कॉमर्स संदर्भ

इसके अलावा 360°डिग्री वीडियो एप्लिकेशन जैसे कि फ्लिपवर्स द्वारा पेश किए गए इमर्सिव अनुभवों के लिए बहुत अधिक डेटा की आवश्यकता होती है। निम्न से मानक रिज़ॉल्यूशन (720 पिक्सल से कम पर) 360°डिग्री इमर्सिव अनुभव की स्ट्रीमिंग के लिए कम से कम 25 एमबीपीएस डेटा स्पीड की आवश्यकता होती है, जबकि उच्च रिजॉल्यूशन (एचडी टीवी कॉमर्स संदर्भ के जैसे) इमर्सिव अनुभव की स्ट्रीमिंग के लिए 80 से 100 एमबीपीएस तक की डेटा स्पीड की आवश्यकता है। ई-कॉमर्स के लिए मेटावर्स-केंद्रित सेवाओं के प्रसार के लिए भी उच्च कंप्यूटिंग शक्ति की आवश्यकता होगी।
भारत में ई-कॉमर्स को सर्वसुलभ बनाने के लिए स्पाइस मनी भारत सरकार समर्थित पहल ओएनडीसी में शामिल हुई
मुंबई, 12 अक्टूबर, 2022 : भारत की अग्रणी ग्रामीण फिनटेक कंपनी स्पाइस मनी ने आज घोषणा करते हुए बताया कि वह जो भारत सरकार समर्थित ओएनडीसी (ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स) पर क्रियाशील होने वाले कॉमर्स संदर्भ खरीदार पक्ष के चार ऐप्स में से एक और एकमात्र ग्रामीण फिनटेक कंपनी है, जो बेंगलुरु शहरी जिले में बीटा परीक्षण के लिए आरम्भ किया जा चुका है। बीटा फेज से आगे बढ़ने और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होने के पहले लॉन्च किया गया यह सोफ्टवेर केवल आमंत्रण पर (इनवाईट-ओनली) उपलब्ध है। इससे स्पाइस मनी को अपने अधिकारियों को केवल उनके इलाकों तक सीमित किए बिना छोटे व्यापारी स्टोर तक पहुँच प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
ओएनडीसी को समझना
ई-कॉमर्स, एफएमसीजी की नजर डिजिटल पर
भारत तेजी से 5जी अपनाने की तरफ बढ़ रहा है, वहीं ई-कॉमर्स और दैनिक उपभोग की वस्तुओं का निमार्ण करने वाली कंपनियां (एफएमसीजी) अपने उपभोक्ताओं के अनुभव में सुधार के लिए अधिक अत्याधुनिक डिजिटल समाधानों की ओर रुख कर रही हैं।
पिछले महीने ‘फ्लिपवर्स’ की लॉन्चिंग के साथ फ्लिपकार्ट मेटावर्स स्पेस में कदम रखने वाले सबसे बड़े नामों में से एक बन गई। फायरड्राप वेबसाइट के अनुसार फ्लिपकार्ट वेब-3 प्लेटफॉर्म इसका पायलट रन था, जो 17 से 23 अक्टूबर एक सप्ताह तक लाइव रहा। इसने 1500 शहरों में लोगों को वर्चुअल रूप से खरीदारी करते देखा, जिसमें 300 से 500 उपयोगकर्ता वर्चुअल रियलिटी (वीआर) स्पेस को अपने स्मार्टफोन से हर मिनट स्ट्रीम कर रहे थे।
कोलकाता की एक युवा आईटी पेशेवर बरनाली रॉय ऐसी ही एक यूजर थी। उन्होंने कहा, ‘मैं कुछ भी खरीदने की योजना नहीं बना रही थी। न ही मैंने वीआर-हेडसेट का उपयोग किया। मैंने अपने स्मार्टफोन के जरिए फायरड्रॉप को एक्सेस किया। प्यूमा, नॉइज और इनके जैसे अन्य ब्रांडों के 3डी और वीआर-आधारित स्टोर का अनुभव करने की तीव्र जिज्ञासा के कारण मैंने फ्लिपकार्ट के नए मेटावर्स के लिए साइन अप किया। ‘तीव्र जिज्ञासा’ के ऐसे उदाहरणों के कारण आने वाले डिजिटल फुटफॉल में वृद्धि को भुनाने के लिए कंपनियां आ रही हैं।
वैश्विक ई-कॉमर्स कंपनियों की नजर देसी रिटेलरों पर
भारतीय रिटेल बाजार में मल्टी चैनल परिचालन के जरिये अपना दायरा बढ़ाने के लिए वैश्विक रिटेल घरेलू रिटेलरों के साथ संयुक्त उपक्रम बनाने या उनमें हिस्सेदारी खरीदने की संभावना तलाश रहे हैं। खबरों में कहा गया है कि अमेरिकी ई-कॉमर्स दिग्गज एमेजॉन ने चीन की ऑनलाइन कंपनी अलीबाबा में हिस्सेदारी खरीदने के लिए आदित्य बिड़ला रिटेल के साथ संयुक्त उपक्रम बनाने के संदर्भ में बातचीत की है। डेलोयट कंसल्टिंग में कॉमर्स संदर्भ पार्टनर रजत वाही ने कहा, 'सभी रिटेल कंपनियां यह मान रही हैं कि लॉजिस्टिक, जनसांख्यिकी, अबाधित ग्राहक सेवा और व्यापक वितरण के संदर्भ में जटिलताओं को देखते हुए मौजूदा बाजार में बढ़त बनाने के लिए बड़े प्लेटफॉर्म और बड़ी कंपनियों के साथ भागीदारियां स्थापित करना जरूरी है। हम रिटेल में समेकन का नया दौर भी देख रहे हैं।'
उन्होंने कहा कि कई रिटेलर अपना स्वयं का रिटेल नेटवर्क तैयार करने (जो बेहद महंगा है) के बजाय अपना दायरा बढ़ाने के लिए विलय एवं अधिग्रहण विकल्प को पसंद कर रहे हैं और भारत में संयुक्त उपक्रम स्थापित करने/अधिग्रहण के लिए एफडीआई मानकों पर विचार कर रहे हैं। डेटा विश्लेषण फर्म के मुख्य कार्यकारी रमन मंगलोरकर ने कहा कि एमेजॉन जैसे ऑनलाइन रिटेलरों और वालमार्ट जैसे ऑफलाइन रिटेलरों का मानना है कि सिर्फ ऑनलाइन या ऑफलाइन चैनल ही कारगर नहीं हैं।
ई-कॉमर्स पॉलिसी के ड्राफ्टिंग प्रोसेस से जुड़ना चाहती हैं विदेशी कंपनियां
सांकेतिक चित्र
कमिटी के एक मेंबर ने पहचान जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया कि वह विदेशी सहित सभी कंपनियों से फीडबैक और कॉमेंट ले रही है। उन्होंने कहा, 'यह लोकतांत्रिक देश है और फीडबैक के लिए सभी कंपनियों का स्वागत है। पिछले दौर में भी नैस्कॉम जैसी संस्था के जरिए विदेशी कंपनियों ने प्रतिनिधित्व किया था।' हालांकि इंडस्ट्री इस बार प्रोसेस में ज्यादा दखल चाहती है। US इंडिया बिजनेस काउंसिल की प्रेसिडेंट निशा बिस्वाल ने ईटी से कहा कि उनका संगठन भारत सरकार के साथ काम करना चाहता है।
बिस्वाल ने कहा, 'हम इस बात को लेकर फिक्रमंद हैं कि जिस ड्राफ्ट पॉलिसी पर विचार विमर्श चल रहा है, उसमें डेटा फ्लो में रुकावट लाने वाले नियम डाले जा सकते हैं। अगर ऐसी पॉलिसी अपनाई गई तो उससे प्रिइवसी और सिक्यॉरिटी को बढ़ावा नहीं मिलेगा और आखिरकार उससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रेड, इनवेस्टमेंट और टेक्नॉलजी एक्सचेंज में कमी आएगी।'