डे ट्रेडिंग स्टॉक

Updated on: September 11, 2022 11:27 IST
intraday trading : जानिए इंट्रा डे ट्रेडिंग क्या है
इंट्रा डे ट्रेडिंग (intraday trading), जैसा कि नाम से समझ आ जाता है, एक दिन भर के अन्तराल (Same day ) में की जाने वाली खरीद और बिक्री (share purchase & Sale), एक शेयर (Share ) को जिस दिन ख़रीदा जाये, उसी दिन उस शेयर को मार्केट बंद होने से पहले बेच भी दिया जाये, तो इस तरह कि Trading को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहा (Intraday Trading) जाता है।
इंट्रा डे ट्रेडिंग (INTRADAY TRADING) की खास बातें :
1- अगर आप ब्रोकर से मार्जिन लेकर ट्रेड करते है तो ऐसे में, आपको अपना सौदा उसी दिन पूरा करना होता है, अगर आप मार्केट बंद होने से पहले खुद सौदे को पूरा नहीं करते है तो मार्केट बंद के समय शेयर का भाव जो भी होगा, आपका ब्रोकर उसे बेचकर अपना मार्जिन मनी ले लेगा।
2- इंट्रा डे ट्रेडिंग में सभी ब्रोकर्स अपने ग्राहकों को इंट्रा डे ट्रेडिंग के लिए MARGIN MONEY देते है,
जैसे अगर आपके पास 10 हजार रूपये है , और आपका ब्रोकर 10 गुना MARGIN MONEY दे रहा है, तो आप 10 हजार का 10 गुना यानी 1 लाख तक के शेयर खरीद और बेच सकते है।
Read more : Stock market : स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने से पहले जान लें ये जरूरी बातें
3- ब्रोकर को आपको होने वाले फायदे या नुकसान से कोई लेना देना होना होता है, आपने जो भी मार्जिन मनी लिया हुआ, उसको उतना मार्केट बंद होने से पहले वो वापस चाहिए होता है।
4- आप को इंट्रा डे ट्रेडिंग में सौदों को एक दिन में ही पूरा करना होता है, जैसे आज ख़रीदा तो आज ही बेचा और इस तरह आप सिर्फ एक दिन का ही रिस्क उठाते है।
5- शेयर मार्केट की पूरी जानकारी होने पर ही इंट्राडे ट्रेडिंग करनी चाहिए क्योंकि इसमें उतार-चढ़ाव बहुत तेजी के साथ होता है और नये निवेशक इसमें अक्सर करके फंस जाते हैं।
Author : Nitin Bansal
Disclaimer : यह केवल लेखक के विचार हैं । किसी भी नुकसान या फायदे के लिए लेखक या Aavaz.in उत्तरदायी नहीं होगा ।
निवेशकों के लिए डे ट्रेडिंग स्टॉक जरूरी जानकारी: इंट्रा-डे ट्रेडिंग पर जानें, कैसे लगेगा आयकर
शेयर बाजार के जानकार कुंज बंसल का कहना है कि निवेशक जब एक दिन के भीतर ही स्टॉक की खरीद-फरोख्त करता है तो उसे इंट्रा-डे ट्रेडिंग कहते हैं।
कोविड- 19 महामारी के अनिश्तिता भरे दौर में निवेशक अब शेयर बाजार में लंबे समय तक पैसा लगाने के बजाए इंट्रा-ट्रेडिंग में हाथ आजमाने लगे हैं। नौकरीपेशा व आम आदमी भी इंट्रा-डे ट्रेडिंग में पैसे लगाना पसंद करता है। ऐसे निवेशकों के लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि इंट्रा-डे ट्रेडिंग से हुई कमाई पर आयकर गणना कैसे की जाएगी। पेश है प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-
कारोबार से हुई कमाई माना जाएगा मुनाफा
शेयर बाजार के जानकार कुंज बंसल का कहना है कि निवेशक जब एक दिन के भीतर ही स्टॉक की खरीद-फरोख्त करता है तो उसे इंट्रा-डे ट्रेडिंग कहते हैं। इस तरह ट्रेडिंग का मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि बाजार में उतार-चढ़ाव से मुनाफा कमाना है।
लिहाजा ऐसे मुनाफे को कारोबार से हुई कमाई माना जाएगा। ट्रेडिंग करते समय भी जब निवेशक स्टॉक खरीदेगा तो भी उसे यह बताना पड़ेगा कि संबंधित स्टॉक को इंट्रा-डे के लिए खरीदा जा रहा अथवा डिलीवरी के लिए। यहां डिलीवरी का मतलब स्टॉक को एक दिन से ज्यादा समय के लिए रखना है।
कोई नौकरीपेशा इंट्रा-डे ट्रेडिंग करता है तो डे ट्रेडिंग स्टॉक डे ट्रेडिंग स्टॉक यह कारोबार या पेशे के रूप में अतिरिक्त आय होगी और रिटर्न भरते समय आईटीआर फॉर्म-3 का उपयोग करना होगा। वित्तवर्ष 2020-21 में अगर किसी ने इंट्रा-डे ट्रेडिंग किया है तो उसे आईटीआर-3 में इसके मुनाफे या घाटे का विवरण देना होगा।
निवेशकों के लिए जरुरी जानकारी
- स्टॉक में निवेश से हुए नुकसान को समायोजन आठ साल किया जा सकेगा।
- एलटीसीजी से नुकसान की भरपाई एसटीसीजी में हो सकेगी, एसटीसीजी की भरपाई, एसटीसीजी से नहीं कर सकेंगे।
- इंट्रा-डे से हुए नुकसान का समायोजन करने को पेशेवरसे ऑडिट कराना जरूरी होगा।
खर्च और नुकसान के समायोजन का मौका
आयकरदाताओं को इंट्रा-डे ट्रेडिंग के कारोबार की श्रेणी में रखने का फायदा भी मिलता है। आयकर कानून के तहत इस ट्रेडिंग पर आए खर्च को आप कारोबारी खर्च की तरह रिटर्न में समायोजित कर सकते हैं। रिटर्न भरते समय करदाता इंटरनेट, टेलीफोन, डीमैट खाते के खर्च के अलावा ब्रोकर शुल्क पर भी टैक्स छूट ले सकते हैं। हालांकि इसका समायोजन वेतन, अन्य कारोबार, आवासीय संपत्ति या किसी और कमाई के साथ नहीं कर सकेंगे। नुकसान को अगले साल के मुनाफे में समायोजित करने के लिए रिटर्न में भी इसका उल्लेख करना होगा।
एक से ज्यादा निवेश तो भरेंगे आईटीआर फॉर्म-2
स्टॉक में एक दिन से ज्यादा निवेश करने वाले करदाताओं रिटर्न भरते समय आईटीआर-2 फॉर्म चुनना होगा। ऐसे निवेशकों पर दो तरह से आयकर की देनदारी बनती है। अगर उसने 12 महीने से कम समय के लिए निवेश किया है तो लघु अवधि का पूंजीगत लाभ कर देना होगा। यह स्टॉक से एक लाख रुपये से ऊपर के शुद्ध मुनाफे पर 10 फीसदी लगता है। एलटीसीजी के मामले में नुकसान की भरपाई आठ साल डे ट्रेडिंग स्टॉक तक की जा सकेगी।
विस्तार
कोविड- 19 महामारी के अनिश्तिता भरे दौर में निवेशक अब शेयर बाजार में लंबे समय तक पैसा लगाने के बजाए इंट्रा-ट्रेडिंग में हाथ आजमाने लगे हैं। नौकरीपेशा व आम आदमी भी इंट्रा-डे ट्रेडिंग में पैसे लगाना पसंद करता है। ऐसे निवेशकों के लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि इंट्रा-डे ट्रेडिंग से हुई कमाई डे ट्रेडिंग स्टॉक पर आयकर गणना कैसे की जाएगी। पेश है प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-
कारोबार से हुई कमाई माना जाएगा मुनाफा
शेयर बाजार के जानकार कुंज बंसल का कहना है कि निवेशक जब एक दिन के भीतर ही स्टॉक की खरीद-फरोख्त करता है तो उसे इंट्रा-डे ट्रेडिंग कहते हैं। इस तरह ट्रेडिंग का मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि बाजार में उतार-चढ़ाव से मुनाफा कमाना है।
लिहाजा ऐसे मुनाफे को कारोबार से हुई कमाई माना जाएगा। ट्रेडिंग करते समय भी जब निवेशक स्टॉक खरीदेगा तो भी उसे यह बताना पड़ेगा कि संबंधित स्टॉक को इंट्रा-डे के लिए खरीदा जा रहा अथवा डिलीवरी के लिए। यहां डिलीवरी का मतलब स्टॉक को एक दिन से ज्यादा समय के लिए रखना है।
कोई नौकरीपेशा इंट्रा-डे ट्रेडिंग करता है तो यह कारोबार या पेशे के रूप में अतिरिक्त आय होगी और रिटर्न भरते समय आईटीआर फॉर्म-3 का उपयोग करना होगा। वित्तवर्ष 2020-21 में अगर किसी ने इंट्रा-डे ट्रेडिंग किया है तो उसे आईटीआर-3 डे ट्रेडिंग स्टॉक में इसके मुनाफे या घाटे का विवरण देना होगा।
- स्टॉक में निवेश से हुए नुकसान को समायोजन आठ साल किया जा सकेगा।
- एलटीसीजी से नुकसान की भरपाई एसटीसीजी में हो सकेगी, एसटीसीजी की भरपाई, एसटीसीजी से नहीं कर सकेंगे।
- इंट्रा-डे से हुए नुकसान का समायोजन करने को पेशेवरसे ऑडिट कराना जरूरी होगा।
खर्च और नुकसान के समायोजन का मौका
आयकरदाताओं को इंट्रा-डे ट्रेडिंग के कारोबार की श्रेणी में रखने का फायदा भी मिलता है। आयकर कानून के तहत इस ट्रेडिंग पर आए खर्च को आप कारोबारी खर्च की तरह रिटर्न में समायोजित कर सकते हैं। रिटर्न भरते समय करदाता इंटरनेट, टेलीफोन, डीमैट खाते के खर्च के अलावा ब्रोकर शुल्क पर भी टैक्स छूट ले सकते हैं। हालांकि इसका समायोजन वेतन, अन्य कारोबार, आवासीय संपत्ति या किसी और कमाई के साथ नहीं कर सकेंगे। नुकसान को अगले साल के मुनाफे में समायोजित करने के लिए रिटर्न में भी इसका उल्लेख करना होगा।
एक से ज्यादा निवेश तो भरेंगे आईटीआर फॉर्म-2
स्टॉक में एक दिन से ज्यादा निवेश करने वाले करदाताओं रिटर्न भरते समय डे ट्रेडिंग स्टॉक आईटीआर-2 फॉर्म चुनना होगा। ऐसे निवेशकों पर दो तरह से आयकर की देनदारी बनती है। अगर उसने 12 महीने से कम समय के लिए निवेश किया है तो लघु अवधि का पूंजीगत लाभ कर देना होगा। यह स्टॉक से एक लाख रुपये से ऊपर के शुद्ध मुनाफे पर 10 फीसदी लगता है। एलटीसीजी के मामले में नुकसान की भरपाई आठ साल तक की जा सकेगी।
Only Buyers Stocks: ये 11 स्टॉक शुक्रवार को 20 फीसदी तक उछले, आगे भी बंपर तेजी की उम्मीद
Only Buyers Stocks: निवेशक अगर सही तरीके से रिसर्च कर तेजी वाले शेयरों में निवेश करें तो आगे भी इन शेयरों से कमाई कर सकते हैं।
Written By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: September 11, 2022 11:27 IST
Photo:FILE Only Buyers Stocks
Highlights
- बंपर रिटर्न के लिए कभी भी पेनी स्टॉक में निवेश न करें
- नए निवेशकों को इंट्रा डे ट्रेडिंग बिल्कुल नहीं करें
- बाजार में अपना सरप्लस फंड ही लगाएं
Only Buyers Stocks: भारतीय शेयर बाजार में तेजी लौट आई है। बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी नई हाई बनाने की ओर बढ़ रहे हैं। इसी के चलते बहुत सारे स्टाॅक्स में लगातार अच्छी तेजी देखने को मिल रही है। हाल के दिनों में बहुत सारे शेयर निवेशकों को बंपर कमाई करा रहे हैं। कुछ शेयर 20 फीसदी का रिटर्न एक दिन में निवेशकों को दे रहे हैं। बाजार के जानकारों का कहना है कि जो शेयर अच्छी तेजी के साथ चल रहे हैं उसमें आगे भी तेजी बनी रहती है। ऐसा इसलिए कि उसमें या तो कई पॉजिटिव न्यूज होता है या उनका मैनेजमेंट कोई बड़ा फैसला लेने वाला होता है। निवेशक अगर सही तरीके से रिसर्च कर तेजी वाले शेयरों में निवेश करें तो कमाई कर सकता है। हालांकि, कभी भी फैसला जल्दबाजी में नहीं लेनी चाहिए। आज हम आापको 11 शेयरों की सूची दे रहे हैं, जिनमें शुक्रवार को 20 फीसदी की तेजी दर्ज की गई।
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