स्टॉक ट्रेडिंग में 30 दिन का नियम क्या है

दिवस 2/दूसरा दिन- ट्रेड डे + 1 (T+ Day), मंगलवार
इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम
इंट्राडे ट्रेडिंग यानी की एक ही दिन के अंतराल में स्टॉक को बाय और सेल करना । लेकिन मार्केट के 6 घंटे की अवधि किस अवधि में इंट्राडे ट्रेडिंग करना फायदेमंद होता है, साथ ही इक्विटी और कमोडिटी के लिए क्या इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम रखा गया है, ये सभी ज़रूरी बातो को यह विस्तार में जानेंगे।
अब जैसे की आप जानते है कि शेयर बाजार के नियम है जिसका पालन कर आप ट्रेड कर सकते है । सभी नियमों में से एक नियम शेयर मार्केट के समय का है जिसमे आप ट्रेड कर सकते है। इक्विटी शेयर बाजार की बात करे तो वह सुबह 9:15 से शाम 3:15 तक खुला रहता है । यह 6 घंटे की अवधि एक ट्रेडर के लिए विभिन्न अवसर लेकर आती है जिसमे ट्रेडर मुनाफा कमा सकता है।
लेकिन इंट्राडे ट्रेडिंग में मुनाफे के लिए ज़रूरी है एक सही समय का चुनाव करना । ऐसा इसलिए क्योंकि ट्रेडिंग के दौरान वोलैटिलिटी, लिक्विडिटी और अन्य कारक प्राइस में तेज़ी से उतार-चढ़ाव लाते है जिसकी वजह से एक ट्रेडर को नुकसान भी हो सकता है।
कमोडिटी इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम
कमोडिटी मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम रात को 11:55 तक खुली रहती है तो अगर किसी कमोडिटी (crude oil, cotton, natural gas, etc) में ट्रेड करते है तो आप अपनी पोजीशन को रात तक ओपन करके रख सकते है ।
लेकिन इक्विटी मार्केट की तरह यहाँ भी आपको स्क्वायर-ऑफ टाइम का ध्यान रखना है और मार्केट बंद होने से कम से कम 15 मिनट पहले अपनी पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करना होता है ।
इंट्राडे ट्रेडिंग स्क्वायर ऑफ का समय हर ब्रोकर का अलग होता है और इसलिए आप अपने ब्रोकर से इसकी जानकारी ज़रूर प्राप्त करें ।
इंट्राडे ट्रेडिंग करने का सही समय
इंट्राडे ट्रेडिंग उन्ही स्टॉक में ज़्यादातर की जाती है जिसमे अस्थिरता ज़्यादा होती है, अब यहाँ पर अलग अलग समय में वोलैटिलिटी भी अलग होती है जिसके अनुसार इंट्राडे ट्रेडिंग समय सीमा को निम्नलिखित चरणों में बांटा गया है:
ये इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम सबसे ज़्यादा वोलेटाइल होता है। सुबह के पहले घंटे में इंट्राडे स्टॉक में सबसे ज़्यादा अस्थिरता देखी जाती है, इसका सबसे बढ़ा कारण मार्केट बंद होने के बाद आयी कोई न्यूज़ या अन्य कोई कारण हो सकता है। ये वह समय में सबसे ज़्यादा वॉल्यूम देखि स्टॉक ट्रेडिंग में 30 दिन का नियम क्या है जाती है यानी की इस समय सबसे ज़्यादा ट्रेडर एक्टिव रहते है।
ये समय ट्रेडर्स के लिए मुनाफा कमाने का अवसर लेकर आता है लेकिन वोलैटिलिटी अधिक होने के कारण इस समय नुक्सान भी ज़्यादा हो सकता है और इसलिए शुरूआती ट्रेडर को इस समय इंट्राडे ट्रेड करने की सलाह नहीं दी जाती।
क्लियरिंग और सेटलमेंट की प्रक्रिया
वैसे तो क्लियरिंग और सेटलमेंट बहुत ही सैधान्तिक विषय है लेकिन इसके पीछे की प्रक्रिया को समझना महत्वपूर्ण है। एक ट्रेडर या निवेशक के तौर पर आपको ये चिंता करने की ज़रूरत नहीं होती कि आपका सौदा कैसे क्लियर या सेटल हो रहा है, क्योंकि एक अच्छा इंटरमीडियरी यानी मध्यस्थ ये काम कर रहा होता है और आपको ये पता भी नहीं चलता।
लेकिन अगर आप इसको नहीं समझेंगे तो आपकी जानकारी अधूरी रहेगी इसलिए हम विषय को समझने की कोशिश करेंगे कि शेयर खरीदने से लेकर आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में आने तक क्या होता है।
10.2 क्या होता है जब आप शेयर खरीदते हैं?
दिवस 1/ पहला दिन- सौदे का दिन (T Day), सोमवार
मान लीजिए आपने 23 जून 2014 (सोमवार) को रिलायंस इंडस्ट्रीज के 100 शेयर 1000 रुपये के भाव पर खरीदे। आपके सौदे की कुल कीमत हुई 1 लाख रुपये (100*1000)। जिस दिन आप ये सौदा करते हैं उसे ट्रेड डे या टी डे (T Day) कहते हैं।
दिन के अंत होने तक आपका ब्रोकर एक लाख रुपये और जो भी फीस होगी, वो आपसे ले लेगा। मान लीजिए आपने ये सौदा ज़ेरोधा पर किया, तो आपको निम्नलिखित फीस या चार्जेज देनी होगी:
क्रमांक | कितने तरह के चार्जेज | कितना चार्ज | रकम |
---|---|---|---|
1 | ब्रोकरेज | 0.03% या 20 रुपये- इनमें से जो भी इंट्राडे ट्रेड के लिए कम हो | 0 |
2 | सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन चार्ज | टर्नओवर का 0.1% | 100/- |
3 | ट्रांजैक्शन चार्ज | टर्नओवर का 0.00325% | 3.25/- |
4 | GST | ब्रोकरेज का 18% + ट्रांजैक्शन चार्ज | 0.585/- |
5 | SEBI चार्ज | 10 रुपये प्रति एक करोड़ के ट्रांजैक्शन पर | 0.1/- |
कुल | 103.93/- |
स्टॉक ट्रे़डिंग: ब्रोकर्स के लिए आज से SEBI का नया नियम लागू, क्लाइंट के फंड सेटलमेंट का बदला तरीका
ब्रोकर्स को क्लाइंट के रनिंग अकाउंट में जितना भी अनयूज़्ड फंड यानी बचा हुआ फंड होगा, वो स्टॉक ट्रेडिंग में 30 दिन का नियम क्या है क्लाइंट के बैंक अकाउंट में वापस भेजना होगा. अब क्लाइंट की पसंद के हिसाब से अकाउंट सेटलमेंट या तो हर महीने या फिर हर तिमाही के पहले शुक्रवार को करना होगा.
स्टॉक ट्रेडिंग देखने वाले ब्रोकरेज हाउसेज़ और ब्रोकर्स के लिए आज शुक्रवार, 7 अक्टूबर, 2022 को नया नियम लागू हो रहा है. Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने क्लाइंट के फंड के सेटलमेंट का तरीका बदलने को लेकर गाइडलाइंस जारी की हैं. इसके तहत अब ब्रोकर्स को क्लाइंट के रनिंग अकाउंट में जितना भी अनयूज़्ड फंड यानी बचा हुआ फंड होगा, वो क्लाइंट के बैंक अकाउंट में वापस भेजना होगा. अब क्लाइंट की पसंद के हिसाब से अकाउंट सेटलमेंट या तो हर महीने या फिर हर तिमाही के पहले शुक्रवार को करना होगा. इसका मतलब है कि ब्रोकर्स के पास क्लाइंट्स का जो भी फंड बच जाएगा, उसे दिनभर का काम निपटाकर वापस क्लाइंट के अकाउंट में ट्रांसफर करना होगा.
क्यों यह नया नियम लेकर स्टॉक ट्रेडिंग में 30 दिन का नियम क्या है आई है SEBI?
सेबी ने रनिंग अकाउंट्स के लिए इस साल जुलाई में यह नई गाइडलाइंस जारी की थीं. इसके लिए रेगुलेटर ने स्टॉक एक्सचेंज, इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों और सेकेंडरी मार्केट एडवाइजरी कमिटी के साथ सलाह-मशविरा किया था.
इस नियम को लेकर सेबी ने अपना एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें कहा गया स्टॉक ट्रेडिंग में 30 दिन का नियम क्या है था कि सेबी यह नया नियम "क्लाइंट्स के फंड के गलत इस्तेमाल के जोखिम को कम करने के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार करने की दिशा में" लाया जा रहा है. इस सर्कुलर में एजेंसी ने स्टॉक ट्रेडिंग में 30 दिन का नियम क्या है कहा कि "क्लाइंट के मैंडेट के हिसाब से ट्रेडर को फंड या सिक्योरिटी का एक्चुअल सेटलमेंट करना होगा और इसके तहत एक रनिंग अकाउंट के हर सेटलमेंट के बीच कम से कम 30 दिन और अधिकतम 90 दिनों का गैप होना चाहिए."
इस नियम के साथ सेबी का लक्ष्य सिक्योरिटी निवेश में निवेशकों के हितों की सुरक्षा करना और सिक्योरिटी मार्केट के रेगुलेशन और डेवलपमेंट को प्रोटेक्ट करना भी है.
Stock Exchange: जाने, शेयर बाजार में क्या है अपर सर्किट और लोअर सर्किट?
- भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार को कुछ सरकारी बैंकों के शेयरों में भारी तेजी दिखी
- इस दिन कुछ सरकारी बैंकों के शेयरों में भारी तेजी देखी गई
- कुछ बैंकों के कारोबार पर सर्किट ब्रेकर भी लगा
- आपको मालूम है कि क्या होता है सर्किट ब्रेकर
शेयर बाजार में क्या है अपर सर्किट
भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार को कुछ सरकारी बैंकों के शेयरों में भारी तेजी दिखी। इस दिन बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BOI), इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB), बैंक ऑफ इंडिया (BOI), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI), इंडियन बैंक (Indian Bank) और यूको बैंक (UCO Bank) के शेयरों में आई तेजी के चलते निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स लगभग 4 फीसदी बढ़कर 2,549.80 के फ्रेश हाई को छू गया। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक के शेयरों पर 20 फीसदी का अपर सर्किट लगा, जबकि बैंक ऑफ महाराष्ट्र और बैंक ऑफ इंडिया के शेयरों पर 10 फीसदी का अपर सर्किट लगा। आपको पता है कि शेयर बाजार में अपर सर्किट या लोअर सर्किट क्या है और यह क्यों लगता है?
कैसे कर सकते हैं Intraday ट्रेड
अगर शेयर बाजार में डे-ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो इसके लिए पहले आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है. इस अकाउंट में आप या तो ब्रोकर को फोन पर ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं या ऑनलाइन भी खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं.
#सिर्फ लिक्विड स्टॉक में ट्रेडिंग करें, 2 या 3 ऐसे स्टॉक चुन सकते हैं.
#वोलेटाइल स्टॉक से दूर रहें
#अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों में करें खरीददारी
#शेयर का चुनाव करने के पहले बाजार का ट्रेंड जरूर देख लें, मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं.
#रिसर्च के बाद जिन शेयरों को लेकर कांफिडेंट हैं, उनमें निवेश करें
#शेयर खरीदने के पहले यह तय करें कि किस भाव में खरीदना है और उसका लक्ष्य कितना है. स्टॉप लॉस जरूर लगाएं.
#जैसे ही लक्ष्य पूरा हो, प्रॉफिट बुकिंग करें.
Mcap of Top 10 Firms: टॉप 10 में से 9 कंपनियों का मार्केट कैप 90,319 करोड़ बढ़ा, Reliance Industries को सबसे ज्यादा फायदा
कितने पैसों की पड़ती है जरूरत
इंट्रा डे में आप किसी शेयर में कितनी भी रकम लगा सकते हें. शेयर बाजार में नियम है कि जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उस दिन पूरा पैसा नहीं देना होता है. नियम के तहत जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उसके 2 ट्रेडिंग दिनों के बाद पूरा भुगतान करना होता है. फिर भी आपको शेयर के भाव का शुरू में 30 फीसदी रकम निवेश करना होता है.
इसका उदाहरण 6 मार्च 2019 यानी बुधवार को शेयर बाजार में होने वाली ट्रेडिंग से ले सकते हैं. दीवान हाउसिंग फाइनेेंस कॉरपोरेशन (DHFL) के शेयरों में निवेश करने वालों के लिए बुधवार का दिन बेहतर साबित हुआ. बुधवार को पॉजिटिव सेंटीमेंट जुड़ने के बाद कंपनी के शेयर में 20 फीसदी तक तेजी आई है.
DHFL का शेयर मंगलवार को 134 रुपये के भाव पर बंद हुआ था. वहीं बुधवार को यह 147.40 के भाव पर खुला और कुछ देर में ही 160 रुपये के भाव पर पहुंच गया. यानी प्रति शेयर 26 रुपये का फायदा हुआ. इस लिहाज से अगर किसी ने 50 हजार रुपये लगाए होंगे तो उसकी रकम बढ़कर 60 हजार रुपये हो गई. कुछ घंटों में ही 10 हजार रुपये का फायदा.
जानकारों की राय
एक्सपर्ट के अनुसार हालांकि शेयर बाजार का अधिकांश कारोबार डे ट्रेडिंग का ही होता है, लेकिन फिर भी सावधानी के साथ कारोबार करना चाहिए. शेयर का चुनाव करने के पहले बाजार का ट्रेंड जरूर देखना स्टॉक ट्रेडिंग में 30 दिन का नियम क्या है चाहिए. मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं. शेयर खरीदने के पहले यह तय करें कि किस भाव में खरीदना है और उसका लक्ष्य कितना है. स्टॉप लॉस जरूर लगाएं.
(Discliamer: हम यहां इंट्राडे कारोबार के बारे में जानकारी दे रहे हैं, न कि निवेश की सलाह. शेयर बाजार के अपने जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)
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