शेयर कब खरीदें

सस्ता है तो फिर आप निवेश की शुरुआत कर दीजिए और यदि महंगा है तो कुछ समय इंतजार कर सकते हैं। वैसे एकमुश्त निवेश में यह देखा जाता है। जब आप एसआईपी शुरू करने की सोच रहे हैं तो आप कभी भी शुरू कर सकते हैं।
Station Guruji
Table of Contents
अच्छा शेयर कैसे चुनें? इसमें मैंने आपको बताया था कि अच्छे शेयर चुनने से पहले किन-किन बातों पर ध्यान देना आवश्यक है।
यदि आपको स्टॉक मार्केट में सफल निवेशक बनना है तो आपको कई बातों पर ध्यान देना होगा। आप चाहे लंबी अवधि के लिए स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं या फिर Intraday Trading करते हैं।
हर परिस्थिति में अच्छी स्टॉक को चुनना आवश्यक है। आज मैं आपको एक ट्रिक बता रहा हूं जिसके द्वारा आप एक सेकंड में मालूम कर सकते हैं कि यह शेयर खरीदना चाहिए या नहीं।
दोस्तों एक अच्छा शेयर का चुनाव के जितने भी तरीके हैं हम सभी अपनाते हैं। शेयर को सेलेक्ट कर लेते हैं। जब उसे खरीदे लगते हैं तो मन में कई तरह की आशंका उत्पन्न होने लगती है। यह शेयर महंगा तो नहीं है। इसे लेने के बाद इसका दाम नीचे तो नहीं गिर जाएगा।
P/E Ratio का मतलब क्या है?
P/E Ratio का अर्थ Price Earning Ratio है।
साधारण भाषा में इसका मतलब यह होता है कि हमें कितने रुपए लगाने पर कितने रुपए मिलेगा।
उदाहरण द्वारा इसे समझते हैं। रिलायंस कंपनी के 1 शेयर का दाम अभी ₹ 2000 हैं। इस कंपनी ने पिछले 1 साल में ₹ 200 लाभ दिया है। यदि मुझे इसका P/E Ratio निकालना है तो 2000 ÷ 200 = 10 निकलेगा।
इस P/E Ratio का मतलब यह हुआ कि आपको ₹ 1 कमाने के लिए रिलायंस कंपनी में ₹10 लगाना पड़ेगा। या दूसरे भाषा में ₹ 2000 केेेेेेे निवेश पर हमें ₹ 200 प्राप्त होगा।
इस प्रकार P/E Ratio उसे कहते हैं जिसे प्रति शेयर बाजार मूल्य में उसके द्वारा दी गई आय के द्वारा भाग देने पर जो प्राप्त होता है वही P/E Ratio है।
शेयर खरीदने हेतु P/E Ratio क्या होने चाहिए
अब आपके मन में यह सवाल उठता होगा कि शेयर खरीदने वक्त हमें कितना P/E Ratio का शेयर खरीदना चाहिए और कितना P/E Ratio शेयर नहीं खरीदना चाहिए।
आमतौर पर वित्तीय सलाहकार कहते हैं कि जिसका P/E Ratio 30 से ज्यादा है उसे हमें नहीं खरीदना चाहिए। क्योंकि यदि मुझे ₹30 लगाकर सालाना ₹1 प्राप्त हो यहां तक तो ठीक माना जा सकता है। पर उससे ज्यादा लगाकर यदि मुझे ₹1 प्राप्त हो तो यह कभी भी ठीक नहीं माना जा सकता।
वैसे जैसे जैसे कंपनी मुनाफा कमाता रहता है उसका P/E Ratio बढ़ता रहता है। शेयर कब खरीदें इसलिए आप कंपनी के पिछले कुछ सालों का मुनाफा देख सकते हैं। यह जरूरी नहीं कि P/E Ratio ज्यादा होने से उस शेयर में निवेश ना करें।
Dividend stocks: इन 11 शेयरों में डिविडेंड पाने का आखिरी मौका, अगले हफ्ते हैं इनका रिकॉर्ड डेट
अगले हफ्ते करीब 11 शेयरों की एक्स-डिविडेंड तारीख है। एक्स-डिविडेंड तारीख वह होती है, जिससे पहले शेयर खरीदने पर ही निवेशकों को डिविडेंड का फायदा मिलता है। इस तारीख के बाद शेयर खरीदने वाले नए बायर को डिविडेंड नहीं मिलता है। ऐसे में अगर आप इन कंपनियों के शेयरों को खरीदने की सोच रहे हैं, तो आप इन्हें एक्स-डिविडेंड तारीख से पहले खरीदें, ताकि आपको भी डिविडेंड का लाभ मिल सके। आइए जानते हैं अगले हफ्ते किन शेयरों की एक्स-डिविडेंड तारीख है-
1. Faze Three
फेज थ्री के बोर्ड ने 10 रुपये फेस वैल्यू वाले प्रत्येक शेयर पर 0.50 रुपये के डिविडेंड का ऐलान किया है। इसके लिए रिकॉर्ड डेट मंगलवार 7 जून तय की गई है और 6 जून को इसकी एक्स-डिविडेंड तारीख है। गुरुवार को फेज थ्री के शेयरों में 4.99 फीसदी का अपर सर्किट लगा और यह 331.25 रुपये के स्तर पर बंद हुए।
संबंधित खबरें
Sensex पहली बार 63,000 अंक के पार, पिछले सात दिन में ₹7.5 लाख करोड़ बढ़ी निवेशकों की संपत्ति
Inofsys Share Price: जानें कब निवेश से होगा मुनाफा
NDTV Shares: प्रणव और राधिका रॉय के इस्तीफे के बाद NDTV के शेयरों में तेजी, अपर सर्किट सीमा को छुआ
अरबिंदो फार्मा के बोर्ड ने प्रत्येक शेयर पर 4.50 के इक्विटी शेयर का ऐलान किया है। इसके लिए रिकॉर्ड डेट मंगलवार 7 जून तय की गई है और 6 जून को इसकी एक्स-डिविडेंड तारीख है। गुरुवार को अरबिंदो फार्मा के शेयर 1.20% गिरकर 534.20 रुपये पर बंद हुए।
3. INEOS Styrolution India
INEOS स्टाइरॉल्यूशन इंडिया के बोर्ड ने वित्त वर्ष 2022 के लिए प्रत्येक इक्विटी शेयर पर 105 रुपये के दूसरे अंतरिम डिविडेंड की सिफारिश की है। इसके लिए रिकॉर्ड डेट 7 जून और एक्स-डिविडेंड डेट 6 जून तय की गई है। गुरुवार को कंपनी के शेयर 1.92 फीसदी की उछाल के साथ 926.00 रुपये पर बंद हुए।
कहां निवेश करने पर मिलेगा फायदा?
एमडी अजय केडिया से जब पूछा गया कि ऐसे में निवेशकों को क्या करना चाहिये। उन्हें कहां निवेश करना चाहिए, जिससे उनको ज्यादा से फायदा मिल सके? इस पर उन्होंने कहा कि लंबी अवधि के निवेशकों को कमोडिटी में निवेश को लेकर खुले दिमाग से विचार करना चाहिये।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में चांदी की मांग में लगातार बृद्धि हुईं है। कुछ समय में गोल्ड सिल्वर की राशियों में भी काफी सुधार आया है। इसका मतलब है कि माहौल निवेश के अनुकूल बन रहा है।
ईंट खरीदें या सिल्वर ईटीएफ?
केडिया ने तर्क दिया कि जब माहौल में अनिश्चितता होती है तो गोल्ड में निवेश बढ़ता है। वहीं, जियो पॉलिटिकल और जियो-ग्राफिकल में काफी सुधार होने पर निवेशक गोल्ड के बजाय अन्य विकल्पों में निवेश करना शुरू कर देते हैं।
जब उनसे पूछा गया, ‘अगर आज हम 1 किलोग्राम चांदी में निवेश करते हैं तो 2 साल साल के अंदर कितना लाभ मिल सकता है तो उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति के हिसाब से लोगों को 40 फीसदी लाभ मिलना लगभग तय है।
उनसे फिर पूछा गया, ‘चांदी की 1 किग्रा की ईंट खरीदें या डिजिटल सिल्वर में निवेश करें। तो उन्होंने कहा कि सिल्वर ईटीएफ (Silver ETF) में अधिकतर निवेशकों निवेश करना चाहिए क्योंकि चांदी की ईंट बेचे जाने पर कई प्रकार के चार्ज लगने से आपका लाभ घट जायेगा’।
केडिया एडवाइजरी के अनुसार , सिल्वर ईटीएफ में निवेश करना फायदे का समझौता रहेगा।
‘FPIs बरकरार रखेंगे मजबूत निवेश’
जैफरीज़ के क्रिस्टोफर वुड ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि 15 प्रतिशत ईपीएस वृद्धि होना संभव है। उनका आकलन पांच साल के दृष्टिकोण पर आधारित शेयर कब खरीदें था। वुड का कहना था कि भारतीय बाजार के लिए महगाई चिंता का विषय नहीं है।भारतीय शेयर बाजार को तेल की बढ़ती कीमतों से खतरा है।
भारतीय शेयर बाजार की तेजी निवेशकों के लिए हमेशा से अच्छी रही है। वृद्धि आधारित इक्विटी बनाने के लिए भारत प्रमुख निवेशक होना चाहिये। भारत कोरोना महामारी से भी अब निकल चुका है। वुड के अनुसार , ऐसे में विदेशी निवेशक (FPIs) भारत में मजबूत निवेश बनाये रखेंगे।
’10 साल में पहुंच जाएगा 2,00,00′
कुछ बाहरी बाजार वाले एक्सपर्ट भी भारतीय शेयर बाजार के भविष्य की नई ऊंचाइयां छूने की अनुमान लगा चुके हैं
कुछ समय पहले मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल ने भी कहा था कि सेंसेक्स 10 साल के भीतर 2,00,000 अंक के स्तर पर लगभग पहुंच जायेगा और उन्होंने कहा कि 10 साल में शेयर बाजार में लगभग चार गुना वृद्धि होगी।
10 साल में चार बार सेंसेक्स ऐसा कर चुका है। सैमको सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड अपूर्व सेठ का भी मानना है कि अप्रेल 2024 तक स 1,00,000 अंक के स्तर तक सेंसेक्स पहुंच जायेगा।
गेहूं और तिलहन का रकबा 10 प्रतिशत बढ़ा, किसानों को अच्छे लाभ की उम्मीद
देश में इस बार किसानों ने गेहूं व तिलहन की अधिक बुवाई की है। बताया जा रहा है कि इस बार पिछले साल के मुकाबले गेहूं और तिलहन की 10 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रफल में हुई है। अंतराष्ट्रीय बाजार के रूख को देखते हुए किसानों को इस बार भी गेहूं और सरसों से अच्छा मुनाफा मिलने की उम्मीद है। बता दें कि हाल ही में कृषि मंत्रालय ने रबी फसलों की बुवाई के आंकड़े जारी किए हैं। इसके अनुसार रबी सत्र में 25 नवंबर तक गेहूं की बुवाई का रकबा 10.50 प्रतिशत बढ़कर 152.88 लाख हेक्टेयर हो गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 138.35 लाख हेक्टेयर था। तिलहन का रकबा 25 नवंबर तक 13.58 प्रतिशत बढ़कर 75.77 लाख हेक्टेयर हो गया है। इस बार बढ़े गेहूं ओर तिलहन के रकबे को देखते हुए अच्छे उत्पादन की उम्मीद की जा रही है। वहीं किसानों को गेहूं व तिलहन का बेहतर भाव मिलने की आशा है। बता दें कि बीते दिनों यूक्रेन और रूस युद्ध के दौरान गेहूं की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया था और अब भी इसकी कीमतें बाजार में बेहतर बनी हुई हैं।
देश में कब होती है गेहूं व सरसों की बुवाई
रबी की फसलों में मुख्य रूप से गेहूं, चना और सरसों आती हैं जिनसे किसानों को बेहतर लाभ की उम्मीद होती है। इसमें से गेहूं की बुवाई अक्टूबर में शुरू हाती है और कटाई मार्च-अप्रैल में शुरू हो जाती है। गेहूं के अलावा चना और सरसों रबी सीजन में उगाई जाने वाली अन्य प्रमुख फसलें हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स में प्रकाशित नए आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश (6.40 लाख हेक्टेयर), राजस्थान (5.67 लाख हेक्टेयर), पंजाब (1.55 लाख हेक्टेयर), बिहार (1.05 लाख हेक्टेयर), गुजरात (0.78 लाख हेक्टेयर), जम्मू और कश्मीर (0.74 लाख हेक्टेयर), और उत्तर प्रदेश (0.70 लाख हेक्टेयर) में गेहूं बुवाई के रकबे में बढ़ोतरी हुई है। इस रबी सत्र में 25 नवंबर तक तिलहन का रकबा 13.58 प्रतिशत बढ़कर 75.77 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह रकबा 66.71 लाख हेक्टेयर था। इसमें से इस अवधि के दौरान पहले के 61.96 लाख हेक्टेयर के मुकाबले सरसों की बुवाई 70.89 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है।
दालों की बुवाई के रकबे में आई कमी
इस बार दालों के मामले में बुवाई का रकबा कुछ कम हुआ है। हालांकि ये गिरावट भी सीमित रही है। इस अवधि के दौरान पहले के 94.37 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस बार 94.26 लाख हेक्टेयर पर दलहन बुवाई की गई है। वहीं मोटे अनाज की बुवाई में भी सीमित गिरावट दर्ज हुई की गई है। इस अवधि में मोटे अनाज की बुवाई 26.54 लाख हेक्टेयर में की गई, जो पहले 26.70 लाख हेक्टेयर में की गई थी। जबकि इस सीजन में चावल की बुवाई में बढ़त देखने को मिली है और बुवाई का क्षेत्र 9.14 लाख हेक्टेयर में पहुंच गया जबकि पिछले साल की समान अवधि में 8.33 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी। इस रबी सत्र में 25 नवंबर को सभी रबी फसलों के तहत कुल खेती का रकबा 7.21 प्रतिशत बढ़कर 358.59 लाख हेक्टेयर हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 334.46 लाख हेक्टेयर था।
क्या है रबी फसल सत्र 2022-23 में गेहूं, चना और सरसों का समर्थन मूल्य
हर बार की तरह इस बार भी रबी फसलों की बुवाई के पहले केंद्र सरकार ने रबी की प्रमुख फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर दिए है। सरकार की ओर से रबी फसल सत्र 2022-23 के लिए निर्धारित किया एमएसपी इस प्रकार है-
- गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य - 2,125 रुपये प्रति क्विंटल
- सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य- 5050 रुपए प्रति क्विंटल
- चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य- 5230 रुपए प्रति क्विंटल
- जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य- 1635 रुपए प्रति क्विंटल
- दाल (मसूर) का न्यूनतम समर्थन मूल्य- 5500 रुपए प्रति क्विंटल
- कुसुम का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5441 रुपए प्रति क्विंटल
ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट शेयर कब खरीदें रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों प्रीत ट्रैक्टर , वीएसटी ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।
शेयर कब खरीदना चाहिए
लगातार अच्छा प्रदर्शन दिखा रही कंपनी के स्टॉक में आपको निवेश करना चाहिए यदि आपको लगता है की कंपनी का बिजनेस भविष्य के हिसाब से अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता रखता है तो आपको एसी कंपनी के शेयर में कुछ हिस्सा निवेश करना चाहिए.
• कंपनी के बिजनेस विस्तार के समय – शेयर बाजार में लिस्टेड ज्यादातर कंपनी अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए ज्यादा इन्वेस्टमेंट करती है, उस वक्त कंपनी की फाइनेंसियल स्थिति बेहतर नही रहती है, जिसके कारण इन्वेस्टर ऐसी कंपनियों के शेयर में निवेश करना पसंद नही करते, परन्तु शेयर खरीदने का सही समय निवेशकों के लिए इससे अच्छा नही हो सकता, इसके लिए आपको बाजार में चल रही खबरों को ध्यान में रखकर ऐसे स्टॉक में निवेश के लिए सोचना चाहिए.
समय के हिसाब से कंपनी की बढ़ती ग्रोथ के अनुसार स्टॉक प्राइस में भी तेजी होती नजर आएगी, अगर आप ऐसे स्टॉक को अपने पोर्टफोलियो में रखते हैं तो जाहिर है आपको ऐसे शेयर से जबरदस्त रिटर्न कमाई देखने को मिलेगी.