क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है?

डिजिटल रुपया कैसे खरीदें
शुरुआती टेस्टिंग के लिए, आरबीआई ने यूजर्स को डिजिटल रुपया जारी करने के लिए चार बैंकों - स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के साथ साझेदारी की है. वर्तमान में, आरबीआई पायलट का परीक्षण मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में कर रहा है.
Cryptocurrency- क्रिप्टोकरेंसी
क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है, यह क्रिप्टोग्राफी द्वारा सिक्योर्ड है जो इसे जाली बनाये जाने या दो बार खर्च किया जाना लगभग असंभव बना देती है। कई क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलाॅजी-कंप्यूटरों के एक डिपेरेट नेटवर्क द्वारा लागू एक वितरित लेजर-पर आधारित विकेंद्रित नेटवर्क है। क्रिप्टोकरेंसी की एक प्रमुख विशेषता यह है कि वे किसी केंद्रीय प्राधिकारी द्वारा जारी नहीं किए जाते जो उन्हें सैद्धांतिक रूप से सरकारी हस्तक्षेप या हेरफेर से प्रतिरक्षा प्रदान करती है।
प्रमुख बातें
- क्रिप्टोकरेंसी एक नेटवर्क पर आधारित डिजिटल एसेट का एक रूप है जो कंप्यूटरों की एक बड़ी संख्या के बीच वितरित है। यह विकेंद्रित संरचना उन्हें सरकारी और केंद्रीय प्राधिकारियों के नियंत्रण के बाहर अस्तित्व बनाये रखने में सक्षम बनाती है।
-‘क्रिप्टोकरेंसी' शब्द इनक्रिप्शन टेक्नीक से लिया गया है जिसका उपयोग नेटवर्क की सुरक्षा के लिए उपयोग में लाया जाता है।
- ब्लॉकचेन, जो ट्रांजेक्शनल डाटा की इंटीग्रिटी सुनिश्चित करने के लिए संगठनात्मक पद्धति है, कई क्रिप्टोकरेंसी के अनिवार्य घटक होते हैं।
- कई विशेषज्ञों का विश्वास है कि ब्लॉकचेन एवं संबंधित टेक्नोलॉजी वित्त् एवं कानून सहित कई उद्योगों को बाधित कर देगी।
- क्रिप्टोकरेंसी की कई कारणों से आलोचना की जाती है जिसमें अवैध गतिविधियों के लिए उनका उपयोग, एक्सचेंज दर अस्थिरता और उनमें अंतर्निहित अवसंरचना शामिल हैं।
क्या है डिजिटल करेंसी, जो बन सकती है भारत की अधिकारिक मुद्रा
डिजिटल करेंसी
gnttv.com
- नई दिल्ली,
- 07 फरवरी 2022,
- (Updated 07 फरवरी 2022, 7:29 PM IST)
भारतीय मुद्रा का डिजिटल रूप होगी ये करेंसी
2022-23 का केंद्रीय बजट पेश करते वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजीटल करेंसी (Digital Currency) के बारे में बात की. उन्होंने कहा था कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया वित्त वर्ष 2022-23 में डिजीटल करेंसी को लॉन्च करेगा, और ये भारत सरकार की आधिकारिक डिजिटल करेंसी होगी. इसके अलावा उन्होंने बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी से होने वाले मुनाफे पर फ्लैट 30% टैक्स की भी घोषणा की थी. तब से ये दोनों चीजें चर्चा का विषय बनी हुई हैं. हालांकि इस बारे में ज्यादा सूचना या विवरण सरकार ने नहीं दिया है. तो चलिए आज आपको डिजीटल करेंसी के बारे में बताते क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है? हैं.
क्या है डिजिटल करेंसी?
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) वो करेंसी होगी जो केंद्रीय बैंक, यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी एक डिजिटल मुद्रा होगी. यह "ब्लॉकचैन और अन्य तकनीकों" पर आधारित होगा. सरल शब्दों में कहें तो CBDC भारतीय रुपये का एक डिजिटल रूप होगा. एक बार जब आरबीआई डिजिटल करेंसी को जारी करना शुरू कर देगा तो हम और आप जैसे आम लोग नियमित रुपये की तरह ही इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. डिजिटल रुपया आपके एनईएफटी, आईएमपीएस या डिजिटल वॉलेट की तरह होगा. आप इसका उपयोग थोक लेनदेन या खुदरा भुगतान करने के लिए कर सकते हैं. आप इसे विदेश भेज सकते हैं. आप इसके साथ बहुत कुछ कर सकते हैं.
Digital currency vs cryptocurrency: क्रिप्टो करेंसी और भारत सरकार की डिजिटल करेंसी में क्या है अंतर
कई लोग कंफ्यूज हैं कि अभी डिजिटल करेंसी को सरकार हां कर रही है लेकिन बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को ना क्यों कह रही है. इस अंतर को समझ कर ही हम डिजिटल करेंसी के फायदे और नुकसान को समझ सकेंगे.
- डिजिटल रुपये केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट में शामिल होगी
- इसे देश की सॉवरेन करेंसी में बदला जा सकता है
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नई दिल्ली: Digital currency vs cryptocurrency-डिजिटल रुपया या सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए RBI का अगला प्रयास होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट 2022-23 में डिजिटल रुपये को लेकर कई घोषणाएं की गई हैं. लेकिन कई लोग कंफ्यूज हैं कि अभी डिजिटल करेंसी को सरकार हां कर रही है लेकिन बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को ना क्यों कह रही है. इस अंतर को समझ कर ही हम डिजिटल करेंसी के फायदे और नुकसान को समझ सकेंगे.
विशेषज्ञों के मुताबिक डिजिटल रुपये की अवधारणा बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से प्रेरित है, लेकिन केंद्रीय बैंक के नियमों के साथ. यानी बिटक्वाइन अनियंत्रित होती है जबकि डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक की ओर से जारी की जाती है. क्रिप्टोकरेंसी का प्रबंधन एक कंप्यूटर एल्गोरिथम द्वारा किया जाता है. वहीं डिजिटल करेंसी को अथारिटी द्वारा नियंत्रित किया जाता है. डिजिटल रुपये को सरकार की मान्यता मिली होती है. डिजिटल रुपये केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट में भी शामिल होगी और इसे देश की सॉवरेन करेंसी में बदला जा सकता है. प्रस्ताव है कि देश में डिजिटल करेंसी को बैंक नोट की परिभाषा में रखा जाए. इसके लिए RBI ने कानून में संशोधन का प्रस्ताव दिया है.
RBI ने 4 शहरों में लॉन्च किया Digital Rupee, जानें कैसे खरीदें और इस्तेमाल करें इस डिजिटल करेंसी को
Digital Rupee
gnttv.com
- नई दिल्ली ,
- 02 दिसंबर 2022,
- (Updated 02 दिसंबर 2022, 11:09 AM IST)
डिजिटल रुपया क्रिप्टोकरंसी से है अलग
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज 4 शहरों में डिजिटल रुपी पायलट लॉन्च किया है. डिजिटल करेंसी का उद्देश्य धीरे-धीरे पेपर मनी को खत्म करना है. यह क्रिप्टोक्यूरेंसी या ब्लॉकचेन तकनीक से नहीं जुड़ा है.
डिजिटल रुपया क्या है?
डिजिटल रुपया या डिजिटल मुद्रा वर्चुअल मनी है जो फिजिकल मनी के समान उद्देश्य को पूरा करेगा. डिजिटल रुपये और पेपर मनी का मूल्य समान है: 1 डिजिटल रुपया 1 रुपये नकद के बराबर है. क्रिप्टो एक अस्थिर बाजार है और बाजार के अनुसार इसके मूल्य में उतार-चढ़ाव होता है. डिजिटल रुपये का मूल्य कभी नहीं बदलता है और कागजी मुद्रा और सिक्कों के समान मूल्यवर्ग होता है.
इन शहरों में लॉन्च हुआ डिजिटल रुपया
भारत के केंद्रीय बैंक ने मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर सहित चार शहरों में डिजिटल रुपये का पायलट शुरू किया है. शुरुआती टेस्टिंग के लिए, RBI ने चार बैंकों - भारतीय स्टेट बैंक, ICICI बैंक, यस बैंक और IDFC फर्स्ट बैंक के साथ भागीदारी की.
Explainer : सबसे पहले यहां लॉन्च हो सकता है डिजिटल रुपया! जानिए क्या है CBDC और कैसे आपको होगा फायदा
सबसे पहले थोक कारोबारों के लिए लॉन्च हो सकती है सीबीडीसी
- आरबीआई इसी वित्त वर्ष में लॉन्च करेगा अपनी डिजिटल करेंसी
- सबसे पहले थोक कारोबारों में आ सकता है डिजिटल रुपया
- डिजिटल रूप में जारी एक लीगल टेंडर होगा सीबीडीसी
- सीबीडीसी से कर सकेंगे घरेलू और इंटरनेशनल लेनदेन
नई दिल्ली : भारतीयों को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी सीबीडीसी (CBDC) का बेसब्री से इंतजार है। एक फरवरी को अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आरबीआई (RBI) द्वारा सीबीडीसी लॉन्च करने की घोषणा की थी। यह लॉन्चिंग मौजूदा वित्त वर्ष में ही होने की बात कही गई थी। अब रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि आरबीआई की इस डिजिटल करेंसी अर्थात डि़जिटल रुपया को चरणबद्ध तरीके से लाया जाएगा। चालू वित्त वर्ष में सबसे पहले थोक कारोबारों (Wholesale Businesses) में इसे लाया जा सकता है। गौरतलब है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर काफी अधिक क्रेज है। हालांकि, आरबीआई शुरू क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है? से ही निजी डिजिटल करेंसीज के विरोध में रहा है। आरबीआई ने ही पिछले साल अक्टूबर में सरकार के सामने सरकारी डिजिटल करेंसी का प्रस्ताव रखा था।
क्या है सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC)?
RBI के अनुसार, सीबीडीसी केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी एक लीगल टेंडर (Legal Tender) करेंसी है। यह फिएट करेंसी (Fiat Currency) के समान ही है और फिएट करेंसी (पेपर करेंसी या सिक्के) के साथ एक्सचेंजेबल है। केवल इसका रूप ही अलग है। इसका मतलब है कि भारतीय रुपये और सीबीडीसी में डिजिटल रूप के अलावा कोई फर्क नहीं है। ब्लॉकचेन द्वारा समर्थित वॉलेट का उपयोग करके डिजिटल फिएट मुद्रा या सीबीडीसी का लेन-देन किया जा सकता है।
हो सकेंगे घरेलू और इंटरनेशनल लेनदेन
हालांकि, सीबीडीसी का कॉन्सेप्ट सीधे बिटकॉइन से प्रेरित था। फिर भी यह विकेन्द्रीकृत वर्चुअल करेंसीज और क्रिप्टो एसेट्स से अलग है, जिन्हें सरकार द्वारा जारी नहीं किया जाता है। ये लीगल टैंडर भी नहीं होते। सीबीडीसी से यूजर घरेलू और इंटरनेशनल दोनों तरह के लेनदेन कर सकेगा। इसके लिए किसी तीसरी पार्टी या बैंक की आवश्यकता नहीं होगी।
क्या होगा सीबीडीसी से फायदा?
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने पिछले साल लोकसभा को बताया था, "सीबीडीसी की शुरूआत से कई महत्वपूर्ण फायदे होंगे। इनमें नकदी पर निर्भरता कम होना, लेनदेन की लागत में कमी और निपटान जोखिम में गिरावट आदि शामिल हैं। सीबीडीसी के आने से अधिक मजबूत, कुशल, विश्वसनीय, विनियमित और लीगल टेंडर-आधारित भुगतान विकल्प भी बनेंगे।" उन्होंने आगे कहा, 'हालांकि, इससे जुड़े जोखिम भी हैं, जिनका संभावित लाभों के खिलाफ सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने की आवश्यकता है।'
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आरबीआई ने दिया था एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव
चौधरी ने कहा कि आरबीआई ने भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधन का प्रस्ताव दिया है, जो इसे सीबीडीसी लॉन्च करने में सक्षम बनाएगा। सरकार उस समय संसद में एक विधेयक पेश करने की भी योजना बना रही थी, जो "कुछ अपवादों" के साथ "भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी" क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है? को प्रतिबंधित करेगा। चौधरी ने लोकसभा को बताया, "सरकार को आरबीआई से अक्टूबर 2021 में भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधन के लिए प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। आरबीआई सीबीडीसी को बिना किसी व्यवधान के शुरू करने के लिए चरणबद्ध कार्यान्वयन रणनीति पर काम कर रहा है। ”
निजी डिजिटल करेंसीज के साथ हैं कई समस्याएं
आरबीआई बिटकॉइन, ईथर जैसी निजी क्रिप्टोकरेंसी के साथ मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फाइनेंसिंग, टैक्स चोरी आदि से जुड़ी चिंताएं जताता रहा है। साथ ही आरबीआई ने कहा है कि सीबीडीसी से डिजिटल मुद्रा के फायदे लोगों को मिलेंगे और जोखिम कम होगा।