म्युचुअल फंड

Saurabh Mishra is a 32-year-old Editor-In-Chief of The News Ocean Hindi magazine He is an Indian Hindu. He has a post-graduate degree in Mass Communication .He has worked in many reputed म्युचुअल फंड news agencies of India.
महिंद्रा मनुलाइफ म्युचुअल फंड ने लांच किया स्माल कैप एनएफओ
मुंबई- महिंद्रा मनुलाइफ म्युचुअल फंड ने उन निवेशकों के लिए स्मॉल कैप फंड लॉन्च किया जो लंबी अवधि के लिए संपत्ति बनाना चाहते हैं। महिंद्रा मनुलाइफ म्युचुअल फंड ने स्मॉल कैप फंड लॉन्च किया है जो एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है और जिसका उद्देश्य मुख्य रूप से स्मॉल कैप शेयरों म्युचुअल फंड में निवेश करना है। एसेट एलोकेशन का न्यूनतम 65% स्मॉल कैप कंपनियों के लिए होगा। यह स्कीम 21 नवंबर 2022 को खुल गई है जो 5 दिसंबर 2022 को बंद होगी
भारत ने अतीत में कुछ महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों का रास्ता अपनाने के बाद अब भविष्य में विकास की संभावनाओं के दरवाजे खोले हैं और यही इसकी उभरती हुई भारतीय उद्यमिता को भुनाने का सही अवसर है। भारत का नया डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर भी काफी आशावादी दिखता है। भारत में स्मॉल कैप कंपनियों के विकास के लिए कई फ़ैक्टर्स में कई तो बहुत उम्मीद भरे दिखाई देते हैं।
Mutual Fund SIP | कडक! पैसाच पैसा, या म्युच्युअल फंड योजनेने 2.5 कोटी परतावा दिला, तुम्ही सुद्धा SIP करणार का?
Mutual Fund SIP | जर तुम्हाला स्टॉक मार्केटमधील जोखीम न घेता गुंतवणूक करायची असेल तर म्युच्युअल फंड हा तुमच्यासाठी योग्य गुंतवणूक पर्याय आहे. योग्य म्युचुअल फंडात गुंतवणूक केल्यास तुम्हाला बंपर परतावा मिळू शकतो. आज म्युचुअल फंड आपण या लेखात ICICI प्रुडेंशियलच्या व्हॅल्यू डिस्कव्हरी म्युचुअल फंडाबद्दल माहिती जाणून घेणार आहोत, ज्याने नुकताच गुंतवणूक बाजारात आपले 18 वर्षे पूर्ण केले आहेत. जर तुम्ही सुरुवातीच्या काळात या म्युचुअल फंड योजनेत 10 लाख रुपये लावले असते, तर आज तुमच्या गुंतवणुकीचे मूल्य 2.5 कोटी रुपये झाले असते.
व्हॅल्यू रिसर्च फर्मच्या आकडेवारीनुसार 31 जुलै 2022 पर्यंत या म्युचुअल फंडाकडे 24,694 कोटी रुपये व्यवस्थापन अंतर्गत मालमत्ता होती. या श्रेणीतील एकूण AUM पैकी 30 टक्के या वाटा या फंड हाऊसचा आहे. ही म्युचुअल फंड योजना गुंतवणूक बाजारातील व्हॅल्यू इंवेस्टमेंट पद्धतीचे अनुसरण करते. या योजनेतील पैसे विविध प्रकारच्या स्टॉक्सच्या पोर्टफोलिओमध्ये लावले जातात जे सध्या आकर्षक मुल्यांकनावर उपलब्ध आहेत.
बजट 2023: म्युचुअल इंडस्ट्री बॉडी ने गोल्ड ईटीएफ, फंड ऑफ फंड्स के लिए तरजीही कर उपचार के लिए सरकार से पूछा
नई दिल्ली: म्युचुअल फंड के जरिए खुदरा निवेशकों को पीली धातु में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उद्योग निकाय एम्फी ने सरकार से केंद्रीय बजट से पहले गोल्ड ईटीएफ और फंड ऑफ म्युचुअल फंड फंड्स के लिए तरजीही कर उपचार की मांग की है। वित्त मंत्रालय को 2023-24 के अपने बजट प्रस्तावों में, एम्फी ने प्रस्ताव दिया है कि गोल्ड ईटीएफ और फंड ऑफ फंड्स (एफओएफ), जो गोल्ड ईटीएफ की इकाइयों में अपने कॉर्पस का 90 प्रतिशत या उससे अधिक निवेश करते हैं, को लंबी अवधि के अधीन होना चाहिए। इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20 फीसदी की जगह 10 फीसदी कैपिटल गेन टैक्स।
म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले जानें क्या हैं फोकस्ड म्यूचुअल फंड, समझें फायदे और नुकसान
फोकस्ड फंड में ज्यादा से ज्यादा 30 शेयरों में इंवेस्ट कर सकते हैं. स्कीम में बताना पड़ता है कि ये किस सेगमेंट में इंवेस्टमेंट के लिए फोकस करेगी.
म्युचुअल फंड में इंवेस्टमेंट एक अच्छा ऑप्शन होता है. क्योकि इसमें आपको कई तरह की वैरायटी और स्टेबिल्टी मिल जाती है. सभी म्युचुअल फंड एक जैसे नहीं होते हैं, इसलिए आपको सभी तरह के म्युचुअल फंड की नॅालेज म्युचुअल फंड होनी जरुरी है. फोकस्ड म्युचुअल फंड एक इक्विटी म्युचुअल फंड होता है. जो सीमित या कम संख्या में शेयरों में इंवेस्ट करता है. सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज ऑफ इंडिया (SEBI) के नियमों के अनुसार इस स्कीम में अधिकतम 30 शेयरों में ही इंवेस्ट करने की परमीशन होती है. इसलिए फोकस्ड फंड का मतलब है कि आप सिर्फ 30 शेयरों में ही इंवेस्ट कर सकते हैं. आमतौर से अन्य म्यूचुअल फंड में 100 शेयरों तक इंवेस्ट कर सकते हैं. एक फोकस्ड फंड लार्ज-कैप, मिड-कैप या स्मॉल-कैप फंड पर फोकस्ड रहता है. फोकस्ड फंड बड़ी संख्या में शेयरों में एसेट नहीं फैलाते हैं. ये केवल कुछ सेक्टर पर ही फोकस्ड रहते हैं. फोकस्ड म्युचुअल फंड का इस्तेमाल करके आप हाई पर्फोमेंस म्युचुअल फंड करने वाले एसेट में इंवेस्ट कर सकते हैं. जिससे ज्यादा रिटर्न मिल सकता है.
क्या हैं इसके फायदे
फोकस्ड म्युचुअल फंड से केवल 30 शेयरों में इंवेस्ट करते हैं. जिस वजह से ये एक सिस्टमेटिक प्रोसेस को फॅालो करते हैं. फंड मैनेजर सही से स्टडी कर फिल्टरिंग के बाद ही शेयरों को सिलेक्ट करता है. इसके साथ ही इस तरह के म्यूचुअल फंड का सबसे अच्छा फायदा डायर्वसिफिकेशन है. ये रिस्क को कम करने के साथ ही रिटर्न को बढ़ाने में भी मदद करता है. फोकस्ड फंड में अच्छी तरह से स्टडी कर सिलेक्ट किए शेयर में म्युचुअल फंड इंवेस्ट किया जाता हैं. जो कुछ शेयरों तक ही सीमित होते हैं. इसलिए आपको हाई रिटर्न भी मिल सकता है.
फोकस्ड म्युचुअल फंड अस्थिर होते हैं. इनका सबसे बड़ा नुकसान ये है म्युचुअल फंड कि आपको केवल कुछ सिलेक्टेड शेयरों में इंवेस्ट करना होता है. जिस कारण टार्गेट सफल हो सकता है या फिर फेल भी हो सकता है. इसलिए इसमें हाई रिटर्न के साथ-साथ ज्यादा रिस्क की भी संभावना है. डायर्वसिफिकेशन की कमीं भी रिस्क का एक कारण बन जाती है.
फंड से जुड़ी जरूरी बातें
- यह एक ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम है जो मुख्य रूप से स्मॉल कैप शेयरों में निवेश करती है
- एसेट एलोकेशन का न्यूनतम 65% स्मॉल कैप कंपनियों के इक्विटी और इक्विटी संबंधित साधनों के लिए होगा.
- स्कीम को एसएंडपी बीएसई 250 स्मॉल कैप टीआरआई के साथ बेंचमार्क किया जाएगा.
- यह स्कीम 21 नवंबर 2022 को निवेश के लिए खुल गई है और 5 दिसंबर 2022 को बंद हो जाएगी. 14 दिसंबर, 2022 से लगातार बिक्री और पुनर्खरीद के लिए फिर से खुलेगी.
महिंद्रा मनुलाइफ म्यूचुअल फंड के एमडी और सीईओ एंथनी हेरेडिया ने कहा, “भारतीय अर्थव्यवस्था म्युचुअल फंड आने वाले दशक में दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगी. यह समय के साथ बहुत बड़ी बनने की संभावना का उपयोग करने वाली कई छोटी कंपनियों के साथ, क्षेत्रों और व्यवसायों में अभूतपूर्व अवसर प्रदान कर सकता है. स्मॉल कैप फंड लंबी अवधि के निवेशकों के लिए अच्छा होगा जो इस बदलाव का लाभ उठाना चाहते हैं और उन्हें निवेशक पोर्टफोलियो का मुख्य हिस्सा बनना चाहिए. हमारे विविध फंड रेंज में इन कंपनियों को देखने के हमारे पिछले ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए, हमें लगता है कि इस उत्पाद को बाजार में लाने का म्युचुअल फंड यह सही समय है, और हमारे निवेशकों को उनकी लंबी अवधि के धन सृजन आकांक्षाओं को पूरा करने में मदद करता है.