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क्रिप्टो बैन

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Cryptocurrency bill in india Hindi: कर दिया भारत सरकार ने क्रिप्टो करेंसी बैन | डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021

भारतीय सरकार ने 23 नवम्बर 2021 को cryptocurrency bill लाने का निर्णय लिया जिसके तहत सभी प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगा दिया जायेगा और एक सरकार द्वारा नियंत्रित क्रिप्टो लाई जाएगी। यह बिल भारतीय संसद क्रिप्टो बैन में 29 नवम्बर 2021 से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में लाया जाएगा। आइए जानते है डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021

Crypto Prices Crash: निजी Cryptocurrency को बैन करेगी सरकार! जानें इससे जुड़े 10 Facts

Crypto Prices Crash

Crypto Prices Crash: पिछले 24 घंटों में वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी बाजार पूंजीकरण (Market Cap) 0.36 फीसदी गिरकर 2.56 ट्रिलियन डॉलर हो गया है। वहीं क्रिप्टो बाजार की कुल वॉल्यूम (कारोबार किए गए सिक्कों की कुल राशि) 126.32 अरब डॉलर रही।

Crypto Prices Crash

  • क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन पूरी दुनिया को बहुत तेजी से अपनी गिरफ्त में लेती जा रही है।
  • क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सावधान रहने की जरूरत है।
  • RBI पायलट के तौर पर डिजिटल मुद्रा लॉन्च कर सकता है। केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) फिएट मुद्राओं का डिजिटल रूप है।

Crypto Prices Crash: केंद्र सरकार जल्द ही क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर शिकंजा कसने जा रही है। सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' पेश करेगी। इस खबर के बाद दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन (Bitcoin) में गिरावट आई।

जानें इससे जुड़े 10 तथ्य (10 Facts)

  • Coinmarketcap के अनुसार, सुबह 9.22 बजे न सिर्फ बिटकॉइन, बल्कि सोलाना कार्डानो, एक्सआरपी और डॉजकॉइन में भी गिरावट आई। बिटकॉइन 1.07 फीसदी गिरकर 56,377.33 डॉलर (करीब 42,28,299.75 रुपये) पर था। इस दौरान सोलाना कार्डानो, एक्सआरपी और डॉजकॉइन की कीमत में क्रमश: 0.74, 6.62, 1.24 और 0.33 फीसदी की गिरावट थी और इनकी कीमत क्रमश: 218.66, 1.68, 1.04 और 0.2225 डॉलर थी।
  • संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 पेश किया जाएगा।
  • विधेयक कुछ आपत्तियों के साथ भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करेगा। शीतकालीन सत्र के दौरान इस पर अंतिम विचार किया जा सकता है। यह पारित हो सकता है।
  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपनी खुद की डिजिटल करेंसी (digital currency) जारी करेगा। इसका उद्देश्य केंद्रीय बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करना है।
  • देश में निवेशकों के पैसे की सुरक्षा और जोखिमों के बारे में भ्रामक विज्ञापन लंबे समय से चिंता का विषय रहे हैं।
  • डिजिटल मुद्राओं के नियमन पर चर्चा करने के लिए सरकार ने हितधारकों के साथ कई बैठकें की हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मुद्दे पर विभिन्न मंत्रालयों और आरबीआई के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
  • 16 नवंबर को क्रिप्टो फाइनेंस के क्रिप्टो बैन अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए बीजेपी के जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में डिजिटल मुद्राओं पर समिति इस आम सहमति पर पहुंची कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका नहीं जा सकता है। लेकिन इसे विनियमित किया जाना चाहिए।
  • 18 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिडनी डायलॉग (Sydney Dialogue) को 'भारत में प्रौद्योगिकी विकास तथा क्रिप्टो बैन क्रांति' विषय पर संबोधित किया था। उन्होंने कहा था कि सभी लोकतांत्रिक देश यह सुनिश्चित करें कि क्रिप्टोकरेंसी गलत हाथों में न जाए। यह हमारे युवाओं को खराब कर सकती है।
  • भारतीय रिजर्व बैंक और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने भी कमजोर खुदरा निवेशकों को ध्यान में रखते हुए भारत में क्रिप्टोकरेंसी के अनियंत्रित विकास के बारे में चिंता व्यक्त की है।
  • अल साल्वाडोर (El Salvador) क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी निविदा के रूप में मान्यता देने वाला एकमात्र देश है।

क्रिप्टोकरेंसी पर लगेगी लगाम, शीतकालीन सत्र में आएगा बिल

Cryptocurrency: किसी को क्रिप्टो बैन रातोंरात कर सकती है मालामाल तो किसी को कंगाल, जानिए क्रिप्टोकरेंसी के फायदे और नुकसान

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संसद में क्रिप्टो को बैन करने का बिल लाने की तैयारी,सरकार इसकी मदद से क्रिप्टो पर कैसे पाएगी काबू?

संसद का एक तूफानी शीतकालीन सत्र क्या हो सकता है, इस पर ध्यान केंद्रित करते हुए, सरकार तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए एक विधेयक लाने का इरादा रखती है और दूसरा “कुछ अपवादों” के साथ “भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी” पर प्रतिबंध लगाने का है।

आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 का क्रिप्टोक्यूरेंसी और विनियमन, 29 नवंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में – 26 विधेयकों में से एक – पेश करने के लिए सूचीबद्ध है।

विधेयक “क्रिप्टो बैन भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करना” चाहता है। यह “भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने का भी प्रयास करता है, हालांकि, यह कुछ अपवादों को क्रिप्टोकुरेंसी और इसके उपयोग की अंतर्निहित तकनीक को बढ़ावा देने की अनुमति देता है”।

वर्तमान में, देश में क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग पर कोई विनियमन या कोई प्रतिबंध नहीं है।

लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें इस महीने अपने उच्चतम स्तर पर रही हैं। जब वे मंगलवार को एक ऊपर की ओर कारोबार कर रहे थे, तो लोकसभा कारोबार की आज शाम की घोषणा के बाद इन मुद्राओं की कीमतों में कोई महत्वपूर्ण उतार-चढ़ाव नहीं देखा गया। Coinmarketcap.com के अनुसार, जहां 24 घंटे की अवधि में बिटकॉइन 0.09 प्रतिशत ऊपर था, वहीं एथेरियम की कीमत 2.68 प्रतिशत थी।

इस महीने की शुरुआत में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ क्रिप्टोकरेंसी पर एक बैठक बुलाई थी। संकेत हैं कि इस मुद्दे से निपटने के लिए कड़े नियामकीय कदम उठाए जाने की संभावना है।

क्रिप्टोक्यूरेंसी में निवेश पर आसान और उच्च रिटर्न का वादा करते हुए, फिल्मी सितारों की विशेषता वाले विज्ञापनों की संख्या बढ़ रही है। ऐसी चिंताएं हैं कि ऐसी मुद्राओं का कथित तौर पर भ्रामक दावों के साथ निवेशकों को लुभाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

पिछले हफ्ते, बीजेपी सदस्य जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में वित्त पर स्थायी समिति ने क्रिप्टो एक्सचेंजों, ब्लॉकचैन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (बीएसीसी) के प्रतिनिधियों से मुलाकात की, और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि क्रिप्टोक्यूरैंसीज पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए, लेकिन विनियमित किया जाना चाहिए।

भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ अपने मजबूत दृष्टिकोण को बार-बार रेखांकित करते हुए कहा है कि ये देश की व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा हैं। इसने क्रिप्टोकरेंसी पर ट्रेडिंग करने वाले निवेशकों की संख्या और उनके दावा किए गए बाजार मूल्य पर भी संदेह जताया है।

इस महीने की शुरुआत में, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी के प्रति अपना विरोध दोहराते हुए कहा कि ये किसी भी वित्तीय प्रणाली के लिए एक गंभीर खतरा हैं क्योंकि वे केंद्रीय बैंकों द्वारा अनियंत्रित हैं।

आरबीआई ने बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी के प्रसार के मद्देनजर एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के साथ आने की अपनी मंशा की घोषणा की, जिसके बारे में केंद्रीय बैंक को कई चिंताएं हैं।

निजी डिजिटल मुद्राओं/आभासी मुद्राओं/क्रिप्टोकरेंसी ने पिछले एक दशक में लोकप्रियता हासिल की है। लेकिन नियामक और सरकारें इन मुद्राओं को लेकर संशय में हैं और इससे जुड़े जोखिमों को लेकर आशंकित हैं।

इस साल 4 मार्च को, सुप्रीम कोर्ट ने 6 अप्रैल, 2018 के आरबीआई सर्कुलर को रद्द कर दिया, जिसमें बैंकों और उसके द्वारा विनियमित संस्थाओं को आभासी मुद्राओं के संबंध में सेवाएं प्रदान करने से रोक दिया गया था।

संसद के चार सप्ताह के सत्र में बिजली वितरण (संशोधन) विधेयक को लाइसेंस बिजली वितरण और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए पेश किए जाने की उम्मीद है, और सीबीआई और ईडी के निदेशकों के कार्यकाल को दो से बढ़ाकर पांच करने के लिए विधेयक वर्षों। दोनों पर प्रस्तावित कानून की पहले ही विपक्षी दलों ने आलोचना की है।

तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे कृषि संघों की छतरी संस्था संयुक्त किसान मोर्चा ने भी बिजली बिल को वापस लेने की मांग की है. अध्यादेशों के जरिए सीबीआई और ईडी प्रमुखों के कार्यकाल के विस्तार का कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस पहले ही विरोध कर चुकी है। सत्र के दौरान पारित होने के लिए सूचीबद्ध विधेयकों में सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी विनियमन विधेयक, 2020 (सरोगेसी विधेयक) और माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का रखरखाव और कल्याण (संशोधन) विधेयक, बैंकिंग संशोधन विधेयक और आईबीसी संशोधन विधेयक शामिल हैं

Cryptocurrency का भारत में भविष्य क्या?

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)

भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का भविष्य क्या होगा. ये संसद में आने वाले बिल के बाद तय होगा. क्योंकि बहुत जल्द सरकार संसद में क्रिप्टो करेंसी रेगुलेशन बिल पेश करने वाली है. ऐसे में निवेशकों के मन में सबसे बड़ा सवाल है कि क्या क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लग गया तो उनके पैसे का क्या होगा. तो हम आपको पूरी रिसर्च के बात बताते हैं कि क्रिप्टो करेंसी पर आगे की राह क्या होगी. ऐसे में अगर बैन लग गया तो बैंक और आपके क्रिप्टो एक्सचेंज के बीच लेनदेन बंद हो जाएगा. क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए रुपये को डॉलर या दूसरी करेंसी में कन्वर्ट नहीं कर पाएंगे. साथ ही दूसरी करेंसी में खरीदे गए क्रिप्टो कॉ़इन को बेचकर रुपये में ट्रांजेक्शन नहीं होगा.

भारत में कितना बड़ा है क्रिप्टो मार्केट?
आपको बता दें कि फिलहाल भारत में 10 करोड़ ऐसे निवेशक हैं. जिनका पैसा क्रिप्टोमार्केट में लगा है. दावा है कि करीब 6 लाख करोड़ रुपया इस वक्त भारतीयों का क्रिप्टो मार्केट में लगा है. इसमें औसतन हर निवेशख का 9 हजार रुपये का इनवेस्टमेंट है. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार की चिंता इसलिए है, क्योंकि 60 फीसदी निवेशक ऐसे हैं, जो छोटे शहरों से आते हैं। इसके अलावा निवेशकों की औसत उम्र 24 साल है. मतलब ज्यादातर युवा इस नए तरह के इनवेस्टमेंट मार्केट से जुड़े हैं.

क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी में क्या फर्क?
क्रिप्टोकरेंसी आम करेंसी से अलग है. इसे न तो छू सकते हैं, न ही इससे कुछ खरीद सकते हैं, बल्कि इसे सिर्फ ऑनलाइन रख सकते हैं. चिंता की वजह ये है कि इस करेंसी को लेकर कोई रेग्युलेटर नहीं है. दुनिया की किसी सरकार का इस पर कंट्रोल नहीं है. इस वक्त दुनिया में 1,000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी चलन में है और 308 से ज्यादा क्रिप्टो एक्सचेंज हैं. इस मार्केट की शुरुआत 2009 में हुई थी. इस करेंसी की कीमतों में उतार-चढ़ाव काफी ज्यादा होता है. कोरोना काल में तो भारत में क्रिप्टो मार्केट काफी ऊंचाई पर पहुंच चुका है, जबकि डिजिटिल करेंसी केंद्रीय बैंक की देनदारी होती है. इसे केंद्रीय बैंक ही जारी करता है, इसीलिए इसकी कीमतों पर केंद्रीय बैंक का कंट्रोल रहता है.

भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर कब क्या हुआ?
2018 में भारत में आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा दिया, लेकिन मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचा तो कोर्ट ने बैन हटा दिया, लेकिन क्रिप्टोमार्केट को लेकर चिंता जारी रहीं. 11 नवंबर 2021 को आरबीआई गवर्नर ने क्रिप्टो करेंसी पर गंभीर चिंताएं जाहिर की. इसके बाद 13 नवंबर 2021 को पहली बार पीएम मोदी ने क्रिप्टो मार्केट पर बैठक की. इस बैठक के बाद क्रिप्टो करेंसी पर लगातार सवाल उठने लगे. 15 नवंबर 2021 को संसदीय समिति में क्रिप्टो पर चर्चा की गई और संसदीय समिति में बैन की बजाय रेगुलेट करने पर बातचीत हुई. इसके बाद 18 नवंबर 2021 को सिडनी संवाद में पीएम मोदी ने क्रिप्टो पर एक बार फिर चिंता जाहिर की.

क्रिप्टो पर किस देश का क्या रुख
भारत में क्रिप्टो को लेकर गंभीर चिंताएं हैं, लेकिन अल सल्वाडोर ने बिटकॉइन को लीगर टेंडर घोषित कर दिया, जबकि अमेरिका क्रिप्टोकरेंसी के हिसाब से अपनी नीतियां बना रहा है. दक्षिण कोरिया भी इस करेंसी को रेगुलेट करने के लिए कानून बनाने पर विचार कर रहा है. हालांकि चीन इस करेंसी क्रिप्टो बैन का लगातार विरोध कर रहा है.

किन-किन क्रिप्टोकरेंसी के प्राइवेट होने का डर
जानकारों के मुताबिक कुछ प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी ऐसी हैं, जिनकी गतिविधियां संदिग्ध रही है. इसीलिए इन क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने की बात चल रही है. इसमें कुछ नाम इस तरह हैं. Monero(XMR), Dash Coin, Zcash(ZEC), Verge(XVG), Beam, Grin, Horizen(ZEN), क्रिप्टो बैन Firo(FIRO), Byte Coin(BCN), UCoin और Delta. हालांकि 2019 में सरकार के पेश किए गए विधेयक के नाम में क्रिप्टोकरेंसी को बैन करना का जिक्र था, लेकिन 2021 आते आते विधेयक के नाम में से बैन शब्द हट गया है, जिसके बाद क्रिप्टो करेंसी के निवेशकों को उम्मीद जगी है. अब कुल मिलाकर अब इंतजार संसद में पेश होने वाले मसौदे का है, जिसमें ये तस्वीर साफ हो पाएगी, कि भारत में क्रिप्टो मार्केट चलता रहेगा या फिर निवेशकों की गाड़ी कमाई क्रिप्टो बैन डूब जाएगी.

क्रिप्टोकरेंसी पर क्या लगाम लगाने जा रही है मोदी सरकार?

क्रिप्टो करेंसी

मंगलवार को लोकसभा ने संसद के आगामी शीतकालीन सत्र के लिए तैयार की गई अपनी विधायी कार्य योजना की जानकारी सार्वजनिक की.

इस कार्य योजना में 26 विधेयकों को पेश करने की बात कही गई है जिसमें से एक क्रिप्टो करेंसी और डिजिटल मुद्रा पर क़ानून बनाने का बिल भी दर्ज है.

इस बिल को क्रिप्टो करेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक, 2021 नाम दिया गया है.

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लोकसभा ने अपनी कार्य योजना में बताया है कि इस बिल को लाने का उद्देश्य भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की ओर से जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक व्यवस्था तैयार करना और देश में सभी डिजिटल क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगाना है.

हालांकि इसमें आगे यह भी लिखा है कि यह बिल कुछ मामलों में राहत भी देता है जिसके तहत क्रिप्टो करेंसी की तकनीक और उसके इस्तेमाल को बढ़ावा देना शामिल है.

क्रिप्टो करेंसी बिल पर सरकार की चुप्पी

आरबीआई काफ़ी समय से अपनी डिजिटल करेंसी जारी करने की दिशा में सोच रहा है लेकिन यह अभी तक तय नहीं है कि इसका पायलट प्रॉजेक्ट कब तक शुरू होगा.

अभी तक इस बिल की सटीक रूपरेखा सार्वजनिक नहीं की गई है और न ही इस पर कोई सार्वजनिक तौर पर विचार-विमर्श हुआ है.

बिटकॉइन क्या है और कैसे बनता है?

वित्त मंत्रालय काफ़ी समय से इस बिल पर कुछ नहीं बोल रहा है और ऐसा माना जा रहा है कि यह बिल अगस्त से ही मंत्रिमंडल की अनुमति के लिए तैयार है.

इस बिल को लेकर काफ़ी सवाल जुड़े हुए हैं क्योंकि क्रिप्टो करेंसी में काफ़ी लोगों का निवेश है अगर सरकार सभी क्रिप्टो करेंसी को प्रतिबंधित कर देती है तो उन लोगों का क्या होगा जिन्होंने निवेश किया हुआ है.

हालांकि, मोदी सरकार का उद्देश्य इन डिजिटल करेंसी को लेकर कुछ और भी है.

'द हिंदू' की रिपोर्ट के मुताबिक़ बीती 13 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टो करेंसी पर नियम बनाने को लेकर एक बैठक की थी जिसमें केंद्रीय बैंक, गृह और वित्त मंत्रालय के आला अधिकारी शामिल हुए थे.

इस बैठक के दौरान यह सहमति बनी है कि 'बड़े-बड़े वादों और ग़ैर-पारदर्शी विज्ञापनों से युवाओं को गुमराह करने की कोशिशों' को रोका जाए.

इसी दौरान यह भी पाया गया कि अनियंत्रित क्रिप्टो मार्केट मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फ़ंडिंग के लिए इस्तेमाल हो सकती है. इसी कारण सरकार इस क्षेत्र के लिए तेज़ी से क़दम उठाने को दृढ़ संकल्प है.

क्रिप्टो करेंसी में भारी गिरावट

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मंगलवार को जैसे ही क्रिप्टो करेंसी से जुड़े बिल की जानकारी सामने आई तो इस बाज़ार में भारी गिरावट देखी गई.

सभी प्रमुख क्रिप्टो बैन क्रिप्टो करेंसी में लगभग 15 फ़ीसदी या उससे अधिक की गिरावट देखी गई है.

बिटकॉइन में 17 फ़ीसदी से अधिक, एथेरियम में लगभग 15 फीसदी और टीथर में लगभग 18 फीसदी की गिरावट हुई है.

क्या है क्रिप्टो करेंसी?

क्रिप्टो करेंसी किसी मुद्रा का एक डिजिटल रूप है. यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होता है. यह पूरी तरह से ऑनलाइन होती है और व्यापार के रूप में बिना किसी नियमों के इसके ज़रिए व्यापार होता है.

इसको कोई सरकार या कोई विनियामक अथॉरिटी जारी नहीं करती है.

केंद्रीय रिज़र्व बैंक ने इस साल फिर से डिजिटल करेंसी के कारण साइबर धोखाधड़ी के मुद्दे को उठाया है.

2018 में आरबीआई ने क्रिप्टो करेंसी के लेन-देन का समर्थन करने को लेकर बैंकों और विनियमित वित्तीय संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया था.

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लेकिन मार्च 2020 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने आरबीआई के प्रतिबंध के ख़िलाफ़ फ़ैसला सुनाते हुए कहा था कि सरकार को 'कोई निर्णय लेते हुए इस मामले पर क़ानून बनाना चाहिए.'

इस साल मार्च में आरबीआई ने फिर एक बार कहा था कि वे भारत की ख़ुद की क्रिप्टो करेंसी को लाने और उसके चलन को लेकर विकल्प तलाश रही है. सरकार के भविष्य के फ़ैसले को लेकर एक नज़रिया यह भी बेहद निर्णायक होगा कि भारत में इस मुद्रा का कैसे इस्तेमाल होगा.

इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है कि कितने भारतीयों के पास क्रिप्टो करेंसी है या कितने लोग इसमें व्यापार करते हैं लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि करोड़ों लोग डिजिटल करेंसी में निवेश कर रहे हैं और महामारी के दौरान इसमें बढ़ोतरी हुई है.

कॉपी - मोहम्मद शाहिद

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