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स्टॉक एक्सचेंज में क्या कारोबार होता है

स्टॉक एक्सचेंज में क्या कारोबार होता है
Stock exchange kya hai.

Top 5 Stock Exchanges of the World | Biggest Stock Exchanges of the World

स्टॉक एक्सचेंजों (Stock Exchange) का इतिहास बहुत पुराना है। स्टॉक एक्सचेंज वो जगह है जहां सभी कंपनिया लिस्टेड होती है स्टॉक एक्सचेंज किसी कंपनी और इन्वेस्टर के बीच में मीडिएटर का काम करते है जब भी किसी कंपनी को शेयर बाजार से पैसा उठाना होता है तो वह कंपनी अपने आप को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करवा लेती है जिससे की लोग उस कंपनी में निवेश कर सके।

दुनिया के पहले स्टॉक एक्सचेंज (First Stock Exchange of World) की स्थापना 440 से ज्यादा साल पहले हुई थी। दुनिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज यूरोप में शुरू हुआ था। नीदरलैंड्स में इसकी शुरुआत 1602 में हुई थी। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। इसकी स्थापना 1875 में हुई थी। यह देश के दो सबसे बड़े एक्सचेंजों में से एक है। क्या आप जानते हैं दुनिया के पांच सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज कौन हैं?

आज हम इसी बारे में बात करेंगे। तो चलिए शुरू करते है :

यह दुनिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। यह अमेरिका में है। इसकी इमारत न्यूयॉर्क के 11, वॉल स्ट्रीट में स्थित है।केवल 24 लोगों द्वारा शुरू किए गए इस स्टॉक एक्सचेंज में आज 2400 कंपनियां रजिस्टर्ड हैं। इनमें कई दिग्गज कंपनियां शामिल हैं। इस लिस्ट में बर्कशायर हैथवे (Berkshire Hathway), वाल्ट डिजनी (Walt Disney), कोका कोला, जेपी मॉर्गन चेज, वॉलमार्ट जैसी कंपनियां हैं। इस एक्सचेंज की स्थापना 1792 में हुई थी। न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) का बाजार पूंजीकरण 22.9 लाख करोड़ डॉलर से ज्यादा है। इस पर रोजाना औसतन 2 से 6 अरब शेयरों का कारोबार होता है। NYSE को ‘द बिग बोर्ड’ के नाम से भी जाना जाता है। मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से ये दुनिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।

नेशनल एसोसिएशन ऑफ सिक्योरिटीज डीलर्स ऑटोमेटेड कोटेशंस (NASDAQ) दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। यह भी अमेरिका में है। यह एनवाईएसई के मुकाबले काफी नया है। इसकी स्थापना 1971 में हुई थी। इसे दुनिया में पहला इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग की सुविधा वाला एक्सचेंज माना जाता है। इस पर 3000 से ज्यादा कंपनियां सूचीबद्ध हैं। इसका बाजार पूंजीकरण 10.8 लाख करोड़ डॉलर है। इस पर कई दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनियां सूचीबद्ध हैं। इनमें माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft), गूगल (Google), फेसबुक (Facebook), टेस्ला (Tesla), ऐमजॉन, एपल, सिस्को शामिल हैं।

टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज (TSE) का मुख्यालय जापान के टोक्यो में है। इसकी स्थापना 1878 में हुई थी। इसे दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज माना जाता है। इस पर करीब 3500 कंपनियां सूचीबद्ध हैं। निक्केई 225 इसका प्रमुख सूचकांक है। एक्सचेंज पर ट्रेडों को येन स्टॉक एक्सचेंज में क्या कारोबार होता है में दर्शाया जाता है और हर दिन बहुत अधिक मात्रा में होता है क्योंकि व्यापारी जापान के भीतर की स्थितियों पर प्रतिक्रिया करते हैं, साथ ही वैश्विक बाजार दबाव भी। इस पर होंडा, सुजुकी, सोनी, मित्सीबिशी जैसी दिग्गज कंपनियां सूचीबद्ध हैं।

  • शंघाई स्टॉक एक्सचेंज (SSE)

यह एशिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। यह चीन के शंघाई में है। इसकी स्थापना 1866 में हुई थी। लेकिन, 1949 में चीन में हुई क्रांति में इसका वजूद खत्म हो गया था। दोबारा 1990 में इसकी स्थापना हुई। इस पर 1450 कंपनियां सूचीबद्ध हैं। इसका बाजार पूंजीकरण 4 लाख करोड़ डॉलर है। शंघाई स्टॉक एक्सचेंज अभी भी पूरी तरह से विदेशी निवेशकों के लिए खुला नहीं है और अक्सर चीन की केंद्र सरकार के फैसलों से प्रभावित होता है।

यह नीदरलैंड्स के एम्सटर्डम में स्थित है। इसे यूरोपीय स्टॉक एक्सचेंज भी कहा जाता है। इसे यूरोप का सबसे अच्छा स्टॉक एक्सचेंज माना जाता है। इस पर 1300 से ज्यादा कंपनियां सूचीबद्ध हैं। इसका बाजार पूंजीकरण 4.2 लाख करोड़ डॉलर से ज्यादा है। इस एक्सचेंज पर सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों की खरीदफरोख्त यूरो में होती है।

तो दोस्तों ये हमने आज बात की दुनिया भर की टॉप 5 स्टॉक एक्सचेंज के बारे में। दोस्तों उम्मीद करते है की आपको हमारा आज का आर्टिकल अच्छा लगा होगा।

Share Market : नए साल से बदलेंगे शेयर बाजार के नियम, ये होगा सटेलमेंट और आप्शनल प्लान

Share Market : शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए नए साल के पहले दिन से नया नियम लागू होने जा रहा है। इस नए नियम का लाभ शेयर की खरीद—फरोख्त करने वालों को होगा। ऐसा बताया जा रहा है। बता दे कि दिल्ली से नजदीक होने के कारण मेरठ में काफी बड़े पैमाने पर लोग इस काम को करते हैं।

Share Market : नए साल से बदलेंगे शेयर बाजार के नियम, ये होगा सटेलमेंट और आप्शनल प्लान

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मेरठ . Share Market : शेयर बाजार से जुड़े लोगों के लिए यह खबर काफी काम की है। जो लोगा शेयर बाजार में निवेश करने में दिलचस्पी रखते हैं या खरीद फरोख्त करते हैं उनके लिए यह नया नियम काफी मुनाफे का सौदा बताया जा रहा है। हालांकि इस बारे में कुछ जानकारों ने यह भी बताया है कि सेबी ने यह खरीद—ब्रिकी लचीली बनाने के लिए यह नियम लागू किया है। यह नया नियम आगामी 1 जनवरी 2022 से लागू होगा। इन नए नियम को लेकर शेयर बाजार में हलचल है।

ये है शेयर बाजार का नया नियम
शेयर बाजारों में खरीद—फरोख्त को पूरा करने के लिए कारोबार वाले दिन के बाद दो कारोबारी दिवस लगते हैं। इसे शेयर बाजार में टी+2 के नाम से जाना जाता है। इसका मतलब होता है ट्रेडिंग करना और दो दिन बाद बेचना। लेकिन अब नए नियम के अनुसार ट्रेडिंग करने वालों को शेयर को दूसरे दिन ही बेच सकने का विकल्प दिया है। इन नए नियम को टी+1 के नाम से जाना जाएगा।

शेयर कारोबारियों की माने तो नए सर्कुलर के अनुसार शेयर खरीद-बिक्री प्रक्रिया को पूरा करने में लगने वाले समय को ‘T +1’ या ‘T +2’ का विकल्प देकर शेयर बाजारों को सुविधा उपलब्ध कराई है। यह सेटलमेंट प्लान शेयरों के लिए है और ऑप्शनल है। इसका मतलब होगा अगर ट्रेडर्स चाहें तो इन दोनों प्लान में कोई भी चुन सकते हैं। ये नया नियम 1 जनवरी 2022 से लागू होगा।

देना होगा पहले नोटिस
सेबी के नए नियम के मुताबिक कोई भी स्टॉक एक्सचेंज सभी शेयरधारकों के लिए किसी भी शेयर के लिए टी+1 सेटलमेंट चुन सकता है। लेकिन सेटलमेंट बदलने के लिए कम से कम एक महीना पहले नोटिस देना होगा। स्टॉक एक्सचेंज किसी भी शेयर के लिए अगर एकबार टी+1 सेटलमेंट प्लान चुन लेगा उसे कम से कम 6 महीने तक जारी रखना होगा।

अगर स्टॉक एक्सचेंज बीच में टी+2 सेटलमेंट चुनना चाहता है तो उसे एक महीना पहले नोटिस देना होगा। इन नए नियम को लेकर सेबी ने यह भी कहा है कि टी+1 और टी+2 में कोई फर्क नहीं किया जाएगा। यह स्टॉक एक्सचेंज पर होने वाले सभी तरह के ट्रांजैक्शन पर लागू होगा।

Diwali Muhurat Trading: दिवाली के दिन खुलेगा स्टॉक मार्केट, मुहूर्त ट्रेडिंग में ये शेयर खरीदना हो सकता शुभ!

भारत में व्यापारी अपने कारोबार का नया साल दिवाली के दिन शुरू करते हैं. तभी तो देश के दो प्रमुख शेयर बाजार बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) भी उस दिन खुलते हैं और 'मुहूर्त ट्रेडिंग' होती है.

इस साल दिवाली 24 अक्टूबर 2022 को है. BSE और NSE दोनों इस दिन एक घंटे के स्पेशल सेशन के लिए खुलेंगे. इस एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग होगी. दिवाली के दिन प्री-ओपन सेशन शाम 6 बजे से 6 बजकर 8 मिनट तक होगा.

ब्लॉक डील सेशन होगा पहले

दिवाली के दिन मुहूर्त ट्रेडिंग से भी पहले शेयर बाजार में एक ब्लॉक डील सेशन होगा. ये शाम 5 बजकर 45 मिनट से लेकर 6 बजे तक होगा. इसी के बाद प्री-ओपन सेशन और उसके बाद मुहूर्त ट्रेडिंग होगी.

शुरु होगा संवत 2079

हिंदू कैलेंडर इयर के हिसाब मुहूर्त ट्रेडिंग के साथ ही संवत 2079 शुरू हो जाएगा. माना जाता है कि मुहूर्त ट्रेडिंग शेयर बाजार में पूरे साल के लिए समृद्धि लाता है. मुहूर्त ट्रेडिंग दिवाली के दिन शाम 7 बजकर 25 मिनट तक खत्म हो जाएगी और शेयर बाजार बंद हो जाएंगे.

कौन से शेयर खरीदें

मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान निवेशक कुछ शेयर खरीदना शुभ मानते हैं. इसलिए यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे स्टॉक के बारे में जिसे खरीदने की सलाह टॉप ब्रोकर्स देते हैं. बिजनेस टुडे की खबर के मुताबिक निर्मल बांग इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज रिसर्च का कहना है कि इस दिन लोग ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज, सिप्ला, हीरो मोटोकॉर्प, आईसीआईसीआई बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट जैसे शेयर खरीद सकते हैं. ये उन्हें अगली दिवाली तक अच्छा रिर्टन दे सकते हैं.

वहीं एक्सिस सिक्योरिटीज का मानना है कि निवेशक अगले 12 महीने के लिए आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, वेस्टलाइफ डेवलपमेंट, आईटीसी, सुंदरम फाइनेंस, अशोक लीलैंड और इंडियन होटल्स के शेयर में निवेश कर सकते हैं. इनसे बेहतर रिटर्न मिलने की उम्मीद है.

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Stock exchange kya hai, भारत में स्टॉक एक्सचेंज परंपरागत रूप से ब्रोकर्स तथा बाजार विशेषज्ञों का एसोसिएशन है। आम जनता तथा वित्तीय संस्थानों द्वारा सिक्योरिटीज की ट्रेडिंग का नियमत: संचालन करने के लिए इसकी स्थापना की गई है यह दो प्रकार के हैं BSE और NSE जिसमें जो कंपनी भी शेयर मार्केट में लिस्टेड कराना चाहती है तो मुंबई स्टॉक एक्सचेंज या नेशनल स्टॉक एक्सचेंज मैं रजिस्टर्ड करवाना पड़ती हैं और इस दोनों एक्सचेंज को ‌सेबी के द्वारा रेगुलेट किया जाता है और सेबी के नियमानुसार सभी कंपनियां को भी चलना पड़ता है।

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यह सिक्योरिटीज एंड कॉन्ट्रैक्ट (रेग्यूलेशन) ऐक्ट 1956 के अंतर्गत स्टॉक एक्सचेंज भारत स्टॉक एक्सचेंज में क्या कारोबार होता है सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है।

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स्टॉक एक्सचेंज की कार्य प्रणाली

किसी भी बाजार में खरीद परोख्त उसकी मांग और आपूर्ति के आधार पर निर्धारित होती है इस खरीद और बिक्री का रिकॉर्ड रखने का काम स्टॉक एक्सचेंज करता है। स्टॉक एक्सचेंज को अर्थव्यवस्था का बैरोमीटर भी कहा जाता है यह जानना भी कम रोचक नहीं है की सबसे पहले स्टॉक एक्सचेंज कब अस्तित्व में आया ऐसा माना जाता है की दुनिया का पहला शेयर बाजार बेल्जियम के एंडवर्प शहर में सन 1531 के आसपास खोला गया था लेकिन अधिकृत रूम से विश्व का पहला शेयर बाजार सन 1602 में नीदरलैंड के एम्स्टर्डम शहर में स्थापित किया गया था।

अगर भारत की बात करें तो यहां सबसे पहला संगठित स्टॉक एक्सचेंज शन 18 सो 75 में मुंबई के स्थानीय दलालों के एसोसिएशन के रूप में सामने आया तब इसका नाम रखा गया था (नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर एसोसिएशन।) इस एसोसिएशन की स्थापना से पहले शेयर दलाल बरगद के पेड़ के नीचे खड़े होकर शेयरों की खरीद बिक्री किया करते थे धीरे धीरे इसी बरगद के पेड़ के नीचे BSE का जन्म हुआ जरूरत के अनुसार दलाल जगह बदलते रहे और आखिर में सन 1874 मैं आकर एक स्थाई जगह इन्हें मिली।

जिसे आज दलाल स्ट्रीट के नाम से जाना जाता है इसके बाद सन 1894 में अहमदाबाद मैं स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना हुई और 1908 मे कोलकाता में स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना की गई सन 1994 से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज(NSE) का कार्य संचालन प्रारंभ हुआ आज भारत में कुल 24 स्टॉक एक्सचेंज काम कर रहे हैं इन मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों को तीन श्रेणी ए, बी, और सी में बांटा गया है भारत में इन स्टॉक एक्सचेंजों को प्रतिभूति संविदा अधिनियम 1956 के अधीन मान्यता दी गई है।

कंप्यूटरीकृत कारोबार कैसे किया जाता है

स्टॉक एक्सचेंज मे खड़े होकर बोली लगाने की जगह अब बोल्ट व नीट प्रणालियों से शेयरों का कारोबार होता है। बोल्ट ‘BSE’ की कंप्यूटरीकृत कारोबार प्रणाली है और नीट ‘NSE’ की इन प्रणालियों की सहायता से आप शेयरों का कारोबार संचालित कंप्यूटरीकृत नेटवर्क (ऑनलाइन) के माध्यम से पूरे भारतवर्ष में एक साथ चलता है ब्रोकर अब स्टॉक एक्सचेंज जाने के बजाएं अपने कार्यालय में लगे कंप्यूटर से अपने ग्राहकों के लिए शेयर खरीदते या बेचते हैं यह कारोबार प्रातः 9:55 बजे से 3:30 बजे तक सोमवार से शुक्रवार तक होता है इस समय मैं फेरबदल भी होता है जिसकी सूचना आपको विभिन्न समाचार पत्रों तथा आपने ब्रोकर के माध्यम से मिलती है।

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ब्रोकर कौन होते हैं

Stock exchange kya hai, ब्रोकर यानी दलाल स्टॉक एक्सचेंज के लाइसेंस धारी सदस्य होते हैं जो स्वयं के लिए अथवा आपने ग्राहक के लिए उसकी सहमति से सिक्योरिटीज की ट्रेडिंग करते हैं ये क्लाइंट से पूरे सौदे पर स्टॉक एक्सचेंज में क्या कारोबार होता है कमीशन चार्ज करते हैं पूर्णकालिक ब्रोकर आपने क्लाइंट्स की सिक्योरिटीज की निगरानी रखते हैं उन्हें निवेश संबंधी सलाह देते हैं क्लाइंट के पोर्टफोलियो को प्लान करते हैं तथा उसका प्रबंध करते हैं वे अपने क्लाइंट को मार्जिन पर खरीदारी की सुविधा भी देते हैं।

एक्टिव मार्केट क्या है

जब सेकेंडरी मार्केट मे शेयरों की या कुछ विशेष शेयरों की ट्रेडिंग बड़ी मात्रा में बहुत कम समय में की जाती है तो इस स्थिति को सक्रिय बाजार या एक्टिव मार्केट कहा जाता है। इस बाजार में शेयरों की खरीद कीमत व बिक्री कीमत में काफी कम अंतर होता है ऐसी स्थिति मैं वित्तीय संस्थानों द्वारा खरीदारी अथवा बिक्री बाजार स्थिति पर विशेष प्रभाव नहीं डालती है।rank math review

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एक्टिव शेयर किया है

वे शेयर जिनकी ट्रेडिंग प्रतिदिन तथा निरंतर होती है सक्रिय शेयर या एक्टिव शेयर कहलाते हैं प्रमुख कंपनियों के शेयर जो आर्थिक तथा राजनीतिक घटनाओं के प्रति संवेदनशील होते हैं इस श्रेणी में आते हैं इसके विपरीत कई शेयर ऐसे होते हैं जो स्टॉक एक्सचेंज में कभी-कभार ही खरीद और बेचे जाते हैं इनको खरीदार तथा बिक्री करता ढूंढना सामान्यत मुश्किल होता है ये निष्क्रिय शेयर या इनएक्टिव शेयर कहलाते हैं इनकी खरीद वह बिक्री दरों में भी काफी अंतर होता है।

नर्वस मार्केट क्या है Stock exchange kya hai.

जब शेयर बाजार में आर्थिक तथा राजनीतिक घटनाक्रम के चलते अस्थायी मंदी के दौर अकाल सरकारी नीति में बदलाव के चलते अनिश्चय का वातावरण छा जाता है तो ऐसे नर्वस मार्केट द्वारा परिभाषित किया जाता है ऐसी स्थिति में अमूमन शेयरों की कीमत में कुछ गिरावट आती है और खरीदार बाजार से बेरुखी दिखाई देते हैं।

फंडामेंटल एनालिस्ट क्या है

आधारभूत विश्लेषण अथवा फंडामेंटल विश्लेषण बाजार तथा क्षेत्र विशेष के विशेषज्ञ होते हैं जो किसी भी सिक्योरिटी की कीमत के आकलन में फंडामेंटल तथा वैज्ञानिक नजरिया रखते हैं किसी भी सिक्योरिटी की फंडामेंटल कीमत आंकने में इनकी सलाह ली जाती है।

फंडामेंटल एनालिसिस क्या है

किसी भी कंपनी की व्यवसाय कि आधारभूत कारकों का वैज्ञानिक अध्ययन के द्वारा उसके शेयर की कीमत का आकलन आधारभूत विश्लेषण कहलाता है विशेषज्ञ उद्योग की गति ,कंपनी की बिक्री ,संपत्ति ,देनदारी ,कर्ज ,उत्पादन ,बाजार में कंपनी का हिस्सा ,कंपनी का प्रबंध ,कंपनी के प्रतिद्वंदी इत्यादि तथ्यों का अध्ययन करके तथा कंपनी की बैलेंस शीट, लाभ हानि लेखा कथा वित्तीय अनुपातों का साल दर साल अध्ययन करके कंपनी तथा उसके शेयर का आधारभूत विश्लेषण करते हैं।

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किसी कंपनी में लंबे दौर के निवेश करने हेतु यह जानकारी बहुत महत्वपूर्ण होती है यद्यपि कम समय में निवेश हेतु इस जानकारी का समुचित उपयोग नहीं किया जा सकता है।Stock exchange kya hai.

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