चरण मैनुअल

शेयर की ट्रेडिंग कैसे होती है?

शेयर की ट्रेडिंग कैसे होती है?

डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है-delivery trading Kya Hai (Full Information) | डिलीवरी ट्रेडिंग कैसे करे ?

दोस्तों स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग करने के बहुत सारे तरीके है लेकिन आज हम आपको डिलीवरी ट्रेडिंग के बारे में बताएँगे की डिलीवरी ट्रेडिंग क्या होती है और डिलीवरी ट्रेडिंग कैसे करे,डिलीवरी ट्रेडिंग के नुकशान और फायदे क्या क्या है क्या हमें डिलीवरी ट्रेडिंग करना चाहिए या नहीं करना चाहिए ये सारे सवालो के जवाब इस पोस्ट में हमने आपको बताया है

डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है (Full Information)-what delivery trading in Hindi

जब भी आप स्टॉक मार्केट में से शेयर को खरीदते हो और उसे अपने पास कुछ ज्यादा समय तक रखते है तो यही ट्रेडिंग आपकी डिलीवरी ट्रेडिंग कहलाती है डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक अपने शेयर को एक लम्बे अवधि तक होल्ड करके रखते है और जब प्राइस ज्यादा बड जाता है तब उस शेयर को बेचकर प्रॉफिट कमा लेते है तो यही होती है डिलीवरी ट्रेडिंग |

डिलीवरी ट्रेडिंग में आप चाहे तो अपने शेयर को एक दिन, हफ्ते ,महीने,साल ,पाच साल ,दस साल जब तक रखना चाहते हो तब तक रख सकते हो इसका कोई निर्धारित समय नहीं होता है ये intraday trading से बिलकुल अलग है intraday trading में same day ट्रेडिंग की जाती है शेयर को जिस दिन खरीदते है और उसी दिन बेच भी देते है लेकिन डिलीवरी ट्रेडिंग में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट होता है |

निवेसको को शेयर खरीदने और बेचने के लिए एक डीमैट खाता होना आवश्यक है इसी खाते से आप शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग कर सकते है |

डिलीवरी ट्रेडिंग कैसे करे-how to do delivery trading :

डिलीवरी ट्रेडिंग करना तभी सही रहता है जब आप long term investment करते है डिलीवरी ट्रेडिंग में आप स्टॉक खरीदते है और अपने डीमेट खाते में होल्ड करके रखते है इसलिए आपका डीमैट खाता होने अनिवार्य है |

आप किसी भी ब्रोकरेज जैसे Upstox, zerodha, 5 paisa, groww, Astha trad, angel broking में डीमैट अकाउंट ओपन करके डिलीवरी ट्रेडिंग सुरु कर सकते है लेकिन ध्यान रहे हर एक ब्रोकर के कुछ हिडन चार्ज रहते है उन्हें स्टडी करने के बाद ही किसी ब्रोकरेज में ट्रेडिंग करे

डिलीवरी ट्रेडिंग में जब हम शेयर खरीदते है तब हमें फुल कैश पेमेंट करना होता है जब आप शेयर खरीद लेते है उसके बाद आपके शेयर आपके डीमैट खाते में सेव रहते है

delivery/holding trading जो सुरुआती निवेशक होते है उनको डिलीवरी ट्रेडिंग के द्वारा स्टॉक मार्केट में इंटर होना चाहिए स्टॉक मार्केट में उनकी ट्रेडिंग या फिर इन्वेस्टिंग की सुरुआत करना चाहिए

दोस्तों किसी भी ब्रोकरेज में leverage/margin प्रोवाइड करते है अगर आपके अकाउंट में 10 हज़ार रूपए है तो आपको 1 लाख या 1 लाख से भी ज्यादा अमाउंट दे देते है स्टॉक खरीदने के लिए लेकिन डिलीवरी ट्रेडिंग में जो भी अमाउंट आपके पास है उसी अमाउंट में आपको शेयर खरीदना है

उधाहरण से समझते है : मानलो किसी स्टॉक रिलायंस इन्फ्रा की जो स्टॉक प्राइस है 100 रूपए है मतलब 1 शेयर की प्राइस 100 रूपए है डिलीवरी में रिलायंस इन्फ्रा की एक शेयर खरीदने के लिए आपको 100 रूपए ही देना पड़ेगा यहाँ पर कोई लिवरेज या मार्जिन नहीं मिल रहा है लेकिन कुछ ब्रोकर येसे भी है जो डिलीवरी के लिए भी आपको थोडा बहुत मार्जिन प्रोवाइड करते है

अगर आपको विडियो फार्मेट में डिलीवरी ट्रेडिंग में sell और buy कैसे करते है इसको समझने के लिए हमने आपके लिए एक विडियो प्रोवाइड किया है जो tech & finance YouTube channel से लिया गया है और इस विडियो में angel broking ब्रोकरेज का सहारा लेकर आपको बताएँगे –

डिलीवरी ट्रेडिंग के फायदे-benefit of delivery trading:

  • डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक लम्बे समय तक ट्रेडिंग कर सकते है और ये निवेशको के लिए फायदेमंद है
  • आप जिस भी कंपनी में निवेश करते है उनके द्वारा निकाला गया बोनस से भी आपको फायदा हो सकता है
  • यदि पूरी समझ और सही जानकरी के साथ डिलीवरी रीडिंग करे तो आप हमेशा फायदे में रहोगे
  • ट्रेडिंग में एक अच्छे शेयर में इन्वेस्ट करने पर आपको बैंक से लोन लेने में मदत भी मिलती है
  • डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशको को ब्रोकरेज नहीं देना पड़ता
  • ट्रेडिंग करते समय सभी शेयर्स की डिलीवरी अपने डीमैट खाते में ले सकते है
  • डिलीवरी ट्रेडिंग में एक फायदा ये है की निवेशक अपने शेयर को तब तक होल्ड करके रख सकता है जब तक उस शेयर को बेचने का सही समय ना आ जाये
  • शेयर खरीदते और बेचते समय ब्रोकरेज फीस नहीं देना होता है डिलीवरी ट्रेडिंग ये एक बड़ा फायदा है

डिलीवरी ट्रेडिंग के नुकशान-loss of delivery trading :

  • दोस्तों किसी भी ट्रेडिंग में निवेशको के लिए ट्रेडिंग में कुछ फायदे होते है तो कुछ नुकशान भी उठाना होता है
  • डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेश करने के लिए एडवांस में पैसे देना होता है लेकिन आपके पर्याप्त मात्र में धन की उपलब्धता नही है तो आप डिलीवरी ट्रेडिंग नहीं कर सकते लेकिन आपके पास प्रयाप्त मात्र में धन उपलब्ध है तो आसानी से ट्रेडिंग कर सकते है
  • यह एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट है इसमे इन्वेस्टरो को धर्य रखना होता है
  • स्टॉक मार्केट क्रेश होने का डर रहता है इसलिए इसमें नुकशान होने का खतरा रहता है
  • दूसरी बात ये भी की लाभी समय तक इन्वेस्ट करने के बाद भी अच्छे रिटर्न आने की उम्मीद नहीं रहती है

डिलीवरी ट्रेडिंग शुल्क- delivery trading charges in Hindi :

  • डिलीवरी ट्रेडिंग में सबसे पहला शुल्क GST का लगता है ये GST का शुल्क 18% देना होता है वो भी ब्रोकरेज और ट्रांजेक्शन चार्ज दोनों पर देना होता है
  • 1899 में भारत स्टाम्प एक्ट ने गवर्नमेंट को डिलीवरी ट्रेडिंग पर स्टाम्प शुल्क लगाया गया है
  • इसमें STT (security transaction tax) लगता है जो की 0.25% खरीद और बिक्री पर लगता है इसके अलावा CTT और ट्रांजेक्शन चार्ज भी डिलीवरी ट्रेडिंग में सामिल है
  • बात करे exchange transition charge की इसमें NSE और BSE कुछ चार्ज लेते है यह चार्ज आपको 0.00325% खरीद और बिक्री पर देना होता है
  • ब्रोकरेज चार्ज आपको 0.2% देना ही पड़ता है कुछ ब्रोकरेज चार्ज जीरो होता है और फुल ब्रोकरेज सर्विस में 0.2% ब्रोकरेज देना ही पड़ता है
  • इसमें SEBI (security and exchange board of India) चार्ज भी लगता है वो चार्ज 0.0001% का जो शेयर खरीद और बिक्री पर लगता है
  • स्टाम्प ड्यूटी देना होता है जो हर राज्य की अलग अलग होती है इसके अलावा कुछ और चार्ज देने होते है जैसे अनुअल चार्ज और टैक्स चार्ज आपको पे करने होते है |

डिलीवरी ट्रेडिंग में सावधानी (caution of delivery trading) :

  • डिलीवरी ट्रेडिंग में आपको हमेशा लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करना चाहिए
  • डिलीवरी ट्रेडिंग में आपके पास प्रयाप्त राशी होनी चाहिए तभी आप इन्वेस्टमेंट कर सकते है
  • ट्रेडिंग करते समय कुछ transaction चार्ज भी लगते है जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए
  • निवेशको को शेयर खरीदते समय कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करना बहुत जरुर होता है
  • किसी भी ब्रोकरेज के जरिये इन्वेस्ट या ट्रेडिंग करते है तो उसके हिडन चार्ज जानना बहुत जरुरी होता है

निष्कर्ष :

दोस्तों यदि आप सुरुआती ट्रेडर है और आप डिलीवरी ट्रेडिंग के बारे में जानते है तो आपके लिए ये जरुरी होगा की आप लगातार डिलीवरी ट्रेडिंग में बने रहे क्योकि डिलीवरी ट्रेडिंग एक लॉन्ग टर्म प्रोसेस है

उम्मीद करते है हमारे द्वारा बताई गयी जानकारी डिलीवरी ट्रेडिंग को लेकर आपको समझ आ गयी होगी क्योकि आप सुरुआती निवेशक है तो ये बाते जानना बहुत जरुरी होता है इसके अलावा हमारे द्वारा जानकारी में कोई कमी है तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बता सकते है हम आपकी समस्या का निराकरण देने की कोशिश करेंगे |

लास्ट में ये कहना सही रहेगा की जब भी आप इन्वेस्ट करने का सोचते है उससे पहले उस ट्रेडिंग और शेयर्स की सम्पूर्ण जानकारी जुटा लेना चाहिए ताकि आप नुकशान से बच कसो हलाकि ट्रेडिंग एक येसा प्लेटफार्म है जहा आपको नुकशान भी झेंलना पड़ सकता है लेकिन उस नुकशान से कुछ न कुछ सिखने भी मिलता है |

शेयर बाजार में हाथ आजमाने वाले लोग ट्रेडिंग करने से पहले ‘फ्यूचर और ऑप्शंस’ के बारे में समझ लें

फ्यूचर और ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स डेरिवेटिव ट्रेडिंग के प्रमुख साधनों में से एक हैं। डेरिवेटिव्स शुरुआत करने वालों के लिए एक प्रकार के कॉन्ट्रैक्ट्स होते हैं जिनका मूल्य अंतर्निहित संपत्तियों या परिसंपत्तियों के सेट पर ही निर्भर करता है।

ब्रांड डेस्क, नई दिल्ली। अक्सर आपने सुना होगा कि शेयर बाजार से दिन दोगुना रात चौगुना पैसा कमाया जा सकता है। लेकिन क्या यह इतना आसान है? क्या इस बाजार में कोई भी पैसे लगा सकता है? क्या इस बाजार में पैसा लगाने में किसी भी तरह का कोई जोखिम नहीं होता है? क्या इसके कुछ खास नियम भी हैं?

अगर आपके मन में भी इस तरह के सवालों को लेकर संशय बना हुआ है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस आर्टिकल में शेयर मार्केट से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की गई हैं, जो आपको शेयर मार्केट की दुनियां में कदम रखने में सहायक साबित हो सकती हैं।

what are Defensive Stocks? Should you keep it in portfolio?

5paisa के साथ शुरू करें निवेश का सफर, विजिट करें- https://bit.ly/3n7jRhX

शेयर बाजार कैसे काम करता है?

शेयर बाजार में पैसा बनाने के अनेक विकल्प हैं जो इसे अत्यंत रोचक बनाते हैं I साथ ही निवेशकों के लिए सीख-कर व समझ-कर अपनी पसंद के उत्पाद में निवेश से लाभ कमाने का अवसर प्रदान करते हैं। इन्हीं उत्पादों में से दो प्रमुख उत्पाद हैं- फ्यूचर और ऑप्शंस। इन्हें समझने से पहले आपके लिए यह जानना आवश्यक है कि शेयर बाजार, कमोडिटी बाजार या मुद्रा बाजार में सबसे अधिक प्रभाव कीमतों का होता है।

Make this Children Day special for your children by investing in their future

कैसे फ्यूचर और ऑप्शन है फायदेमंद?

फ्यूचर और ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स डेरिवेटिव ट्रेडिंग के प्रमुख साधनों में से एक हैं। डेरिवेटिव्स, शुरुआत करने वालों के लिए एक प्रकार के कॉन्ट्रैक्ट्स होते हैं, जिनका मूल्य अंतर्निहित संपत्तियों या परिसंपत्तियों के सेट पर निर्भर करता है। इनमें कोई एसेट बॉन्ड, स्टॉक, मार्केट इंडेक्स, कमोडिटी या करेंसी हो सकते हैं।

डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स के प्रकार

स्वैप, फॉरवर्ड, फ्यूचर और ऑप्शन सहित चार प्रमुख प्रकार के डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट होते हैं।

1. स्वैप- जैसा कि नाम से पता चलता है, ऐसे कॉन्ट्रैक्ट होते हैं जहां दो पार्टी अपनी देयताओं या नकदी प्रवाह का आदान-प्रदान कर सकते हैं।

2. फॉरवर्ड- कॉन्ट्रैक्ट में ओवर-द-काउंटर ट्रेडिंग शामिल होती हैं और विक्रेता और खरीदार के बीच निजी कॉन्ट्रैक्ट होते हैं। डिफॉल्ट जोखिम फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट में अधिक होता है, जिसमें सेटलमेंट करार के अंत की ओर होता है। भारत में, दो सबसे व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट फ्यूचर और ऑप्शन हैं।

3. फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स- मानकीकृत किए जाते हैं और माध्यमिक बाजार में इनका ट्रेड किया जा सकता है। वे आपको भविष्य में डिलीवर किए जाने वाले एक निर्दिष्ट कीमत पर अंतर्निहित एसेट खरीदने/बेचने की सुविधा देते हैं।

4. स्टॉक फ्यूचर- वे होते हैं जहां व्यक्तिगत स्टॉक एक अंतर्निहित एसेट होता है। इंडेक्स फ्यूचर वे हैं जहां इंडेक्स एक अंतर्निहित एसेट होता है।

5. ऑप्शन- ऐसे कॉन्ट्रैक्ट होते हैं जिनमें खरीदार को एक विशिष्ट कीमत पर अंतर्निहित एसेट बेचने या खरीदने का अधिकार होता है और निर्धारित समय होता है।

फ्यूचर और ऑप्शन के फायदे

बाजार में अस्थिरता की आशंका को कम करने के लिए विकल्प एक अन्य जरिया है। फ्यूचर एंड ऑप्शन का कॉन्ट्रैक्ट सामान होता है पर इस संदर्भ में खरीददार या विक्रेता के पास यह अधिकार होता है जिस से वो कॉन्ट्रैक्ट का इस्तेमाल करने के लिए बाध्य नहीं होता।

आमतौर पर विकल्प दो प्रकार के होते हैं, जिसमें पहला है CALL ऑप्शन और दूसरा PUT ऑप्शन। जहां CALL ऑप्शन में खरीददार के पास एक निश्चित मूल्य और भविष्य में तय तारीख़ पर परिसंपत्ति (एसेट) के हिस्से की खरीद-फरोख्त करने का विकल्प सुरक्षित रहता है और उसे इस कॉन्ट्रैक्ट का पालन नहीं करने की भी छूट होती है।

वहीं, PUT ऑप्शन में विक्रेता के पास यह अधिकार होता है कि वो एक निश्चित मूल्य और भविष्य में तय तारीख पर कोई परिसंपत्ति (एसेट) के हिस्से का खरीद-फरोख्त करेगा या नहीं। उसके पास भी इस कॉन्ट्रैक्ट का पालन नहीं करने की छूट होती है।

Online Trading Kaise Kare | मोबाइल से शेयर ट्रेडिंग कैसे करें | Online Trading in Hindi

आपके पास समय की कमी होने के बावजूद भी आप शेयर मार्किट में ट्रेडिंग कर सकते हैं केवल आपको एक बेहरीन और विश्वशनीय एप आपने मोबाइल में डाउनलोड करना है और ट्रेडिंग और डीमेट अकाउंट ओपन करना है जो कि फ्री होता है।

पिछेल कुछ सालों में मोबाइल और इंटरनेट की दुनिया में एक क्रांति आ गयी आपके हर काम मोबाइल एप की सहायता से हो रहे है चाहे बिल का भुगतान हो या फिर ऑनलाइन शॉपिंग।

इन ऐप की के माध्यम से आप दुनिया के किसी भी कोने में हो वही से शेयर की ट्रेडिंग कर सकतें हैं और आपने पोर्टफोलियो पर नजर रख सकतें हैं।

हाल के कुछ महीनों में ऑनलाइन ट्रेडिंग (Online Trading Kaise Kare) का चलन काफी बढ़ गया है और जिन लोगों को शेयर मार्किट से डर लगता था आज वैसा नहीं है क्यूंकि ढेरो जानकारी इंटरनेट पर मौजूद है।

इस लेख में आप जानेंगे की ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे (Online Trading Kaise Kare) की जाती है? ऑनलाइन ट्रेडिंग के फायदे और नुक्सान और कौनसा एप सबसे विश्वसनीय है ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग के लिए।

इसे भी पढ़ें – Best Trading App India Hindi

ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करें? – Online Trading Kaise Kare

ऑनलाइन ट्रेडिंग के शुरू करने के लिए आपको कुछ कदम उठाने होते है जी बेहद जरुरी है। जिसकी शुरुवात आपको एक इंटरनेट कनेक्शन से करनी होती है जो फ़ास्ट होना चाहिए। कुछ जरुरी स्टेप के बाद आप ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग शुरू कर सकतें हैं।

  • सबसे पहले आपको किसी बेहतरीन ऑनलाइन ट्रेडिंग एप का चयन करना होगा, मैं आपको Upstox Pro App के लिए सलाह देता हूँ।
  • Upstox Pro App पर आपको डीमेट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होगा जो बेहद आसान है कुछ सिंपल स्टेप से अकाउंट ओपन हो जाता है।
  • Upstox Pro एप आपके रजिस्ट्रेशन के सभी बेसिक फॉर्मेलिटी पूरा होने का इंतज़ार करें जो कुछ मिनटों में हो जायेगा।
  • अब आपके पास आपका यूजर आईडी, पासवर्ड और एक पिन नंबर मिलता है जो आपके अकाउंट में लॉगइन करने के लिए दिया जाता है।
  • केवल आपको ट्रेडिंग अकॉउंट में फण्ड डालना होगा।

इसे भी पढ़ें – न्यूनतम राशि शेयर बाजार में निवेश करने के लिए

Upstox Pro एप ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करें?

आप किसी भी प्लेटफार्म से शेयर की ट्रेडिंग करें सभी का एक ही तरीका होता है। चलिए जानते हैं आप ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे (Online Trading Kaise Kare) कर सकतें हैं।

  1. सबसे पहले, आपको अपने ऐप या वेबसाइट पर लॉग इन करना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि आपके ट्रेडिंग अकाउंट में पर्याप्त राशि हो। अगर राशि पर्याप्त नहीं है तो राशि जमा करें।
  2. अब आप जिस स्टॉक को खरीदना चाहते हैं उसके लिए सर्च बॉक्स खोजें।
  3. आप अपने सामने स्टॉक देखेंगे जहां कीमत में उतार-चढ़ाव हो रहा है। स्टॉक के ऊपर क्लिक करो
  4. अब आपके सामने एक नयी विंडो खुल गई है और निचे Buy और Sale का ऑप्शन नजर आ रहा होगा। Buy के ऑप्शन पर क्लिक करो।
  5. अब आपके सामने एक नई विंडो खुल गई है जिसमें शेयर की कीमत ऊपर दिखाई गई है। उसके नीचे, डिलीवरी या इंट्राडे चुनें, फिर कितनी मात्रा में खरीदना है भरो फिर आपको मार्किट प्राइस का ऑप्शन दिखाए देगा उसे चुने या फिर आपने रेट भरें। अब रिव्यु वाले बटन पर क्लिक करें।
  6. अब आपके सामने रिव्यु विंडो खुल गयी जो ये देखने के लिए है सभी डिटेल सही है तो आर्डर को कन्फर्म बटन दबा दें।
  7. अब आपके सामने रिव्यु विंडो खुल गयी जो ये देखने के लिए है सभी डिटेल सही है तो आर्डर को कन्फर्म बटन क्लिक करके खरीद ले।
  8. आपको आर्डर आपके आर्डर सेक्शन में दिखाई देगा।
  9. यदि आपको इसे बेचना है तो आपको पोर्टफोलियो वाले सक्शन में जाये और जिस शेयर को बेचना है उसे क्लिक करें।
  10. आप आपको एक स्क्वायर ऑफ (Square Off) का बटन दिख रहा होगा जो बेचने वाला है उस पर क्लिक करें और वही स्टेप फॉलो करें जो खरदीने में किया गया था।

ऑनलाइन ट्रेडिंग के फायदे

  • आप दुनिया में कहीं से भी शेयर ट्रेडिंग कर सकते हैं।
  • पेपर लेस ट्रेडिंग।
  • इनफार्मेशन तक आसानी से पहुँच।
  • आपने पोर्टफोलियो की आसान निगरानी।
  • ट्रेडिंग निपटान में जोखिम में कमी

ऑनलाइन ट्रेडिंग कितने प्रकार के शेयर की ट्रेडिंग कैसे होती है? होते हैं?

जब आप शेयर ट्रेडिंग करते है तो इसके दो विकल्प है जिनको जानना जरुरी है। आपको (Online Trading Kaise Kare) शेयर की खरीद और बिक्री दो प्रकार से कर सकते हैं एक लिमिट और दूसरा मार्किट.

Market: –जब आप किसी शेयर को खरीदते या बेचते हैं तो उस समय जो शेयर की कीमत जिस बाजार में होती है उस कीमत पर ट्रेडिंग करना मार्किट कहलाता है।

Limit:- लिमिट में आपके पास विकल्प होता है कि आपने ट्रेडिंग के रेट को सेट कर सकते हैं जब शेयर का रेट उस होगा तभी शेयर में ट्रेडिंग होगी अन्यथा नहीं होगी।

ऑनलाइन सिक्योरिटी को कैसे मजबूत करें?

हालंकि की ये बड़ी कंपनियों है जिन पर सेबी की कड़ी गाइडलाइन को फॉलो करना होता है इसलिए यहाँ सुरक्षा की चूक होने की सम्भवना कम होती है फिर भी आपको कुछ इम्पोर्टेन्ट पॉइंट को देखना चाहिए।

  • अपना ओटीपी, पासवर्ड, यूजर आईडी, अकाउंट पिन कोड किसी दूसरे व्यक्ति से शेयर ना करें।
  • वेबसाइट का सस्ल सर्टिफिकेट जरूर चेक करें।
  • इन्वेस्टर की जानकारी ले।

ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे काम करती है?

सेबी (SEBI) के निर्देशानुसार ने सभी ब्रोकर एक्सचेंज को आदेश किया है शेयर की खरीद होने के बाद एक वर्किंग डे के भीतर ही आपके शेयर को पूल अकाउंट से डीमेट अकाउंट में ट्रांसफर करना होगा। ऐसा ही शेयर के बेचने में मामले में भी है तब ब्रोकर को राशि को आपके अकाउंट में ट्रांफर करने के आदेश है।

भारतीय स्टॉक मार्केट T+2 साइकिल पर आधारित है जिस कारण यह अंतराल होता है।

यदि आपने उसी दिन शेयर खरीदे और बेचे हैं तो कुछ शुल्क कटाने में बाद राशि अंतर आपके अकाउंट में एडजस्ट कर दी जाएगी।

कुछ ब्रोकर एजेंसी ऑनलाइनऑफलाइन ट्रेडिंग के चार्ज में भरी (Online Trading Kaise Kare) अंतर है।

सबसे विश्वसनीय ऑनलाइन ट्रेडिंग एप

सबसे विश्वसनीय ट्रेडिंग एप की बात करें तो मैं आपको Upstox Pro इस्तेमाल करने की सलाह दूंगा। इसका सबसे बड़ी वजह इसमें श्री रतन टाटा की हिस्सेदारी है जो मुझे काफी विश्वसनीय बनाती है। दूसरा इसक इंटरफ़ेस सिंपल है जो पहली बार में ही समझ आ जाता है कैसे इस्तेमाल होगा।

इसका यूजर बेस 1 करोड़ से अधिक है कुछ ही सालों में जिन्होंने इसको 4.5 की रेटिंग दी है जो सभी ट्रेडिंग एप से अधिक है।

इसे भी पढ़ें – शेयर मार्केट में पैसा कैसे लगाएं?

FAQ – Online Trading Kaise Kare

मोबाइल से ट्रेडिंग कैसे करे?

मोबाइल से ट्रेडिंग करने के लिए आपको एक बेस्ट ट्रेडिंग एप का इस्तेमाल करना चाहिए जिसका इंटरफ़ेस सिंपल हो। ऊपर मोबाइल से कैसे ट्रेडिंग करें पूरी जानकारी दी गई है।

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कैसे सीखें?

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग सिखने के लिए आपको बुक्स और लगातार प्रेक्टिस की आवश्कता होती है या आप चाहे तो ऑनलाइन कोर्स की सहायता से भी सिख सकतें हैं।

सबसे अच्छा शेयर मार्केट कौन सा है?

सबसे अच्छा शेयर मार्केट वो है जहा आपको पैसा बनाने का मौका मिलता हो यदि हम भारत की बात करें तो NSE सबसे अच्छा शेयर मार्किट है।

सबसे अच्छा ट्रेडिंग ऐप कौन सा है?

Upstox Pro सबसे अच्छा और भरोसेमंद ट्रेडिंग एप है जिसमे श्री रतन टाटा जी का भी स्टेक है।

Final Verdict – Online Trading Kaise Kare

मुझे आशा है कि इस (Online Trading Kaise Kare) लेख ने आपके सभी सवालों का जवाब दिया होगा यदि आपके मन में अभी भी कोई सवाल रहता है तो आपको कमेंट बॉक्स में पूछ सकतें हैं। और मैं मनाता हूँ आपको आपको आज से ही निवेश शुरू करना चाहिए जिसके आपको Upstox Pro को चुनना चाहिए।

शेयर मार्केट ट्रेडिंग टिप्स देने वाला ऑटो ड्राइवर, ‘5 मिनट में निकल जाने का. ' पढ़िए मजेदार बातचीत

ऑटो ड्राइवर ऑप्शन ट्रेडिंग और इसमें इस्तेमाल होने वाले बहुत सारे ट्रेडिंग टूल्स के बारे में भी बात करता है.

एक ट्विटर यूजर ने एक ऐसे ऑटो वाले की स्टोरी शेयर की है जो अपने यात्रियों को ट्रेडिंग टिप्स देता है. शेयर बाजार में बहुत सारे नए लोग विभिन्न ट्रेडिंग टूल्स के बारे में भी नहीं जानते जो शेयर खरीदने या बेचने में इस्तेमाल होते हैं. ये ऑटो वाला बहुत सारी टेक्निकल बातें भी जानता है. पढ़िए ऑटो वाले से शेयर ट्रेडिंग टिप्स की मजेदार बातचीत.

  • News18Hindi
  • Last Updated : June 25, 2022, 18:08 IST

मुंबई . शेयर बाजार बहुत ज्यादा जोखिम भरा सेक्टर होता है लेकिन इसमें आने वाले बहुत सारे नए लोग इसके खतरों के बारे में नहीं जानते. वे नहीं जानते कि रिस्क कैसे मैनेज करते हैं. बहुत सारे नए लोग तो विभिन्न ट्रेडिंग टूल्स के बारे में भी नहीं जानते जो शेयर खरीदने या बेचने में इस्तेमाल होते हैं.

एक ट्विटर यूजर ने एक ऐसे ऑटो वाले की स्टोरी शेयर की है जो अपने यात्रियों को ट्रेडिंग टिप्स देता है. लाइव मिंट की एक स्टोरी में इसका जिक्र है. स्टेरी के मुताबिक, ऑटो ड्राइवर ऑप्शन ट्रेडिंग और इसमें इस्तेमाल होने वाले बहुत सारे ट्रेडिंग टूल्स के बारे में बात करता है. ट्वीटर यूजर @tony_gazillioni ने यह स्टोरी ट्विट की है.

कब खरीदें
ट्वीट में यूजर ने लिखा है कि – मेरे बैठने के कुछ देर बाद ऑटो ड्राइवर ने बात शुरू की. ट्रेडिंग पर बात करते हुए उसने अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी बताते हुए कहा – ऑप्शन चार्ट पर… Pivots + ST. जब यह लेवल टूटे और सुपरट्रेंड सिग्नल दे तो आप एंट्री कीजिए. फिर 5 मिनट में निकल लीजिए…”

share market

ट्विटर यूजर ने ऑटो ड्राइवर के साथ इस बातचीत के बारे में और डिटेल शेयर करते हुए लिखा कि ऑटो ड्राइवर ने कहा – “5 मिनट में निकल जाने का.. एकदम बड़े बडे लॉट डालो बिना डर के … चीन और रूस मिल के प्लान किया है ये. महंगाई नहीं होती तो मार्केट कहां गिरता …..”

ट्विटर यूजर ने लिखा कि मैने ऑटो ड्राइवर से कहा…. मैं भी करता हूं ऑप्शन ट्रेडिंग…..

इस पर ऑटो ड्राइवर ने पूछा…. “ऑप्शन बाई करते हो या सेल…..”

यूजर – “दोनों करते हैं….”

ऑटो ड्राइवर– “अरे नहीं करने का सेल…. 29 दिन पैसा बनता है एक दिन में सारा चला जाता है……”शेयर की ट्रेडिंग कैसे होती है?

ट्विटर यूजर ने लिखा मैं उसकी सुन के आश्चर्यचकित रह गया…. इस ट्वीट पर बहुत सारे मजेदार कमेंट आए और लोगों ने अपने अपने तरह से इस प्रतिक्रिया दी. एक यूजर ने लिखा-
“मैं 100 परसेंट श्योर हूं यह पहले ट्रेडर था और मार्केट ने उसे ऑटो ड्राइवर बना ….. लेकिन ट्रेडिंग एक लत है इसलिए वह अभी भी ट्रेडिंग कर रहा है…. बहुत जल्द ही वह ऑटो वाला से भिखारी बनेगा….”

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|

Trading क्या है Trading कितने प्रकार कि होती है?

Trading क्या है? यह प्रश्न ज्यादातर स्टॉक मार्केट में नए लोगों को परेशान करता है। आज कई small retailers स्टॉक मार्केट में है जो trading और investment में अंतर नहीं समझ पाते है। अगर आपको भी ट्रेडिंग शब्द का मतलब नहीं पता है। तो आज कि लेख में हम आपको trading meaning in hindi के बारे में बारीकी से समझाएंगे। इसलिए आज का पोस्ट आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए इस अंत तक पढ़े। तो फिर आइए जानते हैं।

Trading क्या है?

trading-kya-hai

Trading को आसान शब्दों में व्याख्या करें तो हिंदी में इसे " व्यापार " कहा जाता है। यानी कि किसी वस्तु या सेवा का आदान प्रदान करके मुनाफा कमाना।

Stock Market Trading भी इसी तरह होता है। जैसे कि हम किसी वस्तु को खरीद और बिक्री करके मुनाफा कमाते हैं। बिल्कुल वैसे ही स्टॉक मार्केट में वस्तु की जगह कंपनियों के शेयर कि खरीद और बिक्री करके मुनाफा कमाया जाता है। ट्रेडिंग कि समय अवधि 1 साल की होती है। मतलब यह हुआ कि 1 साल के अंदर शेयर को खरीदना और बेचना है। अगर एक साल के बाद शेयर को बेचते हैं तो यह निवेश कहलाता है। यह एक तरह का ऑनलाइन पर आधारित बिजनेस होता है।

उदाहरण के तौर पर अगर हम share market में शेयर खरीद रहे हैं तो हमारे जैसे कोई अन्य व्यक्ति होगा जो उन शेयर को बेच रहा होगा। चलिए इसे अब अपने डेली लाइफ से जोड़ते हैं। मान लीजिए आपने होलसेल स्टोर से कोई सामान ₹50 खरीदा और उसे बाद में ₹60 लगा कर कस्टमर्स को बेच दिया। अगर यह आप रोजाना करते हैं तो इसे ट्रेडिंग कहा जाता है।

बिल्कुल ऐसे ही शेयर बाजार में भी होता है। आप शेयर को खरीदते हैं और 1 साल के अंदर खरीदे हुए शेयर को प्राइस बढ़ने के बाद बेच देते है। तो यह Stock Market Trading कहलाता है।

Trading को काफी रिस्की कहा जाता है क्योंकि इसमें यह कोई नहीं जानता कि कुछ समय बाद शेयर के भाव में क्या मूवमेंट आयेगा। अगर शेयर से जुड़ी न्यूज़ अच्छी आती है तो शेयर के भाव में तेजी दिखाई देगी। वहीं इसका उल्टा शेयर की ट्रेडिंग कैसे होती है? करे तो शेयर से जुड़ी न्यूज़ खराब आती है तो शेयर के भाव में मंदी देखने को मिल सकती है।

Stock Market Trading कितने प्रकार के होते हैं?

  1. Scalping Trading
  2. Intraday Trading
  3. Swing Trading
  4. Positional Trading

Scalping Trading क्या है?

Scalping Trading वह trade जो कुछ सेकंड या मिनट के लिए trade किया जाए। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो केवल कुछ सेकंड या मिनट के लिए शेयर की खरीद और बिक्री करते हैं। ऐसे ट्रेडर्स को scalpers कहा जाता है। बता दू कि scalping trading को सबसे जायदा रिस्की होता है।

Intraday Trading क्या है?

Intraday Trading वह trade जो 1 दिन के लिए trade किया जाए। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो Market (9:15 am) के खुलने के बाद शेयर खरीद लेते हैं। और मार्केट बंद(3:30 pm) होने से पहले शेयर को बेच देते है। ऐसे ट्रेडर्स को Intraday ट्रेडर्स कहा जाता है। बता दू कि Intraday ट्रेडिंग scalping trading से थोड़ा कम रिस्की होता है। इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए पोस्ट को पढ़े।

Swing Trading क्या है?

Swing Trading वह trade जो कुछ दिनों के लिए शेयर को खरीदते और बेचते है। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो एक दो हफ़्ते के लिए शेयर को खरीदने के बाद बेच देते हैं। इसमें ट्रेडर को पूरे दिन चार्ट को देखना नहीं पड़ता है। यह उन लोगो ( जॉब, स्टूडेंट्स आदि) के लिए बेहतर होता है जो ट्रेडिंग में अपना पूरा दिन नहीं दे सकते हैं।

Positional Trading क्या है?

Positional Trading वह ट्रेड जो कुछ महीने के लिए होल्ड किए जाएं। यह मार्केट का long term movement को कैप्चर करने के लिए किया जाता है। ताकि एक अच्छा मुनाफा हो सके। शेयर बाजार की रोजाना के up-down से इन पर जायदा असर नहीं होता है। यह बाकी सभी trading से कम रिस्की होता है।

Trading और Investment में क्या अंतर है?

  1. Trading में शेयर को short term के लिए खरीदा जाता है। वहीं Investment में शेयर को लंबे समय के लिए खरीद लिया जाता है।
  2. Trading में टेक्निकल एनालिसिस की जानकारी होना जरूरी होता है। वहीं Investment में fundamental analysis की जानकारी प्राप्त होनी चाहिए।
  3. Trading कि अवधि 1 साल तक की होती है। वहीं निवेश कि अवधि 1 साल से ज्यादा कि होती है।
  4. Trading करने वाले लोगों को traders कहा जाता है। वहीं निवेश (Investment) करने वाले लोगों को निवेशक (Invester) कहां जाता है।
  5. Trading short term मुनाफे को कमाने के लिए किया जाता है वहीं निवेश लंबी अवधि के मुनाफे को कमाने के लिए किया जाता है।

आपने क्या जाना

जैसे कि आपने हमारी आज के लेख में trading kya hai के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की है। आज आपने ट्रेडिंग के साथ साथ ट्रेडिंग के प्रकार और निवेश से ट्रेडिंग किस तरह अलग होता है यह भी जाना है। अगर आपको भी share market में trade करना है तो सबसे पहले इसके बारे में विस्तार से जानकारी अवश्य ले। नहीं तो आपको अच्छा खासा नुकसान झेलना पड़ सकता है।

रेटिंग: 4.84
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 575
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *