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मनी मार्केट म्युचुअल फंड

मनी मार्केट म्युचुअल फंड
बाजार रैली से उत्साहित होकर, पहली बार के निवेशक को म्युचुअल फंड (MF) के इक्विटी सेगमेंट में भारी निवेश नहीं करना चाहिए.

मनी मार्केट म्युचुअल फंड

निवेशकों ने दिसंबर माह में विभिन्न म्यूचुअल फंड योजनाओं से 74,000 करोड़ रुपये की राशि निकाली है। इससे पिछले दो महीनों में निवेशकों ने म्यूचुअल फंडों में निवेश किया था। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों केअनुसार निवेशकों ने दिसंबर में म्यूचुअल फंडों से 74,578 करोड़ रुपये की निकासी की। इससे पहले अक्टूबर व नवंबर, 2013 में उन्होंने म्यूचुअल फंड योजनाओं में 1.15 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था।

2013 में म्यूचुअल फंडों में शुद्ध निवेश 32,368 करोड़ रुपये रहा। मार्च, 2013 में निवेशकों ने म्यूचुअल फंडों से सबसे ज्यादा 1.08 लाख करोड़ रुपये की निकासी की थी। म्यूचुअल फंड सदस्यों से धन जुटाकर प्रतिभूतियों मसलन शेयर, बांड, मनी मार्केट और इसी तरह की अन्य परिसंपत्तियों में निवेश करते हैं। दिसंबर में म्यूचुअल फंडों में कुल निवेश 8.85 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि इस दौरान 9.59 लाख करोड़ रुपये की निकासी की गई। इस तरह शुद्ध रूप से म्यूचुअल फंडों से 74,578 करोड़ रुपये निकाले गए।

LIC म्यूचुअल फंड लॉन्च करने जा रहा बैलेंस्ड एडवांटेज फंड, 20 अक्टूबर से शुरू होगी निवेश की प्रक्रिया

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एलआईसी म्यूचुअल फंड एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड (LIC Mutual Fund Asset Management Ltd) लॉन्च करने जा रहा है एक बैलेंस्ड एडवांटेज फंड (Balanced Advantage Fund)। यह एक एक ओपन-एंडेड डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड होगा जो वैल्यूएशन और कमाई जैसे मापदंडों का उपयोग करके इक्विटी, डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करेगा। नया फंड ऑफर (NFO) सब्सक्रिप्शन के लिए 20 अक्टूबर को खुलेगा और 3 नवंबर को बंद होगा।


एलआईसी, एमएफ, बीएएफ के फंड मैनेजर इक्विटी हिस्से के लिए योगेश पाटिल और डेट हिस्से के लिए राहुल सिंह होंगे। एलआईसी एमएफ बीएएफ को एक कस्टमाइज्ड इंडेक्स, एलआईसी एमएफ हाइब्रिड कम्पोजिट 50:50 इंडेक्स के खिलाफ बेंचमार्क किया गया है। इंडेक्स में 50 फीसदी निफ्टी 50 टीआरआई और 50 फीसदी निफ्टी 10-वर्षीय बेंचमार्क जी-सेक होगा।

निवेशकों को इक्विटी टैक्सेशन बेनिफिट्स का फायदा उठाने में सक्षम बनाने के लिए फंड का लक्ष्य सकल इक्विटी आवंटन 65 फीसदी या उससे अधिक रखना होगा। पिछले कुछ वर्षों में बैलेंस्ड एडवांटेज फंडों की लोकप्रियता में तेज उछाल आया है।

इसका कारण यह है कि एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMCs) अपने प्रभावी इक्विटी एक्सपोजर को 65 फीसदी से कम करने के लिए डेरिवेटिव का उपयोग करती हैं, जबकि सकल एक्सपोजर को 65 फीसदी या उससे अधिक पर बनाए रखती हैं।

यह कम जोखिम वाले स्तर पर इक्विटी जैसा टैक्सेशन सुनिश्चित करता है। अगर एक इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड को एक मनी मार्केट म्युचुअल फंड वर्ष के बाद भुनाया जाता है तो निवेशकों पर 1 लाख रुपये से अधिक के कैपिटल गेन पर 10 फीसदी टैक्स लगाया जाता है।

एक वर्ष से पहले रिडेमप्शन पर 1 फीसदी एक्जिट लोड होगा, जो आवंटित इकाइयों के केवल 12 फीसदी से अधिक का शुल्क लिया जाएगा। आवंटन की तारीख से 12 महीने पूरे होने के बाद कोई एक्जिट लोड नहीं होगा।

एलआईसी म्यूचुअल फंड के सीईओ दिनेश पंगटे ने बताया, बॉन्ड प्रतिफल, एक तरह से, इक्विटी में निवेश की अवसर लागत और जोखिम उठाने की क्षमता का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम एलआईसी एमएफ में एलआईसी एमएफ बीएएफ में इक्विटी और डेट के बीच इस विपरीत संबंध का उपयोग इक्विटी से डेट में स्विच करने के लिए करेंगे मनी मार्केट म्युचुअल फंड और इसके विपरीत, एक फंडामेंटल संचालित गणितीय मॉडल पर आधारित होगा।

Mutual Fund Investment: म्यूचुअल फंड में पहली बार कर रहे हैं निवेश, तो भूल कर भी न करें ये गलतियां, वरना डूब सकता है पैसा

नए निवेशकों को म्यूचुअल फंड्स में बेहद सावधानी से निवेश करना चाहिए. उन्हें ऐसे फंड्स का चुनाव करना चाहिए, जिनमें जोखिम कम हो.

Mutual Fund Investment: म्यूचुअल फंड में पहली बार कर रहे हैं निवेश, तो भूल कर भी न करें ये गलतियां, वरना डूब सकता है पैसा

बाजार रैली से उत्साहित होकर, पहली बार के निवेशक को म्युचुअल फंड (MF) के इक्विटी सेगमेंट में भारी निवेश नहीं करना चाहिए.

Mutual Fund Investment: ऐसा कहा जाता है कि किसी को भी अपने दोनों पैरों से पानी की गहराई नहीं मापनी चाहिए. इसी तरह, किसी भी बाजार रैली से उत्साहित होकर, पहली बार के निवेशक को म्युचुअल फंड (MF) मनी मार्केट म्युचुअल फंड के इक्विटी सेगमेंट में भारी निवेश नहीं करना चाहिए. म्यूचुअल फंड में निवेश धैर्य और मनी मार्केट म्युचुअल फंड जोखिम की बेहतर समझ की मांग करता है. हालांकि म्यूचुअल फंड में निवेश ऑप्शन मनी मार्केट म्युचुअल फंड की भरमार और बाजार के मौजूदा हालात को देखते हुए सही फंड का चुनाव आसान नहीं है. फिर भी म्यूचुअल फंड में निवेश से जुड़ी कुछ बुनियादी सावधानियों को ध्यान में रखेंगे तो आपको घाटा नहीं होगा.

पहली बार के निवेशक आमतौर पर एक हाई मार्केट में इक्विटी निवेश की शुरुआत करते हैं, लेकिन उस समय में मौजूदा निवेशक पहले ही अच्छी-खासी कमाई कर चुके होते हैं. अनुभवी निवेशक आमतौर पर तब निवेश करते हैं जब मार्केट में कमजोरी होती है. पहली बार के निवेशकों को इस बारे में नहीं पता होता है. इसलिए, पहली बार इक्विटी बाजार में निवेश करते समय, निवेशकों को कम जोखिम वाले फंडों में निवेश करके सतर्क रुख अपनाना चाहिए. इसके साथ ही निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव को भी समझने की कोशिश करनी चाहिए. पहली बार निवेश मनी मार्केट म्युचुअल फंड करने वाले को इक्विटी-ओरिएंटेड फंडों में निवेश करते समय इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

कभी भी बड़ी रकम को एक साथ निवेश ना करें.

एक निवेशक को इक्विटी में बड़ी रकम को एक साथ निवेश करने से बचना चाहिए. ऐसा इसलिए है क्योंकि बाजार में गिरावट आपके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है. पहली बार के निवेशकों को बाजार के उतार-चढ़ाव की समझ नहीं होती होती है. ऐसे में वे थोड़ा नुकसान होने पर घबरा जाते हैं. इस घबराहट में नए निवेशक अक्सर अपना पैसा निकालने का फैसला करते हैं, जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है. इसलिए, यह हमेशा सलाह दी जाती है कि इक्विटी-ओरिएंटेड फंडों में निवेश सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के ज़रिए किया जाना चाहिए.

कम जोखिम वाले फंड में निवेश करें

बाजार के उतार-चढ़ाव के आदी होने के मनी मार्केट म्युचुअल फंड लिए, ज्यादा जोखिम वाले प्योर इक्विटी फंड के बजाय पहली बार निवेशकों के लिए बेहतर यह है कि वे संतुलित फंडों में निवेश करें. नए निवेशकों को ऐसे फंडों में निवेश करना चाहिए जहां जोखिम कम हो या हो भी तो ज्यादा नहीं. इस तरह के फंडों में बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान, प्योर इक्विटी फंड से कम उतार-चढ़ाव मनी मार्केट म्युचुअल फंड मनी मार्केट म्युचुअल फंड होता है. इससे नए निवेशकों के लिए घबराहट की स्थिति नहीं बनती है. इससे नए निवेशक बाजार में ज्यादा समय तक बने रह सकते हैं और बाजार के उतार-चढ़ाव को समझ सकते हैं. इसलिए, ज्यादा जोखिम वाले प्योर इक्विटी फंड से शुरू करने के बजाय, उन फंडों में निवेश करना बेहतर है, जो तुलनात्मक रूप से कम जोखिम वाले हैं.

निवेश करने से पहले फाइनेंशियल प्लानिंग करें.

अगर कोई निवेशक सही फाइनेंशियल प्लानिंग द्वारा लॉन्ग टर्म गोल्स को हासिल करने के लिए इक्विटी-ओरिएंटेड फंडों में निवेश करना शुरू करता है, तो इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि निवेशक बाजार में ज्यादा समय तक बने रहे. लंबी अवधि के गोल्स के लिए निवेश करने वाले निवेशक मनी मार्केट म्युचुअल फंड बाजार के छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज कर देते हैं. वहीं तुरंत रिटर्न हासिल करने के लिए निवेश करने वाले नए निवेशक बाजार के उतार-चढ़ाव से घबराकर तुरंत अपना पैसा निकाल लेते हैं. इसलिए, निवेश करने से पहले किस कैटेगरी के फंड में कितना निवेश करना है, यह तय करने के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग करना बेहतर है.

(Article : Amitava Chakrabarty)

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Mutual Fund: फ्लेक्सी कैप या मल्टी कैप फंड क्या है बेहतर? जानें फर्क और इनमें निवेश के फायदे

Mutual Fund: फ्लेक्सी कैप या मल्टी कैप फंड क्या है बेहतर? जानें फर्क और इनमें निवेश के फायदे

फ्लेक्सी कैप फंड में जमा निवेश को लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप में निवेश किया जाता है.

Mutual Fund: फ्लेक्सी कैप या मल्टी कैप फंड क्या है बेहतर? जानें फर्क और इनमें निवेश के फायदे

फ्लेक्सी कैप फंड ओपन एंडेड डायनेमिक इक्विटी स्कीम है. यहां कैटेगरी फंड चुनने के लिए स्वतंत्र रहती है. साथ ही कैटेगरी का इक्विटी में कम से कम 65 प्रतिशत निवेश होता है.

Mutual Fund: फ्लेक्सी कैप या मल्टी कैप फंड क्या है बेहतर? जानें फर्क और इनमें निवेश के फायदे

मल्टीकैप फंड डायवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड हैं. यहां लार्ज,मिड और स्मॉलकैप में कम से कम 25 निवेश होता है. साथ ही इक्विटी और इक्विटी जुड़े विकल्पों में 65 प्रतिशत निवेश होता है.

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मल्टीकैप फंड में डेट, मनी मार्केट में अधिकतम 25 निवेश होता है. ये स्टॉक के पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइड रखते हैं.

Mutual Fund: फ्लेक्सी कैप या मल्टी कैप फंड क्या है बेहतर? जानें फर्क और इनमें निवेश के फायदे

विशेषज्ञों की राय है कि एक ही एसेट मैनेजमेंट कंपनी के कई फंड में निवेश सही नहीं होता है.

Tags: Money Investment SIP Mutual fund MF NAV हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट मनी मार्केट म्युचुअल फंड एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

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