बाजार अर्थव्यवस्था क्या है?

बुरहानपुर में औद्योगिक और आर्थिक विकास :- बुरहानपुर का मुख्य आर्थिक स्रोत कपड़ा उद्योग है। यह मध्यप्रदेश में पावर लॉम उद्योग का केंद्र है। इसमें एक एनटीसी (नेशनल टेक्सटाइल कॉरपोरेशन) प्रोजेक्ट ‘ताप्ती मिल्स’ और कई अन्य वस्त्र कंपनियां हैं जैसे कमल टेक्सटाइल्स, अन्नपूर्णा कलंडरिंग वर्क्स, पारस प्रोसेस, नील कमल प्रोसेसर, शिवम टेक्सटाइल्स, एम्बे प्रोसेस इत्यादि बुरहानपुर कैंब्रीक, ब्लिच धटी, हस्तनिर्मित कपड़ा, ग्रे अंकन, बिजली का कपड़ा कपड़ा बाक्राम और अन्य प्रकार के कपड़े पाइप और कृषि उपकरण उद्योग भी बुरहानपुर की अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं। ‘टेक्सम्पो पाइप्स’, बालाजी उद्योग पाइप और कृषि उपकरणों के विनिर्माण उद्योग हैं। बुरहानपुर में कई कपास और तेल बाजार अर्थव्यवस्था क्या है? मिलें भी अर्थव्यवस्था के योगदानकर्ता कारक हैं। इस क्षेत्र में लकड़ी और लकड़ी आधारित फर्नीचर उद्योग भी प्रचलित है। बुरहानपुर का पेपर उद्योग मध्य प्रदेश में सबसे बड़ा है।
अर्थव्यवस्था
यह मध्यप्रदेश में पावरलुम उद्योग का केंद्र भी है। विनिर्माण क्षेत्र, इस क्षेत्र में भी प्रचलित है, पाइप और कृषि उपकरण दोनों का निर्माण यहाँ भी किया जाता है। कई कपास और तेल मिल भी हैं।
यह मध्य प्रदेश में केले का सबसे बड़ा उत्पादक है और मध्यप्रदेश में सबसे बड़ी पेपर मिल भी यही है। यह यूनानी मेडिसिंस का एक बड़ा बाजार है। कपड़ा उद्योग की भारी मांग के लिए बुरहानपुर में बड़े पैमाने पर कपास की खेती की जाती है।
बुरहानपुर में कृषि और बागवानी :- बुरहानपुर एक कृषि प्रमुख क्षेत्र है। बुरहानपुर में कपास की खेती और केले प्रमुख कृषि उत्पाद हैं। अधिकांश किसान बाजार अर्थव्यवस्था क्या है? इन दो प्रमुख फसलों के उत्पादन में व्यस्त हैं। बुरहानपुर मध्य प्रदेश में केला का सबसे बड़ा उत्पादक है। इसके अलावा सोयाबीन और जौ की अच्छी मात्रा में खेती की जाती है। यहां आने वाली अन्य फसलों में कबूतर मटर, गेहूं, ग्राम, मिर्च, धनिया, आम, नारंगी आदि शामिल हैं।
शेयर बाजार की बढ़ती चमक: शेयर बाजार जुआघर नहीं, अर्थव्यवस्था की चाल को नापने का है आर्थिक बैरोमीटर
हम उम्मीद करें कि कोविड-19 से ध्वस्त देश के उद्योग-कारोबार सेक्टर को पुनर्जीवित करने में शेयर बाजार बहुत प्रभावी भूमिका निभाएगा। निवेशक शेयर बाजार का लाभ लेने के लिए तेजी से आगे बढ़ेंगे। इस समय शेयर बाजार के तेजी से आगे बढ़ने की संभावनाएं दिखाई दे रही हैं।
[ डाॅ. जयंतीलाल भंडारी ]: इस समय दुनियाभर के विकासशील देशों के शेयर बाजारों की तस्वीर में भारतीय शेयर बाजार की स्थिति शानदार दिखाई दे रही है। भारतीय शेयर बाजार का चमकीला परिदृश्य निवेशकों, उद्योग-कारोबार और सरकार, तीनों के लिए लाभप्रद है। पिछले वर्ष 23 मार्च, 2020 को जो बांबे स्टाक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 25,981 अंकों के साथ ढलान पर दिखाई दिया था, वह पांच अगस्त, 2021 को 54,717.24 अंकों के स्तर को छूने में सफल रहा। चालू वित्त वर्ष 2021-22 के पहले चार महीनों यानी अप्रैल से जुलाई में शेयर बाजार के निवेशकों ने 31 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है। इस समय शेयर बाजार में आइपीओ लाने की होड़ मची हुई है। आइपीओ में खुदरा निवेशकों की भागीदारी 25 फीसद बढ़ी है। पिछले वित्त वर्ष में 1.4 करोड़ से ज्यादा डीमैट बाजार अर्थव्यवस्था क्या है? खाते खुले हैं। देश में डीमैट खातों की संख्या 6.5 करोड़ से ज्यादा हो गई है। यह बात महत्वपूर्ण है कि शेयर बाजार में आई तेजी की वजह से दशक में पहली बार भारत की सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से ज्यादा हो गया है। इस लिहाज से बाजार पूंजीकरण और जीडीपी का अनुपात 100 फीसद को पार कर गया है। अमेरिका, जापान, फ्रांस, ब्रिटेन, हांगकांग, कनाडा, आस्ट्रेलिया और स्विट्जरलैंड जैसे विकसित देशों में भी यह अनुपात 100 फीसद से अधिक है।
अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं यह कितने प्रकार की होती है?
अर्थव्यवस्था वह संरचना है, जिसके अंतर्गत सभी आर्थिक गतिविधियों का संचालन होता है। उत्पादन उपभोग व निवेश अर्थव्यवस्था की आधारभूत गतिविधियाँ है। अर्थव्यवस्था की ईकाईयाँ मानव द्वारा गठित होती है। अतः इनका विकास भी मानव अपने अनुसार ही करता है।
आय का सृजन उत्पादन प्रक्रिया में होता है। उत्पादन प्रक्रिया द्वारा उत्पादित बाजार अर्थव्यवस्था क्या है? वस्तुओं व सेवाओं पर आय व्यय किया जाता है। आवश्यकताओं की संतुष्टि हेतु व्यय करना बाजार अर्थव्यवस्था क्या है? आवश्यक है जिसे अर्थशास्त्र में उपभोग क्रिया कहते है। जब उपभोग क्रिया अधिक होती है तो उत्पादन भी अधिक करना आवश्यक है उत्पादन करने के लिये अधिक धन्य व्यय करने की आवश्यकता होती है। इस व्यय को विनियोग कहते हैं। जिन क्षेत्रों में उत्पादन उपभोग व निवेश की क्रिया की जाती है, उसे अर्थव्यवस्था कहते हैं।
अर्थव्यवस्था की परिभाषा
ए.जे. ब्राउन के अनुसार, ‘‘अर्थव्यवस्था एक ऐसी पद्धति है जिसके द्वारा लोग जीविका प्राप्त करते हैं।’’ जिस विधि से मनुष्य जीविका प्राप्त करने का प्रयास करता है वह समय तथा स्थान के सम्बन्ध में भिन्न होती है।
1. पूंजीवादी अर्थव्यवस्था:- ऐसी अर्थव्यवस्था जिसमें निजी क्षेत्रों व बाजार बाजार अर्थव्यवस्था क्या है? की भूमिका प्रभावकारी होती है, आर्थिक गतिविधियों के समस्त निर्णय जैसे कितना उत्पादन किया जाए किसका किया जाए कैसे किया जाए। निजी क्षेत्र द्वारा लिए जाते है दूसरे शब्दों में पूँजीवादी अर्थव्यवस्था बाजार की शक्तियों अर्थात मांग एवं पूर्ति द्वारा संचालित होती है जिसका एकमात्र उद्देश्य लाभ प्राप्त करना है उदाहरण के लिए अमेरिका, कनाडा, मेक्सिकों की अर्थव्यवस्थाएँ पूंजीवादी अर्थव्यवस्था है।
2. समाजवादी अर्थव्यवस्था- ऐसी अर्थव्यवस्था जिसमें आर्थिक क्रियाओं का निर्धारण एवं नियंत्रण केन्द्रीय इकाई या राज्य के द्वारा होता है इसीलिए इसे नियंत्रित अर्थव्यवस्था भी कहा जाता है यहाँ बाजार के कारकों की भूमिका सीमित होती है, पूंजीवादी अर्थव्यवस्था जहाँ उपभोग एवं उत्पादन का निर्धारण करता है वहीं समाजवादी अर्थव्यवस्था उत्पादन एवं उपभोग का निर्धारण करती है, वहीं दूसरी और पूंजीवादी अर्थव्यवस्था लाभ से प्रेरित होती है, जबकि समाजवादी अर्थव्यवस्था कल्याणकारी राज्य की संकल्पना पर आधारित होती है उदाहरण के लिए चीन, वियतनाम, उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्थाएँ।
बाजार अर्थव्यवस्था क्या है?
केंद्रीकृत योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था तथा बाजार अर्थव्यवस्था के भेद को स्पष्ट कीजिए। Distinguish between a बाजार अर्थव्यवस्था क्या है? centrally planned economy and a market economy.
शेष विश्व के साथ अंतर संबंधों के आधार पर अर्थव्यवस्था के प्रकार (Types of Economy Based on Interrelationships with Rest of the World in hindi) –
(1) खुली अर्थव्यवस्था (Open economy in hindi) –
खुली अर्थव्यवस्थाएँ वे अर्थव्यवस्था होती बाजार अर्थव्यवस्था क्या है? है, जो विश्व के अन्य देशों के साथ वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार और निवेश के लिए स्वतंत्र होती है! वर्तमान में विश्व की लगभग सभी अवस्थाएं खुली अर्थव्यवस्था हैं!
(2) बंद अर्थव्यवस्था (Closed economy in hindi) –
बंद अर्थव्यवस्थाएँ वे अर्थव्यवस्था होती है, जिनका अन्य अर्थव्यवस्थाओं के साथ कोई आर्थिक संबंध नहीं होता अर्थात ये अर्थव्यवस्थाएँ विश्व के अन्य देशों के साथ वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार और निवेश के लिए स्वतंत्र नहीं होती हैं!
विकास के आधार पर अर्थव्यवस्था के प्रकार (vikash ke aadhaar par arthvyavastha ke prakar) –
(1) विकसित अर्थव्यवस्था!
(2) अल्पविकसित अर्थव्यवस्था!
(3) अविकसित अर्थव्यवस्था
(1) विकसित अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं (viksit arthvyavastha) –
जिन देशों की अर्थव्यवस्था के आर्थिक विकास का स्तर ऊंचा होता है, उन्हें विकसित अर्थव्यवस्था कहते हैं!विश्व बैंक के अनुसार, वे अर्थव्यवस्थाएं जहां प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय $12,535 या उससे अधिक है उन्हें विकसित अर्थव्यवस्था या उच्च आय वाले वर्ग वाली अर्थव्यवस्था कहा जाता है, जैसे – अमेरिका, स्विजरलैंड, जापान, ब्रिटेन आदि!
(2) विकासशील अर्थव्यवस्था (vikassheel arthvyavastha) –
विकासशील अर्थव्यवस्था के अंतर्गत की अर्थव्यवस्था में शामिल होती है जहां आर्थिक समृद्धि के उच्च स्तर को प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है इन देशों में आय की असमानता का अधिक होती है और औद्योगिक विकास कम होता है! विश्व बैंक के अनुसार इन्हें दो वर्गों में विभाजित किया जाता है –
विभिन्न क्षेत्रों की भूमिका के आधार पर अर्थव्यवस्था का वर्गीकरण –
(1) कृषक अर्थव्यवस्था –
यदि किसी अर्थव्यवस्था के सकल घरेलू उत्पाद में प्राथमिक क्षेत्र अर्थात कृषि एवं संबंधित क्षेत्र का योगदान 50% या उससे अधिक हो एवं लगभग इसी अनुपात में लोग आजीविका के लिए कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों पर निर्भर हो तो उसे ‘कृषक अर्थव्यवस्था‘ कहा जाता है! स्वतंत्रता प्राप्ति के बाजार अर्थव्यवस्था क्या है? समय भारत एक कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाला देश था!
(2) औद्योगिक अर्थव्यवस्था –
यदि किसी अर्थव्यवस्था के सकल घरेलू उत्पाद में द्वितीय क्षेत्र अर्थात औद्योगिक क्षेत्र का हिस्सा 50% से अधिक हो तथा इसी अनुपात में इस क्षेत्र पर लोगों की आजीविका के लिए निर्भरता हो तो इस अर्थव्यवस्था को ‘औद्योगिक अर्थव्यवस्था’ कहा जा सकता है! जैसे – चीन!
(3) सेवा अर्थव्यवस्था –
यदि किसी अर्थव्यवस्था के सकल घरेलू उत्पाद में तृतीयक क्षेत्र तथा सेवा क्षेत्र का हिस्सा 50% से अधिक हो तथा इसी अनुपात में इस क्षेत्र में लोगों बाजार अर्थव्यवस्था क्या है? की आजीविका के लिए निर्भरता हो तो उस अर्थव्यवस्था को ‘सेवा अर्थव्यवस्था‘ कहा जा सकता है जैसे अमेरिका, जापान, ब्रिटेन आदि
नियोजन के आधार पर अर्थव्यवस्था का वर्गीकरण –
(1) योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था (planned economy in hindi) –
योजनाबद्ध व्यवस्था से अभिप्राय ऐसी अर्थव्यवस्था से हैं, जो आर्थिक संवृद्धि एवं विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए व्यापक आयोजना एवं रणनीति का निर्माण करती है! ऐसी अर्थव्यवस्थाओं में पहले लक्ष्य निर्धारण किया जाता है, उसके बाद उन्हें प्राप्त करने के लिए योजना का निर्माण किया जाता है!
(2) गैर-योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था (Unplanned economy in hindi) –
गैर-योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था से अभिप्राय ऐसी अर्थव्यवस्था से है, जो आयोजन की संकल्पना बाजार अर्थव्यवस्था क्या है? को स्वीकार नहीं करती हैं! ऐसी अर्थव्यवस्था में प्रायः एक निश्चित अवधि में क्या-क्या आर्थिक संवृद्धि एवं विकास के लक्ष्य प्राप्त किए जाने हैं, यह पूर्व निर्धारित नहीं होता है! इस प्रकार की अर्थव्यवस्था में आर्थिक विकास से संबंधित रणनीतियों का अभाव पाया जाता है!