साथ अच्छे संबंध बनाने होंगे जिनसे उनका विश्वास आप पर रहे.
– बिजनेस के कानून की जानकारी होनी चाहिए.
– बिजनेस में कौन सा मोड़ आने पर शेयर को नुकसान होगा इस बात की जानकारी होनी चाहिए.
– मेहनती और वफादार होना चाहिए.

स्टॉक ब्रोकर कैसे बनें? (How to Become a Stock Broker?)

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए आपको ग्रेजुएट होना जरूरी है.

1) आप बिजनेस से संबन्धित किसी कोर्स में ग्रेजुएशन कर सकते हैं. जैसे कॉमर्स, मैनेजेमेंट, इक्नोमिक्स आदि. यदि आप पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं तो भी आप अच्छे स्टॉक ब्रोकर बन सकते हैं.

2) ग्रेजुएशन के दौरान आप शेयर मार्केट को अच्छी तरह से जानें. इसके उतार-चढ़ाव को देखें.

3) शेयर मार्केट की बारीकियों को सीखें. इसकी हर टर्म को अच्छे से जाने.

4) लोगों के साथ बात करने के तरीके को सुधारें और विश्वासपात्र संबंध बनाने की कोशिश करें.

5) ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद आप स्टॉक ब्रोकिंग या कैपिटल मार्केट से संबन्धित कोर्स कर सकते हैं. इसमें आपको शेयर मार्केट की बारीकियाँ सीखने को मिलेगी.

6) इन कोर्स को करने के बाद आप किसी अच्छी Stock Broking Company के साथ जुड़ें और कुछ वर्षों का अनुभव लें.

7) Stock Broking Company Job के दौरान ही आप इस क्षेत्र में माहिर हो जाते हैं. आप यदि अच्छा प्रदर्शन करेंगे तो कंपनी आपको खुद एक स्टॉक ब्रोकर के रूप में हायर कर लेगी.

स्टॉक ब्रोकर की कमाई कितनी होती है? (Stock Broker Average Salary)

एक स्टॉक ब्रोकर की कमाई (Stock broker earning) की कोई सीमा नहीं है. यदि आप एक फ्रेशर के तौर पर किसी Stock Broking Company में Job करते हैं तो शुरुआती तौर पर आपको 10 से 30 हजार रुपये तक सैलरी मिल सकती है. लेकिन जैसे-जैसे आपका अनुभव बढ़ेगा, आपकी कमाई बढ़ती रहेगी. आप हर साल 7-8 लाख रुपये तक कमा सकते हैं.

इस सैलरी के अलावा यदि आपके पास पैसा है तो आप खुद भी निवेश करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. क्योंकि आप इस फील्ड के बारे में अच्छे से जानते हैं तो आप ये अनुमान लगा सकते हैं कि किस शेयर में पैसा लगाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा.

स्टॉक ब्रोकर का करियर काफी सारी संभावनाओं से भरा है. इसमें कमाई की कोई सीमा नहीं है. आपने कई फिल्में देखी होगी जिनमें एक स्टॉक ब्रोकर अपने स्टॉक बेचने की कला से ही करोड़ों रुपये छाप देता है. इसका सबसे अच्छा उदाहरण ‘हर्षद मेहता’ है. हर्षद मेहता ने अपने दिमाग के बल पर शेयर मार्केट को एक अलग ही रुख दिया और बैंक से काफी घोटाला किया. लेकिन आखिर में ये पकड़े गए.

आप सही तरीके से अच्छे शेयर में पैसा लगाकर खुद भी मुनाफा कमा सकते हैं. आप स्टॉक ब्रोकर होकर खुद भी मुनाफा कमा सकते हैं और दूसरों को भी मुनाफा कमाकर दे सकते हैं. लेकिन याद रहे शेयर मार्केट रिस्क से भरा है. इसमें कब क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता. इसलिए इसमें खुद का पैसा सोच-समझकर लगाए.

एक एजेंट और ब्रोकर के बीच क्या अंतर है?

Insurance is the subject matter of solicitation. T&C apply.
For more details on risk factors, terms and conditions please read sales brochure carefully before concluding a sale.
IRDAI registration number: 106, dated 4-12-2000, CIN: U74899DL2000PLC107621
© Copyright 2020 IFFCO-Tokio General Insurance Company Limited

Top five stock broker accounts in India : (स्टॉक ब्रोकर ट्रेंडिंग)

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नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले हैं शेयर मार्केट से जुड़े एक बहुत ही रोचक और जरूरी विषय के बारे मे। जैसा की stock broker, meaning, stock broker india, हम सभी जानते हैं की आजकल शेयर मार्केट किस कदर चर्चे का विषय बना हुआ है।

हर कोई शेयर मार्केट मे निवेश करना चाहता है। लेकिन यदि आपको किसी बड़ी कंपनी मे निवेश (invest) करना है जैसे की apple, google, facebook, इत्यादि, तो आपको एक broker/ legal advisor की आवश्यकता होगी।

यह वोह इंसान या संस्था होती है जो की निवेशकों को राय देती है की उन्हे किस सतो आईये जानते हैं की ब्रोकर क्या है, यह आपके लिए कैसे सहायक है और top 5 broker accounts कौन कौन से हैं।

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क्या है ब्रोकर? (What is a broker?)

ब्रोकर किसी third party का नाम है जो आपके और आपके द्वारा खरीदे गए शेयर के बीच का लिंक बनता है। यह आपके सभी trading transactions को आसान बनाता है।

एक ब्रोकर का काम होता है आपके behalf पर शेयर मार्केट मे शेयर्स खरीदना और बेचना। आपका ब्रोकर आपको यह भी suggest करता है की आपको कौनसा शेयर खरीदना चाहिए और कौनसा नही। इस काम के लिए यह ब्रोकर आपसे अपनी commission मांगता है।

एक ब्रोकर कोई इंसान भी हो सकता है और कोई financial body भी, जैसे की बैंक जो की आपके बदले मे
आपके सारे स्टॉक मार्केट के transactions करता है।

यह सारे काम हालाँकि आपकी मर्ज़ी सेही किये जाते हैं पर इनको करने वाली याही third party होती है।

What is Share Broker and D - Mat account ? शेयर ब्रोकर ओर डी - मॅट अकाउंट क्या है ?

दोस्तो अब तक हमने शेयर मार्केट, सेबी,NSE, BSE, क्या है यह जान लिया आज हम जानने वाले है । शेयर ब्रोकर क्या है ओर D-Mat Account क्या है इसके बारे मे जान ने वाले है इसकी क्या जरूरत है ओर कैसे ओपन करते है।

What is Share Broker and D - Mat account ? शेयर ब्रोकर ओर डी - मॅट अकाउंट क्या है ?
What is Share Broker and D - Mat account ? शेयर ब्रोकर ओर डी - मॅट अकाउंट क्या है ?


जेसे हमें बँक में पैसे जमा करणे के लिए एक बँक acconut कि जरूरत होती है वैसे ही हमे शेयर मार्केट में खरीदे गये शेयर जमा करणे के लिए एक D - mat अकाउंट कि जरूरत होती है। हम शेयर मार्केट से जो शेयर खरीदते हे उन्हे उस में रखना होता है ।यह शेयर पहले physcical फॉम् में आते थे लेकिन अब यह digital फॉर्म में हमे हमारे D mat account में जमा किये जाते है।

लेकिन यह D mat Account हम डायरेक्ट खुद से ओपन नहीं कर सकते है जेसे हमे बँक अकाउंट ओपन करणे के लिए बँक जाना होता है वेसे हि हमे D mat अकाउंट ओपन करणे के लिए किसी शेयर ब्रोकर कि जरूरत होती है । हम D mat अकाउंट किसी ना किसी शेयर ब्रोकर के साथ हि ओपन कर सकते है ।

शेयर ब्रोकर क्या है ?

जब हमे शेयर मार्केट में ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेन्ट करणी होती है ,तो हम डायरेक्ट NSE या BSE के पास नहीं जा सकते है हमे किसी ब्रोकर कि जरूरत होती है जिसे depositary participate भी कहा जाता है शॉर्ट में Dp.शेयर ब्रोकर यांनी वह व्यक्ती या संस्था होती है जो अपने ग्राहक कि ऑर्डर को एक्सचेंज तक पहूंचाता है।

What is Share Broker and D - Mat account ? शेयर ब्रोकर ओर डी - मॅट अकाउंट क्या है ?
What is Share Broker and D - Mat account ? शेयर ब्रोकर ओर डी - मॅट अकाउंट क्या है ?

लेकिन यह भी हमे डी मॅट अकाउंट के साथ एक ट्रेडिंग अकाउंट भी ओपन करना होता है जो कि हमारा ब्रोकर ओपन करता है डी मॅट अकाउंट के साथ ही जिस के जरिये हम ब्रोकर को ऑर्डर देते हे कि वह हमारे लिए शेयर खरीदे या बेचे यह ऑर्डर ट्रेडिंग अकाउंट से हि लागू होता है। ओर जब यह ऑर्डर लग जाता है तो हमारे D mat अकाउंट में वह शेयर आ जाते है ।

शेयर ब्रोकर को हि स्टॉक ब्रोकर भी कहा जाता है स्टॉक ब्रोकर हमे जब यह सर्विस देता है तो उसके बदले में हमे उसे कुछ ब्रोकरेज देना होता है।यह ब्रोकरेज (पैसे) ऑर्डर के अनुसार होता है ।हम किस सेगमेन्ट में ट्रेडिंग करते है उस पर डिपेंड होता है ।

ट्रेडिंग अकाउंट के भी साल कि कुछ फीस हमे ब्रोकर को देनी होती है । जिसे AMC यांनी Annual maintenance charges कहा जाता है। जो कि अलग अलग ब्रोकर कि कम जादा होती है । जेसे 300 से 500 रु तक लेकिन अब कुछ ब्रोकर फ्री में भी यह service दे रहे है। उसके बारे में हम आपको डिटेल्स जरूर देंगे।

शेयर ब्रोकर के प्रकार :

इस प्रकार के ब्रोकर अपने क्लाइंट को फुल सर्विस देते है जेसे कि कोणसे शेयर कब बेचने हे कब खरीद ने है । ओर मार्जिन मनी कि सुविधा भी देते हे । मार्जिन मनी यांनी आपके पास अगर 1000 रु हे और आप उस से जादा किंमत के शेयर खरीद ना चाहते है तो आपका ब्रोकर आपको extra पैसे provide करता है जिसे मार्जिन मनी केहते है । यह मार्जिन times में होती है जेसे 2×, 3× 4 × इस प्रकार से यांनी आपके पास 1000 रु हे तो आप 2000 3000 या 4000 रु तक के शेयर खरिद सकते है । लेकिन यह मार्जिन लिमिटेड पिरियड तक हि होती है । इस प्रकार कि फुल सर्विस के कारण वह जादा फीस भी charge करते है ।

2) डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर ;

यह ब्रोकर हमे लिमिटेड सर्विस provide करते है जेसे कि वह हमे किसी भी प्रकार के शेयर खरिद ने या बेचने कि सलाह नहीं देते । कॉलिंग ट्रेंड कि फॅसिलिटी भी नहीं देते है । सब कुछ हमे अपने आप हि करना पडता है । लेकिन उनकी फीस ओर ब्रोकरेज भी कम होती है । जादा तर लोग डिस्काउंट ब्रोकर हि प्रेफर करते है । कुछ ब्रोकर शेयर कि डिलिव्हरी पर zero ब्रोकरेज भी charge करते है जो कि क्लाइन्ट यांनी हमारे लिए अच्छा होता है ।

डिस्काउंट सर्विस ब्रोकर के Example :

डी मॅट अकाउंट (D-mat Account) :

D-mat Account के बारे में हमने पहले भी बात कि जेसे हम बँक में पैसे जमा करणे के लिए saving account ओपन करते है वेसे हि शेयर राखने के लिए हमे D-mat Account कि जरूरत होती है । यह अकाउंट पुरी तरह से डिजिटल होता है । इसाका एक नंबर होता हे जिसे DP ID भी कहते हे जो कि 16 अंको का होता है । जब शेयर मार्केट डिजिटल तरिके से काम नहीं करता था तब कोई डी मॅट अकाउंट कि जरूरत नहीं होती थी । जो भी शेयर मिलते थे वह कागज के एक डॉक्यूमेन्ट कि तोर पर मिलते थे । जिने हमे काफी हिफाजत से संभालना होता था । लेकिन आज डिजिटल तरिके से वह हमारे डी मॅट अकाउंट में स्टोर होते राहते है । अगर हमरा ब्रोकर अगर भाग गया या कुछ कारणवश दिवालिया हो गया तब भी हमे किसी प्रकार कि फिकर करणे कि जरूरत नहीं होती। हमारे डी mat account में वह सुरक्षित होते है।

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