रणनीति विकास

क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है

क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है
आमतौर पर जब हमारे साथ फ्रौड होता हैं तो हम पुलिस complaint करते हैं. सरकार अथवा पुलिस उसको ढूंड कर हमारे पैसे वापस करवाने की कोशिश करती हैं. अथवा हमारे साथ फ्रौड होता है तो हम सरकार पर भी दबाव बना सकते हैं.

Cryptocurrency- Characteristics Advantage Disadvantage in Hindi.

5 क्रिप्टो करेंसी के नुकसान – सरकार करना चाहती है बैन ( Crypto currency ke nuksan )

दोस्तों, आखिर क्यों दुनिया भर की सरकारें “क्रिप्टो करेंसी के नुकसान” ( Crypto currency ke nuksan ) को बता कर इसे बैन करना चाहती हैं. क्या आपने कभी सोचा हैं? इसी सवाल का जबाब ढूंढने की कोशिश करेंगे इस पोस्ट में. तो, दिल थाम कर इस पोस्ट को पढ़ते रहें.

दोस्तों, भारत में जब से क्रिप्टो करेंसी की लहर चली हैं. तभी से हम सब देख रहे हैं की लगातार सरकार और RBI यानि रिसर्ब बैंक ऑफ़ इंडिया के तरफ से इसे बैन करने का सलाह दिया जा रहा हैं. हालाँकि सरकार के द्वारा क्रिप्टो के खरीद बिक्री पर 30% का टैक्स भी लगाया जा चूका हैं. परन्तु फिर भी RBI के गवर्नर के तरफ से इसे बैन करने की लगातार सिफारिशें आती रही हैं.

क्या सच में क्रिप्टो करेंसी देश के लिए खतरा हैं? क्या सच में क्रिप्टो करेंसी से सरकार को नुक्सान हैं? या फिर क्या क्रिप्टो करेंसी से आम लोगो का नुक्सान हैं. ये सभी सवाल हमारे मन में आक्सर गुजती रहती हैं.

क्रिप्टो करेंसी के नुकसान ( Crypto currency ke nuksan ) Disadvantage of crypto currency

जैसा की आप हर न्यूज़ में सुनते होंगे की क्रिप्टो करेंसी एक विकेंद्रित मुद्रा ( Decentalized Currency ) हैं. जो न तो किसी सरकार के अन्दर हैं और न ही किसी संस्था की अधीन. बहुत से लोग इसको क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा फायेदा बताते हैं. परन्तु ये सरकार के लिए सबसे बड़ी नुकसान हैं.

विकेंद्रीकरण का अर्थ – इसको हम एक उदहारण से समझने की कोशिश करते हैं. जैसे की हम लोग आज पैसे भेजने और किसी से पैसे लेने के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन लें देन करते हैं. हम जब पैसे भेजते हैं तो वो पैसा हमारे बैंक से उस दुसरे व्यक्ति के बैंक में जाता हैं, फिर उस व्यक्ति को उसके बैंक से पैसे मिलते हैं.

क्रिप्टो करेंसी के नुकसान ( Crypto currency ke nuksan ) Disadvantage of crypto currency

#2 कीमत का निर्धारण ( Not a fixed rate )

क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा नुकसान और फायेदा दोनों ही कीमत का निर्धारण ना होना भी हैं. आप सबने सुन रखा होगा की कुछ साल पहले 1 बिटकॉइन की कीमत 10000 भारतीय रुपये हुआ करती थी. जबकि आज के तारीख में 1 बिटकॉइन की कीमत लगभग 4000000 भारतीय रुपये के आस पास हैं. बिच में इसकी कीमत 5000000 भारतीय रुपये तक पहुच गया था.

अतः यदि आप आज के तारीख में 1 बिटकॉइन खरीदते हैं 4000000 भारतीय रुपये में तो ये जरुरी नही हैं की आपका पैसा आगे चल के भी इतना ही रहे. ये 50% सम्भावना है की आपका पैसा 5000000 भारतीय रुपये हो जाये और 50% ये भी सम्भावना है की आपका पैसा 2000000 भारतीय रुपये भी हो जाये.

एक उदहारण से समझते हैं, भारत में रहते हैं तो आपने देखा होगा की हर नोट के ऊपर उसकी कीमत लिखी होती हैं. जैसे 100 रुपये का नोट, 500 रुपये का नोट, 2000 का नोट, इन सभी की कीमत निर्धारित हैं. चाहे इसे आप खर्च करे या फिर आने वाले भविष्य में 10 साल बाद, इसकी कीमत न तो घटेगी और न ही बढ़ेगी.

क्रिप्टो करेंसी क्या है :

Kya hoti hai Cryptocurrency : इसे डिजिटल करेंसी भी कह सकते हैं अर्थात यह एक ऐसी करेंसी या सम्पति है जिसे व्यक्ति छू नहीं सकता इसकी उत्पति के लिए Cryptography जो की कंप्यूटर एवं इन्टनेट की दुनिया से जुड़ी हुई एक तकनीक है का उपयोग हुआ होता है | इस करेंसी का उपयोग भी अन्य मुद्राओं की तरह विभिन्न तरह का सामान एवं सेवाएँ खरीदने के लिए किया जा सकता है लेकिन अभी इस तरह की यह करेंसी सभी देशों में वैध नहीं है इसलिए जिन देशों में यह वैध नहीं है वहां इनका उपयोग वर्जित है |

लेकिन फिर भी वर्तमान में बहुत सारे देशों में यह वैध मुद्रा की तरह क्रियाशील है इसलिए लोग इस डिजिटल मुद्रा का प्रयोग विदेशी यात्राओं के दौरान भी करते हैं | Cryptocurrency Decentralized अर्थात विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा होती है क्योंकि इसके उपयोग में लाये जाने की कोई क्षेत्रीय सीमा तय नहीं होती कहने का आशय यह है जैसे विभिन्न देशों की मुद्राएँ सिर्फ उसी देश तक सीमित रहती हैं, और उसको वह देश विशेष विनियमित करते रहता है |

क्रिप्टो करेंसी की विशेषताएं (Characteristics of Cryptocurrency ):

क्रिप्टो करेंसी की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं |

  • यह कोई प्रिंट की गई करेंसी नहीं होती है |
  • इसे cryptography नामक तकनीक से जारी किया जाता है इसलिए इसका नाम भी इसी पर आधारित है |
  • ये बेहद जटिल अल्गोरिथम के माध्यम से माइन किये जाते हैं और जब इन्हें हल कर लिया जाता है तो एक CryptoCurrency बन जाती है |
  • इस प्रणाली में प्रत्येक क्रिप्टो करेंसी के लिए अलग अलग एक निश्चित परिणाम निर्धारित किये जाते हैं इसलिए इन्हें डुप्लीकेट या जाली तैयार नहीं किया जा सकता है |
  • इस प्रणाली में क्रिप्टो करेंसी कंप्यूटर पर संग्रहित अर्थात भंडारित किये जाते हैं इसलिए इन्हें दुबारा न तो भेजा जा सकता है और न ही लेन देन को बदला या रद्द किया जा सकता है |
  • इस प्रकार की करेंसी को माइनिंग एवं ऑनलाइन एक्सचेंज के माध्यम से भी प्राप्त किया जा सकता है |
  • इस प्रणाली के अंतर्गत प्रत्येक लेन देन को गोपनीय रखा जाता है किसी तीसरे पक्ष को इसकी कोई जानकारी नहीं होती है |
  • यदि किसी के द्वारा कोई परिवर्तन किये जाते हैं तो उन्हें पहचानने के लिए क्रिप्टोग्राफी की अखंडता, क्षमता की सुरक्षा विद्यमान है |
  • चूँकि यह दो लोगों के बीच जो एक दुसरे को जानते तक नहीं है के बीच लेन दें से जुड़ा हुआ है इसलिए इस लेन देन को प्रमाणिक बनाने के लिए सिस्टम द्वारा दोनों को सन्देश भेजा जाता है |

क्रिप्टो करेंसी के फायदे(Advantage of CryptoCurrency in Hindi):

Cryptocurrency ke fayde : चूँकि क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल मुद्रा होती है जिसे माइनिंग करके कंप्यूटर पर संग्रहित किया जाता है इसलिए इसके कुछ फायदे भी हैं जिनका वर्णन हम निम्नवत करेंगे |

  • जैसा की अब तक हम सबको विदित हो चूका है की CryptoCurrency Digital होती है इसलिए भेजने वाले व्यक्ति के द्वारा जालसाजी या उलट नहीं किये जा सकते हैं |
  • यदि व्यक्ति कुछ वास्तविक सम्पति खरीद रहा होता है तो उसमे तीसरे पक्ष इत्यादि या फीस का भुगतान न कर पाने के कारण देरी होती है लेकिन क्रिप्टोकरेंसी में तत्काल Settlement होता है |
  • CryptoCurrency Exchanges द्वारा साधारणतया इनका लेन देन करने पर कोई लेन देन शुल्क नहीं लिया जाता है, क्योंकि माइन करने वालों को नेटवर्क द्वारा मुआवजा दिया जाता है |
  • इस प्रणाली को इस आधार पर संरचित किया गया है की किसी तीसरे पक्ष को इसकी कोई भनक नहीं होती है की वह व्यक्ति कौन है अर्थात पहचान की चोरी का खतरा इस प्रणाली में बिलकुल नहीं है | क्रिप्टो करेंसी प्रणाली में ऐसे तंत्र का उपयोग हो रहा होता है जो क्रिप्टो धारक को इस बात की आज़ादी देता है की वह उतनी ही इनफार्मेशन व्यापारी को भेजे जितनी वह चाहता है |
  • क्रिप्टो करेंसी की यह विकेंद्रीकृत प्रणाली होती है जिसमे कंप्यूटरों का एक वैश्विक नेटवर्क ब्लाक चेन तकनिकी का उपयोग करके संयुक्त रूप से डेटाबेस को प्रबंधित करता है | इसमें विकेंद्रीकरण से अभिप्राय है कि नेटवर्क उपयोगकर्ता से उपयोगकर्ता (या सहकर्मी से सहकर्मी) आधार पर चल रहा होता है ।
  • सार्वभौमिक स्तर पर मान्यता प्राप्त |

आपकी बात, क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए?

आपकी बात, क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए?

सरकार का नियंत्रण नहीं
क्रिप्टोकरेंसी आधुनिक तकनीक पर आधारित करेंसी है। इसके लेन-देन में काफी गोपनीयता है, परंतु सरकार या सेंट्रल बैंक का इस पर कोई भी नियंत्रण नहीं है। इसलिए इस करेंसी का गलत कार्यों में इस्तेमाल होने की आशंका अधिक है। साथ ही क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव रहता है। बेहतर तो यह है कि सरकार जल्द से जल्द क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगा दे ।
-योगिता वैष्णव, किशनगढ़
.

शेयर बाजार की तरह नियंत्रित किया जाए
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पूर्ण प्रतिबन्धित होनी चाहिए, क्योंकि लोग लालच में आकर अपना मूल भी गंवा बैठते हंै। क्रिप्टोकरेंसी कोई वैधानिक करेंसी न होने की वजह से इसका अर्थव्यवस्था पर भी बड़ा प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसमें उतार-चढ़ाव बहुत-ज्यादा होते हैं और इसको नियंत्रित भी नहीं किया जाता है। अत: क्रिप्टोकरेंसी को पूर्णतया प्रतिबन्धित कर देना चाहिए। यदि सरकार इसको प्रतिबंधित नहीं करती है, तो इसके लिए नियामक की व्यवस्था करे। शेयर बाजार तथा कमोडिटी बाजार की तरह इसको नियंत्रित किया जाए।
-कैलाश चन्द्र मोदी, सादुलपुर, चरू
.

क्या एयरड्रॉप्ड क्रिप्टो टोकन या एनएफटी पर भी देना होगा टैक्स?

EarthID के VP- रिसर्च एंड स्ट्रैटेजी, शरत चंद्र ने बताया कि केवल क्रिप्टो निवेशक ही नहीं, बल्कि जिन्होंने गिफ्ट के रूप में एयरड्रॉप्ड क्रिप्टो टोकन या एनएफटी प्राप्त किया है, उन्हें भी टैक्स का भुगतान करना होगा.

आपको टैक्स तभी देना होगा जब आप ट्रांजेक्शन, ट्रांसफर या एक्सचेंज या क्रिप्टो एसेट्स से इनकम प्राप्त करेंगे. एक्सपर्ट्स के अनुसार, क्रिप्टो रखने के लिए कोई कर नहीं देना है.

क्रिप्टो करेंसी क्या है इसके लाभ और नुकसान

Crypto Currency kya hai नोट एवं सिक्कों के अलावा अब क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है धीरे-धीरे एक प्रकार की और करेंसी दुनिया में प्रचलित हो रही है, जिसे क्रिप्टो करेंसी कहते हैं। इसमें प्रत्येक लेन-देन का डिजि़टल हस्ताक्षर द्वारा सत्यापन किया जाता है और क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) की मदद से उसका रिकॉर्ड रखा जाता है। इसका भौतिक अस्तित्व नहीं होता। यह सिर्फ ऑनलाइन रूप से डिजिट्स के रूप में उपलब्ध रहती है। इस करेंसी से आप सामान खरीद-बेच सकते हैं अथवा निवेश कर सकते हैं। कुछ क्रिप्टो करेंसी का मूल्य उनकी लोकप्रियता के कारण काफी अधिक है, लेकिन इसके साथ एक तथ्य यह भी है कि इसके मूल्य में स्थिरता नहीं है। क्रिप्टो करेंसी के मूल्य में बहुत तेज़ी से उतार-चढाव होता रहता है, जिस कारण इसकी कीमतें दिन में बार बदलती रहती हैं।

इस करेंसी की सबसे खास बात यह है कि यह पूरी तरह से विकेंद्रीकृत है अर्थात् इस पर किसी भी देश अथवा सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। इसी कारण शुरुआत में इसे अवैध करार दिया गया, लेकिन क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है बाद में BITCOIN की लोकप्रियता को देखते हुए कई देशों ने इसे वैध कर दिया। कुछ देश तो अभी भी इसके विरुद्ध हैं।

क्रिप्टो करेंसी के प्रकार

प्रमुख क्रिप्टो करंसियों के प्रकार हैं- ETHERIUM, (ETH), RIPPLE (XRP), LITECOIN (LTC), COSMOS (ATOM), NAMECOIN (NMC) और BITCOIN] जोकि दुनिया की पहली क्रिप्टो करेंसी है। इसे वर्ष 2009 में जापान के सतोशी नाकामोतो ने बनाया था। इस करेंसी को शुरुआत में बहुत संघर्ष करना पड़ा, लेकिन आज यह दुनिया की सबसे महंगी डिजि़टल करेंसी है। इन क्रिप्टो करंसियों के आलवा वर्तमान में 1500 से अधिक क्रिप्टो करेंसी हैं।

  1. डिजि़टल करेंसी होने के कारण चोरी हो जाने का डर नहीं होता।
  2. इसे खरीदना-बेचना तथा निवेश करना बहुत आसान हो जाता है, क्योंकि इसमें कई डिजि़टल वॉलेट्स उपलब्ध हैं।
  3. इसकी कीमतों में बहुत तेज़ी से उछाल आता है, जिस कारण यह निवेश हेतु अच्छा विकल्प है।

क्रिप्टो करेंसी के नुकसान

  1. इस पर किसी भी सरकारी संस्था का कोई नियंत्रण नहीं है, जिस कारण इसकी कीमतों में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव आता रहता है।
  2. इसे डिजि़टल होने के कारण हैक किया जा सकता है। ETHERIUM करेंसी के साथ ऐसा हो चुका है।

कई देशों ने क्रिप्टो करेंसी को वैध कर दिया है, लेकिन कुछ देश अभी क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या नुकसान है भी इसके खिलाफ़ हैं। भारत में भी उच्चतम न्यायालय द्वारा 04 मार्च, 2020 को ही इस करेंसी में निवेश एवं व्यापार पर आरबीआई द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया गया है। क्रिप्टो करेंसी व्यापार, निवेश, तकनीकी और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में तेज़ और कम खर्च वाली भविष्य की विनिमय प्रणाली की अवधारणा को प्रस्तुत करती है, लेकिन वर्तमान में इसके संदर्भ में गोपनीयता, मूल्य-अस्थिरता और विनियमन की नीति का अभाव आदि अनेक समस्याएं दिखाई पड़ती हैं। भारत सरकर ने हाल ही में यह अनिवार्य किया है कि सभी कम्पनियाँ क्रिप्टो करेंसी में किए गए निवेश की घोषणा करेंगी।

रेटिंग: 4.58
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 159
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *