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फंडामेंटल विश्लेषण की मूल बातें

फंडामेंटल विश्लेषण की मूल बातें
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शेयर खरीदने के नियम – Rules for buying shares

अगर आप भी निवेश करके पैसा कमाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको शेयर खरीदने के नियम पता होने चाहिए। लेकिन शेयर खरीदने से पहले आपको पता होना चाहिए कि शेयर मार्केट क्या है?

शेयर मार्केट वह जगह है जहां शेयर खरीदे और बेचे फंडामेंटल विश्लेषण की मूल बातें जाते है। शेयर मार्केट आपको इक्विटी, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड, डेरिवेटिव इत्यादि में ट्रेडिंग करने के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करता है।

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किसी भी नए या अनुभवी निवेशक को निवेश करने के लिए पता होना चाहिए कि शेयर खरीदने के लिए क्या करें, किस कंपनी का शेयर खरीदे और शेयर खरीदने के नियम क्या हैं?

Table of Contents

शेयर कैसे खरीदें ?

सबसे पहले आपको यह जानना होगा कि शेयर खरीदते समय आपको किन किन बातों को ध्यान में रखना है। यहाँ हमनें कुछ टिप्स बताए हैं, जो एक निवेशक के लिए निवेश करने से पहले दिमाग में रखना जरूरी है।

अपने फाइनेंशियल उद्देश्यों को ध्यान में रखें।

मौलिक और तकनीकी विश्लेषण करें।

सही कीमत पर शेयर खरीदें।

समय-समय पर निवेश करें फंडामेंटल विश्लेषण की मूल बातें सेबी के नियमों का पालन करें चलिए

अब इन सब पर एक-एक करके चर्चा करते हैं।

अपने फाइनेंशियल उद्देश्यों को ध्यान में रखें – Keep your financial objectives in mind

शेयर खरीदने के नियम में सबसे पहला नियम या टिप्स यह है कि शेयर खरीदने से पहले हमें अपने उद्देश्यों को ध्यान में रखना चाहिए। इसका मतलब है कि सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आपको लॉन्ग-टर्म निवेश करना है या शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट करना है।

शॉर्ट टर्म ट्रेडर इंट्राडे ट्रेडिंग या स्विंग ट्रेडिंग को चुनते हैं। वहीं लॉन्ग-टर्म के लिए निवेशक डिलीवरी ट्रेडिंग या पोज़िशनल फंडामेंटल विश्लेषण की मूल बातें ट्रेडिंग का विकल्प चुन सकते हैं।

यदि आप शॉर्ट-टर्म यानी कम अवधि में के जरिये रिटर्न प्राप्त करना चाहते है, तो आप निवेश के अन्य साधनों पर विचार कर सकते हैं। हालांकि, अगर आपके पास लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट का प्लान है, तो इक्विटी में निवेश करने से आपको बेहतरीन रिटर्न मिल सकता है।

शेयर खरीदने के नियम - Rules for buying shares

लॉन्ग टर्म में निवेशक एक कंपनी के शेयर खरीदते हैं जब यह सस्ता होता है, और जब उन्हें लगता है कि स्टॉक की कीमत पर्याप्त रूप से बढ़ गई है, तो वे शेयरों को अधिक कीमत पर बेचना शुरू करते हैं।

इस तरह की ट्रेडिंग में जोखिम कम होता है। इसके विपरीत शॉर्ट-टर्म ट्रेड में इंट्राडे ट्रेड होता है। इसमें अगर सही स्टॉक की पहचान हो जाए तो शेयर बाजार में दैनिक आधार पर पैसा लगाकर मुनाफा कमाया जा सकता है।

लेकिन ध्यान रहे कि इसमें जोखिम भी काफी होता है। इसलिए, स्टॉक मार्केट को शॉर्ट टर्म मनी मेकिंग टूल के रूप में सोचने के बजाय, इसे लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट ऑप्शन के रूप में देखें।

मौलिक और तकनीकी विश्लेषण करें – Perform fundamental and technical analysis

यह भी शेयर खरीदने के नियम में से एक बहुत ही महत्वपूर्ण नियम है। स्टॉक मार्केट में अंधाधुंध शेयर खरीदना, बिना सही रिसर्च या एनालिसिस के अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है।

इससे पहले कि आप शेयर मार्केट में निवेश करें, आपको यह समझने में कोशिश करनी चाहिए कि शेयर बाजार कैसे काम करता है। किसी विशेष कंपनी के शेयर खरीदते समय, कंपनी के पिछले प्रदर्शन के साथ-साथ भविष्य की संभावनाओं पर कुछ रिसर्च करना आवश्यक है।

इसी प्रकार, शेयर खरीदने से पहले मार्केट ट्रेंड की जाँच करें और यह जानें कि शेयर मार्केट की स्थिति पहले कैसी थी और अभी कैसे चल रही है। इसके आधार पर ही शेयर खरीदें।

शेयर खरीदने के नियम - Rules for buying shares

वह आपको शेयर खरीदने का फैसला लेने में आपकी मदद करेंगे।

सही कीमत पर शेयर खरीदें – buy shares at the right price

उस कीमत पर स्टॉक खरीदना बहुत महत्वपूर्ण है जो आप देने में सक्षम हो। हो सकता है कि आप ऐसे शेयर को ढूंढ रहे हो जो बहुत लोकप्रिय है और जिसे दूसरे लोग खरीद रहे हैं।

लेकिन इसके लिए आपको यह भी देखना होगा कि अपने बजट के अनुसार शेयर खरीदे और जो आपको बेहतर रिटर्न दे सके। जो शेयर आपके बजट में फिट नहीं बैठता, आप उसे छोड़ दें।

सही समय की प्रतीक्षा करें और उस स्टॉक को चुनें, जो आपके बजट में फिट हो और आपको लाभ भी दे। इसके अलावा, जब आपको लगे कि आप अपना स्टॉक बेचना चाहते हैं और आपको अच्छा रिटर्न मिल रहा है

तब आपको शेयर बेच देने चाहिए। शेयर की कीमत को कुछ और बढ़ाने के लिए इंतजार करना फायदेमंद हो सकता है।

लेकिन ध्यान रहे कि अगर इसका प्राइस नीचे जाता है तो आपको नुकसान भी हो सकता है। इसलिए, शेयर हमेशा सही समय पर खरीदें और सही समय आने पर बेच दें।

सेबी के नियमों का पालन करे – Follow SEBI rules

शेयर मार्केट की रेगुलेटरी बॉडी ने 1 सितंबर 2020 से शेयर खरीदने और बेचने के नियमों में भारी बदलाव किए हैं। एक तरफ जहां इन नियमों के कारण निवेशकों की सुरक्षा बढ़ी हैं, वहीं दूसरी ओर शेयर खरीदना मुश्किल हो गया है।

जैसा कि आपको पता है कि “कार्वी ऑनलाइन” ने निवेशकों के पैसों के साथ घोटाला किया था। उसके बाद सेबी ने नियम बनाने के लिए कड़े कदम उठाए। ऐसे में अगर आप शेयर खरीदना चाहते हैं तो आपको शेयर खरीदने के नियम पता होने चाहिए।

आपको पता है कि निवेशक अपने ब्रोकर से पॉवर ऑफ अटॉर्नी लेते थे। यहाँ ब्रोकर उनके शेयर के साथ मनमानी करते थे और निवेशकों की बिना सहमति के शेयर्स का इस्तेमाल करते थे।

लेकिन अब सेबी के नए में शेयर आपके डीमैट खाते में ही रहेंगे और वहीं पर क्लियरिंग हाउस प्लेज मार्क कर देगा। इस तरह ब्रोकर के अकाउंट में आपके शेयर नहीं जाएंगे।

मुख्य बातें – Headlines

आपको सबसे पहले अपने दिमाग में एक वित्तीय उद्देश्यों को रखें, यानी सबसे पहले यह तय करें कि आपको लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट करना है या शॉर्ट टर्म निवेश करना है।

यदि आपकी जोखिम क्षमता कम है तो आपको लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट की तरफ रुख करना चाहिए। इसमें समय अधिक लगेगा लेकिन यह आपको एक अच्छा रिटर्न दे सकता है।

आप कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करके उस कंपनी के बारे में बारीकी से जान सकते हैं जिस कंपनी के शेयर आप खरीदना चाहते हैं। इसके जरिए कंपनी के बिजनेस, कंपनी क्या Product बनाती है, मार्केट में प्रोडक्ट की डिमांड कितनी है, Company Profit में है या Loss में, Company पर कर्ज कितना है

आदि के बारे में आप जान सकते हैं। आपको शेयर खरीदने के लिए एक सही प्राइस का इंतजार करना चाहिए। यानी अगर शेयर की कीमत आपके बजट से बाहर है तो आपको सही समय की प्रतीक्षा करने के फंडामेंटल विश्लेषण की मूल बातें बाद ही शेयर खरीदना चाहिए।

इसके साथ ही हमेशा उसी पैसे का इस्तेमाल करें जो आपके पास एक्स्ट्रा हो और कभी भी अपनी मेहनत की पूरी कमाई का उपयोग निवेश में नहीं करना चाहिए।

शेयर खरीदने के नियम - Rules for buying shares

समय-समय पर निवेश करें यानि हमेशा वोलैटिलिटी को ध्यान में रख कर ही शेयर खरीदें।

इसके अलावा, सेबी के नए नियमों का भी कड़ाई से पालन करें। इस प्रकार, यदि आप शेयर खरीदने के लिए इन नियमों का पालन करते हैं तो आप एक बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।

अगर आप भी शेयर मार्केट में ट्रेड करना चाहते है तो आपके पास डीमैट खाता होना चाहिए।

फंडामेंटल विश्लेषण की मूल बातें

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Technical Analysis of Stocks | Technical Analysis by SIDDHARTH BHANUSHALI in Hindi

  • Post author: admin
  • Post published: October 16, 2021
  • Post category: Stock Market
  • Post comments: 0 Comments

सभी ट्रेडर किसी भी मार्किट में इन्वेस्ट या ट्रेड करने के लिए Technical analysis का प्रयोग करते है ताकि वो स्टॉक प्राइस का पता कर सके की अब वो किस दिशा में जाने वाली है।

बेसिकली technical analysis of stocks हर निवेशक स्टॉक का विश्लेषण करने का सबसे अच्छा तरीका है ताकि वे शेयर बाजार की गतिविधियों को जान सकें और स्टॉक की कीमत का अनुमान (Prediction)लगा सकें।

यह Technical analysis Siddharth Bhanushali Sir के द्वारा प्रदत है।

Technical analysis Basics | By Siddharth Bhanushali

Table of Contents

तकनीकी विश्लेषण क्या है? What is Technical Analysis?

Technical Analysis एक तरीका है जो व्यापारियों द्वारा किसी स्टॉक की पास्ट के प्राइस गतिविधि का विश्लेषण करके स्टॉक की भविष्य की कीमत दिशा की भविष्यवाणी करने के लिए उपयोग किया जाता है। तकनीकी विश्लेषकों द्वारा चार्ट पैटर्न और आंकड़ों का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

दूसरे शब्दों में

तकनीकी विश्लेषण को पिछले मूल्य की गति की जांच के आधार पर भविष्य की कीमत की भविष्यवाणी करने की कला और विज्ञान के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।

1 Art & Science

2 To Predict The Future Price Movement

3 To know Future by Examining Past

तकनीकी विश्लेषण मूल रूप से कला और विज्ञान का मिश्रण है। जिसमें कला और विज्ञान के महत्वपूर्ण विषेशता शामिल हैं जो बाजार को एक शैक्षिक दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।
तकनीकी विश्लेषण का यह मिश्रण आपको वास्तविक समझ देगा कि बाजार कैसे व्यवहार करता है।
बाजार की संभावना क्या है और साथ ही तकनीकी विश्लेषण के इस मिश्रण का उपयोग बाजार की स्थितियों में सांख्यिकीय रूप से मान्य पैटर्न को पकड़ कर और उसके पास्ट के प्राइस मूवमेंट की जाँच करके, उसके प्राइस की दिशा को प्रिडिक्ट किया जा सकता है की प्राइस किस दिशा में जा सकता है।

किसी भी स्टॉक और उसके झुकाव (trend) का पता करने के लिए टेक्निकल एनालिसिस में हमे चार्ट पर price और volume को डालना (put) होता है। बाकि सब price और volume से लिया जाता है।ये दोनों ही हमे raw form में मिलते है।

केरल सरकार के फंडामेंटल विश्लेषण की मूल बातें अध्यादेश में मुझे निशाना बनाया जाता है, तो इसे राष्ट्रपति को भेजूंगा: राज्यपाल

केरल कैबिनेट ने नौ नवंबर को राज्य में कुलपतियों की नियुक्ति सहित विश्वविद्यालयों के कामकाज को लेकर राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान के साथ वाम सरकार की खींचतान के बीच अध्यादेश लाने का फैसला किया था. अध्यादेश का उद्देश्य प्रख्यात शिक्षाविदों को राज्यपाल के स्थान पर राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में नियुक्त करना है. The post केरल सरकार के अध्यादेश में मुझे निशाना बनाया जाता है, तो इसे राष्ट्रपति को भेजूंगा: राज्यपाल appeared first on The Wire - Hindi.

केरल कैबिनेट ने नौ नवंबर को राज्य में कुलपतियों की नियुक्ति सहित विश्वविद्यालयों के कामकाज को लेकर राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान के साथ वाम सरकार की खींचतान के बीच अध्यादेश लाने का फैसला किया था. अध्यादेश का उद्देश्य प्रख्यात शिक्षाविदों को राज्यपाल के स्थान पर राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में नियुक्त करना है.

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान. (फोटो: पीटीआई)

तिरुवनंतपुरम/नई दिल्ली: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि अगर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत सरकार कोई अध्यादेश उन्हें निशाना बनाने के लिए राजभवन भेजती है, तो वह इस पर कोई निर्णय नहीं लेंगे और इसे राष्ट्रपति के पास भेज देंगे.

दरअसल केरल की माकपा नेतृत्व वाली पिनराई विजयन सरकार ने राज्य में विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के पद से राज्यपाल को हटाने के लिए अपना अध्यादेश राजभवन को भेजा है.

खान ने शनिवार (12 नवंबर) शाम नई दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि उन्होंने अभी अध्यादेश नहीं देखा है और उसे पढ़ा नहीं है. अध्यादेश पढ़ने के बाद ही वह इस संबंध में कोई फैसला करेंगे.

उन्होंने कहा, ‘अगर निशाना मैं हूं तो मैं अपने स्वयं के मामले में न्यायाधीश नहीं बनूंगा. मैं इसकी घोषणा अभी नहीं करूंगा. मैं इसे देखूंगा और यदि मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचता हूं कि इसका उद्देश्य मुझे निशाना बनाना है, तो मैं इस पर निर्णय नहीं लूंगा. मैं आगे (राष्ट्रपति को) भेज दूंगा.’

इस बीच, स्थानीय स्वशासन और आबकारी राज्य मंत्री एमबी राजेश ने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि राज्यपाल संविधान के अनुसार कार्य करेंगे.

राजेश ने तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार संविधान के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग कर इस अध्यादेश को लाई और फिर इसे राज्यपाल को भेजा.

उन्होंने कहा, ‘यह कानूनी, संवैधानिक और नियमों के अनुसार है. अब हम केवल यह उम्मीद कर सकते हैं कि हर कोई संविधान के अनुसार कार्य करे.’

राजभवन के एक सूत्र ने बताया कि खान शनिवार शाम दिल्ली पहुंचे और दिन की शुरुआत में केरल में वामपंथी सरकार ने राज्य में विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के पद से राज्यपाल को हटाने के लिए अपना अध्यादेश राजभवन को भेजा था.

केरल कैबिनेट ने नौ नवंबर को राज्य में कुलपतियों की नियुक्ति सहित विश्वविद्यालयों के कामकाज को लेकर खान के साथ वाम सरकार की जारी खींचतान के बीच अध्यादेश लाने का फैसला किया था.

अध्यादेश का उद्देश्य प्रख्यात शिक्षाविदों को राज्यपाल के स्थान पर राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में नियुक्त करना है.

पिनराई विजयन के नेतृत्व वाली सरकार के फैसले का कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों ने विरोध किया है, क्योंकि दोनों दलों ने आरोप लगाया है कि इस कदम का उद्देश्य केरल में विश्वविद्यालयों को ‘कम्युनिस्ट केंद्रों’ में बदलना है.

मालूम हो कि बीते कुछ समय से राज्य के विश्वविद्यालयों पर नियंत्रण को लेकर राज्यपाल की राज्य की वाम मोर्चा सरकार के साथ चल रही खींचतान चल रही है.

खान, जो राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के वास्तविक कुलाधिपति हैं, ने बीते 23 अक्टूबर को नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों (वीसी) को अपना इस्तीफा देने के लिए कहा था.

हालांकि, केरल हाईकोर्ट ने बीते 24 अक्टूबर को नौ कुलपतियों में से आठ की याचिका पर सुनवाई की और फैसला सुनाया था कि वे अपने पदों पर बने रह सकते हैं. अदालत ने कहा कि कुलपतियों को इस्तीफा देने का निर्देश देने का कोई महत्व नहीं है.

इसके बाद, दो अन्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भी राज्यपाल की ओर से नोटिस भेजे गए हैं.

बीते नौ नवंबर को केरल हाईकोर्ट ने राज्यपाल व राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खान को अदालत में मामले की सुनवाई होने तक उन कुलपतियों (वीसी) के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया था, जिन्हें उन्होंने कारण बताओ नोटिस भेजा था.

मणिपुर: सरकार ने सांप्रदायिक तनाव का हवाला देते हुए राज्य के इतिहास पर लिखी किताब बैन की

मणिपुर सरकार ने दिवंगत ब्रिगेडियर सुशील कुमार शर्मा की किताब 'द कॉम्प्लेक्सिटी कॉल्ड मणिपुर: रूट्स, परसेप्शन्स एंड रियलिटी' में दर्ज जानकारियों फंडामेंटल विश्लेषण की मूल बातें को भ्रामक बताते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया है. किताब में मणिपुर रियासत के भारत के विलय का इतिहास बताया गया है. The post मणिपुर: सरकार ने सांप्रदायिक तनाव का फंडामेंटल विश्लेषण की मूल बातें हवाला देते हुए राज्य के इतिहास पर लिखी किताब बैन की appeared first on The Wire - Hindi.

मणिपुर सरकार ने दिवंगत ब्रिगेडियर सुशील कुमार शर्मा की किताब ‘द कॉम्प्लेक्सिटी कॉल्ड मणिपुर: रूट्स, परसेप्शन्स एंड रियलिटी’ में दर्ज जानकारियों को भ्रामक बताते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया है. किताब में मणिपुर रियासत के भारत के विलय का इतिहास बताया गया है.

नई दिल्ली: मणिपुर सरकार ने सोमवार को द कॉम्प्लेक्सिटी कॉल्ड मणिपुर: रूट्स, परसेप्शन्स एंड रियलिटी’ नाम की किताब पर यह कहते हुए प्रतिबंध लगा दिया कि इसमें ‘पूरी तरह से भ्रामक और निंदनीय’ सामग्री है जो सांप्रदायिक वैमनस्य को भड़का सकती है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, दिवंगत ब्रिगेडियर सुशील कुमार शर्मा की यह किताब सेवानिवृत्त सीआरपीएफ अधिकारी की पीएचडी थीसिस पर आधारित थी, जिसमें दावा किया गया था कि मणिपुर की रियासत में भारत के विलय के समय घाटी क्षेत्र का केवल 700 वर्ग मील शामिल था, जिसका अर्थ था कि पहाड़ी क्षेत्र- जो नगा, कुकी और अन्य जनजातियों द्वारा बसाए गए हैं- इसका हिस्सा नहीं थे.

गृह विभाग की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है, ‘मणिपुर मर्जर एग्रीमेंट’ से जुड़ा इतिहास राज्य के मूल निवासियों के लिए बेहद संवेदनशील और भावनात्मक विषय है. यह जानकारी राज्य में रहने वाले विभिन्न समुदायों के बीच शांति और सद्भाव भंग कर सकती है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता प्रभावित हो सकती है.

इसने स्पष्ट किया कि वाइवा बुक्स द्वारा प्रकाशित किताब में लिखी जानकारी 1950 में ‘भारतीय राज्यों पर श्वेत पत्र’ शीर्षक के तहत राज्य मंत्रालय (अब गृह मंत्रालय) द्वारा प्रकाशित राजपत्र के विपरीत थी. आदेश में कहा गया है कि 15 अक्टूबर, 1949 को विलय के समय समझौते में मणिपुर का क्षेत्रफल 8,620 वर्ग मील था और कुल आबादी 5,12,000 थी.

ज्ञात हो कि कुछ महीनों पहले इस किताब को लेकर विवाद शुरू हुआ था, जब स्थानीय संगठनों ने इस पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही लेखक और उनके शोध गाइड, जिसमें एक सेवानिवृत्त मणिपुर विश्वविद्यालय के रिटायर्ड प्रोफेसर भी शामिल हैं, से माफी मांगने को कहा था.

आदेश में कहा गया है कि काफी ‘भ्रामक, तथ्यात्मक रूप से गलत जानकारी और निंदनीय बयान’ वाली किताब के कारण घाटी और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों के बीच गलतफहमी और तनाव पैदा होगा, जिससे हिंसा होगी. आदेश में कहा गया है कि पुस्तक को राज्य सरकार को जब्त कर लिया जाना चाहिए.

किताब को लेकर मई महीने से विवाद हो रहा फंडामेंटल विश्लेषण की मूल बातें था और सितंबर महीने में राज्य की भाजपा सरकार ने आदेश दिया था कि अब से राज्य के इतिहास, संस्कृति, परंपरा और भूगोल पर सभी किताबों के प्रकाशन से पहले राज्य द्वारा नियुक्त समिति से पूर्व-अनुमोदन लेना अनिवार्य होगा.

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  • Post author: admin
  • Post published: October 16, फंडामेंटल विश्लेषण की मूल बातें 2021
  • Post category: Stock Market
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सभी ट्रेडर किसी भी मार्किट में इन्वेस्ट या ट्रेड करने के लिए Technical analysis का प्रयोग करते है ताकि वो स्टॉक प्राइस का पता कर सके की अब वो किस दिशा में जाने वाली है।

बेसिकली technical analysis of stocks हर निवेशक स्टॉक का विश्लेषण करने का सबसे अच्छा तरीका है ताकि वे शेयर बाजार की गतिविधियों को जान सकें और स्टॉक की कीमत का अनुमान (Prediction)लगा सकें।

यह Technical analysis Siddharth Bhanushali Sir के द्वारा प्रदत है।

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तकनीकी विश्लेषण क्या है? What is Technical Analysis?

Technical Analysis एक तरीका है जो व्यापारियों द्वारा किसी स्टॉक की पास्ट के प्राइस गतिविधि का विश्लेषण करके स्टॉक की भविष्य की कीमत दिशा की भविष्यवाणी करने के लिए उपयोग किया जाता है। तकनीकी विश्लेषकों द्वारा चार्ट पैटर्न और आंकड़ों का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

दूसरे शब्दों में

तकनीकी विश्लेषण को पिछले मूल्य की गति की जांच के आधार पर भविष्य की कीमत की भविष्यवाणी करने की कला और विज्ञान के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।

1 Art & Science फंडामेंटल विश्लेषण की मूल बातें

2 To Predict The Future Price Movement

3 To know Future by Examining Past

तकनीकी विश्लेषण मूल रूप से कला और विज्ञान का मिश्रण है। जिसमें कला और विज्ञान के महत्वपूर्ण विषेशता शामिल हैं जो बाजार को एक शैक्षिक दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।
तकनीकी विश्लेषण का यह मिश्रण आपको वास्तविक समझ देगा कि बाजार कैसे व्यवहार करता है।
बाजार की संभावना क्या है और साथ ही तकनीकी विश्लेषण के इस मिश्रण का उपयोग बाजार की स्थितियों में सांख्यिकीय रूप से मान्य पैटर्न को पकड़ कर और उसके पास्ट के प्राइस मूवमेंट की जाँच करके, उसके प्राइस की दिशा को प्रिडिक्ट किया जा सकता है की प्राइस किस दिशा में जा सकता है।

किसी भी स्टॉक और उसके झुकाव (trend) का पता करने के लिए टेक्निकल एनालिसिस में हमे चार्ट पर price और volume को डालना (put) होता है। बाकि सब price और volume से लिया जाता है।ये दोनों ही हमे raw form में मिलते है।

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