ETF में निवेश करने के जोखिम क्या हैं

क्या है Gold ETF जिसमें जोरदार कमाई के लिए लोग जमकर कर रहे हैं निवेश? जानिए डिटेल्स
Gold ETF: सोना प्राचीन काल से निवेश का आकर्षक माध्यम रहा है। हालांकि, इसकी सुरक्षा की चिंता जरूर रहती है, इस चिंता को दूर करता है गोल्ड ईटीएफ। निवेश के लिए गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) एक बेहतर विकल्प हो.
Gold ETF: सोना प्राचीन काल से निवेश का आकर्षक माध्यम रहा है। हालांकि, इसकी सुरक्षा की चिंता जरूर रहती है, इस चिंता को दूर करता है गोल्ड ईटीएफ। निवेश के लिए गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) एक बेहतर विकल्प हो सकता है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक, बढ़ती महंगाई और कोरोना महामारी में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (गोल्ड ETF) लोगों को खूब भा रहा है। बीते साल यानी 2021 में गोल्ड ईटीएफ को 4,814 करोड़ रुपये का निवेश मिला है। आइए गोल्ड ईटीएफ से जुड़ी बातों को विस्तार से समझते हैं--
क्या है गोल्ड ईटीएफ
सोने को शेयरों की तरह खरीदने की सुविधा को गोल्ड ईटीएफ कहते हैं। यह म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) की स्कीम है। इसमें सोने की खरीद यूनिट में की जाती है। इसे बेचने पर आपको सोना नहीं बल्कि उस समय के बाजार मूल्य के बराबर राशि मिलती है। यह सोने में निवेश के सबसे सस्ते विकल्पों में से एक है। इसकी खरीद यूनिट में की जाती है। आमतौर पर ईटीएफ के लिए डीमैट खाता जरूरी होता है।
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50 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं निवेश
एक्सपर्ट के अनुसार, 'गोल्ड में निवेश करने के लिए ढेर सारे विकल्प मौजूद हैं। गोल्ड ईटीएफ उनमें से एक सरलतम विकल्प है। पिछ्ले कुछ सालों में निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ को बहुत तरजीह दी है।' गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने से आपको नकली सोना खरीदने का डर समाप्त हो जाता है। साथ इसके रख-रखाव का भी डर समाप्त हो जाता है। नितिन कहते हैं, 'गोल्ड ईटीएफ में 50 रुपये से निवेश शुरू किया जा सकता है। साथ ही इसे कभी भी खरीद और बेच सकते हैं।'
गोल्ड ईटीएफ के फायदे
इसमें निवेशक जितनी चाहें उतनी चाहें उतनी यूनिट खरीद सकते हैं, एक कारोबारी दिन में निवेशकों को अलग-अलग वैल्यू मिलती है और वो किसी भी तरह का ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। इसके जरिये निवेशक इंट्राडे मूवमेंट में भी पैसा कमा सकते हैं। निवेशकों को सोने को सुरक्षित रखने के जोखिम की चिंता नहीं रहती। इसमें सोने को खरीदने की तरह कई अन्य तरह के चार्ज नहीं होते। इसमें निवेशक अपनी सहूलियत के अनुसार एंट्री और एक्जिट ले पाता है तो फिजिकल गोल्ड में नहीं हो पाता है।
क्या कहते हैं आंकड़ें?
क्वांटम म्यूचुअल फंड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जिमी पटेल ने कहा कि महंगाई और फेडरल रिजर्व के रुख की वजह से 2022 में भी गोल्ड ईटीएफ का आकर्षण कायम रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा मौद्रिक नीति को कड़ा करने से डॉलर और अमेरिका में बांड पर प्रतिफल बढ़ेगा, जो सोने के लिए बाधक हो सकता है।’’ पटेल ने कहा कि 2020 में गोल्ड ईटीएफ में निवेश का प्रवाह बढ़ने की प्रमुख वजह कोविड-19 महामारी थी। इसके अलावा मौद्रिक रुख में नरमी और वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में कमी से भी सोने में निवेश फायदे का सौदा था।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि गोल्ड ईटीएफ पूरे साल निवेशकों को आकर्षित करता रहा। यहां तक कि शेयरों में उछाल के बावजूद इसका आकर्षण कायम रहा। बीते साल सिर्फ जुलाई महीने में गोल्ड ईटीएफ से निकासी देखने को मिली। जुलाई में निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ से 61.5 करोड़ रुपये निकाले। निवेश के प्रवाह के बीच दिसंबर, 2021 तक स्वर्ण कोषों के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां 30 प्रतिशत बढ़कर 18,405 करोड़ रुपये पर पहुंच गईं, जो एक साल पहले 14,174 करोड़ रुपये पर थीं।
Nifty 50 ETF : कम निवेश पर ज्यादा रिटर्न का मौका, पैसा डूबने का जोखिम भी कम
Investment : सीधे शेयरों में निवेश के लिए कंपनी की वित्तीय स्थिति, उसकी व्यावसायिक संभावनाएं, वैल्यूएशन, उद्योग की गतिशीलता, बाजार की स्थितियां आदि समझने की जरूरत होती है.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: Neeraj Patel
Updated on: Nov 13, 2022 | 2:56 PM
Nifty 50 ETF : इक्विटी की समझ नहीं रखने वाले लोग अक्सर निवेश के सही मौके की तलाश में रहते हैं. इक्विटी में लंबी अवधि में महंगाई को पछाड़ने की संभावना रहती है, इस कारण लोग इसकी ओर ज्यादा आकर्षित होते हैं. इसके अलावा इक्विटी में भविष्य की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने की क्षमता भी होती है. फिर चाहे निवेश Mutual Fund के जरिये किया गया हो या Direct Stock में या फिर दोनों के मिले-जुले माध्यम से, लेकिन इक्विटी में नए निवेशकों के लिए सीधे शेयरों के साथ शुरुआत करने में सही कंपनी पर निर्णय लेना कठिन होता है.
सीधे शेयरों में निवेश के लिए कंपनी की वित्तीय स्थिति, उसकी व्यावसायिक संभावनाएं, वैल्यूएशन, उद्योग की गतिशीलता, बाजार की स्थितियां आदि समझने की जरूरत होती है. ऐसे निवेशकों के लिए निफ्टी 50 ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) निवेश के लिए सबसे आसान तरीका है. ईटीएफ एक विशिष्ट सूचकांक को ट्रैक करता है, जिससे एक्सचेंजों पर स्टाक की तरह कारोबार किया जाता है. ईटीएफ म्यूचुअल फंड हाउस की ओर से पेश किए जाते हैं.
कम निवेश से कर सकते हैं शुरुआत
निफ्टी 50 ईटीएफ की खास बात यह है कि बहुत कम राशि से भी इसकी शुरुआत की जा सकती है. ईटीएफ की एक यूनिट को आप कुछ सौ रुपये में खरीद सकते हैं. उदाहरण के लिए- आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल निफ्टी 50 ईटीएफ एनएसई पर 185 रुपये की कीमत पर ट्रेड करता है. इस प्रकार आप 500-1000 रुपये तक का निवेश कर सकते हैं और एक्सचेंज से निफ्टी 50 ईटीएफ की इकाइयां खरीद सकते हैं.
आप हर महीने व्यवस्थित निवेश भी कर सकते हैं. ऐसा करने से आप बाजार के सभी स्तरों पर खरीदारी करेंगे और आपके निवेश की लागत औसत होगी. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल निफ्टी 50 ईटीएफ का ट्रैकिंग एरर, जो किसी अंतर्निहित इंडेक्स से फंड रिटर्न के विचलन (deviation) का एक पैमाना है – 0.03% है, जो निफ्टी 50 ईटीएफ यूनिवर्स में सबसे कम है. सीधे शब्दों में कहें तो यह संख्या जितनी कम होती है, उतना ही बेहतर रहता है.
बड़ी कंपनियों में होता है निवेश
निफ्टी 50 इंडेक्स में बाजार पूंजीकरण (market capitalization) के मामले में सबसे बड़ी भारतीय कंपनियां शामिल हैं. इसलिए निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश एक निवेशक के लिए शेयरों और सेक्टर्स में उम्दा विविधीकरण (excellent diversification) प्रदान करता है. यह सूचकांक ETF में निवेश करने के जोखिम क्या हैं की राह पर चलता है. आप बाजार समय के दौरान एक्सचेंजों से ईटीएफ के यूनिट्स खरीद और बेच सकते हैं. ऐसे में निफ्टी 50 ईटीएफ पहली बार स्टाक निवेशकों के लिए ETF में निवेश करने के जोखिम क्या हैं और सामान्य रूप से अपनी इक्विटी यात्रा शुरू करने वालों के लिए एक शुरुआती बिंदु में से एक है.
जोखिम को कम करती है पोर्टफोलियो विविधता
एक विविध पोर्टफोलियो (diversified portfolio) किसी निवेशक के लिए जोखिम को कम करता है. किसी स्टाक में निवेश करने के मामले में ऐसा नहीं होता है, क्योंकि यहां बाजार में आने वाला उतार-चढ़ाव कंपनियों के एक बास्केट की तुलना में किसी एक स्टाक की कीमत को अधिक प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है. निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश से मिलने वाला रिटर्न अंतर्निहित सूचकांक (underlying index) में उतार-चढ़ाव की नकल करेगा. केवल ईटीएफ में निवेश करने के लिए आपको एक डीमैट खाते की आवश्यकता पड़ती है. जिनके पास डीमैट खाता नहीं है, वे निफ्टी 50 इंडेक्स फंड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं.
सस्ता होता है निवेश
निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश अपेक्षाकृत सस्ता पड़ता है. चूंकि ईटीएफ निफ्टी 50 इंडेक्स को निष्क्रिय रूप से (passively) ट्रैक करता है और इंडेक्स घटकों (constituents) में सीमित या कोई मंथन नहीं होता है, इसलिए लागत कम होती है. खर्च अनुपात या दूसरे शब्दों में, जो फंड चार्ज करते हैं, वह सिर्फ 2 से 5 आधार अंक (0.02-0.05%) है. एक आधार अंक प्रतिशत का सौवां हिस्सा होता है.
कम जोखिम में वर्षों तक बाजार समझने का मौका
निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश करके आप बहुत अधिक जोखिम उठाए बिना वर्षों तक बाजार की गतिशीलता ( market dynamics) को समझना शुरू कर सकते हैं. जब आप बाजारों को चलाने वाले विभिन्न कारकों से खुद से परिचय कराते हैं तो आप अपनी जोखिम लेने की क्षमता (risk appetite), लक्ष्य, समय सीमा और निवेश करने योग्य सरप्लस के आधार पर छोटे और मिडकैप शेयरों या म्यूचुअल फंड का पता लगा सकते हैं. इस प्रकार आप निफ्टी-50 ईटीएफ के जरिये बाजार में निवेश की यात्रा शुरू कर सकते हैं.
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English News Headline : Nifty 50 ETF Opportunity for higher returns on less investment.
गोल्ड ETF की ओर आकर्षित हो रहे हैं निवेशक, सितंबर तिमाही में किया करोड़ों का निवेश
कोरोना वायरस महामारी के चलते निवेशक जोखिम भरे साधनों में निवेश करने से परहेज कर रहे हैं। इस कारण सितंबर तिमाही में स्वर्ण ईटीएफ में 2,400 करोड़ रुपये से अधिक का शुद्ध निवेश हुआ है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल की समान तिमाही में निवेशकों ने स्वर्ण ईटीएफ में 172 करोड़ रुपये लगाए थे। निवेशकों के लिए यह श्रेणी पूरे साल बढ़िया प्रदर्शन कर रही है।
आकर्षित हो रहे हैं निवेशक
इसमें अब तक निवेशकों ने 5,957 करोड़ रुपये लगाए हैं। आंकड़ों के अनुसार, 30 सितंबर 2020 को समाप्त तिमाही में निवेशकों ने स्वर्ण ईटीएफ में 2426 करोड़ रुपये निवेश किए। ग्रीन पोर्टफोलियो के सह-संस्थापक दिवम शर्मा ने कहा कि पिछले एक साल में स्वर्ण ईटीएफ ने जिस तरह का राजस्व सृजित किया है, उससे निवेशक इनकी ओर आकर्षित हो रहे हैं।
जनवरी से सितंबर तक किया इतना निवेश
ग्रो के सह-संस्थापक हर्ष जैन ने कहा कि, 'कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न अनिश्चितता के चलते सोने में निवेश की मांग बढ़ी है।' इस साल में मासिक आधार पर देखें, तो निवेशकों ने इस श्रेणी में जनवरी में 202 करोड़ रुपये और फरवरी में 1,483 करोड़ रुपये लगाये। हालांकि मार्च में उन्होंने 195 करोड़ रुपये की मुनाफा वसूली की। अप्रैल में फिर से 731 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। इसके बाद मई में 815 करोड़ रुपये, जून में 494 करोड़ रुपये, जुलाई में 921 करोड़ रुपये, अगस्त में 908 करोड़ रुपये और सितंबर में 597 करोड़ रुपये का निवेश आया।
क्या है ईटीएफ?
पेपर गोल्ड में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स) खरीदना है। चूंकि, ईटीएफ में निवेश करने में उच्च प्रारंभिक खरीद, बीमा और यहां तक कि बिक्री की लागत शामिल नहीं होती, इसलिए यह बहुत अधिक कॉस्ट-इफेक्टिव है। ईटीएफ में निवेश करने के लिए लोगों को ऑनलाइन स्टॉकब्रोकर और डीमैट खाते से ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है। एक बार अकाउंट बनने के बाद केवल गोल्ड ईटीएफ चुनने और ब्रोकर के ट्रेडिंग पोर्टल से ऑर्डर देने की बात है।
कोरोना वायरस महामारी के चलते निवेशक जोखिम भरे साधनों में निवेश करने से परहेज कर रहे हैं। इस कारण सितंबर तिमाही में स्वर्ण ईटीएफ में 2,400 करोड़ रुपये से अधिक का शुद्ध निवेश हुआ है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल की समान तिमाही में निवेशकों ने स्वर्ण ईटीएफ में 172 करोड़ रुपये लगाए थे। निवेशकों के लिए यह श्रेणी पूरे साल बढ़िया प्रदर्शन कर रही है।
आकर्षित हो रहे हैं निवेशक
इसमें अब तक निवेशकों ने 5,957 करोड़ रुपये लगाए हैं। आंकड़ों के अनुसार, 30 सितंबर 2020 को समाप्त तिमाही में निवेशकों ने स्वर्ण ईटीएफ में 2426 करोड़ रुपये निवेश किए। ग्रीन पोर्टफोलियो के सह-संस्थापक दिवम शर्मा ने कहा कि पिछले एक साल में स्वर्ण ईटीएफ ने जिस तरह का राजस्व सृजित किया है, उससे निवेशक इनकी ओर आकर्षित हो रहे हैं।
जनवरी से सितंबर तक किया इतना निवेश
ग्रो के सह-संस्थापक हर्ष जैन ने कहा कि, 'कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न अनिश्चितता के चलते सोने में निवेश की मांग बढ़ी है।' इस साल में मासिक आधार पर देखें, तो निवेशकों ने इस श्रेणी में जनवरी में 202 करोड़ रुपये और फरवरी में 1,483 करोड़ रुपये लगाये। हालांकि मार्च में उन्होंने 195 करोड़ रुपये की मुनाफा वसूली की। अप्रैल में फिर से 731 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। इसके बाद मई में 815 करोड़ रुपये, जून में 494 करोड़ रुपये, जुलाई में 921 करोड़ रुपये, अगस्त में 908 करोड़ रुपये और सितंबर में 597 करोड़ रुपये का निवेश आया।
क्या है ईटीएफ?
पेपर गोल्ड में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स) खरीदना है। चूंकि, ईटीएफ में निवेश करने में उच्च प्रारंभिक खरीद, बीमा और यहां तक कि बिक्री की लागत शामिल नहीं होती, इसलिए यह बहुत अधिक कॉस्ट-इफेक्टिव है। ईटीएफ में निवेश करने के लिए लोगों को ऑनलाइन स्टॉकब्रोकर और डीमैट खाते से ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है। एक बार अकाउंट बनने के बाद केवल गोल्ड ईटीएफ चुनने और ब्रोकर के ट्रेडिंग पोर्टल से ऑर्डर देने की बात है।
निवेश की बात: गोल्ड ETF की ओर आकर्षित हो रहे हैं निवेशक, जानिए क्या है ये और इसके फायदे
कोरोना वायरस महामारी के चलते निवेशक जोखिम भरे साधनों में निवेश करने से परहेज कर रहे हैं। इस कारण अगस्त में सोने के एक्सचेंज ट्रेडिड फंड्स (ETF) में निवेशकों की रुचि बढ़ी है।
कोरोना काल में लोगों को निवेश और बचत का महत्व समझ आया है। अगस्त में सोने के एक्सचेंज ट्रेडिड फंड्स (गोल्ड ETF) में सुधार आया है। पिछले महीने इसमें 24 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया गया। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों के दौरान गोल्ड ईटीएफ में कुल प्रवाह 3,070 करोड़ रुपये रहा। इतना ही नहीं, पिछले महीने गोल्ड ईटीएफ में निवेशक फोलियो की संख्या 21.46 लाख तक पहुंच गई।
हालांकि, अगस्त 2019 से इसमें धीमी गति से सुधार हो रहा है। गोल्ड ईटीएफ में नवंबर 2020 में 141 करोड़, फरवरी 2021 में 195 करोड़ और जुलाई 2021 में 61.5 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी दर्ज की गई थी। वैश्विक स्तर पर बने सकारात्कमक रुख से पीली धातु को लेकर धारणा में सुधार आया है। जुलाई 2021 में निकासी के बाद अगस्त में सोने में निवेश सकरात्मक रहा।
क्या है ईटीएफ?
पेपर गोल्ड में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स) खरीदना है। चूंकि, ईटीएफ में निवेश करने में उच्च प्रारंभिक खरीद, बीमा और यहां तक कि बिक्री की लागत शामिल नहीं होती, इसलिए यह बहुत अधिक कॉस्ट-इफेक्टिव है। ईटीएफ में निवेश करने के लिए लोगों को ऑनलाइन स्टॉकब्रोकर और डीमैट खाते से ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है। एक बार अकाउंट बनने के बाद केवल गोल्ड ईटीएफ चुनने और ब्रोकर के ट्रेडिंग पोर्टल से ऑर्डर देने की बात है।
यह निवेश का एक सरल माध्यम है। इसकी खरीद-फरोख्त अन्य शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंज में ही होती है। इसे स्टॉक एक्सचेंज में खरीद-बिक्री की ETF में निवेश करने के जोखिम क्या हैं सुविधा वाला फंड भी कहा जाता है। यह किसी इंडेक्स या कई एसेट्स के समूह को ट्रैक करता है। पूरे दिन कारोबार होने से इसकी भी कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा जाता है। बेहतर लिक्विडिटी होने की वजह से इसे कभी बेचा जा सकता है।
कैसे करता है काम?
ईटीएफ किसी इंडेक्स या एसेट को ट्रैक करता है। अगर कोई ईटीएफ बीएसई सेंसेक्स को ट्रैक करता है तो यह अपने फंड का निवेश सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों के शेयरों में करेगा। यह निवेश उसी अनुपात में होगा, जितना हर कंपनी का सेंसेक्स में वेटेज होगा। आपके इस ईटीएफ में निवेश करने पर एसेट मैनेजमेंट कंपनी आपको निवेश के मूल्य के हिसाब से यूनिट्स जारी कर देगी।
गोल्ड ईटीएफ में निवेश के क्या फायदे हैं?
- गोल्ड ईटीएफ को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया काफी आसान है।
- सोने की कीमतें स्टॉक एक्सचेंज में सार्वजनिक होती हैं जिससे निवेशकों के बीच पारदर्शिता बनी रहती है।
- गोल्ड ईटीएफ पर कोई वेल्थ टैक्स नहीं लगता है।
- कोई निवेशक एक यूनिट यानी एक ग्राम खरीद कर निवेश शुरू कर सकता है।
विस्तार
कोरोना काल में लोगों को निवेश और बचत का महत्व समझ आया है। अगस्त में सोने के एक्सचेंज ट्रेडिड फंड्स (गोल्ड ETF) में सुधार आया है। पिछले महीने इसमें 24 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया गया। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों के दौरान गोल्ड ईटीएफ में कुल प्रवाह 3,070 करोड़ रुपये रहा। इतना ही नहीं, पिछले महीने गोल्ड ईटीएफ में निवेशक फोलियो की संख्या 21.46 लाख तक पहुंच गई।
हालांकि, अगस्त 2019 से इसमें धीमी गति से सुधार हो रहा है। गोल्ड ईटीएफ में नवंबर 2020 में 141 करोड़, फरवरी 2021 में 195 करोड़ और जुलाई 2021 में 61.5 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी दर्ज की गई थी। वैश्विक स्तर पर बने सकारात्कमक रुख से पीली धातु को लेकर धारणा में सुधार आया है। जुलाई 2021 में निकासी के बाद अगस्त में सोने में निवेश सकरात्मक रहा।
क्या है ईटीएफ?
पेपर गोल्ड में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स) खरीदना है। चूंकि, ईटीएफ में निवेश करने में उच्च प्रारंभिक खरीद, बीमा और यहां तक कि बिक्री की लागत शामिल नहीं होती, इसलिए यह बहुत अधिक कॉस्ट-इफेक्टिव है। ईटीएफ में निवेश करने के लिए लोगों को ऑनलाइन स्टॉकब्रोकर और डीमैट खाते से ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है। एक बार अकाउंट बनने के बाद केवल गोल्ड ETF में निवेश करने के जोखिम क्या हैं ईटीएफ चुनने और ब्रोकर के ट्रेडिंग पोर्टल से ऑर्डर देने की बात है।
यह निवेश का एक सरल माध्यम है। इसकी खरीद-फरोख्त अन्य शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंज में ही होती है। इसे स्टॉक एक्सचेंज में खरीद-बिक्री की सुविधा वाला फंड भी कहा जाता है। यह किसी इंडेक्स या कई एसेट्स के समूह को ट्रैक करता है। पूरे दिन कारोबार होने से इसकी भी कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा जाता है। बेहतर लिक्विडिटी होने की वजह से इसे कभी बेचा जा सकता है।
कैसे करता है काम?
ईटीएफ किसी इंडेक्स या एसेट को ट्रैक करता है। अगर कोई ईटीएफ बीएसई सेंसेक्स को ट्रैक करता है तो यह अपने फंड का निवेश सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों के शेयरों में करेगा। यह निवेश उसी अनुपात में होगा, जितना हर कंपनी का सेंसेक्स में वेटेज होगा। आपके इस ईटीएफ में निवेश करने पर एसेट मैनेजमेंट कंपनी आपको निवेश के मूल्य के हिसाब से यूनिट्स जारी कर देगी।