टाइटनव्यापार

Share Market Update : मजबूत वैश्विक रूझानों के बीच घरेलू शेयर बाजारों में आई तेजी
मुंबई : वैश्विक बाजारों में मजबूती और बैंकिग शेयरों में लिवाली के बीच बुधवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी रही। इस दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 361.94 अंक चढ़कर 61,780.90 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी शुरुआती कारोबार में 81.2 अंक के लाभ के साथ 18,325.40 अंक पर कारोबार कर रहा था।
सेंसेक्स में भारतीय स्टेट बैंक, टाइटन, कोटक महिद्रा बैंक, डॉ. रेड्डीज, विप्रो, बजाज फिनसर्व, मारुति, एचडीएफसी एवं एचडीएफसी बैंक के शेयर लाभ में थे। दूसरी ओर, आईटीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, हिदुस्तान यूनिलीवर और पॉवर ग्रिड के शेयर नुकसान में कारोबार कर रहे थे। पिछले कारोबारी सत्र में, मंगलवार को तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 274.12 अंक यानी 0.45 प्रतिशत की बढ़त के साथ 61,418.96 अंक पर बंद हुआ था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 84.25 अंक यानी 0.46 प्रतिशत की तेजी के साथ 18,244.20 अंक पर बंद हुआ था।
अन्य एशियाई बाजारों में सियोल और हांगकांग के बाजारों में तेजी थी लेकिन शंघाई के बाजार नुकसान में कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार भी मंगलवार को तेजी के साथ बंद हुए। अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड ०.०3 फीसदी की गिरावट के साथ 88.32 प्रति बैरल पर था। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 697.83 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
Mumbai: मजबूत वैश्विक रूझानों के बीच घरेलू शेयर बाजारों में आई तेजी
इस दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 361.94 अंक चढ़कर 61,780.90 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी शुरुआती कारोबार में 81.2 टाइटनव्यापार अंक के लाभ के साथ 18,325.40 अंक पर कारोबार कर रहा था।
सेंसेक्स में भारतीय स्टेट बैंक, टाइटन, कोटक महिंद्रा बैंक, डॉ. रेड्डीज, विप्रो, बजाज फिनसर्व, मारुति, एचडीएफसी एवं एचडीएफसी बैंक के शेयर लाभ में थे।
दूसरी ओर, आईटीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, हिंदुस्तान यूनिलीवर और पॉवर ग्रिड के शेयर नुकसान में कारोबार कर रहे थे।
पिछले कारोबारी सत्र में, मंगलवार को तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 274.12 अंक यानी 0.45 प्रतिशत की बढ़त के साथ 61,418.96 अंक पर बंद हुआ था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 84.25 अंक यानी 0.46 प्रतिशत की तेजी के साथ 18,244.20 अंक पर बंद हुआ था।
अन्य एशियाई बाजारों में सियोल और हांगकांग के बाजारों में तेजी थी लेकिन शंघाई के बाजार नुकसान में कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार भी मंगलवार को तेजी के साथ बंद हुए।
अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.03 फीसदी की गिरावट के साथ 88.32 प्रति बैरल पर था।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 697.83 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
Titan Success Story: कौन है Titan का मालिक, भारत में कैसे शुरू हुई Titan कंपनी
घड़ी का नाम लेते ही आपके दिमाग में HMT का नाम अपने आप आ जाता है. लेकिन एचएमटी के बाद यदि किसी घड़ी का नाम आता है तो वो है टाइटन (Titan). ये आज ऐसी कंपनी बन चुकी है जो बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की पसंद बनी हुई है. आज के स्मार्टवॉच के जमाने में भी टाइटन उतना ही पॉपुलर है टाइटनव्यापार जितना सालों पहले हुआ करता था. तो चलिये जानते हैं कि भारत की सबसे पॉपुलर वॉच कंपनी टाइटन भारत में कैसे शुरू हुई? टाइटन के मालिक कौन हैं? (Titan Owner name) टाइटन के और कौन से ब्रांड हैं?
कैसे शुरू हुई टाइटन? (How Titan started in India?)
बात 1980 के समय की है जब भारत में HMT की घड़ियाँ खूब फेमस हुआ करती थी. एचएमटी भारत सरकार के अंतर्गत एक कंपनी थी. एचएमटी का पूरा नाम हिंदुस्तान मशीन टूल्स लिमिटेड था. ये कंपनी साल 1953 में शुरू हुई थी. यानी आजादी के पूरे 5 साल बाद.
टाइटन का इतिहास (History of Titan)
HMT घड़ियों के मामले में काफी पॉपुलर तो था लेकिन वो Machine Based Analog watch ही लंबे समय से बना रहे थे. भारत में यही वो दौर था जब सबसे ज्यादा विदेश से लाई हुई घड़ियाँ स्मगल होके भारत में बिकती थी.
इस दौरान टाटा ग्रुप के केन्द्रीय प्रबंधन संवर्ग में काम करने वाले जेरेक्स देसाई को कंपनी के लिए एक नए बिजनेस की खोज थी. उनके पास कई आइडिया आए लेकिन उन्हें वे कोई खास जमे नहीं. तभी उन्हें भारत में घड़ी के निर्माण का आइडिया आया.
इस आइडिया में वे इसलिए भी इन्टरेस्ट रखते थे क्योंकि उस समय भारत में सिर्फ एचएमटी कंपनी ही घड़ी बनाती थी. बाकी कुछ विदेशी कंपनियाँ अपनी घड़ी बेचती थी और कुछ घड़ियाँ विदेश से भारत में स्मगल करके बेची जाती थी. ऐसे में जेरेक्स देसाई जानते थे की भारत में यदि अच्छी घड़ियाँ बनाई जाये तो वे जरूर बिकेंगी.
देसाई का आइडिया तो अच्छा था लेकिन उस समय इस आइडिया से बिजनेस करने में एक दिक्कत थी. उस समय सरकार की पॉलिसी थी कि भारत में घड़ी का निर्माण और घड़ी का बिजनेस या तो सरकार कर सकती है या फिर छोटे लेवल पर बिजनेस करने वाली कंपनियाँ कर सकती थी. जबकि टाटा ग्रुप एक बहुत बड़ा बिजनेस ग्रुप था.
ऐसे शुरू हुआ टाइटन (Tata Group Problem with Titan)
टाइटन को शुरू करने के लिए टाटा ग्रुप ने एक छोटी सी कंपनी Quester Investment नाम से बनाई. इसे टाटा ग्रुप से अलग ही रखा गया. Quester Investment और Tamil Nadu Industrial Development Corporation ने मिलकर Titan नाम की कंपनी शुरू की और घड़ियाँ बनाना शुरू किया. इसके बाद जब कंपनी का कामकाज ठीक से चलने लगा तो Quester Investment को Tata Group ने खरीद लिया और Titan Company टाटा ग्रुप के पास आ गई.
टाइटन ने कैसे बेची घड़ियाँ (How Titan Grow their business?)
उस समय में लोग सिर्फ एचएमटी को ही जानते थे. ऐसे में टाइटन के लिए पहचान बना पाना इतना भी आसान नहीं था. जितना आपको लगता है. टाइटन ने अच्छी घड़ियाँ बनाकर ग्राहकों का ध्यान तो आकर्षित किया ही. साथ ही उन्होने अपनी सेल को बढ़ाने के लिए मार्केटिंग करने का एक नया तरीका अपनाया.
शुरुआत में टाइटन ने बेंगलुरु के सफ़ीना प्लाजा में Titan Watch Store शुरू किया. इस स्टोर में लोगों को एक साथ टाइटन की कई सारी घड़ियाँ देखने को मिलती थी. इस वजह से लोग टाइटन को जानने लगे और घड़ियों की सेल बढ़ने लगी. अपने पहले स्टोर की सफलता को देखते हुए टाइटन ने देशभर में अपने स्टोर खोल दिये.
टाइटन का मालिक कौन है? (Owner of Titan Company)
टाइटन की कहानी की शुरुवात को देखते हुए आप समझ गए होंगे कि इस कंपनी का मालिक कोई और नहीं बल्कि टाटा ग्रुप ही है. लेकिन इसके बारे में एक बात अच्छी तरह समझनी चाहिए. टाटा ने सीधे तौर पर इस कंपनी को शुरू नहीं किया था. इसे जेरेक्स देसाई द्वारा शुरू करवाया गया था. Titan Founder के रूप में भी जेरेक्स देसाई को ही जाना जाता है.
टाइटन के अन्य ब्रांड (Brands of Titan)
शुरुआत टाइटनव्यापार में टाइटन ने सिर्फ घड़ियाँ ही बनाई है और उनसे काफी अच्छी कमाई भी की है. लेकिन समय के साथ सब बदल जाता है. शुरू में कंपनी इससे काफी कमाती थी लेकिन अब टाइटन के कुल रेवेन्यू में घड़ी के कमाई सिर्फ 10 प्रतिशत ही रह गई है. टाइटन अब अपने अन्य ब्रांड और प्रॉडक्ट के जरिये अच्छी कमाई करती है.
घड़ियाँ (Watch Brand of Titan)
टाइटन सिर्फ टाइटन के नाम से ही घड़ियाँ नहीं बनाता. बल्कि इसके और भी कई सारे ब्रांड हैं. इनके नाम भी आपने सुने हैं. आपने सोनाटा नाम तो सुना ही होगा. ये टाइटन का ही ब्रांड है जिसे भारत में कॉर्पोरेट प्रोफेशनल काफी ज्यादा पसंद करते हैं.
आपने घड़ियों में Fastrack का नाम भी सुना होगा. ये ब्रांड भी Titan का ही एक ब्रांड है. Fastrack आज घड़ियों के अलावा चश्मे, पर्स, बेल्ट और भी बहुत सारी चीजे बनाता है. Fastrack की घड़ियाँ युवाओं और स्पोर्ट्स में रुचि रखने वाले लोगों के बीच बहुत फेमस है.
Titan का एक और बहुत फेमस Watch Brand है Raga. ये काफी स्टायलिश और प्रीमियम घड़ियाँ बनाता है. महिलाओं के बीच Titan Raga काफी ज्यादा फेमस है.
इन सभी के अलावा Octane और Xylys भी Titan के ही Watch Brand है. हाल ही में टाइटन ने अपना Smartwatch brand भी लांच किया है जिसका नाम Connect X है.
चश्मे और लेंस (Eyewear brand of titan)
भारत में चश्में और लेंस बेचने के लिए टाइटन का एक बेहद फेमस ब्रांड है Titan Eye+. ये बिलकुल लेंसकार्ट की तरह है. यहाँ आपको प्रीमियम डिज़ाइन की फ्रेम, अच्छी क्वालिटी के लेंस मिल जाते हैं.
ज्वेलरी (Jwellery brand of titan)
भारत में आपने तनिष्क (Tanishq) का नाम तो सुना ही होगा. तनिष्क एक ज्वेलरी ब्रांड है और भारत के कई प्रमुख शहरों में इनके बड़े-बड़े ज्वेलरी आउटलेट हैं. ये सभी आउटलेट टाइटन के अंतर्गत ही आते हैं.
परफ्यूम (Perfume टाइटनव्यापार brand of titan)
टाइटन ने अपना एक परफ्यूम ब्रांड भी निकाला है. इसका नाम Skinn है. इसमें परफ्यूम की काफी बड़ी रेंज है. इसमें आप पुरुष, महिला दोनों के लिए परफ्यूम ले सकते हैं.
आज के समय में टाइटन काफी बड़ी कंपनी है. इसके अंतर्गत कई सारे ब्रांड भी हैं. लेकिन आपको ये जानकार हैरानी होगी कि घड़ी बनाने वाली कंपनी टाइटन आज घड़ियों से नहीं कमा रही बल्कि अपने ज्वेलरी सेगमेंट से कमा रही है. वर्तमान में करीब 20 प्रतिशत से भी ज्यादा कमाई का हिस्सा सिर्फ ज्वेलरी सेगमेंट से आता है.