स्टार्टअप में निवेश

P ने 6 महीने के लिए स्टार्टअप में कुछ धन का निवेश किया। Q ने 6 महीने के लिए P की तुलना में 1,000 रुपए अधिक निवेश किए। 6 महीने के बाद, P ने अपनी धनराशि से 1,000 रुपए वापस निकाल लिए और Q ने भी 1,000 रुपए वापस निकाल लिए। एक वर्ष के अंत में अर्जित लाभ का अनुपात 37 : 39 है। प्रारंभ में Q द्वारा निवेश की गई धनराशि ज्ञात कीजिये।
SSC CGL 2022 Tier I Prelims Exam Date Out on the official website of SSC on 31st October स्टार्टअप में निवेश 2022! The prelims exam will be conducted from 1st to 13th December 2022. Earlier, SSC CGL Results for Tier II 2021 Marks Status Link has been activated. Candidates can check their marks by visiting the official website. The SSC CGL 2022 is ongoing and the candidates had applied for the same till 13th October 2022. The SSC CGL 2022 Notification was out on 17th September 2022. The SSC CGL Eligibility is a bachelor’s degree in the concerned discipline. This year, SSC has completely changed the exam pattern and for the same, the candidates must स्टार्टअप में निवेश refer to SSC CGL New Exam Pattern.
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स्टार्टअप कंपनी मैटर गुजरात में करेगी 1,500 करोड़ रुपये का निवेश
नयी दिल्ली, छह दिसंबर (भाषा) इलेक्ट्रिक वाहन समाधान और ऊर्जा भंडारण प्रदाता स्टार्टअप कंपनी मैटर की गुजरात में अगले पांच साल में 1,500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की योजना है। कंपनी ने सोमवार को एक बयान में कहा कि उसने अगली पीढ़ी के इलेक्ट्रिक वाहन और ऊर्जा भंडारण समाधान के क्षेत्रों में निवेश करने के लिए राज्य सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। मैटर ने कहा, ‘‘इसमें से 1,200 करोड़ रुपये इलेक्ट्रिक वाहन में और 300 करोड़ रुपये ऊर्जा भंडारण में निवेश किये जाएंगे। इस निवेश से अगले पांच साल में राज्य में
कंपनी ने सोमवार को एक बयान में कहा कि उसने अगली पीढ़ी के इलेक्ट्रिक वाहन और ऊर्जा भंडारण समाधान के क्षेत्रों में निवेश करने के लिए राज्य सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
मैटर ने कहा, ‘‘इसमें से 1,200 करोड़ रुपये इलेक्ट्रिक वाहन में और 300 करोड़ रुपये ऊर्जा भंडारण में निवेश किये जाएंगे। इस निवेश से अगले पांच साल में राज्य में 4,000 नौकरियां सृजित होंगी।’’
New Idea ने निवेशकों को किया कायल, ये कंपनी करेगी 4000 करोड़ रुपए निवेश
Weekly Rundown: स्टार्टअप में निवेश स्टार्टअप्स फंडिंग के लिए गहमागहमी वाले सप्ताह में रिटेल टेक फर्म आरजू ने अपने लिए फंड जुटाए हैं. इसके अलावा कई और कंपनियों ने बड़ी रकम निवेश की है. कई राउंड की फंडिंग में स्टार्टअप्स को फंड मिले हैं.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 02 जुलाई 2022,
- (अपडेटेड 02 जुलाई 2022, 3:59 PM IST)
- बर्टेल्समैन इंडिया इन्वेस्टमेंट्स करेगी बड़ा निवेश
- आरजु को फंडिंग राउंड में मिले 70 मिलियन डॉलर
भारत में निवेश के लिए सेक्टर एग्नोस्टिक वेंचर कैपिटल फंड बर्टेल्समैन इंडिया इन्वेस्टमेंट्स (BII) ने बड़ा ऐलान किया है. बर्टेल्समैन की ओर से कहा गया है कि उसने भारत में नए और फॉलो-ऑन निवेश के लिए 500 मिलियन डॉलर (करीब 4,000 करोड़ रुपये) निर्धारित किए हैं. नए फंड आवंटन के साथ बर्टेल्समैन इंडिया निवेश प्रोग्राम की शुरुआत करेगी. इसके तहत प्रति वर्ष कम से कम 3-4 सीरीज-ए निवेश करने की योजना बना रहा है. सीरीज-ए निवेश की सीमा 2-5 मिलियन डॉलर होगी.
कंपनी की योजना 2022 और 2023 की अवधि में हेल्थ टेक, एंटरप्राइज-टेक, फिनटेक, एग्रीटेक, डीपटेक और वेब3 में निवेश पर ध्यान केंद्रित करने की है. कंपनी ने कहा है कि वो मुंबई और बेंगलुरू सहित भारत में कई और शहरों में अपने ऑफिस खोलेगी. फिलहाल इसका मुख्यालय दिल्ली में है.
आरजू ने जुटाए फंड
स्टार्टअप फंडिंग के लिए गहमागहमी वाले सप्ताह में रिटेल टेक फर्म आरजू, रियल्टी प्लेटफॉर्म प्रॉपशेयर, बिजनेस-टू-बिजनेस (B2B) मार्केटप्लेस सॉल्व, और फिनटेक स्टार्टअप्स प्रोगकैप और गेटवेंटेज ने फंडिंग के नए राउंड की शुरुआत की है. बेंगलुरू स्थित आरजू ने अपने लिए फंड जुटाया है. जापान स्थित एसबीआई इन्वेस्टमेंट, ट्राइफेक्टा लीडर्स फंड और डोरडैश के संस्थापक टोनी जू सहित वैश्विक और भारतीय उद्यम पूंजीपतियों के सपोर्ट वाले एक नए फंडिंग राउंड में 70 मिलियन डॉलर हासिल किए हैं.
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सीरीज-बी फंडिंग राउंड
सेलेस्टा कैपिटल (Celesta Capital) और 3 Lines VC सहित मौजूदा निवेशकों ने भी इस दौर में भाग लिया. कंपनी ने पहले सेलेस्टा और 3 Lines VC से अपनी सीरीज-ए फंडिंग जुटाई थी. रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म प्रॉपशेयर ने वेस्टब्रिज कैपिटल के नेतृत्व में सीरीज-बी फंडिंग राउंड में 47 मिलियन डॉलर हासिल किए. मौजूदा निवेशक प्रवेगा वेंचर्स ने राउंड में भाग लिया. कंपनी ने कहा कि वो नई पूंजी का उपयोग विस्तार और वितरण चैनलों को मजबूत करने और टेक्नोलॉजी को निवेश करने में करेगी.
प्रोगकैप ने 40 मिलियन डॉलर जुटाए
फिनटेक प्लेटफॉर्म प्रोगकैप ने 40 मिलियन डॉलर जुटाए हैं. इससे फंडिंग राउंड 70 मिलियन डॉलर का हो गया. क्रिएशन इन्वेस्टमेंट्स और टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट ने फंडिंग राउंड का नेतृत्व किया और Google नए निवेशक के रूप में शामिल हुआ. मौजूदा निवेशक सिकोइया कैपिटल इंडिया ने भी इस दौर में भाग लिया. इस फंडिंग का इस्तेमाल प्रोडक्ट डेवलपमेंट और उसके विस्तार के लिए किया जाएगा. प्रोगकैप ने पिछले 12 महीनों में इक्विटी में 100 मिलियन डॉलर जुटाए हैं.
सॉल्व ने जापानी वित्तीय फर्म एसबीआई होल्डिंग्स के नेतृत्व में फंडिंग के नए राउंड में 40 मिलियन डॉलर जुटाए हैं. एससी वेंचर्स (SC Ventures) ने भी इस दौर में भाग लिया, जिससे अब तक की स्टार्टअप की कुल फंडिंग लगभग 80 मिलियन डॉलर हो गई है.
कई निवेशकों ने लिया भाग
GetVantage, रेवेन्यू बेस्ड फाइनेंसिंग फिनटेक ने Varanium Nexgen Fintech Fund और DMI Sparkle Fund के नेतृत्व में एक फंडिंग राउंड में 36 मिलियन डॉलर हासिल किए. इस दौर में वापसी करने वाले निवेशक चिराता वेंचर्स और ड्रीम इनक्यूबेटर जापान हैं.
इस दौर में भाग लेने वाले अन्य नए निवेशकों में सोनी इनोवेशन फंड, इनक्रेड कैपिटल और हल्दीराम का फैमिली ऑफिस शामिल हैं. 2020 में घोषित 5 मिलियन डॉलर सीड राउंड के साथ नए राउंड ने GetVantage की अब तक की कुल फंडिंग को 40 मिलियन डॉलर से अधिक पहुंचा दिया है.
स्टार्टअप कंपनियों में रतन टाटा व एनआर नारायणमूर्ति ने किया बड़ा निवेश
मुंबई : भारतीय व विदेशी निवेशकों ने साल 2015 में स्टार्टअप यानी नये विचारों के साथ शुरु की जाने वाली नयी कंपनियों में बड़ा भरोसा जताते हुए ई-कामर्स सहित इस तरह के स्टार्टअप में निवेश नये उद्यमों में कुल मिला कर 8.4 अरब डालर के बड़े निवेश किये. ये निवेश लगभग 1000 सौदों के जरिये किये गये.
निवेशकों ने भले ही इन स्टार्टअप में इतना बड़ा निवेश किया हो लेकिन इसके साथ ही इनके भारी भरकम मूल्यांकन को लेकर सवाल पूछे जाने लगे हैं.भारतीय स्टार्टअप के लिए अपने खजाने को खोलने वाली हस्तियों में रतन टाटा व एनआर नारायणमूर्ति जैसे दिग्गज तथा अलीबाबा व साफ्टबैंक जैसी प्रमुख वैश्विक कंपनियां शामिल हैं.
घरेलू प्रौद्योगिकी व स्टार्टअप ब्लाक ट्रेक डाट इन के आंकडों के अनुसार इस साल (2015) के दौरान 8.4 अरब डालर मूल्य के 936 सौदे किए गए. जबकि 2014 में 304 सौदों के जरिये पांच अरब डालर का निवेश किया गया था.
स्टार्टअप उद्योग को साल 2016 भी काफी उत्साहजनक रहने की उम्मीद है हालांकि विशेषज्ञ व निवेशकों को मूल्यांकन के मोर्चे पर सुधार की अपेक्षा है.
इसके साथ ही नये साल में निवेशकों का ध्यान ई कामर्स से परे कृषि क्षेत्र सहित नये क्षेत्रों पर केंद्रित होने की उम्मीद की जा रही है. इस साल स्टार्टअप निवेश के लिहाज से फ्लिपकार्ट व स्नैपडील जैसी इकामर्स कंपनियों तथा टैक्सी बुकिंग सेवा ओला का बोलबाला रहा.इंडियन एंजल नेटवर्क (आईएएन) की अध्यक्ष पदमजा रुपारेल ने कहा,‘ 2015 में प्रौद्योगिकी व इकामर्स क्षेत्र चर्चा में रहा और इस समय हमारा देश दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ा स्टार्टअप परिदृश्य है. '
उन्होंने कहा कि दुनिया की 68 यूनिकोर्न (एक अरब डालर से अधिक मूल्य वाली कंपनियों) में से 11 स्टार्टअप में निवेश भारतीय हैं. यह अलग बात है कि कंपनियों के इतने ऊंचे मूल्यांकन पर सवाल उठने शुरु हो गये हैं. टाटा स्टार्टअप में निवेश ग्रुप के पूर्व प्रमुख रतन टाटा, इन्फोसिस के संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति व एंजल निवेशक टी वी मोहनदास पई आदि उद्योग जगत के दिग्गजों ने ई कामर्स कंपनियों के ऊंचे मूल्याकंन पर सवाल उठाया है.
अनेक स्टार्टअप में निवेश कर चूके रतन टाटा ने इस साल कहा कि ‘मूल्यांकन' नहीं बल्कि ‘मूल्य' के आधार पर सारा खेल चल रहा है.पई का भी मानना है कि आने वाले कुछ वर्षों में केवल 10 प्रतिशत स्टार्टअप ही सफल होंगे.
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डेब्ट निवेश को इक्विटी में बदलने के लिए सरकार ने स्टार्टअप के लिए समय सीमा बढ़ाकर 10 वर्ष की
DPIIT की एक समाचार विज्ञप्ति के अनुसार, सरकार ने कंपनियों के लिए डेब्ट फाइनेंसिंग को इक्विटी शेयरों में बदलने की समय सीमा 10 साल तक बढ़ा दी है, एक ऐसा उपाय जो कोविड -19 महामारी के प्रभाव से निपटने वाले उभरते स्टार्टअप में निवेश उद्यमों को आराम प्रदान करने की संभावना है। पहले, परिवर्तनीय नोटों को प्रारंभिक परिवर्तनीय नोट जारी होने के बाद पांच साल तक इक्विटी शेयरों में परिवर्तित किया जा सकता था। उस समय सीमा को अब बढ़ाकर दस साल कर दिया गया है।
प्रमुख बिंदु:
- निवेश के दौरान, निवेशक को यह विकल्प दिया जाता है कि अगर स्टार्टअप अच्छा प्रदर्शन करता है या भविष्य में कुछ निश्चित प्रदर्शन बेंचमार्क को पूरा करता है तो स्टार्टअप को उस पैसे के बदले में फर्म में इक्विटी शेयर जारी करने के लिए कहने का विकल्प दिया जाता है, जिसे उन्होंने पहले ऋण/डेब्ट के रूप में निवेश किया था।
- विशेषज्ञों के अनुसार, 2017 में इसके निर्माण के बाद से, परिवर्तनीय नोट व्यवसायों के शुरुआती चरण के वित्तपोषण के लिए अधिक व्यवहार्य वित्तपोषण वाहन बन गए हैं।
- डेलॉयट इंडिया के पार्टनर सुमित सिंघानिया के अनुसार, परिवर्तनीय डिबेंचर/डेब्ट के विपरीत परिवर्तनीय नोट, आगे रूपांतरण अनुपात निर्धारित किए बिना (और कम नियामक अनुबंधों के साथ) इक्विटी में वैकल्पिक रूपांतरण की अनुमति देते हैं।
- इस लचीलेपन को दस साल तक बढ़ाने से व्यवसायों के लिए शुरुआती चरण के निवेशकों (विशेष रूप से अत्यधिक आविष्कारशील मामलों में जिन्हें स्केल बनाने के लिए अधिक जेस्टेशन समय की आवश्यकता होती है) को अपनी अवधारणा दिखाना आसान हो जाएगा, बिना आवश्यक प्री-मेच्योर एक्जिट।
पांडे ने कहा, “इस बदलाव से विभिन्न उद्योगों, विशेष रूप से वित्तीय, शैक्षिक और खुदरा क्षेत्रों में स्टार्टअप्स को फायदा होगा।”
परिवर्तनीय डेब्ट क्या है?
परिवर्तनीय डेब्ट/नोट, एक प्रकार का डेब्ट/ऋण साधन, एक निवेशक के स्टार्टअप में निवेश लिए स्टार्टअप में निवेश करने का एक तरीका है। “एक परिवर्तनीय नोट एक स्टार्टअप कंपनी द्वारा जारी किया गया एक उपकरण है जो शुरू में डेब्ट के रूप में धन की प्राप्ति को स्वीकार करता है, जो धारक के विकल्प पर चुकाने योग्य होता है, या ऐसी स्टार्टअप कंपनी के इक्विटी शेयरों की इतनी संख्या में परिवर्तनीय होता है, जिसकी अवधि दस साल से अधिक नहीं होती है। परिवर्तनीय नोट जारी करने के लिए, अन्य नियमों स्टार्टअप में निवेश और शर्तों के अनुसार निर्दिष्ट घटनाओं की घटना पर सहमत और साधन में इंगित किया गया है, ” नोट के अनुसार।