ETF में निवेश करने के जोखिम क्या हैं

संतुलित योजनाओं का उद्देश्य विकास और नियमित आय दोनों ही प्रदान करना है क्योंकि ऐसी योजनाएं इक्विटी और निश्चित आय प्रतिभूतियों दोनों में इनके प्रस्ताव दस्तावेजों में दर्शाए अनुपात में निवेश करती हैं. ये मध्यम वृद्धि की तलाश कर रहे निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं. शेयर बाजारों में शेयर की कीमतों में उतार चढ़ाव होने के कारण भी ये फंड प्रभावित होते हैं. हालांकि, ऐसे फंडों के एनएवी के शुद्ध इक्विटी फंड की तुलना में अस्थिर होने की संभावना कम होती है.
ETF Investment: यहां मिलेगा सबसे कम खर्च में निवेश की सुविधा, बोनस में स्थिर रिटर्न
: अपने यहां रिटेल इंवेस्टर्स (Retail Investors) की अजीब मजबूरी है। अधिकतर ऐसे इंवेस्टर अपनी पूंजी को सेविंग बैंक अकाउंट (Saving Bank Account) में जमा करने पर निर्भर हैं। चाहे डाइरेक्ट इक्विटी इंवेस्टर (Equity Investors) की बात करें या फिर डेरिवेटिव ट्रेडर्स (Derivative Traders) की, दोनों को जो मुनाफा मिलता है वह या तो सेविंग बैंक अकाउंट में जमा रहता है या फिर ब्रोकर के मार्जिन अकाउंट में। इसमें इंवेस्टर्स को कोई रिटर्न नहीं मिलता। इक्विटी बेचने पर मिलने वाली रकम केवल T+2 (कारोबारी और दो दिन) पर उपलब्ध होता है। इसके आगे चलकर इंवेस्टर्स को लिक्विडिटी क्रंच का भी सामना करना पड़ता है।
क्या है इसका समाधान
जब फ्यूचर एवं ऑप्शन ट्रेड में आप शामिल होते हैं, तो अपेक्षित पूंजी ETF में निवेश करने के जोखिम क्या हैं को अपने मार्जिन खाते में ट्रांसफर करके मार्जिन धन जुटाने की आवश्यकता हो सकती है। यह एक खपत वाला मामला है जो उन्हें अस्थिर बाजारों में पेश किए जाने वाले व्यापारिक अवसरों से लूट सकता है। इन सभी अनूठी समस्याओं से निपटने के लिए रिटेल इंवेस्टर लिक्विड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में बिक्री से मिली आय का निवेश कर सकते हैं और अधिक जोखिम उठाए बिना ऐसी व्यापारिक पूंजी पर रिटर्न के अतिरिक्त लाभ का आनंद ले सकते हैं। फिर से निवेश करने के लिए, लिक्विड ईटीएफ कम जोखिम और उच्च स्तर की तरलता के साथ उचित रिटर्न प्रदान कर सकते हैं।
म्यूचुअल फंड निवेश
- म्युचुअल फंड दीर्घावधि में मुद्रास्फीति से निपटने एवं कर-बचत प्रतिफल (रिटर्न) प्रदान करते हैं .
- निवेशक अपने जोखिम / रिटर्न प्रोफाइल के अनुसार विभिन्न आस्ति वर्गों जैसे इक्विटी, ऋण या सोने में निवेश कर सकते हैं.
वैकल्पिक निवेश उत्पाद
- वैकल्पिक निवेश उत्पादों का उपयोग करके पेशेवर प्रबंधित और विविध प्रकार की निवेश नीतियों की सुविधा प्राप्त करें.
- वैकल्पिक निवेश उत्पाद में पोर्टफोलियो प्रबंधित सेवा, संरचित उत्पाद आदि शामिल हैं.
बड़ौदा ई-ट्रेड 3 इन 1 खाता
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गोल्ड ETF के प्रति बढ़ रहा है निवेशकों का आकर्षण, सितंबर तिमाही में हुआ करोड़ों का निवेश
Published: October 31, 2020 10:46 AM IST
COVID-19 की वजह से निवेशक जोखिम वाली चीजों में निवेश करने से बचते हुए नजर आ रहे हैं. इस कारण सितंबर तिमाही में गोल्ड ईटीएफ में 2,400 करोड़ रुपये से अधिक का शुद्ध निवेश हुआ है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल की समान तिमाही में निवेशकों ने स्वर्ण ईटीएफ में 172 करोड़ रुपये लगाए थे. निवेशकों के लिए यह श्रेणी पूरे साल बढ़िया प्रदर्शन कर रही है.
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गोल्ड ईटीएफ के प्रति बढ़ता जा रहा है निवेशकों का आकर्षण
इसमें अब तक निवेशकों ने 5,957 करोड़ रुपये लगाए हैं. आंकड़ों के अनुसार, 30 सितंबर ETF में निवेश करने के जोखिम क्या हैं 2020 को समाप्त तिमाही में निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ में 2426 करोड़ रुपये निवेश किए.
जनवरी से सितंबर तक किया इतना निवेश
इस साल में मासिक आधार पर देखें, तो निवेशकों ने इस श्रेणी में जनवरी में 202 करोड़ रुपये और फरवरी में 1,483 करोड़ रुपये लगाये. हालांकि मार्च में उन्होंने 195 करोड़ रुपये की मुनाफा वसूली की. अप्रैल में फिर से 731 करोड़ रुपये का निवेश हुआ. इसके बाद मई में 815 करोड़ रुपये, जून में 494 करोड़ रुपये, जुलाई में 921 करोड़ रुपये, अगस्त में 908 करोड़ रुपये और सितंबर में 597 करोड़ रुपये का निवेश आया.
क्या है गोल्ड ईटीएफ?
पेपर गोल्ड में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स) खरीदना है. चूंकि, ईटीएफ में निवेश करने में उच्च प्रारंभिक खरीद, बीमा और यहां तक कि बिक्री की लागत शामिल नहीं होती, इसलिए यह बहुत अधिक कॉस्ट-इफेक्टिव है. ईटीएफ में निवेश करने के लिए लोगों को ऑनलाइन स्टॉकब्रोकर और डीमैट खाते से ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है. एक बार अकाउंट बनने के बाद केवल गोल्ड ईटीएफ चुनने और ब्रोकर के ट्रेडिंग पोर्टल से ऑर्डर देने की बात है.
Vested: US Stocks, ETF & Stock
अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश करना कभी आसान नहीं रहा। वेस्टेड के साथ, अब आप सुरक्षित और कानूनी रूप से भारत से अमेरिकी स्टॉक और ईटीएफ में निवेश कर सकते हैं। शून्य कमीशन *। कोई न्यूनतम जमा नहीं। आंशिक निवेश।
निहित विशेषताएं उच्च कीमतों वाले शेयरों जैसे कि Apple, Google, Amazon, बर्कशायर हैथवे, या ETF जैसे कि Vangard's S & P500 या PowerShares Nasdaq ETF को सस्ती बनाती हैं।
अमेरिकी स्टॉक में निवेश करें, परेशानी मुक्त
- केवाईसी प्रक्रिया से गुजरने के लिए मिनटों में साइन अप करें जो अमेरिकी नियमों को पूरा करती है
- बैंकिंग भागीदारों में से एक के साथ यूएसडी को INR भेजें
- अमेरिकी स्टॉक मार्केट में अमेरिकी स्टॉक और ईटीएफ में निवेश करना शुरू करें या कस्टम पोर्टफोलियो में निवेश करें
- कभी भी बेचें और निकालें
- कर वर्ष के अंत में कर अधिकारियों को लाने के लिए कर दस्तावेज़ प्राप्त करें
कीमती मेटल (Precious metals)
दिवाली के मौके पर अधिकतर लोगों की पहली पसंद गोल्ड की खरीदारी करना होता है. इसके साथ ही लोग चांदी भी जमकर खरीदते हैं. इस साल हाई इनफ्लेशन और कच्चे तेल की कीमतों में आये उछाल की वजह से मार्केट में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है. ऐसी स्थिति में हमेशा गोल्ड के दामों में भी इजाफा होता है. इसलिए अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं तो यह आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है. लेकिन आपको गोल्ड में ETF में निवेश करने के जोखिम क्या हैं निवेश के लिए सही तरीके को चुनना होगा.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) गोल्ड में निवेश के लिए सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है, क्योंकि इसमें आपको 2.5% सालाना के हिसाब से ब्याज मिलता है. SGB को शेयरों की तरह DMAT अकाउंट में ETF में निवेश करने के जोखिम क्या हैं रखा जाता है. यह सेकेंडरी मार्केट में लिस्टेड होते हैं और जरूरत पड़ने पर आप इन्हे बेचकर अपना निवेश वापस पा सकते हैं. गोल्ड के साथ ही दिवाली पर चांदी की भी खरीद की जाती है. हालांकि इसमें लंबी अवधि के लिए निवेश करना आपके लिए ज्यादा फायदेमंद नहीं होता है.
इक्विटी
वित्तीय तंगी और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच पिछले कुछ महीनों में इक्विटी बाजार में सुधार और तनाव देखा गया है. IMF के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था ने अन्य देशों के मुकाबले में अच्छा प्रदर्शन किया है. IMF ने उम्मीद जताते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सभी चुनौतियों को पार करते हुए 6.8% GDP ग्रोथ हासिल कर सकती है. इसलिए लॉन्ग टर्म में निवेश के लिए इक्विटी बाजार आपके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. उदाहरण के लिए पिछले 10 वर्षों में इक्विटी बाजार ने 12% सालाना के हिसाब से रिटर्न दिया है, जबकि गोल्ड का एवरेज सालासना रिटर्न करीब 5% है. हालांकि पिछले एक साल के दौरान गोल्ड ने 8.7% का रिटर्न दिया है.
अगर आप शेयर बाजार की अच्छी समझ रखते हैं, तो आप शेयर में सीधे निवेश कर सकते हैं. वरना आप इक्विटी म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश कर सकते हैं. निवेशक को इंवेस्टमेंट रिस्क और फाइनेंशियल टारगेट के हिसाब से इक्विटी फंड में निवेश करना चाहिए. अगर आप रिटायरमेंट के करीब हैं, तो इक्विटी एसेट्स में ज्यादा निवेश से करने से बचें.
डेट म्यूचुअल फंड (Debt mutual funds)
डेट फंड आपके पोर्टफोलियो को रिस्क और रिटर्न के बीच सही संतुलन बनाये रखने में मददगार साबित हो सकते हैं. अगर आप एक निश्चित अवधि के लिए स्टेबल रिटर्न के लिए निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो डेट फंड एक अच्छा विकल्प हो सकता है. इसके साथ ही अगर आप रिटायरमेंट के करीब हैं, तो आपको कम निवेश जोखिम के लिए डेट फंड को विकल्प के तौर पर चुना चाहिए. अगर आपको दिवाली पर बोनस के रूप में एकमुश्त इनकम हुई है और आप इसे निवेश करना चाहते हैं तो आपको डेट फंड में छोटी अवधि के लिए निवेश करना चाहिए.
अगर आप अपने निवेश पर जोखिम नहीं लेना चाहते, तो आपको कम जोखिम पर अच्छा रिटर्न पाने के लिए बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करना चाहिए. फेस्टिव सीजन के दौरान कई बैंकों ने अपनी एफडी की ब्याज दरों में इजाफा किया है. निवेश से पहले आपको बड़े बैंकों के साथ ही छोटे बैंकों द्वारा FD पर दी जा रही ब्याज दरों के बारे में जांच जरूर करनी चाहिए, क्योंकि कई बार छोटे बैंक या फाइनेंस कंपनियां बड़े बैंकों के मुकाबले ज्यादा ब्याज देती है.